Final Order / Judgement | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम परिवादी ने अनुरोध किया है कि विपक्षीगण से उसे ट्रक की बीमित राशि अंकन 17,57,600/-रूपया 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 1,00,000/-रूपया और परिवाद व्यय की मद में 10,000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्त मांगे हैं।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ट्रक संख्या- यू0पी0 21 ए.एन.-5074 का पंजीकृत स्वामी है। दिनांक 30/12/2011 से 23/12/2012 तक की अवधि हेतु यह ट्रक विपक्षी सं0-1 की सी0वी0 गंज बरेली स्थित शाखा से बीमित था। बीमित राशि 17,57,600/-रूपया थी। दिनांकित 04/8/2012 को रात्रि लगभग 9 बजकर 45 मिनट पर परिवादी का उक्त ट्रक आर0टी0ओ0 आफिस, मुरादाबाद के पास स्थित भारत पेट्रोल पम्प से चोरी हो गया। घटना के समय ट्रक उक्त पेट्रोल पम्प पर खड़ा था। ट्रक का ड्राईवर और कन्डक्टर पेट्रोल पम्प पर कार्यरत कर्मचारी से कहकर पास के होटल में खाना खाने चले गऐ थे जब वे खाना खाकर वापिस आऐ तो ट्रक वहां नहीं था, उन्होंने ट्रक काफी ढ़ूढ़ा, किन्तु ट्रक का कोई पता नहीं चला। ड्राईवर ने ट्रक चोरी होने की सूचना तुरन्त परिवादी को दी। परिवादी मौके पर पहुँचा। सम्बन्धियों के साथ ट्रक की उसने काफी तलाश की, किन्तु ट्रक का पता नहीं चल पाया। परिवादी ने ट्रक चोरी की सूचना तुरन्त थाना मझोला पुलिस को दी और दिनांक 05/8/2012 को ट्रक चोरी हो जाने की सूचना बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर-18002091415 पर दी जो कम्पलेंण्ट सं0-153521841 पर दर्ज हुई। पुलिस ने तहरीर रिपोर्ट लेकर रख ली और कहा कि ट्रक तलाश करो हम भी तलाश करते हैं। परिवादी दिनांक 07/8/2012 को थाना मझोला गया। पुलिस से उसने एफ0आई0आर0 की प्रति की मांग की तब पुलिस ने दिनांक 07/8/2012 को ट्रक चोरी की रिपोर्ट दर्ज की। परिवादी के अनुसार दिनांक 06/8/2012 को उसने आर0टी0ओ0 आफिस, मुरादाबाद को भी ट्रक चोरी की सूचना लिखित रूप में दे दी थी। परिवादी ने अग्रेत्तर कथन किया कि चोरी के इस मामले में फाइनल रिपोर्ट परिवादी के पक्ष में लगाने हेतु पुलिस ने उससे सुविधा शुल्क की मांग की जिसे परिवादी ने पूरा नहीं किया इससे नाराज होकर बिना पूछताछ और जांच पड़ताल किऐ पुलिस ने मनमाने ढ़ंग से मामले में दिनांक 12/8/2012 को जुर्म खारिज कर विवेचना समाप्त कर दी और फाइनल रिपोर्ट स्वीकृति हेतु न्यायालय भेज दी। परिवादी ने फाइनल रिपोर्ट के विरूद्ध न्यायालय में प्रोटेस्ट पिटिशन दायर की और पुन: विवेचना कराऐ जाने की प्रार्थना की जिस पर न्यायालय ने दिनांक 01/2/2013 को फाइनल रिपोर्ट अस्वीकृत करके पुलिस को मामले की पुन: विवेचना करने के आदेश दिऐ पुलिस ने पुन: विवेचना की। माल व मुल्जिम का पता न चलने की दशा में चोरी का जुर्म मानते हुऐ पुलिस ने दिनांक 25/3/2013 को अन्तिम आख्या प्रस्तुत की जिसे न्यायालय ने दिनांक 13/5/2013 को स्वीकार कर लिया। परिवादी के अनुसार विपक्षी सं0-1 ने पत्र दिनांक 30/5/2013 और पत्र दिनांक 31/7/2013 के माध्यम से औपचारिकताऐं पूरी करने