Rajasthan

Jhunjhunun

90/2014

JAGVEER SINGH - Complainant(s)

Versus

THE NEW INDIA INSURANCE COMPANY - Opp.Party(s)

PHOOL CHAND SAINI

12 May 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 90/2014
 
1. JAGVEER SINGH
JHUNJHUNU
...........Complainant(s)
Versus
1. THE NEW INDIA INSURANCE COMPANY
JHUNJHUNU
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला फोरम उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, झुन्झुनू (राजस्थान)
परिवाद संख्या - 90/14

समक्ष:-    1. श्री सुखपाल बुन्देल, अध्यक्ष।     
            2. श्रीमती शबाना फारूकी, सदस्या।
            3. श्री अजय कुमार मिश्रा, सदस्य।

जगवीर सिंह पुत्र जगदीष प्रसाद सैनी जाति माली निवासी टीबड़ावाली ढाणी पोस्ट पकोड़ी ढ़ाणी बुहाना तहसील व जिला झुन्झुनू (राज.)               - परिवादी
                         बनाम
दी न्यू इण्डिया इंष्योरेंस कम्पनी लि0 रोड़ नम्बर 3 झुंझुनू गहलोत मोटर्स के सामने तहसील व जिला झुंझुनू (राज0) जरिये शाखा प्रबंधक                 - विपक्षी

        परिवाद पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम 1986 

उपस्थित:-
1.    श्री फूलचंद सैनी, अधिवक्ता   -  परिवादी की ओर से।
2.    श्री लाल बहादुर जैन, अधिवक्ता  -  विपक्षी की ओर से।

                  - निर्णय -             दिनांक: 12.05.2016
परिवादी ने यह परिवाद पत्र मंच के समक्ष पेष किया, जिसे दिनांक         10.02.2014 को संस्थित किया गया। 
विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के पास एक गाड़ी थार (Thar DI TC 2 WD) नम्बर RJ-18 U.A-  6390 थी, जो विपक्षी बीमा कम्पनी के यहां दिनांक    24.07.2013 से 23.07.2014 तक की अवधि के लिये बीमित थी। इस प्रकार परिवादी, विपक्षी का उपभोक्ता है। 
विद्धान अधिवक्ता परिवादी का बहस के दौरान यह भी कथन रहा है कि परिवादी का उक्त वाहन दिनांक 16.12.2013 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसकी लिखित सूचना परिवादी द्वारा तुंरत विपक्षी बीमा कम्पनी को दी गई । उक्त सूचना के क्रम में विपक्षी बीमा कम्पनी के सर्वेयर द्वारा वाहन का निरीक्षण कर सर्वेयर रिपोर्ट तैयार की गई। परिवादी ने दिनांक 22.12.2013 व 30.12.2013 को मिर्जा ओटो मोाबइल रोड़ नम्बर 2, झुंझुनू में वाहन का इंजिन का कार्य करवाया, जिस पर 22,568/-रूपये का खर्चा हुआ तथा दिनांक 30.12.2013 को वसीम बोडी वर्कषाप डेन्टिंग एण्ड पेन्टिंग का कार्य नेता की ढाणी के पास रोड़ नम्बर 3 झुंझुंुनू से करवाया, जिस पर 19300/-रूपये खर्चा हुआ। इस प्रकार परिवादी का वाहन रिपेयरिंग पर कुल 41868/-रूपये व्यय हुआ।  परिवादी ने विपक्षी बीमा कम्पनी के यहां दुर्घटनाग्रस्त वाहन के संबंध में क्लेम आवेदन के साथ विपक्षी द्वारा वांछित समस्त दस्तावेज प्रस्तुत कर दिये गये परन्तु आज तक कोई भुगतान नहीं किया। दिनांक 28.01.2013 को विपक्षी बीमा कम्पनी ने क्लेम राषि देने से साफ इन्कार कर दिया। इस प्रकार विपक्षी का उक्त कृत्य सेवा-दोष की श्रेणी में आता है। 
अन्त में विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार कर विपक्षी से उक्त दुर्घटनाग्रस्त वाहन की क्लेम राषि 41,868/-रूपये मय ब्याज भुगतान दिलाये जाने का निवेदन किया है।   
विद्धान् अधिवक्ता विपक्षी बीमा कम्पनी ने अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान वाहन महिन्द्रा चैसिस नम्बर 54134 इंजिन नम्बर 56213 का रजिस्टर्ड मालिक परिवादी का होना तथा उक्त वाहन विपक्षी बीमा कम्पनी के यहां बीमा शर्तो के अनुसार वक्त दुर्घटना बीमित होना स्वीकार करते हुये यह कथन किया है कि विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी के वाहन की मरम्मत में हुआ खर्चा स्वतंत्र सर्वेयर की रिपोर्ट के अनुसार 22,590/-रूपये का दिनांक 18.03.2014 को पूर्ण व अन्तिम भुगतान किया जा चुका है। इसके अलावा परिवादी अन्य कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। परिवादी ने सही तथ्यों को छिपाते हुये क्लेम प्रस्तुत किया है जो खारिज किये जाने योग्य है। 
       अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया।
उभयपक्ष के तर्को पर विचार कर पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया।
प्रस्तुत प्रकरण मे यह तथ्य निर्विवादित रहा है कि परिवादी वाहन नम्बर RJ-18 U.A-  6390  का रजिस्टर्ड मालिक है। उक्त वाहन दिनांक 24.07.2013 से 23.07.2014 तक की अवधि में विपक्षी बीमा कम्पनी के यहां बीमित था। उक्त वाहन बीमा अविध में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।

पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि परिवादी का वाहन नम्बर     RJ-18 U.A- 6390 दिनंाक 16.12.2013 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना के संबंध में परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी को सूचना दी गई। विपक्षी बीमा कम्पनी द्धारा नियुक्त सर्वेयर ने क्षतिग्रस्त वाहन का सर्वेक्षण किया तथा 22,590/-रूपये        Net Assessed मानते हुये अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। बीमा कम्पनी द्वारा नियमानुसार 22,590/-रूपये  की राषि का भुगतान परिवादी को जरिये NEFT दिनांक 18.03.2014 को किया जाना बताया है। परिवादी द्वारा इस राषि का भुगतान प्राप्त किया जाना बताया गया है, जो परिवादपत्र में संलग्न पेमंेट बाउचर आदि दस्तावेजात से स्पष्ट है। परिवादी ने उक्त राषि का भुगतान विपक्षी बीमा कम्पनी से प्राप्त नहीं किया हो, इस सम्बन्ध में परिवादी की ओर से पत्रावली में कोई युक्तियुक्त स्पष्टीकरण पेष नहीं किया गया है। विपक्षी बीमा कम्पनी की ओर से प्रस्तुत जवाब में अंकित तथ्यों एवं दस्तावेजात पर अविष्वास किये जाने का कोई कारण नहीं है। 
  परिवादी ने परिवाद पत्र में अपने वाहन की मरम्मत के जो बिल प्रस्तुत किये है, वह राषि बढ़ा चढ़ा कर बताई गई है, जिन पर विष्वास नहीं किया जा सकता।

हमारे द्वारा सर्वे रिपोर्ट के संबंध में निम्न न्यायदृष्टांतों का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया:- 
I (2013) CPJ 440 (NC)- ANKUR SURANA  VS. UNITED INDIA INSURANCE CO.LTD. & ORS,  II (2014) CPJ 593 (NC)-  MURLI COLD STORAGE LIMITED VS ORIENTAL INSURANCE CO. LTD & ANR., I (2013) CPJ 40B (NC) (CN)-  MANJULA DAS  VS ASHOK LEYLAND FINANCE LTD & ANR.  
  उक्त न्यायदृष्टांतों में माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा जो सिद्वांत प्रतिपादित किये हंै, उनसे हम पूर्णतया सहमत हैं । माननीय राष्ट्रीय आयोग ने उक्त न्यायदृष्टांतों में सर्वे रिपोर्ट को ही महत्व दिया है। 
  उपरोक्त विवेचन के आधार पर विपक्षी बीमा कम्पनी परिवादी को 22590/-रूपये वाहन की क्षतिपूर्ति राषि अदायगी के लिये उत्तरदायी है। चुंकि उक्त राषि विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी को जरिये NEFT दिनांक 18.03.2014 को भुगतान किया जा चुका है। इसलिये इस परिवाद में अब कोई विवाद शेष नहीं रह जाता है। 
अतः प्रकरण के तमाम तथ्यों व परिस्थितियों को ध्यान मे रखते हुए परिवादी की ओर से प्रस्तुत यह परिवाद पत्र सारहीन होने से निरस्त किया जाता है। इस प्रकार प्रकरण का निस्तारण किया जाता है।
निर्णय आज दिनांक 12.05.2016 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 

 

 

 

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