Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/141/2010

MAHENDRA NATH RAI - Complainant(s)

Versus

THE NEW INDIA INSURANCE CO.LTD. - Opp.Party(s)

AJAY KUMAR SRIVASTAVA

30 Dec 2020

ORDER

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 141 सन् 2010

प्रस्तुति दिनांक 16.06.2010

                                                                                          निर्णय दिनांक 30.12.2020       

  1. महेन्द्रनाथ राय पुत्र रामसिंगार राय, ग्राम जमीन फरेन्दा पोo शोरीनरायन पुर, तहसील- सगड़ी, जिला- आजमगढ़।
  2. सुधीर कुमार राय पुत्र सुरेन्द्र प्रसाद राय, ग्राम जमीन फरेन्दा, तहसील- सगड़ी, जिला- आजमगढ़।
  3. रामसिंगार राय पुत्र स्वo रघुनन्दन राय, ग्राम जमीन फरेन्दा, तहसील- सगड़ी, जिला- आजमगढ़।
  4. रामअधार राय पुत्र केशव राय, ग्राम जमीन फरेन्दा, तहसील- सगड़ी, जिला- आजमगढ़।
  5. महेन्द्र कुमार राय पुत्र श्री विन्द्रा राय ग्राम ढ़ढनी पोस्ट- नसरुद्दीनपुर, जिला- आजमगढ़।     

     ....................................................................................परिवादीगण।

बनाम

  1. मण्डलीय प्रबन्धक दि न्यू इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लिo (लखनऊ डी.ओ.2) जीयन भवन फेस 2 छठातल नवल किशोर रोड हजरतगंज, लखनऊ।
  2. मण्डलीय प्रबन्धक दि न्यू इन्श्योरेन्स कम्पनी लिo आजमगढ़।   
  3.  

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी संख्या 01 का मूल निवास ग्राम जमीन फरेन्दा में है और वह आजमगढ़ शहर में रहकर दवा का कारोबार करता है। वह राष्ट्रीय पशुधन योजना के अन्तर्गत विपक्षी संख्या 01 से अपने गांव जमीन फरेन्दा में स्थित अपनी गाय का मुo 15000/- रुपए का एक वर्ष का बीमा कराया था, जिसकी अवधि दिनांक 31.03.2007 से 30.03.2008 तक थी। जिसका पॉलिसी नं. 420500/47/06/01/00000918 था। उसकी गाय बीमा पॉलिसी के अवधि में मर गयी। इन्श्योरेन्स की सारी औपचारिकताएं परिवादी संख्या 01 ने पूरा किया। गाय का टैग नं. 9100/424 500 था तथा याची संख्या 01 द्वारा प्रीमियम की धनराशि अदा किया गया। गाय के मरने के उपरान्त याची ने अपना क्लेम प्रस्तुत किया, लेकिन विपक्षी संख्या 01 ने धनराशि हड़पने की नियत से क्लेम की धनराशि को देने से दिनांक 26.10.2007 को इन्कार कर

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दिया। इसके अलावा परिवादी संख्या 01 ने आराजीबाग मुहल्ला आजमगढ़ में अपनी गाय का भी बीमा कराया था, किन्तु वह गाय दिनांक 24.03.2008 को मर गयी। परन्तु सका भी क्लेम धनराशि विपक्षी ने नहीं दिया। याची संख्या 02 लगायत 04 ने उसी योजना ते तहत अपनी-अपनी गायों का बीमा कराया था, जिसके वजह से परिवादीगण का काफी नुकसान हुआ। अतः उन्हें बीमा की धनराशि दिलवाया जाए।

परिवादी संख्या 01 द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया गया है। अतिरिक्त कथन में यह कहा है कि परिवादी संख्या 01 ने अपने एक गाय का दिनांक 24.03.2008 को कथित मृत्यु होने का क्लेम प्रतिवादी बीमा कम्पनी के यहाँ किया था, जिसका पॉलिसी नं. 420500/47/06/01/00000918 एवं क्लेम नं. 420500/47/07/01/90000478 था। परिवादी के उक्त क्लेम के साथ संलग्न टैग के अवलोकन से यह स्पष्ट था कि कथित जानवर की मृत्यु के बाद उक्त टैग को कथित मृतक पशु के कान में लगया गया है, जिसके कारण यह सिद्ध नहीं है कि उक्त क्लेम में वर्णित बीमा पालिसी के द्वारा बीमित पशु ही मृत्यु हुई है। क्यों बीमा करते समय ही बीमित पशु के कान में टैग लगाया जाता है, जिसके कारण वादी नं.01 के क्लेम को सही तौर पर निरस्त करते हुए उसकी सूचना वादी नं. 01 को प्रतिवादी बीमा कम्पनी के पत्र दिनांक 17.12.2009 के द्वारा भेजी गयी है। परिवादी संख्या 01 केवल एक गाय का बीमा करवाया था। परिवादीगण 02 लगायत 04 ने अपने बीमित पशुओं की मृत्यु की कोई तिथि तक दावा में दर्ज नहीं है और उनके कथित मृत्यु आदि से सम्बन्धित कोई कागज मुकदमा में दाखिल नहीं किया है। बीमा कम्पनी द्वारा करायी गयी जाँच में वादीगण 2 लगायत 4 के बीमित पशुओं की मृत्यु का ना होना एवं उनके क्लेम का जाली व फर्जी होना पाया गया है। जिसके कारण उनके क्लेम को सही तौर पर निरस्त करते हुए उनके बाबत उन्हें सूचित भी किया गया है। परिवादी संख्या 05 ने अपने कथित पशु के बीमा, क्लेम व उसके कथित मृत्यु से सम्बन्धित कोई नो क्लेम का पत्र मुकदमा में दाखिल नहीं किया है, जिसके कारण वादी नं. 05 के कथित बीमित पशु के सम्बन्ध में भी बीमा कम्पनी कोई धनराशि देने के जिम्मेदार नहीं है। कुल पांच परिवादीगण ने इस मुकदमा को दाखिल किया है। उपरोक्त पांचों व्यक्तियों का विवाद बिल्कुल अलग-अलग है तथा अलग-अलग जानवरों का बीमा अलग-अलग बीमा पॉलिसी के द्वारा अलग-अलग तिथि पर कराया गया है। जिनकी कथित मृत्यु भी अलग-अलग है। अतः उनका वाद कारण अलग-अलग था। बीमा कम्पनी ने सेवा प्रदान करने में कोई त्रुटि नहीं की है।

 

 

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3

पत्रावली पेश हुई। परिवादीगण अनुपस्थित। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित। विपक्षीगण को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया। इस परिवाद में कुल पाँच याचीगण हैं, जिनका वाद कारण अलग-अलग था और उनको अलग-अलग दावा दाखिल करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने एक ही दावा प्रस्तुत दिया जो कि कानूनन गलत है। अतः परिवाद अस्वीकार होने योग्य है।

 

 

 

 

 

 

 

 

आदेश

                                                                  परिवाद-पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

                                                                        गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण  कुमार सिंह

                                                     (सदस्य)                         (अध्यक्ष)

                दिनांक 30.12.2020

                                                   यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

                                            गगन कुमार गुप्ता                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                               (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

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