के लिए परिवादी को कहा था जिन्हें परिवादी ने पूरा कर दिया। परिवादी ने विपक्षीगण से क्लेम भुगतान शीघ्र करने की प्रार्थना की, किन्तु उसका भुगतान नहीं किया गया और अन्तत: पत्र दिनांक 10/6/2014 के माध्यम से विपक्षी सं0-1 ने परिवादी का क्लेम अस्वीकृत कर दिया ऐसा करके विपक्षीगण ने त्रुटि की और सेवा में कमी की है। परिवादी के अनुसार उसने चोरी की तत्काल सूचना पुलिस को और विपक्षीगण को दे दी थी जो भी सूचनाऐं विपक्षीगण ने उससे मांगी वह उसने उपलब्ध करा दी थी ऐसी दशा में उसका क्लेम अस्वीकृत किया जाना त्रुटिपूर्ण है। उक्त कथनों के आधार पर परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/4 दाखिल किया। सूची कागज सं0-3/5 के माध्यम से परिवादी ने ट्रक की आर0सी0, बीमा कवरनोट, आर0टी0ओ0 मुरादाबाद को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 15/4/2013, थाना मण्झोला पर दर्ज एफ0आई0आर0, पुर्नविवेचना के उपरान्त न्यायालय में प्रेषित फाइनल रिपोर्ट दिनांकित 25/3/2013, इस फाइनल रिपोर्ट को न्यायालय द्वारा स्वीकार किऐ जाने के आदेश दिनांकित 27/5/2013, औपचारिकताओं की पूर्ति करते हुऐ विपक्षी सं0-1 को भेजे गऐ पत्र दिनांक 11/9/2013 तथा क्लेम अस्वीकृत किऐ जाने सम्बन्धी विपक्षीगण के पत्र दिनांकित 10/6/2014 की फोटो प्रमाणित प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत 3/18 हैं।
- विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/7 दाखिल हुआ जिसमें परिवादी का ट्रक विपक्षी सं0-1 की सी0वी0 गंज बरेली स्थित शाखा से दिनांक 30/12/2011 से 23/12/2012 तक की अवधि हेतु बीमित होना तो स्वीकार किया गया है, किन्तु शेष परिवाद कथनों से इन्कार किया गया। विशेष कथनों में कहा गया कि परिवादी के अनुसार चोरी की कथित घटना दिनांक 04/8/2012 को होना बताई गई है जबकि पुलिस की जांच में ट्रक दिनांक 01/8/2012 को चोरी होना पाया गया। ट्रक के चालक रजा अली और कन्डक्टर इरफान ट्रक को लावारिस हालत में छोड़कर दिनांक 01/8/2012 को अपने-अपने घर चले गऐ थे। जब दिनांक 05/8/2012 को घर से लौटने पर उन्होंने ट्रक को गायब पाया तो दिनांक 04/8/2012 को ट्रक चोरी हो जाने की मनगढ़न्त कहानी बनाकर उसकी रिपोर्ट थाना मझोला पर दिनांक 07/8/2012 को कराई गई। परिवादी का यह कथन असत्य है कि ट्रक दिनांक 04/8/2012 को पेट्रोल पम्प से चोरी हुआ था और इसकी सूचना उसने तत्काल थाना मझोला पर दे दी थी। परिवादी का यह कथन भी असत्य है कि उसने बीमा कम्पनी को ट्रक चोरी की सूचना दिनांक 05/8/2012 को दी थी बल्कि सही बात यह है कि बीमा कम्पनी को चोरी की सूचना परिवादी ने दिनांक 09/8/2012 को दी। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्तर कथन किया गया है कि चोरी के इस मामले में विवेचना के आधार पर पुलिस ने ट्रक चोरी होना नहीं पाया और तद्नुरूप न्यायालय में अन्तिम रिपोर्ट प्रेषित कर दी थी। इस अन्तिम रिपोर्ट के विरूद्ध परिवादी ने प्रोटेस्ट पिटिशन न्यायालय में दाखिल की जिस पर न्यायालय ने पुर्नविवेचना के आदेश किऐ। पुर्नविवेचना में अधिकारी ने परिवादी के असर में आधी-अधूरी जॉंच करते हुऐ ट्रक चोरी की घटना को सही मानते हुऐ न्यायालय में अन्तिम रिपोर्ट प्रेषित की जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। विपक्षीगण के अनुसार परिवादी का ट्रक 01/8/2012 को लावारिस हालत में खड़ा किया गया था जिस वजह से ट्रक चोरी हुआ। विपक्षीगण ने यह भी कहा कि पेट्रोल पम्प ट्रक खड़ा करने का उपयुक्त स्थान नहीं है। बीमा पालिसी की शर्तों के अनुसार ट्रक को उपयुक्त स्थान पर खड़ा किया जाना चाहिऐ था, किन्तु ऐसा नहीं किया गया और बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन किया गया। परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 और शर्त सं0-5, जिसका उल्लेख रिप्यूडिऐशन लेटर दिनारंक 10/6/2014 में विपक्षीगण ने किया है, का उल्लंघन किया जिस कारण परिवादी का दावा अस्वीकृत किया गया। बीमा दावा अस्वीकृत करके विपक्षीगण ने कोई त्रुटि नहीं की और न ही सेवा में कमी की। उक्त कथनों के आधार पर विपक्षीगण ने परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- साक्ष्य में परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-13/1 लगायत 13/5 दाखिल किया। परिवादी के समर्थन में आर0टी0ओ0 कार्यालय, मुरादाबाद के पास स्थित मखदूम साबरी फिलिंग स्टेशन के कर्मचारी श्री रमेश शर्मा, गुड्डू उर्फ भारत तथा प्रताप पुत्र विजय सिंह ने अपने-अपने शपथ पत्र दाखल किऐ। साक्षी रमेश शर्मा का शपथ पत्र कागज सं0-14, साक्षी गुड्डू उर्फ भारत का शपथ पत्र कागज सं0-15 तथा साक्षी प्रताप सिंह का शपथ पत्र कागज संख्या-16 है।
- विपक्षीगण की ओर से विपक्षी सं0-2 के मण्डलीय उप प्रबन्धक श्री सुनील कक्कड़ ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-19/1 लगायत 19/7 दाखिल किया।
- प्रत्युत्तर में परिवादी ने संलग्नकों सहित अपना रिज्वांइडर शपथ पत्र कागज सं0-21/1 लगायत 21/6 दाखिल किया जिसके साथ उसने मखदूम साबरी फिलिंग स्टेशन से चोरी गऐ ट्रक में दिनांक 03/8/2012 को डीजल भरवाऐ जाने की रसीद सं0-29494, ट्रक चोरी के इस मामले में जांच हेतु इन्वेस्टीगेटर नियुक्त किऐ जाने सम्बन्धी बीमा कम्पनी के आदेश दिनांक 09/8/2012 तथा दिनांक 05/8/2012 को थाना मण्झोला पर दी गई ट्रक चोरी की सूचना की प्राप्ति की नकलों को बतौर संलग्नक दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-21/7 लगायत 21/9 है।
- विपक्षीगण की ओर से अतिरिक्त साक्ष्य में विपक्षी सं0-2 के सहायक प्रबन्धक श्री सुनील कक्कड़ के साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-25/3 के साथ ट्रक चोरी के इस मामले की विवेचना की सी0डी0 दिनांक 07/8/2012, दिनांक 08/8/2012 तथा सी0डी0 दिनांक 12/8/2012 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, सी0डी0 की यह नकलें पत्रावली के कागज सं0- 25/4 लगायत 25/8 हैं।
- विपक्षीगण के साक्षी श्री सुनील कक्कड़ द्वारा सी0डी0 की नकलें दाखिल किऐ जाने विषयक शपथ पत्र कागज सं0-25/3 के जबाव में परिवादी ने अतिरिक्त साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-28/1 लगायत 28/2 दाखिल किया जिसके साथ उसने चोरी की घटना में न्यायालय के आदेश से पुलिस द्वारा की गई पुन: विवेचना की सी0डी0 के सुसंगत पर्चों की फोटो प्रतियों को बतौर संलग्नक दाखिल किया जो पत्रावली के कागज सं0-28/3 लगायत 28/16 हैं।
