//जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, बिलासपुर (छ0ग0)//
प्रकरण क्रमांक:- सी.सी/2012/189
प्रस्तुति दिनांक:- 05/12/2012
रितेश कुमार गुप्ता,
पिता-श्री आर.सी.गुप्ता, उम्र 36 वर्ष,
मकान नं. एल-03, नर्मदा नगर
रिंग रोड 02, बिलासपुर छ.ग. ............आवेदक/परिवादी
(विरूद्ध)
दि न्यू इंडिया इश्योरेन्स कम्पनी लि.
द्वितीय तल, राम ट्रेड सेंटर,
एक्सिस बैंक के उपर, राजीव प्लाजा के सामने
बिलासपुर, जिला-बिलासपुर छ.ग. ..........अनावेदक/विरोधी पक्षकार
///आदेश///
(आज दिनांक 06/02/2015 को पारित)
1. आवेदक रितेश कुमार गुप्ता ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदक बीमा कंपनी के विरूद्ध अनुचित व्यापार के आधार पर सेवा में कमी के लिए पेश किया है और अनावेदक बीमा कंपनी से अनुचित व्यापार से हुई क्षति के लिए 2,74,200/.रु0 दिलाए जाने का निवेदन किया है।
2. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक अपने वाहन इंडिका सी.जी. 10 एफ 4357 का बीमा अनावेदक बीमा कंपनी से दिनांक 12.08.2009 से 12.08.2010 तक की अवधि के लिए कराया था। दिनांक 23.09.2009 को आवेदक का उक्त वाहन अनुपपूर से लौटने के दौरान थाना राजेंद्र ग्राम के अंतर्गत ग्राम धरहर के पास स्टेयरिंग फेल हो जाने के कारण दुर्घटनाग्रस्त होकर क्षतिग्रस्त हो गया। आवेदक द्वारा उक्त दुर्घटना की सूचना अनावेदक बीमा कंपनी को दी गई। अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा सूचना प्राप्त होने पर सर्वेयर के.के.श्रीवास्तव से क्षति का आंकलन कराया गया। आवेदक भी अपने वाहन को हुई क्षति के सुधार में होने वाले व्यय का आंकलन प्राप्त कर अनावेदक के कार्यालय में प्रस्तुत किया और सुधार व्यय का आंकलन वाहन के बीमा मूल्य से अधिक होने के कारण कैश लाॅस के आधार पर दावे का निराकरण किए जाने का निवेदन किया, किंतु अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा वाहन को सुधार कराने की शर्त लगायी गई तथा उसके द्वारा वाहन के सुधरने की स्थिति में ना होने के कारण वाहन सुधारने का देयक प्रस्तुत न करने के आधार पर अनावेदक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर दिनांक 19.09.2012 को उसका दावा बंद कर दिया और इस प्रकार अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा अनुचित व्यापार किए जाने से उसे 2,74,200/.रु0 की क्षति हुई, जिसे प्राप्त करने के लिए ही उसने यह परिवाद पेश करना बताया है।
3. अनावेदक बीमा कंपनी जवाब पेश कर घटना दिनांक को आवेदक का वाहन अपने यहाॅं बीमित होना तो स्वीकार किया, किंतु परिवाद का विरोध इस आधार पर किया कि आवेदक बार-बार सूचना भेजने के बाद भी वाहन का मरम्मत नहीं कराया, जिसके कारण उसका दावा निराकृत नहीं किया जा सका और मजबूर होकर आवेदक द्वारा कोई रूचि न लिए जाने के कारण उनके द्वारा आवेदक की फाईल बंद कर दिया गया। इस प्रकार उनके द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं किया जाना बताया गया और उक्त आधार पर आवेदक का परिवाद को निरस्त किए जाने का निवेदन किया गया।
4. उभय पक्ष अधिवक्ता का तर्क सुन लिया गया है । प्रकरण का अवलोकन किया गया।
5. देखना यह है कि क्या अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा आवेदक का दावा निराकृत न कर अनुचित व्यापार प्रथा अपना कर सेवा में कमी की गई ?
सकारण निष्कर्ष
6. घटना दिनांक को आवेदक के वाहन का दुर्घटना में क्षतिग्रस्त होने तथा उक्त दिनांक को वाहन के अनावेदक बीमा कंपनी के यहाॅं बीमित होने का तथ्य मामले में विवादित नहीं है।
7. आवेदक का कथन है कि दिनंाक 23.02.2009 को उसका वाहन अनुपपूर से लौटने के दौरान थाना राजेंद्र ग्राम के अंतर्गत ग्राम धरहर के पास स्टेयरिंग फेल हो जाने के कारण दुर्घटनाग्रस्त होकर क्षतिग्रस्त हो गया, किंतु इस तथ्य को साबित करने के लिए आवेदक की ओर से कोई पुलिस रिपोर्ट की काॅपी प्रकरण में संलग्न नहीं किया गया है। फलस्वरूप यह स्पष्ट नहीं हो पाता कि आवेदक का वाहन घटना दिनांक स्टेयरिंग फेल हो जाने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुआ अथवा किसी अन्य कारण से ?
