Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/65/2012

Shri Vivek Rastogi - Complainant(s)

Versus

The New Oriental Insurance Company - Opp.Party(s)

30 Jul 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/65/2012
 
1. Shri Vivek Rastogi
R/o Ganesh Street Mandi Chowk, Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. The New Oriental Insurance Company
Add:- Pt. Shanker Dutt Sharma Marg, Civil Lines Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 30 Jul 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.  इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने अनुरोध किया है कि उसकी चोरी गई मोटर साईकिल सं0-यू0पी0 21 वाई-8507 की बीमित राशि 30,000/-रूपया का क्‍लेम विपक्षी से उसे दिलाया जाय। क्षतिपूर्ति की मद   में 50,000/-रूपया और परिवाद व्‍यय की मद में 5000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2. परिवाद कथन संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी मोटर साईकिल सं0-यू0पी021वाई-8507 का पंजीकृत स्‍वामी है। दिनांक 10/4/2011 को सायं 7.00 बजे के लगभग परिवादी की मोटर साईकिल थाना मुगलपुरा  जिला मुरादाबाद के क्षेत्रान्‍तर्गत चोरी हो गई थी। परिवादी ने विपक्षी को  मोटर साईकिल चोरी होने के तुरन्‍त बाद घटना की सूचना दे दी थी।   विपक्षी ने कहा कि पहले प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराऐ उसके बाद कोई  कार्यवाही की जाऐगी। परिवादी की एफ0आई0आर0 थाना मुगलपुरा में   दिनांक 15/4/2011 को दर्ज हुई। इसकी सूचना भी विपक्षी को दे दी गई।  चोरी की तारीख पर मोटर साईकिल विपक्षी से बीमित थी। चोरी की  एफ0आई0आर0 में विवेचना के बाद पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाई जिसे   न्‍यायालय द्वारा स्‍वीकार कर लिया गया। परिवादी के अनुसार उसने सारी औपचारिकताऐं पूरी करते हुऐ विपक्षी के समक्ष क्‍लेम प्रस्‍तुत किया, किन्‍तु  विपक्षी ने दिनांक 19/11/2011 के पत्र द्वारा परिवादी का क्‍लेम इस  आधार पर अस्‍वीकृत कर दिया कि चोरी की सूचना विपक्षी को देने में  परिवादी ने विलम्‍ब किया है। परिवादी ने यह कहते हुऐ कि उसका क्‍लेम  गलत तरीके से खारिज किया गया है, परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/5 प्रस्‍तुत किया जिसके साथ उसने बीमा पालिसी (दो पृष्‍ठ), मोटर सईकिल  की आर0सी0, एफ0आई0आर0, विवेचक द्वारा लगाई गई फाइनल रिपोर्ट,  फाइनल रिपोर्ट स्‍वीकृत किऐ जाने के न्‍यायालय के आदेश, विपक्षी को  भेजे गऐ पत्र दिनांकित 23/1/2012, विपक्षी के शाखा प्रबन्‍धक को  सम्‍बोधित परिवादी के पत्र दिनांक 15/4/2011 तथा क्‍लेम अस्‍वीकृत किऐ  जाने सम्‍बन्‍धी विपक्षी के पत्र दिनांकित 19/11/2011 की नकल को  दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत  3/17 हैं।
  4. विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/3  दाखिल हुआ जिसमें यह तो स्‍वीकार किया गया कि मोटर साईकिल सं0-यू0पी0 21 वाई-8507 दिनांक 26/5/2010 से 25/5/2011 तक की अवधि  हेतु विपक्षी से बीमित थी और परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत क्‍लेम बीमा पालिसी की शर्तों के उल्‍लंघन के कारण अस्‍वीकृत करके उसकी सूचना परिवादी को  भेजा जाना तो स्‍वीकार किया गया है, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से  इन्‍कार किया गया।
  5. विशेष कथनों में कहा गया कि घटना की सूचना परिवादी ने विपक्षी को मोटर साईकिल की कथित चोरी के 8 दिन बाद दी जबकि पालिसी  की शर्तों के अनुसार विपक्षी को चोरी की घटना के 48 घण्‍टे के भीतर सूचित किया जाना चाहिए था। इस प्रकार परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया जिस कारण परिवादी का क्‍लेम विपक्षी द्वारा अस्‍वीकृत कर दिया गया और ऐसा करके विपक्षी ने कोई त्रुटि अथवा सेवा  में कमी नहीं की। विपक्षी की ओर से फोरम को परिवाद की सुनवाई का  क्षेत्राधिकार न होने का भी कथन किया गया। उक्‍त कथनों के आधार पर  परिवाद विशेष व्‍यय सहित खारिज किऐ जाने की प्रार्थना विपक्षी ने की।
  6. परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/2   दाखिल किया जिसके साथ उसने बतौर संलग्‍नक वे सभी प्रपत्र दाखिल  किऐ जो उसने कागज सं0-3/6 लगायत 3/17 के रूप में परिवाद के साथ दाखिल किऐ थे। साक्ष्‍य शपथ पत्र के यह संलग्‍नक पत्रावली के कागज सं0-10/3 लगायत 10/14 हैं।