- विपक्षीगण की ओर से बीमा कम्पनी के मण्डलीय उप प्रबन्धक श्री सुनील कक्कड़ ने परिवादी के साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-21/1 लगायत 21/6 के जबाव में अतिरिक्त साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-35/1 लगायत 35/2 दाखिल किया। इसके अतिरिक्त सूची कागज सं0-38/1 के माध्यम से विपक्षीगण ने बीमा पालिसी की प्रमाणित प्रति तथा विपक्षीगण द्वारा नियुक्त इन्वेस्टीगेटिंग एवं डिडेक्टिव एजेन्सी रायल एसोसिऐट की जॉंच रिपोर्ट दिनांकित 13/4/2013 भी दाखिल की गई, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-38/2 लगायत 38/15 हैं।
- दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
- हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता ने रिप्यूडिऐशन लेटर दिनांकित 10/6/2014 (पत्रावली का कागज सं0-3/18) की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करते हुऐ तर्क दिया कि परिवादी ने ट्रक चोरी होने की सूचना पुलिस को घटना के 3 दिन बाद और विपक्षीगण को इसकी सूचना घटना के 5 दिन बाद दी। इसके अतिरिक्त ड्राईवर और क्लीनर ने ट्रक को असुरक्षित एवं लावारिस हालत में छोड़ा था। इस प्रकार परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 और शर्त सं0-5 का उल्लंघन किया, जिस कारण परिवादी का क्लेम अस्वीकृत करके विपक्षीगण ने कोई त्रुटि नहीं की। विपक्षीगण की ओर से अतिरिक्त यह भी कहा गया कि पुलिस ने विवेचना में चोरी की घटना संदिग्ध पाई थी।
- प्रत्युत्तर में परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने पत्रावली में अवस्थित नकल तहरीरी रिपोर्ट कागज सं0-21/9 की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करते हुऐ तर्क दिया कि परिवादी का ट्रक दिनांक 4/8/2012 की रात्रि में चोरी हुआ था इसके अगले ही दिन उसने थाना मझोला में चोरी की लिखित रिपोर्ट दे दी थी। जब दिनांक 7/8/2012 को परिवादी एफ0आई0आर0 की नकल लेने थाना मझोला गया तब पुलिस वालों ने एफ0आई0आर0 दर्ज की। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार चोरी की सूचना पुलिस को देने में परिवादी के स्तर से कोई विलम्ब नहीं है। विपक्षीगण को सूचना देने के सन्दर्भ में परिवादी ने परिवाद के पैरा सं0-4 की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया और तर्क दिया कि चोरी से अगले ही दिन परिवादी ने बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर ट्रक चोरी की सूचना दे दी थी जो कम्पलेन्ट सं0-153521841 पर दर्ज हुई। इस प्रकार विपक्षीगण को चोरी की सूचना देने में भी परिवादी ने कोई विलम्ब नहीं किया। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी कथन है कि उसके ड्राईवर और हैल्पर ने ट्रक को पेट्रोल पम्प पर चाबी लगाकर सुरक्षित खड़ा किया था। पेट्रोल पम्प पर काफी आवाजाही रहती है वहां पेट्रोल पम्प के कर्मचारी भी ड्यूटी पर रहते हैं। ऐसी दशा में विपक्षीगण का यह तर्क मान्य नहीं है कि ट्रक के ड्राईवर और कन्डक्टर ने ट्रक को असुरक्षित एवं लावारिस स्थिति में छोड़ा था। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने परिवादी के रिज्वांइडर शपथ पत्र कागज सं0-28/1 लगायत 28/2 के साथ दाखिल केस डायरी की नकल कागज सं0-28/3 लगायत 28/16 की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करते हुऐ यह भी तर्क दिया कि परिवादी ने पुलिस के प्रथम विवेचक की अनुचित मांग पूरी नहीं की तो दिनांक 12/8/2012 को प्रथम विवेचक ने फर्जी विवेचना के आधार पर मामले में जुर्म खारिजा रिपोर्ट लगा दी जिसे न्यायालय ने अस्वीकृत करके पुर्न विवेचना के आदेश दिये। पुर्न विवेचना में दिनांक 4/8/2012 को पेट्रोल पम्प से परिवादी का ट्रक चोरी होने की पुष्टि हुई, किन्तु ट्रक और ट्रक चोरों का पता नहीं लग पाने की वजह से पुलिस के दितीय विेवेचक ने दिनांक 25/8/2013 को न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट प्रेषित की जिसे न्यायालय द्वारा स्वीकार किया जा चुका है। इन तथ्यों के आधार पर परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने कहा कि परिवाद में उल्लिखित दिनांक 4/8/2012 को परिवादी का ट्रक चोरी होने की घटना विवेचना में सही पाई गई। उक्त के अतिरिक्त परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने हमारा ध्यान विपक्षीगण के इन्वेस्टीगेटर की इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट कागज सं0-38/7 लगायत 38/15 की ओर भी आकर्षित किया जिसमें विपक्षीगण के इन्वेस्टीगेटर ने इन्वेस्टीगेशन में ट्रक चोरी की तिथि, समय एवं स्थान की पुष्टि की है। इस प्रकार यह भली-भॉंति प्रमाणित है कि परिवादी का ट्रक दिनांक 4/8/2012 को रात्रि में आर0टी0ओ0 आफिस मुरादाबाद के पास स्थित पेट्रोल पम्प से अज्ञात चोरों द्वारा चोरी किया गया था और पुलिस की विवेचना में ट्रक और ट्रक चोरों का कोई पता नहीं चल पाया।
- पत्रावली में अवस्थित नकल रिपोर्ट कागज सं0-21/9 के अवलोकन से प्रकट है कि ट्रक चोरी की लिखित रिपोर्ट परिवादी ने थाना मझोला पर दिनांक 5/8/2012 अर्थात् चोरी की घटना के अगले ही दिन प्राप्त करा दी थी। प्रथम सूचना रिपोर्ट की नकल कागज सं0-3/11 के अवलोकन से प्रक्ट है कि पुलिस ने औपचारिक रूप से घटना की एफ0आई0आर0 तो दिनांक 7/8/2012 को दर्ज की, किन्तु यह एफ0आई0आर0 परिवादी द्वारा दिनांक 5/8/2012 को थाना मझोला पर प्राप्त कराई गई लिखित रिपोर्ट कागज सं0-21/9 के आधार पर दर्ज हुई थी। इस प्रकार पुलिस को चोरी की सूचना देने में परिवादी द्वारा कोई विलम्ब नहीं किया गया है। हमारे इस मत की पुष्टि मा0 राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्ली द्वारा भारती एक्सा जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड बनाम सर्वजीत ढाडा, III (2015)सी0पी0जे0 पृष्ठ-411 (एन0सी0) में दी गई विधि व्यवस्था से होती है।
- अब प्रश्न यह है कि क्या विपक्षीगण को चोरी की सूचना देने में परिवादी के स्तर से विलम्व किया गया था अथवा नहीं ?
