Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/89/2015

Shri Shiv Prashad Sharma - Complainant(s)

Versus

The New India Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

Shri Mohit Singh Chauhaan

06 Jan 2018

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/89/2015
 
1. Shri Shiv Prashad Sharma
R/o Moh. Shiv Shakti Nagar Chau Ki Basti, Thana Linepaar, Majhola, Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. The New India Insurance Company Ltd.
Add:- 105, Shanti Nagar Civil Line, Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MR. Satyaveer Singh MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 06 Jan 2018
Final Order / Judgement

        

 

 परिवाद प्रस्‍तुतिकरण की तिथि: 06-8-2015  

                                                  निर्णय की तिथि: 06.01.2018

कुल पृष्‍ठ-4(1ता4)

न्यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, मुरादाबाद

उपस्थिति

श्री पवन कुमार जैन, अध्‍यक्ष

                      श्री सत्‍यवीर सिंह, सदस्‍य

परिवाद संख्‍या- 89/2015

शिव प्रसाद शर्मा पुत्र श्री रामानन्‍द शर्मा निवासी मौ. शिवशक्ति नगर, चाऊ की बस्‍ती, लाईन पार, थाना-मझोला, मुरादाबाद।                    …........परिवादी

बनाम

दि न्‍यू  इंडिया इंश्‍योरेंस कंपनी लि. 105 शक्ति नगर सिविल लाइन, थाना सिविल लाइन्‍स, मुरादाबाद द्वारा शाखा प्रबन्‍धक।                     …........विपक्षी

 (श्री पवन कुमार जैन, अध्‍यक्ष द्वारा उद्घोषित)