  7. विपक्षी की ओर से बीमा कम्‍पनी ने सीनियर डिवीजनल मैनेजर श्री आनन्‍द स्‍वरूप का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-14/1 लगायत 14/2   दाखिल किया।  
  8. परिवादी ने सूची कागज सं0-22/1 के माध्‍यम से असल बीमा पालिस (दो पृष्‍ठ) दाखिल की, यह असल पालिसी कागज सं0-22/2 है।
  9. विपक्षी ने यह कहते हुऐ कि परिवादी ने पूरी पालिसी दाखिल नहीं की, प्रार्थना पत्र कागज सं0-26 के साथ सूची कागज सं0-27 के माध्‍यम   से बीमा पालिसी (तीन पृष्‍ठ) कागज सं0-28/1 लगायत 28/3 दाखिल की।
  10. परिवादी की ओर से लिखित बहस दाखिल हुई। विपक्षी की ओर से  लिखित बहस दाखिल नहीं की गई।
  11. हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  12. परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवाद कथनों और उसके समर्थन  में दाखिल साक्ष्‍य शपथ की ओर हमार ध्‍यान आकर्षित किया और कहा कि परिवादी द्वारा यधपि दुर्घटना की सूचना बिना किसी देरी के विपक्षी को दे दी गई थी इसके बावजूद 8 दिन की देरी बताकर परिवादी का  क्‍लेम विपक्षी ने गलत तरीके से अस्‍वीकृत किया है, उन्‍होंने परिवाद में  अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की। विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने रिप्‍यूडिऐशन लेटर कागज सं0-3/17 की ओर हमारा ध्‍यान  आकर्षित किया और कहा कि कथित चोरी के 48 घण्‍टे के भीतर परिवादी द्वारा विपक्षी को सूचित कर दिया जाना चाहिए था, किन्‍तु सूचना देने  में 8 दिन का विलम्‍ब किया। इस तरह परिवादी ने बीमा पालिसी की  शर्तों का उल्‍लंघन किया है जिस कारण परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकृत किया गया। विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता के अनुसार क्‍लेम अस्‍वीकृत  करके विपक्षी ने कोई त्रुटि नहीं की। हम विपक्षी की ओर से दिऐ गऐ  तर्कों से सहमत हैं।
  13. बीमा पालिसी की शर्तें पत्रावली के कागज सं0-26/3 पर दृष्‍टव्‍य हैं। इनमें उल्‍लेख है कि वाहन चोरी के मामलों में विपक्षी को चोरी की घटना के 48 घण्‍टे के भीतर यदि सूचित नहीं किया गया तो क्‍लेम देय नहीं होगा। परिवादी ने यधपि अपने परिवाद पत्र के पैरा सं0-4 में और अपने शपथ पत्र के पैरा सं0-4 में यह कहा है कि विपक्षी को मोटर साईकिल की  चोरी की सूचना उसने चोरी की घटना के तुरन्‍त बाद दे दी थी, किन्‍तु  अपने इस कथन की पुष्टि में उसने कोई अभिलेखीय प्रमाण दाखिल नहीं किया। विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि विपक्षी को सूचना चोरी की घटना के 8 दिन बाद दी गई। परिवादी द्वारा दाखिल पत्र कागज सं0-3/16 को भेजे जाने की यधपि परिवादी ने डाकखाने की कोई रसीद दाखिल नहीं की है और न ही कागज सं0-3/16 को विपक्षी द्वारा प्राप्‍त  किऐ जाने की कोई मोहर है इसके बावजूद यदि यह मान भी लिया जाय  कि कागज सं0-3/16 की असल परिवादी ने विपक्षी को भेजी थी तब भी  परिवादी ने चोरी की सूचना देने में परिवादी द्वारा 5 दिन का विलम्‍ब   तब तक किया जा चुका था क्‍योंकि पत्र कागज सं0-3/16 दिनांक 15/4/2011 का है और परिवादी के अनुसार उसकी मोटर साईकिल दिनांक 10/4/2011 को चोरी हुई। परिवादी यह सिद्ध करने में असफल रहा है कि  उसने मोटर साईकिल चोरी के 48 घण्‍टे के भीतर विपक्षी को मोटर साईकिल चोरी की सूचना दे दी थी ऐसी दशा में उसने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया है।
  14. हमारे अभिमत में विपक्षी ने परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकृत कर सेवा देने में कोई त्रुटि अथवा कमी नहीं की है, अत: परिवाद खारिज होने योग्‍य  है। 
  •  

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य             सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      30.07.2016           30.07.2016        30.07.2016

   हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 30.07.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

      सामान्‍य सदस्‍य            सदस्‍य             अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      30.07.2016          30.07.2016         30.07.2016

 

 

 

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