Uttar Pradesh

Mahoba

77/10

KAJU MSINGH - Complainant(s)

Versus

THE NEW INDIA INSURANCE COMP. ETC. - Opp.Party(s)

RAJENDRA KUMAR PARASAR

19 Jul 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 77/10
 
1. KAJU MSINGH
KABRAI
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Mr. BABULAL YADAV PRESIDENT
 HON'BLE MR. SIDDHESHWAR AWASTHI MEMBER
 HON'BLE MRS. NEELA MISHRA MEMBER
 
For the Complainant:RAJENDRA KUMAR PARASAR, Advocate
For the Opp. Party: R.C. AGNIHOTRI, Advocate
ORDER

समक्ष न्‍यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा

परिवाद सं0-77/2010                             उपस्थित- श्री बाबूलाल यादव, अध्‍यक्ष,

                                                     डा0 सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी, सदस्‍य,

                                                        श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्‍य

काजू सिंह पुत्र श्री जागेश्‍वर सिंह निवासी- ग्राम-सुरौली परगना व तहसील व जिला-हमीरपुर हाल निवासी-मुहल्‍ला-मराठीपुरा,कबरई परगना व तहसील व जिला-महोबा                                                                                                           परिवादी

                                       बनाम

1.दि न्‍यु इण्डिया इंश्‍योरेंस कंपनी लि0शाखा-उरई गांधीनगर,राठ रोड,उरर्इ जिला-जालौन उ0प्र0 द्ववारा शाखा प्रबंधक शाखा उरई ा

2.भारतीय स्‍टेट बैंक द्वारा-शाखा प्रबंधक,भरूआ सुमेरपुर जनपद-हमीरपुर उ0प्र0                              विपक्षीगण

निर्णय

श्री बाबूलाल यादव,अध्‍यक्ष द्वारा उदधोषित

      परिवादी काजू सिंह ने यह परिवाद खिलाफ विपक्षीगण दि न्‍यु इण्डिया इंश्‍योरेंस कंपनी लि0शाखा-उरई गांधीनगर,राठ रोड,उरर्इ जिला-जालौन उ0प्र0 द्ववारा शाखा प्रबंधक शाखा उरई व भारतीय स्‍टेट बैंक द्वारा-शाखा प्रबंधक,भरूआ सुमेरपुर जनपद-हमीरपुर बाबत दिलाये जाने बीमित धनराशि व अन्‍य अनुतोष प्रस्‍तुत किया हैा

      संक्षेप में परिवादी का कथन इस प्रकार है कि परिवादी ग्राम-सुरौली बुजुर्ग परगना,तहसील व जिला-हमीरपुर के अंतर्गत थाना-सुमेरपुर का निवासी एवं वर्तमान समय में वह मुहल्‍ला-मराठीपुरा,कबरई जिला-महोबा में निवास कर रहा है तथा वह विपक्षीगण 1 व 2 का उपभोक्‍ता हैा परिवादी ने विपक्षी सं02 की शाखा से 3,87,000/-रू0 का ऋण लेकर दिनांक-29.07.2006 को क़षि कार्य बावत एक ट्रैक्‍टर सोनालीका,जिसकी पंजीयन सं0यू0पी0 91 सी 0722 खरीदकर विपक्षी सं02 के माध्‍यम से विपक्षी सं01 दि न्‍यु इण्डिया इंश्‍योरेंस कं0लि0 शाखा-उरई से बीमा कराया था ा इस प्रकार परिवादी काजू सिंह अपने बडे भाई बेटू सिंह के साथ उपरोक्‍त सोनालीका ट्रैक्‍टर का पंजीक़त स्‍वामी है और वह स्‍वयं ट्रैक्‍टर चलाता है ा परिवादी के उक्‍त वाहन का बीमा प्रनोट नं0 421501/21/06/01/0001720 है और बीमा की अवधि दिनांक- 10.08.2006 से मध्‍य रात्रि 09.08.2007 तक थी ा परिवादी अपने ट्रैक्‍टर को लेकर परिवार सहित दिनांक-08.06.2007 को सायं 7-30 बजे ग्राम-सबुआ निवासी-जगत सिंह के यहां उत्‍सव कार्यक्रम में जा रहा था कि अचानक आमादेवी पहाड के पास उटियां रिवई रोड पर चार बदमाशों द्वारा जबरन ट्रैक्‍टर रोककर मार-पीट करते हुये ट्रैक्‍टर छीन लिया गया ा परिवादी पैदल अपने परिवार को लेकर सबुआ पहंचा और सारी दास्‍तान रिश्‍तेदारों को बताया तथा दूसरे दिन 09.06.2007 को सुबह वह थाना-कबरई अपने रिश्‍तेदारों के साथ थानाध्‍यक्ष,कबरई के पास पहुंचा और उनके बदमाशों द्वारा ट्रैक्‍टर छीनने व मार-पीट के संबंध में रिपोर्ट दर्ज करने हेतु प्रार्थना-पत्र दिया ा दरोगा जी ने ट्रैक्‍टर खोजने व बदमाश पकडने का आश्‍वासन देकर उनको वापस कर दिया ा जब 2 दिन तक दरोगा जी ने कोई कार्यवाही नहीं की तब दिनांक-11.06.2007 को परिवादी ने पुलिस अधीक्षक,महोबा को प्रार्थना-पत्र दिया व पंजीक़त डाक से भी भेजा फिर भी उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई ा तब परिवादी द्वारा मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट,महोबा के न्‍यायालय में धारा-156(3) दं0प्र0सं0 के अंतर्गत प्रार्थना पत्र दिया,जिस पर मु0अ0सं0 1952/2007 अंतर्गत धारा-392 भा0दं0सं0 थाना-कबरई में न्‍यायालय के आदेशानुसार दर्ज किया गया ा परिवादी द्वारा ट्रैक्‍टर चोरी से छीनने की सूचना विपक्षी सं0 1 व 2 को अलग-अलग रूप से डाक द्वारा व स्‍वयं उपस्थित होकर घटना के समय ही दे दी थी ा इसके बाद न्‍यायालय के आदेश होने पर घटना की सूचना डाक द्वारा भेज दी थी ा इस पर विपक्षीगण द्वारा दावा प्रपत्र भरकर परिवादी से ले लिया गया था और कार्यवाही का आश्‍वासन दिया गया था ा परिवादी के वाहन का बीमा घटना होने की दिनांक को प्रभावी था ा विपक्षीगण द्वारा आश्‍वासन दिये जाने के बावजूद जब परिवादी का दावा मंजूर नहीं किया गयाा तब उसने मा0फोरम के समक्ष यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है ा परिवादी ने इसे विपक्षीगण सं0 1 व 2 की ओर से सेवा में कमी होना बताया है और यह कहा है कि परिवादी को परिवाद दायर करने में जो देरी हुई है वह विपक्षीगण की कार्यवाही के इंतजार में हुई है,जो पूर्णत: क्षमा किये जाने योग्‍य है ा  