निर्णय

  1. इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह अनुतोष मांगा है कि विपक्षी से उसे बकाया क्षति की धनराशि अंकन-5,414/-रूपये 21 प्रतिशत ब्‍याज सहित दिलायी जाये। मानसिक क्षतिपूर्ति की मद में 25,000/-रूपये और परिवाद व्‍यय की मद में अंकन-1000/-रूपये परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।  
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी कार सं.-यूपी-14बीवाई-7170 का पंजीकृत स्‍वामी है। विपक्षी से उसने पाँच लाख रूपये का बीमा करा रखा था, जो दिनांक 28-7-2014 से 25-6-2015 तक की अवधि हेतु प्रभावी था। इस पालिसी के अधीन परिवादी को कैशलैस इंश्‍योरेंस की सुविधा भी मिली हुई थी। बीमा अवधि में परिवादी की यह कार दुर्घटनाग्रस्‍त हो गई। उसकी मरम्‍मत पर लेबर इत्‍यादि को मिलाकर अंकन-24,384/-रूपये की लागत आयी। कैशलैस इंश्‍योरेंस होने के बावजूद विपक्षी ने उसे मात्र अंकन-18,970/-रूपये अदा किया, इस प्रकार परिवादी को अंकन-5,414/-रूपये का कम भुगतान विपक्षी ने किया। विपक्षी से परिवादी ने कानूनी नोटिस भेजकर कम भुगतान की गई धनराशि को अदा करने को कहा, जिसे विपक्षी ने स्‍वीकार नहीं किया। विपक्षी के कृत्‍य सेवा में कमी होना इंगित करते हुए परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाये जाने की प्रार्थना की है।
  3. परिवाद कथन के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथपत्र दाखिल किया, जिसके साथ विपक्षी को भेजे गये कानूनी नोटिस, पालिसी शैडयूल, दुर्घटनाग्रस्‍त कार की रिपेयर में हुए खर्चों की इंवायस तथा परिवादी के खाते में विपक्षी द्वारा जमा किये गये अंकन-18,970/-रूपये की क्रेडिट एन्‍ट्री की छायाप्रतियों को दाखिल किया। ये प्रपत्र पत्रावली के कागज सं.-3/4 लगायत 3/9 हैं।
  4. विपक्षी द्वारा प्रतिवाद पत्र कागज सं.-6/1 लगायत 6/2 दाखिल हुआ, जिसमें परिवादी की प्रश्‍गनत कार का कैशलैस इंश्‍योरेंस परिवाद के पैरा-1 में उल्लिखित अवधि के दौन विपक्षी द्वारा किया जाना, बीमा अवधि में परिवादी की कार दुर्घटनाग्रस्‍त होना तथा इस दुर्घटना में हुई क्षति के सिलसिले में परिवादी के खाते में क्‍लेम राशि के रूप में अंकन-18970/-रूपये क्रेडिट किया जाना तो स्‍वीकार किया गया है किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इंकार किया गया। अतिरिक्‍त कथनों में कहा गया कि परिवादी का यह कथन असत्‍य एवं आधारहीन है कि उसे अंकन-5414/-रूपये की धनराशि कम अदा की गई बल्कि सही बात यह है कि बीमा कंपनी द्वारा नियुक्‍त सर्वेयर द्वारा बीमा पालिसी की शर्तों के अधीन नुकसान के आंकलन को ध्‍यान में रखकर तद्नुरूप क्‍लेम राशि का भुगतान परिवादी को किया जा चुका है। विपक्षी ने सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की। विपक्षी की ओर से परिवाद को सव्‍यय खारिज किये जाने का अनुरोध किया गया।
  5. परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथपत्र कागज सं.-8/1 लगायत 8/2 दाखिल किया।
  6. विपक्षी की ओर से बीमा कंपनी के प्रशासनिक अधिकारी, श्री शुभांकर राय ने अपना साक्ष्‍य शपथपत्र कागज सं.-12/1 लगायत 12/2 दाखिल किया, जिसके साथ बीमा पालिसी और अपने सर्वेयर श्री रमेश कुमार हसीजा की सर्वे रिपोर्ट को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया गया। ये प्रपत्र पत्रावली के कागज सं.-12/5 लगायत12/11 हैं।
  7. परिवादी की ओर से लिखित बहस दाखिल हुई। विपक्षी ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
  8. हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
  9. विपक्षी को इस बात से इंकार नहीं है कि दुर्घटना की तिथि पर परिवादी की कार विपक्षी से कैशलैस इंश्‍योरेंस हेतु बीमित थी। इस बिन्‍दु पर भी कोई विवाद नहीं है कि उक्‍त दुर्घटना में परिवादी की कार में जो क्षति हुई थी, उसकी रिपेयर की मद में परिवादी को विपक्षी द्वारा अंकन-18970/-रूपये का भुगतान दिनांक 25-3-2015 को किया जा चुका है। परिवादी का कथन है कि दुर्घटनाग्रस्‍त कार की रिपेयर में लेबर सहित अंकन-24384/-रूपये की लागत आयी थी किन्‍तु विपक्षी ने उसे 5414/-रूपये कम अदा किये। परिवादी का कथन है कि बीमा चूंकि कैशलैस था, अतएव विपक्षी से अपेक्षित था कि वे रिपेयर में कार के पार्टस और लेबर इत्‍यादि पर आयी कुल लागत अंकन-24384/-रूपये का भुगतान करते, विपक्षी ने ऐसा न करके सेवा में कमी की।
  10. विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने तर्क दिया कि विपक्षी ने सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की, उन्‍होंने अपने सर्वेयर की रिपोर्ट कागज सं.-12/9 लगायत 12/11 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित करते हुए तर्क दिया कि बीमा पालिसी की शर्तों के अनुसार रबर पार्टस पर 50 प्रतिशत और मैटल पार्टस पर 10 प्रतिशत डेप्रिसिएशन अनुमन्‍य था, एक हजार रूपये कम्‍पलसरी एक्‍सेस क्‍लॉज के अन्‍तर्गत काटे गये। विपक्षी के अधिवक्‍ता के अनुसार सर्वेयर ने बीमा पालिसी की शर्तों के अनुसार देय धनराशि का आंकलन किया है और उसी के अनुरूप परिवादी को भुगतान किया जा चुका है। उन्‍होंने यह भी कहा कि परिवादी सर्वे रिपोर्ट में कोई विशिष्‍ट त्रुटि अथवा विसंगती इंगित नहीं कर पाया है, ऐसी दशा में सर्वे रिपोर्ट पर अविश्‍वास किये जाने का कोई कारण नहीं है। उन्‍होंने परिवाद को खारिज किये जाने का अनुरोध किया।
  11. हमने बीमा कंपनी के सर्वेयर की सर्वे रिपोर्ट का भली-भॉंति अवलोकन किया। हम विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों से सहमत हैं कि सर्वेयर द्वारा पालिसी की शर्तों के अधीन आंकलित क्षति के अनुरूप परिवादी को भुगतान किया जा चुका है। अतएव हमारे सुविचारित मत में परिवादी कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है, परिवाद खारिज होने योग्‍य है।    

     परिवादी का परिवाद विरूद्ध विपक्षी खारिज किया जाता है। मामले  के  तथ्‍यों

 

 

एवं परिस्थितियों में उभयपक्ष अपना परिवाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

 

    (सत्‍यवीर सिंह)                                     (पवन कुमार जैन)

       सदस्‍य                                            अध्‍यक्ष

     आज यह निर्णय एवं आदेश हमारे द्वारा हस्‍ताक्षरित तथा दिनांकित होकर खुले न्‍यायालय में उद्घोषित किया गया।

 

   (सत्‍यवीर सिंह)                                      (पवन कुमार जैन)

      सदस्‍य                                            अध्‍यक्ष

दिनांक: 06-01-2018

 

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Satyaveer Singh]
MEMBER

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