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि घटना से अगले ही दिन अर्थात् 5/8/2012 को परिवादी ने विपक्षीगण के टोल फ्री नम्बर पर ट्रक चोरी की सूचना दे दी थी और उसकी यह सूचना कम्पलेन्ट सं0 153521841 पर दर्ज हुई। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने यह भी कहा कि टोल फ्री नम्बर पर सूचना दिऐ जाने और उक्त सूचना कम्पलेन्ट सं0-153521841 पर दर्ज कराऐ जाने के कथनों की पुष्टि परिवादी ने अपने अपने साक्ष्य शपथ पत्र और रिज्वांइडर शपथ पत्र में की है। विपक्षीगण के साक्षी श्री सुनील कक्कड़ ने अपने साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-19/1 लगायत 19/7 और अतिरिक्त साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-35/1 लगायत 35/2 में यधपि यह कहा है कि बीमा कम्पनी को ट्रक चोरी की सूचना दिनांक 5/8/2012 को प्राप्त नहीं हुई बल्कि बीमा कम्पनी को चोरी की सूचना परिवादी ने दिनांक 9/8/2012 को दी थी, किन्तु विपक्षीगण उक्त कथनों के समर्थन में कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर पाऐ। जब परिवादी प्रारम्भ से ही यह कह रहा है कि उसने दिनांक 5/8/2012 को ट्रक चोरी की सूचना बीमा कम्पनी को दे दी थी जो कम्पलेन्ट सं0-153521841 पर दर्ज हुई तो विपक्षीगण का यह उत्तरदायित्व था कि वे परिवादी के उक्त कथन को खण्डित करने तथा उसे असत्य प्रमाणित करने के लिए फोरम में अपने विभागीय अभिलेख प्रस्तुत कर फोरम को यह दिखाते कि परिवादी द्वारा बताई जा रही कम्पलेन्ट नम्बर पर कोई अन्य कम्पलेन्ट दर्ज है अथवा जो कम्पलेन्ट नम्बर परिवादी बता रहा है उस नम्बर पर विपक्षीगण के कार्यालय में कोई कम्पलेन्ट ही दर्ज नहीं है, किन्तु विपक्षीगण ऐसा करने का साहस नहीं कर पाऐ। विपक्षीगण का यह कथन कि परिवादी ने ट्रक चोरी की सूचना बीमा कम्पनी को दिनांक 9/8/2012 को दी कदाचित कागज सं0-21/8 पर आधारित दिखाई देता है।
- कागज सं0-21/8 के अवलोकन से यह तो प्रकट है कि इस ई-मेल द्वारा परिवादी का ट्रक चोरी होने के मामले में विभागीय इनवेस्टीगेशन हेतु दिनांक 9/8/2012 को इन्वेस्टीगेटर नियुक्त किऐ जाने के निर्देश जारी किऐ गऐ थे, किन्तु 21/8 में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है कि ट्रक चोरी की सूचना बीमा कम्पनी को दिनांक 9/8/2012 को प्राप्त हुई थी। कागज सं0-21/8 के अवलोकन से यह भी पता नहीं चलता कि बीमा कम्पनी को ट्रक चोरी की सूचना किस तारीख को मिली थी। ऐसी दशा में किसी अन्य अभिलेखीय साक्ष्य के अभाव में विपक्षीगण का यह कथन स्वीकार किऐ जाने योग्य नहीं है कि बीमा कम्पनी को परिवादी ने चोरी की सूचना दिनांक 9/8/2012 को दी थी। परिवादी के इस कथन में बल दिखाई देता है कि उसने बीमा कम्पनी को चोरी की सूचना दिनांक 5/8/2012 को दे दी थी और उसकी सूचना बीमा कम्पनी में कम्पलेन्ट सं0-153521841 पर दर्ज हुई थी। इस प्रकार परिवादी द्वारा बीमा कम्पनी को सूचना देने में विलम्ब किया जाना प्रमाणित नहीं है।