      विपक्षी सं01 व 2 द्वारा अलग-अलग जबाबदावा प्रस्‍तुत किया गया है ा विपक्षी सं01 बीमा कंपनी द्वारा अपना जबाबदावा प्रस्‍तुत किया गया,जिसमें उन्‍होनें परिवाद में कहे गये अभिकथनों से जानकारी के आभाव में इस अवस्‍था तक अस्‍वीकार किया है ा अतिरिक्‍त कथन में उन्होंने यह कहा है कि परिवादी का ट्रैक्‍टर सं0 यू0पी091 सी 0722 विपक्षी बीमा कंपनी से बीमित था ा इसे साबित करने का भार परिवादी का है ा परिवादी का ट्रैक्‍टर दिनांक: 08.06.2007 आमादेवी पहाड के पास अज्ञात चोरों द्वारा छीन लिया गया ा इसकी रिपोर्ट परिवादी ने समय से नहीं की और न ही इसकी सूचना बीमा कंपनी को समय से दीा चूकि परिवादी ने ट्रैक्‍टर चोरी की सूचना घटना घटने के तुरंत बाद नहीं दी ा इस कारण विपक्षी बीमा कंपनी प्राक़तिक न्‍याय के अनुसार इंवेस्‍टीगेशन नहीं करा सकी और न क्‍लेम दर्ज हो सका ा अत: ऐसी परिस्थितियों में परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्‍य है ा इस संबंध में विपक्षी बीमा कंपनी ने राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता आयोग,नई दिल्‍ली द्वारा एफ0ए0 नं0 321/2005 न्‍यू इण्डिया इंश्‍योरेंस कं0लि0 बनाम त्रिलोचन जैन में दिये गये निर्णय दिनांकित-09.12.2009 के अनुसार परिवादी द्वारा घटना की सूचना तुरंत न दिये जाने के कारण परिवाद खारिज किये जाने योग्‍य बताया है ा उन्‍होंने यह भी कथन किया है कि परिवादी ने जब विपक्षी बीमा कंपनी के कार्यालय में सूचना दिनांक:17.09.2007 व 25.10.2007 को प्रथम सूचना रिपोर्ट के साथ दी तो विपक्षी बीमा कंपनी ने उससे आरोप-पत्र अथवा अंतिम रिपोर्ट की प्रतिलिपि मांगी थी,जिसे वह आज तक उपलब्‍ध नहीं करा सका ा ऐसी परिस्थिति में उन्‍होने परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्‍य कहा है ा 

