Uttar Pradesh

StateCommission

A/565/2024

M/S S.B.E.C. Sugar Limited - Complainant(s)

Versus

The New India Insurance Co. Ltd. & Anothers - Opp.Party(s)

Aishwarya Pratap Sigh & Salil Seth & Sandeep Kumar Trivedi

30 Apr 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/565/2024
( Date of Filing : 26 Apr 2024 )
(Arisen out of Order Dated 19/03/2024 in Case No. MA/2024/11 of District Baghpat)
 
1. M/S S.B.E.C. Sugar Limited
village loyan malakpur tehsil badaut distt bagpat up through vipin
...........Appellant(s)
Versus
1. The New India Insurance Co. Ltd. & Anothers
registerde office new india insurance building 87 mg road mumbai 400001 through manager chief offecer
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 30 Apr 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

 

अपील सं0-565  सन 2024

एस0बी0ई0सी0 सुगर लि0 -बनाम- न्‍यू इण्डिया एश्‍यो0कं0लि0

30-04-2024

 

     प्रस्‍तुत अपील जिला आयोग बागपत द्वारा प्रकीर्ण वाद संख्‍या 11/2024 में पारित निम्‍न निर्णय एवं आदेश दिनांक 19.03.2024 के विरूद्ध योजित की गयी है।

     ''पत्रावली पेश हुई। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आये। अंगीकरण के बिन्दु पर सुना तथा वरिष्ठ सहायक की रिपोर्ट का अवलोकन किया।

      प्रस्तुत परिवाद परिवादी की ओर से विपक्षीगण के विरुद्ध बीमा पॉलिसी की शर्तों के अनुसार दावे की धनराशि अंकन 5,46,61,591 /- (पांच करोड छियालीस लाख इकसठ हजार पांच सौ इक्यानबे रुपये) दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया है तथा 1,50,000/- (एक लाख पचास हजार रुपये) मानसिक क्षति व 1,50,000/- (एक लाख पचास हजार रुपये) वाद व्यय के चाहे हैं।

      धारा 34 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों के अनुसार केवल 50,00,000/- (पचास लाख रुपये) तक के वादों की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस आयोग को प्राप्त है। ऐसी दशा में प्रस्तुत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस आयोग को नही है। अतः प्रस्तुत परिवाद सक्षम आयोग के समक्ष प्रस्तुतीकरण हेतु परिवादी को नियमानुसार वापस किया जाये।

      प्रर्कीणवाद तद्नुसार निस्तारित किया जाता है।''

 

     अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री ऐश्‍वर्य प्रताप सिंह      द्वारा कथन किया गया कि यद्यपि प्रश्‍नगत बीमा पालिसी के विरूद्ध वार्षिक प्रीमियम धनराशि 01,50,000.00 अपीलार्थी द्वारा दी जा रही थी। उक्‍त कथन को अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के कथनानुसार विद्वान जिला आयोग के सम्‍मुख उद्धरित किया गया साथ ही प्रकीर्ण वाद की पोषणीयता के संबंध में मा0 राष्‍ट्रीय आयोग द्वारा 2020 DCC Online NCDRC 845 प्‍यारी देवी छबिराज स्‍टील्‍स प्रा0लि0 बनाम नेशनल इंश्‍योरेंस कं0लि0 व अन्‍य में पारित निर्णय के प्रस्‍तर 9 व 10 का उल्‍लेख दौरान बहस जिला फोरम के सम्‍मुख किया गया परन्‍तु जिला फोरम ने परिवाद को पोषणीयता के बिन्‍दु पर अन्तिम रूप से निरस्‍त कर दिया ।

मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय की वृहद पीठ (तीन माननीय न्‍याय मूर्तिगण) द्वारा Experion Developers Pvt. Ltd. Vs Sushma Ashok shiroor, 2022 Live Law (SC) 252 में पारित निर्णय के प्रस्‍तर 22.1 एवं 22.2 में निम्‍न आदेश पारित किया गया है ।

गयी 22.1 We are of the opinion that for the interest payable on the amount deposited to be restitutionary and also compensatory, interest has to be paid from the date of the deposit of the amounts. The Commission  in the order impugned has granted interest from the date of last deposit. We find that this does not amount to restitution. Following the decision in DLF Homes Panchkula Pvt. Ltd v. DS Dhanda 16 and in modification of the direction issued by the Commission, we direct that the interest on the refund shall be payable from the dates of deposit. Therefore, the appeal filed by purchaser deserves to be partly allowed. The interests shall be payable from the dates of such deposits.

22.2 At the same time, we are of the opinion that the interest of  9 per cent granted by the Commission is fair and just and we find no reason to interfere in the appeal filed by the Consumer for enhancement of interest.”

          मा0 राष्‍ट्रीय आयोग द्वारा 2020 DCC Online NCDRC 845 प्‍यारी देवी छबिराज स्‍टील्‍स प्रा0लि0 बनाम नेशनल इंश्‍योरेंस कं0लि0 व अन्‍य में अपील को अंगीकरण के बिन्‍दु पर ही अन्तिम रूप से निर्णीत करते हुए  जिला फोरम को आदेशित किया गया कि वाद की सुनवाई गुण-दोष के आधार पर सुनिश्चित की जावे ।

     तदनुसार प्रस्‍तुत अपील अंतिम रूप से निस्‍तारित की जाती है तथा जिला फोरम बागपत के प्रश्‍नगत आदेश को अपास्‍त करते हुए प्रकरण जिला फोरम को इस आशय से प्रति- प्रेषित किया जाता है कि उपरोक्‍त प्रकीर्ण वाद का पुनर्स्‍थापन करते हुए गुण-दोष के आधार पर शीघ्र सुनवाई करते हुए वाद का निस्‍तारण किया जावे तथा अन्‍तरिम प्रार्थना पत्र पर यथा सम्‍भव दो माह में आदेश पारित किया जावे ।   

    

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

  सुबोल श्रीवास्‍तव

 (पी0ए0(कोर्ट नं0-1)

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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