Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/126/2013

Shri Ferzand Ali - Complainant(s)

Versus

The New India Insurance Company Ltd - Opp.Party(s)

03 Oct 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/126/2013
 
1. Shri Ferzand Ali
R/o Rehmat Nagar Gali No. 1, Chhaper Wali Masjid, Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. The New India Insurance Company Ltd
Add:- Divisional Office 1, Arya Samaj Building, Station Road Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इंश्‍योरेंस की धनराशि 32,800/- रूपया 20 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित विपक्षीगण से दिलाऐ जाने हेतु परिवादी ने यह परिवाद योजित किया है।  क्षतिपूर्ति की मद में 25,000/- रूपया तथा परिवाद व्‍यय की मद में  5,000/-  रूपया परिवा‍दी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने मोटर साईकिल सं0-यू0पी021ए0बी0 2327 दिनांक 15/8/2011 को उमेश चन्‍द्र पुत्र राम रक्षपाल निवासी सराय कोठीवालान, मुरादाबाद से खरीदी थी। मोटर साईकिल खरीदने की सूचना उसने विपक्षी सं0-1 को दी। परिवहन विभाग में मोटर साईकिल दिनांक 30/8/2011 को परिवादी के  नाम  ट्रांसफर हो गई। दुर्भाग्‍य से दिनांक 05/11/2011 की रात 8.30 बजे परिवादी के निवास स्‍थान से उक्‍त ​मोटर साईकिल चोरी हो गई। चोरी की सूचना उसने थाना कटघर में दी,  पुलिस वालों ने कहा कि कल ईद है, हम उसमें लगे हुऐ हैं, वाईक तुम भी  ढ़ूढ़ो हम भी ढ़ूढ़ रहे हैं। परिवादी के अनुसार मोटर साईकिल चोरी की एफ0आई0आर0 दिनांक 9/11/2011 को दर्ज हुई। यह मोटर साईकिल विपक्षीगण से बीमित थी जो कथित चोरी की तारीख पर बीमा अवधि में थी।  परिवादी ने अग्रेत्‍तर कहा कि उसने विपक्षीगण से कई बार सम्‍पर्क किया और  पंजीकृत पत्र भेजे तो विपक्षीगण ने आश्‍वासन दिया कि कार्यवाही चल रही है  भुगतान में समय लगेग। परिवादी ने यह कहते हुऐ कि विपक्षीगण बीमा राशि अदा करना नहीं चाहते और अनावश्‍यक समय बर्बाद कर रहें हैं। परिवाद में  अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद के साथ मोटर साईकिल की परिवादी के नाम आर0सी0, एफ0आई0आर0 और पूर्व स्‍वामी उमेश चन्‍द्र के नाम की बीमा पालिसी की फोटो प्रतियों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/4 लगायत 3/6 हैं।
  4.   विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-6/1 लगायत 6/5  दाखिल हुआ जिसमें परिवाद कथनों से इन्‍कार करते हुऐ कहा गया कि परिवादी को कोई वाद हेतुक उत्‍पन्‍न नहीं हुआ अत: इसी आधार पर परिवाद खारिज होने योग्‍य है। विपक्षीगण ने अग्रेत्‍तर कथन किया कि मोटर साईकिल खरीदने के बाद परिवादी ने विपक्षी को कोई सूचना नहीं दी। बीमा पालिसी विक्रेता उमेश चन्‍द्र के नाम है। परिवादी ने पालिसी अपने नाम ट्रांसफर करने हेतु कभी भी  विपक्षी सं0-1 को कोई सूचना नहीं दी। परिवादी ने मोटर साईकिल चोरी होने की भी कोई सूचना विपक्षी सं0-1 को नहीं दी और न ही कोई बीमा दावा प्रस्‍तुत किया। इस सन्‍दर्भ में परिवादी के समस्‍त कथन मिथ्‍या हैं। परिवादी का यह भी कथन असत्‍य हैं कि उसने विपक्षीगण से सम्‍पर्क किया हो अथवा रजिस्‍टर्ड पत्र भेजे हों और विपक्षीगण ने यह आश्‍वासन दिया हो कि कार्यवाही चल रही है भुगतान में अभी समय लगेगा। विपक्षीगण ने कथन किया कि  पालिसी के शर्तों के अनुसार चोरी की तत्‍काल एफ0आई0आर0 लिखाया जाना और तत्‍काल चोरी की लिखित सूचना विपक्षी को दिया जाना आवश्‍यक था, किन्‍तु परिवादी ने ऐसा नहीं किया। उपरोक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  5.   परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं9-12/1 लगायत 12/4 दाखिल किया जिसके साथ अपने नाम की आर0सी0, विक्रेता उमेश चन्‍द्र के नाम का बीमा कवरनोट, चोरी के मामले में  पुलिस द्वारा प्रेषित एफ0आर0, विपक्षी सं0-1 के प्राप्‍त पत्र दिनांकित  20/3/2012 और थाना कटघर में दर्ज संलग्‍न के रूप में दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कारण सं0-12/5 लगायत 12/9 हैं।
  6.   विपक्षीगण की ओर से बीमा कम्‍पनी के वरिष्‍ठ मण्‍डलीय प्रबन्‍धक श्री विजय ग्रोवर ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-14/1 लगायत 14/5 दाखिल किया।
  7.   किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
  8.   हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।  
  9.   परिवाद कथनों केअनुसार परिवादी ने मोटर साईकिल यू0पी0 21 ए0बी0 2327 एक व्‍यक्ति उमेश चन्‍द्र से दिनांक 15/8/2011 को खरीदी थी। आर0सी0 की नकल कागज सं0-3/4 के अवलोकन से प्रकट है कि दिनांक 01/9/2011 को यह मोटर साईकिल आर0टी0ओ0, मुरादाबाद के कार्यालय में परिवादी के नाम दर्ज हो गई। बीमा कवरनोट की नकल कागज सं0-3/6 है। इसके अवलोकन से प्रकट है कि बीमा प्रपत्रों में इस मोटर साईकिल हेतु पूर्व स्‍वामी उमेश चन्‍द्र ही बीमित के रूप में दर्ज है। मोटर साईकिल दिनांक 05/11।/2011 को चोरी हुई। परिवादी ने ऐसा कोई अभिलेख दाखिल नहीं किया जिससे प्रकट हो  कि अभिकथित चोरी की तिथि पर बीमा प्रपत्रों में उमेश चन्‍द्र के स्‍थान पर  परिवादी का नाम दर्ज हो गया था। पत्रावली में ऐसा भी कोई अभिलेख नहीं है जिससे प्रकट हो कि परिवादी ने कभी  बीमा अपने नाम ट्रांसफर कराने हेतु विपक्षी सं0-1 को आवेदन किया हो। इस प्रकार स्थिति यह है कि अभिकथित चोरी की तिथि पर यधपि मोटर साईकिल की आर0सी0 में परिवादी का नाम दर्ज था किन्‍तु बीमा प्रपत्रों में परिवादी का नाम नहीं था। इस प्रकार मोटर साईकिल की अभिकथित चोरी की तिथि अर्थात् 5/11/2011 को मोटर साईकिल  में परिवादी का इंश्‍योरेंबिल इनट्रेस्‍ट नहीं था। चॅूंकि चोरी की तिथि पर मोटर साईकिल में परिवादी का इश्‍योरेबिल इनट्रेस्‍ट नहीं था अत: कम्‍पनी इंश्‍योरेबिल इनट्रेस्‍ट न होने के कारण बीमा कम्‍पनी बीमा दावा अस्‍वीकृत करने की अधिकारी है। हमारे इस मत की पुष्टि I (2014) सी0पी0जे0 पृष्‍ठ-128 (एन0सी), न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड बनाम अशोक ठाकुर के मामले में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा दी गई विधि व्‍यवस्‍था से होती है।   
  10.   प्रथम सूचना रिपोर्ट की नकल पत्रावली  का कागज सं0-12/9 है। इसके अवलोकन से प्रकट है कि दिनांक 5/11/2011 को हुई मोटर साईकिल चोरी की लिखित सूचना थाना कटघर में परिवादी द्वारा दिनांक 8/11/2011 को  दी गई थी जिसके आधार पर थाना कटघर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 9/11/2011 को दर्ज हुई। चॅूंकि थाने में परिवादी द्वारा चोरी की लिखित रिपोर्ट दिनांक 8/11/2011 को दी गई थी अत: एफ0आई0आर0 दर्ज कराने में 3 दिन का विलम्‍ब होना प्रकट है। परिवादी परिवाद पत्र अथवा अपने साक्ष्‍य  शपथ पत्र में यह कहने का साहस नहीं कर पाया है कि थाना कटघर में मोटर साईकिल की चोरी की सूचना उसने कब दी थी ऐसी दशा में यह माने जाने का कारण है कि थाने में चोरी की लिखित रिपोर्ट देने में हुआ विलम्‍ब स्‍वयं  परिवादी के स्‍तर से है और प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने में परिवाद पत्र के पैरा सं0-5 में दिया गया स्‍पष्‍टीकरण स्‍वीकार किऐ जाने योग्‍य नहीं है।