- विपक्षीगण की इन्वेस्टीगेटिंग एवं डिटेक्टिव एजेन्सी ने अपनी इन्वेस्टीगेशन में इस बात की पुष्टि की है कि परिवादी का ट्रक दिनांक 4/8/2012 को रात में आर0टी0ओ0 आफिस, मुरादाबाद के पास स्थित पेट्रोल पम्प से उस समय चोरी हुआ जब ट्रक के ड्राईवर और क्लीनर पास के होटल में खाना खाने गऐ थे। पत्रावली में अवस्थित रसीद कागज सं0-21/7 के अवलोकन से प्रकट है कि इस पेट्रोल पम्प का नाम ‘’ मखदूम साबरी फिलिंग स्टेटशन ‘’ है और यह पेट्रोल पम्प भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन का है। विपक्षीगण की ओर से दाखिल इन्वेस्टीगेकशन रिपोर्ट के अवलोकन से प्रकट है कि पेट्रोल पम्प के मैनेजर ने विवेचना के दौरान इस बात की पुष्टि की थी कि परिवादी का ड्राईवर और क्लीनर ट्रक को लॉक लगाकर खाना खाने गऐ थे। परिवादी ने भी अपने ब्यानों में इन्वेस्टीगेंटर के समक्ष यह कथन किऐ कि ट्रक का ड्राईवर और हैल्पर पास के होटल पर जब खाना खाने गऐ थे उन्होंने ट्रक को लॉक कर दिया था। परिवादी के साक्षी नितिन तथा साक्षी सलीम अहमद ने भी अपने-अपने ब्यानों में इन्वेस्टीगेटर के समक्ष इस बात की पुष्टि की, कि ट्रक के ड्राईवर और हैल्पर ट्रक को लॉक करके गऐ थे। चोरी की यह घटना माह अगस्त की है। चोरी रात्रि लगभग 9 बजकर45 मिनट के आस-पास बताया गया है। अगस्त के महीने में गर्मी रहती है। पेट्रोल पम्प जहॉं से ट्रक चोरी हुआ आर0टी0ओ0 कार्यालय के पास है। इस पेट्रोल पम्प के कर्मचारियों रमेश शर्मा, गुड्डू उर्फ भारत तथा प्रताप ने अपने-अपने शपथ पत्रों क्रमश: कागज सं0-14, 15 एवं कागज सं0-16 में इस बात की पुष्टि की है कि जब परिवादी का ड्राईवर और क्लीनर खाना खाने के लिए पास के ढावे पर गऐ थे तब यह साक्षीगण पेट्रोल पम्प पर अपनी ड्यूटी पर थे। इस प्रकार किसी भी दृष्टि से यह नहीं माना जा सकता कि परिवादी के ड्राईवर और क्लीनर ट्रक को असुरक्षित एवं लावारिस हालत में छोड़कर खाना खाने गऐ थे।
- उपरोक्त विवेचना से प्रमाणित है कि परिवादी ने ट्रक चोरी की सूचना पुलिस और विपक्षीगण को देने में कोई देरी नहीं की, उन्होंने ट्रक को असुरक्षित एवं लावारिस नहीं छोड़ा। ऐसी दशा में बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 एवं शर्त सं0-5 का उल्लंघन किया जाना प्रमाणित नहीं है। विपक्षीगण द्वारा रिप्यूडिऐशन लेटर दिनांकित 10/6/2014 द्वारा परिवादी का क्लेम त्रुटिपूर्ण तरीके से अस्वीकृत किया गया है।
- पत्रावली में अवस्थित बीमा पालिसी के अनुसार परिवादी के ट्रक की बीमित राशि 17,57,500/-रूपया थी। परिवादी को विपक्षीगण से ट्रक की बीमा राशि 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज सहित दिलाया जाना न्यायोचित होगा। मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुऐ विपक्षीगण से परिवादी को क्षतिपूर्ति की मद में 25,000/- (पच्चीस हजार रूपया) और परिवाद व्यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्त दिलाया जाना भी न्यायोचित दिखाई देता है। परिवाद तदानुसार स्वीकार होने योग्य है।
परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित ट्रक की बीमा राशि 17,57,500/- (सत्रह लाख सत्तावन हजार पाँच सौ रूपया) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में और विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। परिवादी क्षतिपूर्ति की मद में एकमुश्त 25000/- (पच्चीस हजार रूपया) तथा परिवाद व्यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) विपक्षीगण से अतिरिक्त पाने का अधिकारी होगा। इस आदेशानुसार समस्त धनराशि का भुगतान दो माह के भीतर किया जाय। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
30.08.2016 30.08.2016 30.08.2016 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 30.08.2016 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
30.08.2016 30.08.2016 30.08.2016 | |