8. तथापि अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा घटना दिनांक को आवेदक का वाहन अपने यहाॅं बीमित होना तो स्वीकार किया गया है, साथ ही उसके घटना दिनांक दुर्घटना में क्षतिग्रस्त होने की बात भी स्वीकार किया गया है, ऐसी स्थिति में अनावेदक बीमा कंपनी आवेदक को युक्तिसंगत क्षतिपूर्ति प्रदान करने से इंकार भी नहीं कर सकता।
9. आवेदक के अनुसार दुर्घटना की सूचना प्राप्त होने पर अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा सर्वेयर रिपोर्ट प्राप्त किया गया। साथ ही कहा गया है कि वह स्वयं भी अपने वाहन को हुई क्षति के सुधार में होने वाले व्यय का आंकलन प्राप्त कर अनावेदक के कार्यालय में प्रस्तुत किया और यह पाते हुए कि सुधार व्यय का आंकलन वाहन के बीमा मूल्य से अधिक है उसने कैश लाॅस के आधार पर अपने दावे का निराकरण किए जाने का निवेदन किया, किंतु अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा वाहन के सुधार की स्थिति में ही दावे का निराकरण किए जाने की शर्त लगाई तथा उसके द्वारा वाहन सुधरवाने का देयक प्रस्तुत न करने के कारण पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर उसका दावा दिनांक 19.09.2012 को बंद कर दिया।
10. इसके विपरीत अनावेदक बीमा कंपनी का कथन है कि उन्होंने अपने पत्र दिनांक 12.09.2012 के जरिए आवेदक को एक सप्ताह का अवसर प्रदान करते हुए वाहन का मरम्मत बिल जमा करने की सूचना दिया, किंतु उसके बाद भी आवेदक द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई, फलस्वरूप उन्हें मजबूर होकर आवेदक की फाईल दिनांक 19.09.2012 को बंद करनी पड़ी, किंतु यह समझ से परे है कि जब अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा अपने पत्र दिनांक 12.09.2012 के जरिए आवेदक को वाहन मरम्मत बिल पेश करने के लिए 7 दिन का अवसर प्रदान किया गया था, तो उक्त अवधि समाप्त होने से पूर्व ही दिनांक 19.09.2012 को उनके द्वारा आवेदक की फाईल क्योंकर बंद कर दिया गया ? और किसलिए उनके द्वारा दिए गए अवधि के समाप्त होने का इंतजार नहीं किया गया, प्रकरण में यह तथ्य इस बात को प्रकट करता है कि अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा मामले में पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कार्यवाही की गई है, अन्यथा कोई कारण नहीं था कि आवेदक के वाहन मरम्मत बिल पेश नहीं करने से ही वे आवेदक का दावा बंद कर देते, जबकि उनके समक्ष सर्वेयर की आंकलन रिपोर्ट भी मौजूद था, जिसके आधार पर भी वे आवेदक का दावे का भुगतान कर सकते थे, जो उनके द्वारा नहीं किया गया।
11. उपरोक्त विवेचन के प्रकाश में हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा समय से पूर्व आवेदक का दावा बंद कर अनुचित व्यापार प्रथा अपनाई गई और इस प्रकार उनके द्वारा सेवा में कमी की गई, जबकि उन्हें आवेदक के दावे को मामले में सहायता करने के रूप में विचार करना था, न कि दोशों को देखने के रूप में । अतः हम आवेदक के पक्ष अनावेदक बीमा कंपनी के विरूद्ध निम्न आदेश पारित करते हैं:-
अ. अनावेदक बीमा कंपनी, आवेदक को आदेश दिनांक से एक माह के भीतर सर्वेयर रिपोर्ट के अनुसार कैश लाॅस रिपेयर बेसिस के आधार पर 97,596/-रू.( सन्तयानबे हजार पांच सौ छियानबे रूपये) की राषि अदा करेगा तथा उस पर आवेदन दिनांक 05.12.2012 से ताअदायगी 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी अदा करेगा।
ब. अनावेदक बीमा कंपनी, आवेदक को मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 30,000/.रु0 (तीस हजार रूपये) की राशि भी अदा करेगा।
स. अनावेदक बीमा कंपनी, आवेदक को वादव्यय के रूप में 3,000/.रु0 (तीन हजार रूपये) की राशि भी अदा करेगा।
आदेश पारित
(अशोक कुमार पाठक) (प्रमोद वर्मा)
अध्यक्ष सदस्य