  11.   परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहीं नहीं कहा कि उसने मोटर साईकिल की चोरी की सूचना विपक्षीगण को कब दी। विपक्षीगण की ओर से भेजे गऐ पत्र दिनांकित 20/3/2012 (पत्रावली का कागज सं0-12/8) के अनुसार चोरी की सूचना विपक्षी सं0-1 को कथित चोरी के साढ़े तीन माह बाद दी गई। परिवादी अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र में इस तथ्‍य का उल्‍लेख करने का साहस नहीं कर पाया कि उसके स्‍तर से मोटर साईकिल चोरी की सूचना विपक्षीगण को देने में साढ़े तीन माह का विलम्‍ब नहीं हुआ था। परिवादी ने  पत्रावली में ऐसा कोई प्रमाण प्रस्‍तुत नहीं किया जिससे प्रकट हो कि  विपक्षीगण के समक्ष उसने कथित चोरी का बीमा दावा प्रस्‍तुत किया था।  परिवादी द्वारा विपक्षीगण से मोटर साईकिल चोरी के सिलसिले में कभी  सम्‍पर्क किया गया अथवा पंजीकृत पत्र भेजे गऐ इसका भी कोई प्रमाण परिवादी ने प्रस्‍तुत नहीं किया। विपक्षीगण के साक्षी श्री विजय ग्रोवर ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र में स्‍पष्‍ट रूप से कहा है कि परिवादी ने क्‍लेम दर्ज कराने हेतु कोई औपचारिकता पूरी नहीं की थी। मोटर साईकिल चोरी अथवा क्‍लेम  के सिलसिले में कभी विपक्षीगण से परिवादी ने सम्‍पर्क किया हो, इस तथ्‍य  से भी विपक्षीगण की ओर से इन्‍कार किया गया है। ऐसी दशा में यह माने जाने का कारण है कि परिवादी द्वारा कथित चोरी की सूचना विपक्षीगण को  चोरी के साढ़े तीन माह बाद दी गई तथा परिवादी ने विपक्षीगण के समक्ष कोई बीमा दावा प्रस्‍तुत ही नहीं किया। यह भी माने जाने का कारण है कि बीमा दावा के सिलसिले में परिवादी ने विपक्षीगण से सम्‍पर्क नहीं किया और न ही कोई पत्र भेजे।
  12.   मोटर साईकिल चोरी के साढ़े तीन माह बाद विपक्षीगण को सूचना दिया जाना क्‍लेम अस्‍वीकृत करने का आधार है जैसा I (2015) सी0पी0जे0 पृष्‍ठ-74 (एन0सी0), श्रीराम जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड बनाम महेन्‍द्र  जाट के मामले में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई  दिल्‍ली  द्वारा अवधारित किया जा चुका है। महेन्‍द्र जाट की विधि व्‍यवस्‍था वर्तमान मामले में पूरी तरह लागू होती है। अन्‍यथा भी इस मामले में तो परिवादी द्वारा बीमा दावा प्रस्‍तुत किया जाना ही प्रमाणित नहीं हुआ है।
  13.   उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं कि परिवादी कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है उसका परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

 

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

 

  (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य           सदस्‍य                अध्‍यक्ष

  •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

       03.10.2015      03.10.2015           03.10.2015

    हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 03.10.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य              सदस्‍य             अध्‍यक्ष

  •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      03.10.2015       03.10.2015           03.10.2015

 

 

 

 

 

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