विपक्षी सं02 भारतीय स्‍टेट बैंक की ओर से अलग से जबाबदावा प्रस्‍तुत किया गया है,जिसमें उन्‍होने परिवादी को ग्राम-सुरौली बुजुर्ग तहसील व जिला-हमीरपुर का निवासी होना स्‍वीकार किया है तथा उन्‍होनें यह तथ्‍य भी स्‍वीकार किया है कि परिवादी ने उनकी शाखा से दिनांक:29.07.2006 को ऋण लेकर ट्रैक्‍टर सं0 यू0पी091 सी 0722 खरीदा था तथा विपक्षी सं01 दि न्‍यू इण्डिया इंश्‍योरेंस कं0 लि0 से उसका बीमा कराया गया था ा उनका यह भी कथन है कि बीमा दिनांक:10.08.2006 से दिनांक:09.08.2007 की मध्‍य रात्रि तक प्रभावी था ा शेष कथनों से उन्‍होंने इंकार किया है तथा अतिरिक्‍त कथन में कहा है कि परिवादी को विपक्षी बैंक के विरूद्ध परिवाद प्रस्‍तुत करने का कोई कारण उत्‍पन्‍न नहीं हुआ है ा अत: निरस्‍त किये जाने योग्‍य है ा उपरोक्‍त ट्रैक्‍टर दिये गये क़षि उधार ऋण में बतौर कोलेट्रल सिक्‍योरिटी विपक्षी बैंक के पक्ष में बंधक था ा उन्‍होंने परिवाद में ट्रैक्‍टर बदमाशों द्वारा छीने जाने के बारे में यह कहा है कि उक्‍त घटना की जानकारी परिवादी द्वारा पहली बार विपक्षी बैंक को 11.09.2007 को प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रतिलिपि के साथ दी थी ा तदनुसार विपक्षी बैंक ने बीमा कपनी को लिखित सूचना प्रेषित कर क्‍लेम सेटल करने हेतु संदर्भित किया और परिवादी को भी सलाह दी थी कि वह अपना दावा क्षतिपूर्ति पाने हेतु विपक्षी बीमा कंपनी में नियमानुसार प्रस्‍तुत करे ा परिवादी ने अपना परिवाद दिनांक:01.04.2010 को योजित किया है ा जबकि ट्रैक्‍टर लूट की घटना 08.06.2007 की है ा इस प्रकार परिवादी का दावा कालबाधित होने के कारण खारिज किये जाने योग्‍य है ा ऐसी परिस्थिति में परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्‍य है ा

      परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन में स्‍वयं का शपथ पत्र कागज सं04ग/1 लगायत 4ग/3 व 33ग/1 लगायत 33ग/3 एवं शपथ पत्र मु0 वशीर खां कागज सं0 23ग/1 लगायत 23ग/7 एवं शपथ पत्र बेटू सिंह कागज सं0 34ग/1 लगायत 34ग/2 व शपथ पत्र जगत सिंह कागज सं0 35ग प्रस्‍तुत किया है तथा अभिलेखीय साक्ष्‍य में ड्राइविंग लाईसेंस की छायाप्रति कागज सं06ग,पंजीयन प्रमाण पत्र की छायाप्रति कागज सं07ग,बीमा के कवरनोट की छायाप्रति 8ग,पुलिस अधीक्षक को दिये गये प्रार्थना पत्र की छायाप्रति कागज सं010, मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट,महोबा को दिये गये प्रार्थना पत्र की छायाप्रति 11ग व 12ग,प्रथम सूचना रिपोर्ट 13ग व 14ग,शाखा प्रबंधक,दि न्‍यू इण्डिया इंश्‍योरेंस कं0लि0 को दिये गये प्रार्थना पत्र की छायाप्रति 15ग,रजिस्‍ट्री रसीद की छायाप्रति कागज सं0 16ग व 17ग, विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा परिवादी को दिये गये कारण बताओ नोटिस की छायाप्रति कागज सं0 18ग व 19ग, अंतिम रिपोर्ट की छायाप्रति 37ग दाखिल की है ा

      विपक्षी सं01 बीमा कंपनी की ओर से अपने जबाबदावा के समर्थन में क्षेत्रीय प्रबंधक, दि न्‍यू इण्डिया इंश्‍योरेंस कं0 लि0 का शपथ पत्र कागज सं051ग दाखिल किया गया है ा

      विपक्षी सं02 की ओर से शपथ-पत्र द्वारा श्री उदित नारायन,शाखा प्रबंधक,भारतीय स्‍टेट बैंक, भरूआ सुमेरपुर दाखिल किया गया है,जो कि कागज सं046ग/1 लगायत 46ग/3 है तथा अभिलेखीय साक्ष्‍य में बीमा कंपनी को परिवादी काजू सिंह द्वारा दिये गये प्रार्थना-पत्र की छायाप्रति कागज सं026ग,बीमा कवरनोट की छायाप्रति 27ग व 28ग तथा दि न्‍यु इण्डिया इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 को भेजे गये पत्र की छायाप्रति कागज सं09ग दाखिल की गई है ा

      उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को विस्‍त़त रूप से सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गयाा

उभय पक्ष को यह तथ्‍य स्‍वीकार है कि परिवादी काजू सिंह ट्रैक्‍टर सं0 यू0पी0 91 सी 0722 अपने भाई बेटू सिंह के साथ पंजीक़त स्‍वामी है और उक्‍त वाहन विपक्षी सं01 दि न्‍यू इण्डिया इंश्‍योरेंस कं0लि0 शाखा उरई से 10.08.2006 से 09.08.2007 की मध्‍य रात्रि तक के लिये बीमित था ा परिवादी का कथन यह है कि दिनांक:08.06.2007 को उसका ट्रैक्‍टर अज्ञात बदमाशों द्वारा लूट लिया गया था,जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक:09.06.2007 को उसने थाना-कबरई में दी थी लेकिन उनके द्वारा जब कोई कार्यवाही नहीं की गई तो उसने पुलिस अधीक्षक,महोबा को जरिये रजिस्‍ट्री सूचना भेजी और इसके बावजूद भी जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो उसने अंतर्गत धारा-156 (3) दं0प्र0सं0 मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट,महोबा के न्‍यायालय में प्रार्थना-पत्र दिया,जिसमें अंतत: दिनांक:31.08.2007 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई और तदुनुसार बीमा कंपनी को सूचना दिनांक:11.09.2007 को दी गई थी ा उसके बाद दिनांक:17.09.2007 व 25.09.2007 को समस्‍त अभिलेख सहित बीमा कंपनी को सूचित किया गया था लेकिन बीमा कंपनी ने कोई बीमा की धनराशि प्रदान नहीं की थी जो कि उनकी सेवा में त्रुटि मानी जायेगी और परिवादी को बीमित धनराशि दिलाई जाये ा

विपक्षी बीमा कंपनी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि परिवादी ने वाहन चोरी होने की सूचना उनको पहली बार दिनांक:11.09.2007 को दी गई थी,जैसा कि रजिस्‍ट्री की रसीद से साबित है तथा परिवादी ने इस तथ्‍य को भी स्‍वीकार किया है कि विपक्षी बीमा कंपनी अपने जबाबदावा में यह कहकर आई है कि मा0राष्‍ट्रीय आयोग,नई दिल्‍ली द्वारा एफ0ए0 नं0 321/2005 न्‍यू इण्डिया इंश्‍योरेंस कं0लि0 बनाम त्रिलोचन जैन में दिये गये निर्णय दिनांकित-09.12.2009 के अनुसार चूंकि परिवादी को चोरी की सूचना उनको तुरंत नहीं दी अर्थात परिवादी ट्रैक्‍टर चोरी की सूचना अधिकतम 48 घंटे में बीमा कंपनी को दी जानी चाहिये ा जबकि उक्‍त निर्णय में मा0राष्‍ट्रीय आयोग ने यह अभिमत व्‍यक्‍त किया है कि परिवादी द्वारा अधिकतम 48 घंटे में इसकी सूचना संबंधित बीमा कंपनी को दी जानी चाहिये,जिससे वह उसे बरामद करा सके ा इस केस में संपूर्ण कार्यवाही पुलिस एवं न्‍यायालय के माध्‍यम से ही कराने का प्रयास परिवादी करता रहा है ा लेकिन उसने विपक्षी बीमा कंपनी को ट्रैक्‍टर चोरी की सूचना अत्‍यंत देरी से दी है ा ऐसी परिस्थिति में यह फोरम बहुमत से इस मत का है कि परिवादी इन परिस्थितियों में विपक्षी बीमा कंपनी से कोई बीमित धनराशि पाने का हकदार नहीं है और परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्‍य है ा इसके अलावा वाहन चोरी की घटना दिनांक: 08.06.2007 की है और परिवादी ने यह परिवाद मा0फोरम के समक्ष दिनांक:05.04.2010 को अर्थात लगभग 3 वर्ष के बाद प्रस्‍तुत किया है ा इस प्रकार परिवादी का परिवाद कालबाधित भी है और खारिज किये जाने योग्‍य है ा

       आदेश

      परिवादी का परिवाद निरस्‍त किया जाता है ा पक्षकार अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगें ा

 

डा0सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी         श्रीमती नीला मिश्रा               बाबूलाल यादव

    सदस्‍य,                       सदस्‍या,                       अध्‍यक्ष,

जिला फोरम,महोबा         जिला फोरम,महोबा              जिला फोरम,महोबा

    15.01.2015               15.01.2015                     15.01.2015

       

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Mr. BABULAL YADAV]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. SIDDHESHWAR AWASTHI]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. NEELA MISHRA]
MEMBER

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