Rajasthan

Kota

CC/25/2009

Rajendra soni - Complainant(s)

Versus

The New India Insurance company ltd., Manager - Opp.Party(s)

Aalok johri

07 Jul 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )

पीठासीनः- 

01.    नंदलाल शर्मा    ः    अध्यक्ष  
02.    महावीर तंवर    ः    सदस्य

परिवाद सं. 25/09
राजेन्द्र सोनी पुत्र मोहनलाल सोनी आयु 47 साल जाति स्वर्णकार निवासी 2-क-15, जवाहर नगर, कोटा (राज.)                         -परिवादी।
                     बनाम
01.    डिवीजनल मैनजर, दूी न्यू इंडिया इन्श्योरेन्स कंपनी, झालावाड रोड, कोटा     राजस्थान 324007
 02.    मै0 रखा टी पी ए प्राईवेट लिमिटेउ, उ-1, फ्रैन्डस कालोनी, नई दिल्ली 110065                                                         -अप्रार्थीगण।
       परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति-
1  श्री आलोक जौहरी, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2  श्री आर सी कुल्मी, अधिवक्ता,विपक्षी सं01 की ओर से।
3.  विपक्षी सं. 2 के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही ।
 
    निर्णय             दिनांक 07.07.2015
 
    परिवादी का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया कि उसनेअप्रार्थी सं. 1 को प्रिमियम अदा कर पारिवारिक बीमा पाॅलिसी सं. 330900/48/06/20/70000133 दिनांक 07.01.07 से 06.01.08 तक प्रभावित थी। परिवादी के परिवार में सदस्य विनीता सोनी पत्नर,अंकुश सोनी, आशीष सोनी पुत्र, थे। उक्त पालिसी प्रभावित रहते हुये परिवादी की पत्नी विनीता सोनी को दिनांक 10.01.07 को अचानक पेट में दर्द की शिकायत हुई तो उसे एस एन पारीक हास्पीटल में दिखाया तो चिकित्सक ने हर्निया की शिकायत बताई और हास्पीटल में भर्ती कर लिया और ठीक होने पर समस्त औपचारिकताऐ पूर्ण कर, बीमा मेडिक्लेम अप्रार्थी सं. 1 के यहाॅ पेश किया। अप्रार्थी सं.2 ने पत्र दिनांक 23.02.07 लिखकर परिवादी को सूचित किया कि श्रीमति विनीता सोनी को हर्निया की बीमारी पहले से थी, इसलिये बीमा क्लेम देने से इंकार कर दिया। अप्रार्थीगण ने परिवादी का बीमा क्लेम अस्वीकार कर उसकी सेवा में कमी की है। परिवादी को अप्रार्थीगण से बीमा क्लेम मय ब्याज, मानसिक क्षति, परिवाद खर्च दिलवाया जावे। 


    अप्रार्थी सं. 1 ने परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवादी ने बीमा क्लेम पेश किया, जिसका त्वरित प्रोसेस उसकी एजेन्सी टी पी ए द्वारा कर पाया कि परिवादी की पत्नी को हर्निया की बीमारी बीमा पालिसी प्राप्त करने से पूर्व से ही थी, इसलिये उसका बीमा क्लेम नियमानुसार सही खारिज किया गया और इसकी सूचना परिवादी को समय पर दे दी गई, जिसे परिवादी ने अपने परिवाद में स्वीकार किया है, इस प्रकार अप्रार्थीगण ने परिवादी की सेवा में किसी प्रकार की कोई सेवा में कमी नहीं बरती। परिवादी अप्रार्थीगण से किसी भी प्रकार का कोई हर्जाना प्राप्त करने का अधिकारी नही है। परिवादी की पत्नी को यह बीमारी पहले से ही थी जो दुबारा हुई है। परिवादिया की पत्नी को प्दबपेपवदंस ीमतदपंण् था, जिसका पूर्व में आपरेशन करवा रखा था, उसी स्थान पर दुबारा हर्निया का आपरेशन करवाया, परिवादी ने उक्त तथ्य को बीमा पालिसी लेते समय छिपाया, इसलिये परिवादी का बीमा क्लेम खारिज किया गया है। परिवादी का परिवाद मिथ्या तथ्यों पर आधारित है। परिवादी का परिवाद सव्यय खारिज किया जावे।    


    अप्रार्थीसं. 2 के विरूद्ध दिनांक 15.05.14 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई।

    उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-

01.    आया परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?

    परिवादी के परिवाद, शपथ-पत्र, बीमा पालिस से  परिवादी, अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है। 
02.    आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?

    उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजी रेकार्ड का अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि  अप्रार्थीसं. 1 के जवाब के विशेष आपत्तियों की मद सं. 2 मे यह तथ्य अंकित किये कि परिवादी की पत्नी श्रीमती विनीता सोनी को एस एन पारीक अस्पताल कोटा में दिखाया तो चिकित्सक ने उसके पूर्व के हर्निया के आपरेशन के स्थान को देखकर उसके हर्निया होने को डयगोनिसिस किया, परिवादी ने अप्रार्थीगण को बीमा क्लेम पेश किया तो त्वरित प्रोसेस करके डा. एस डी पाठक, एस एन पारीक होस्पीटल से स्पष्टीकरण चाहा तो उन्होने अपने पत्र दिनांक 07.03.07 को पुष्टि की कि डतेण् टपदपजं क्वदप कमअमसवचमक पदबपेपवदंस रमतदपं पद चमतअपवने ेबंत पद कमबण् 2006 ींक पितेज बवदेनसजंजपवद वद 10जी रंदण् 2007 ूंे ंकअपेमक जव नदकमत हव ेनतहमतल ंज जींज जपउम डतेण् अपदममजं ैवदपए ंकपउपजमक वद 31ण्01ण्07 ंे ेजंदहनसंजमक पदबपेपवदंस ीमतदपंण् इस प्रकार श्रीमति विनीता सोनी को पूर्व में  पदबपेपवदंस ीमतदपं का आपरेशन हो चुका था तथा उसी स्थान पर दोबारा यह बीमारी उत्पन्न हुई जिसके कारण उसका विद्यमान बीमारी से उत्पन्न क्लेम देय नही है। अप्रार्थीगण के उक्त कथन की पुष्टि परिवादी की पत्नी श्रीमती विनीता सोनी के डिस्चार्ज टिकिट दिनांक 31.01.07 के प्रीवियस नोट में मरीज की बीमारी के संबंध में अंकित नोट से होती है। उपरोक्त विवेचन, विश्लेषण को दृष्टिगत रखते हुये हमारे विनम्र मत में परिवादी ने उसकी पत्नी की हर्निया की बीमारी पूर्व से होने का तथ्य छिपा कर पालिसी प्राप्त की है और अप्रार्थीगण ने परिवादी का बीमा क्लेम पालिसी शर्तो के अनुसार सही रूप से नियमानुसार खारिज कर उसकी सेवा में कोई कमी नहीं की है, इस प्रकार परिवादी अप्रार्थीगण का सेवादोष साबित करने में पूर्णतयाः असफल रहा है।  

03.    अनुतोष ?

    परिवादी का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है। 

                      आदेश 

     परिवादी राजेन्द्र सोनी का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है।  परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। 


     (महावीर तंवर)                (नंदलाल शर्मा)
        सदस्य                       अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा           मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

    निर्णय आज दिनांक 07.07.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।

   सदस्य                              अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा            मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

 

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