Rajasthan

Jhunjhunun

CC/63/2015

Vijendar Singh - Complainant(s)

Versus

The new India insurance company Ltd. - Opp.Party(s)

Mahesh Kumar Jakhar

29 Mar 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/63/2015
 
1. Vijendar Singh
Pipal Ka Bas
Jhunjhunu
Rajasthan
...........Complainant(s)
Versus
1. The new India insurance company Ltd.
Station Road,Jhunjhunu
Jhunjhunu
Rajasthan
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel PRESIDENT
 HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui MEMBER
 HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra MEMBER
 
For the Complainant:Mahesh Kumar Jakhar, Advocate
For the Opp. Party: Shri Anavar Husain, Advocate
ORDER

जिला फोरम उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, झुन्झुनू (राजस्थान)
परिवाद संख्या - 63/15

समक्ष:-    1. श्री सुखपाल बुन्देल, अध्यक्ष।     
            2. श्रीमती शबाना फारूकी, सदस्या।
            3. श्री अजय कुमार मिश्रा, सदस्य।

विजेन्द्र सिंह आयु 35 साल पुत्र हरलाल सिंह जाति जाट निवासी पीपल का बास तहसील व जिला झुन्झुनू (राज.)                                - परिवादी
                         बनाम
दी न्यू इण्डिया इंष्योरेंस कम्पनी लि0 शाखा कार्यालय, स्टेषन रोड़, रोड़ नम्बर 1, झुंझुनू (राज0) जरिये शाखा प्रबंधक                             - विपक्षी

        परिवाद पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम 1986 

उपस्थित:-
1.    श्री महेष कुमार जाखड़, अधिवक्ता   -  परिवादी की ओर से।
2.    श्री अनवर हुसैन, अधिवक्ता  -  विपक्षी की ओर से।

                  - निर्णय -             दिनांक: 29.03.2016
परिवादी ने यह परिवाद पत्र मंच के समक्ष पेष किया, जिसे दिनांक         24.02.2015 को संस्थित किया गया। 
विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के पास एक मारूती अल्टो नम्बर RJ-18 CA- 1840 थी, जो विपक्षी बीमा कम्पनी के यहां बीमित थी। इस प्रकार परिवादी, विपक्षी का उपभोक्ता है। 
विद्धान अधिवक्ता परिवादी का बहस के दौरान यह भी कथन रहा है कि परिवादी का उक्त वाहन दिनांक 30.09.2014 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। परिवादी अपनी मारूती गाडी को अथोराईज्ड डीलर ओडी मोटर्स प्राइवेट लि0 रीको, झुंझुनू के यहां लेकर गया ।  ओडी मोटर्स द्वारा उक्त वाहन ठीक करने के बाद जो रिपेयर का बिल दिया गया उसमें क्लेम की राषि में आगे के शीषे की कीमत अदा करने से इन्कार कर दिया तथा कहा कि विपक्षी बीमा कम्पनी ने शीषे का क्लेम खारिज कर दिया है। परिवादी ने विपक्षी बीमा कम्पनी से सम्पर्क किया तो उन्होने शीषे का क्लेम देने से स्पष्ट रूप से इन्कार कर दिया। इस प्रकार विपक्षी का उक्त कृत्य सेवा-दोष की श्रेणी में आता है। 
अन्त में विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार करने एंव विपक्षी से उक्त दुर्घटनाग्रस्त वाहन के आगे के शीषे की क्लेम राषि 2534.78 रूपये मय ब्याज भुगतान दिलाये जाने का निवेदन किया।   
विद्धान् अधिवक्ता विपक्षी बीमा कम्पनी ने अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान मारूती अल्टो नम्बर RJ-18 CA- 1840 का रजिस्टर्ड मालिक परिवादी का होना तथा उक्त वाहन विपक्षी बीमा कम्पनी के यहां बीमा शर्तो के अनुसार वक्त दुर्घटना बीमित होना स्वीकार करते हुये यह कथन किया है कि विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी के वाहन की मरम्मत में हुआ खर्चा स्वतंत्र सर्वेयर की रिपोर्ट के अनुसार 6446/-रूपये का भुगतान दिनांक 30.12.2014 को किया जा चुका है। इसके अलावा परिवादी अन्य कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। परिवादी के क्लेम का निस्तारण दिनांक 30.12.2014 को किया जा चुका है, जबकि परिवादी द्वारा माह फरवरी,2015 में परिवाद पेष किया गया है। 
       अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया।
उभयपक्ष के तर्को पर विचार कर पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया।
प्रस्तुत प्रकरण मे यह तथ्य निर्विवादित रहा है कि परिवादी मारूती अल्टो नम्बर RJ-18 CA- 1840  का रजिस्टर्ड मालिक है। उक्त वाहन दिनांक 10.04.2014 से      09.04.2015 तक की अवधि में विपक्षी बीमा कम्पनी के यहां बीमित था। उक्त वाहन बीमा अविध में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।

पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि परिवादी का वाहन मारूती अल्टो नम्बर RJ-18 CA- 1840 दिनंाक 30.09.2014 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना के संबंध में परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी को सूचना दी गई। विपक्षी बीमा कम्पनी द्धारा नियुक्त सर्वेयर ने क्षतिग्रस्त वाहन का सर्वेक्षण किया तथा 6240/-रूपये Net Loss Payble मानते हुये अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। बीमा कम्पनी द्वारा नियमानुसार 6446/-रूपये  की राषि परिवादी को अदा की जा चुकी है। इस राषि का भुगतान प्राप्त किया जाना परिवादी ने स्वीकार किया है। वाहन का शीषा टूटना सर्वे रिपोर्ट में नहीं दिखाया गया है। इस सम्बन्ध में परिवादी की ओर से भी पत्रावली में कोई युक्तियुक्त स्पष्टीकरण पेष नहीं किया गया है। अतः बिना किसी आधार के वाहन का शीषा टूटने के तथ्य को विष्वसनीयपूर्ण नहीं माना जा सकता। 

हमारे द्वारा सर्वे रिपोर्ट के संबंध में निम्न न्यायदृष्टांतों का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया:- 
I (2013) CPJ 440 (NC)- ANKUR SURANA  VS. UNITED INDIA INSURANCE CO.LTD. & ORS,  II (2014) CPJ 593 (NC)-  MURLI COLD STORAGE LIMITED VS ORIENTAL INSURANCE CO. LTD & ANR., I (2013) CPJ 40B (NC) (CN)-  MANJULA DAS  VS ASHOK LEYLAND FINANCE LTD & ANR.   
  उक्त न्यायदृष्टांतों में माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा जो सिद्वांत प्रतिपादित किये हंै, उनसे हम पूर्णतया सहमत हैं । माननीय राष्ट्रीय आयोग ने उक्त न्यायदृष्टांतों में सर्वे रिपोर्ट को ही महत्व दिया है। अतः उपरोक्त विवेचन के आधार पर विपक्षी बीमा कम्पनी परिवादी को 6446/-रूपये वाहन की क्षतिपूर्ति राषि अदायगी के लिये उत्तरदायी है। उक्त राषि परिवादी को  दिनांक 30.12.2014 को विपक्षी बीमा कम्पनी अदा कर चुकी है। इसलिये इस परिवाद में अब कोई विवाद शेष नहीं रह जाता है। 
अतः प्रकरण के तमाम तथ्यों व परिस्थितियों को ध्यान मे रखते हुए परिवादी की ओर से प्रस्तुत यह परिवाद पत्र अस्वीकार किये जाने योग्य होने से खारिज किया जाता है। 
   निर्णय आज दिनांक 29.03.2016 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra]
MEMBER

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