जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह..............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-375/2006
श्रीमती सीता नौलखा, पत्नी श्री आ0के0 सिंह नौलखा, निवासी भवन सं0-3ए/139, आजाद नगर, कानपुरनगर।
................परिवादिनी
बनाम
दि न्यू इण्डिया इंष्योरेन्स कंपनी प्राइवेट लि0, स्थित 84/105-ए, जुगुल भवन अफीम कोठी, जी.टी. रोड, कानपुर नगर तथा हाल पता-117/एन/ 96 डी0ओ0 तृतीय काकादेव कानपुर नगर-208005
...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 08.05.2006
निर्णय की तिथिः 18.02.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षी से रू0 1,34,406.00 प्रतिकर के रूप में तथा उक्त धनराषि पर घटना की तिथि 07.11.04 से प्रतिकर प्राप्त होने तक 12 प्रतिषत की दर से साधारण ब्याज दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादिनी का कथन यह है कि परिवादिनी अपनी टाटा-207 पंजीकरण संख्या-न्च्.78 ।छ.6496 का कम्प्रेहेंसिव बीमा विपक्षी कंपनी से दिनांक 30.07.04 से 29.07.05 तक के लिए कराया था। उक्त वाहन की दुर्घटना दिनांक 07.11.04 को जनपद एटा में हो गई। परिवादिनी ने उपरोक्त वाहन की मरम्मत मे0 टाटा मोटर्स के अधिकृत डीलर से करायी, जिसमें रू0 1,34,000.00 की धनराषि व्यय की। उक्त वाहन का स्पाॅट सर्वे व अंतिम सर्वे बीमा कंपनी द्वारा कराया गया, किन्तु विपक्षी द्वारा अभी तक परिवादिनी को क्लेम का भुगतान नहीं किया गया। अतः विवष होकर परिवादिनी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
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3. विपक्षी बीमा कंपनी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्रष्नगत वाहन का बीमा होना स्वीकार किया गया व वाहन का नुकसान का सर्वे किया जाना स्वीकार किया गया। विपक्षी की ओर से कहा गया कि परिवादिनी के नुकसान का आकलन क्वालीफाइड इंजीनियर/ लाॅस एसेसर द्वारा किया गया था और नियमानुसार कटौती करने के पष्चात रू0 87,416.00 का आकलन किया गया था। कटौती साल्वेज व डेप्रीसिएषन के संदर्भ में की गयी थी। क्योंकि परिवादिनी ने साल्वेज कंपनी को नहीं दिया था। परिवादिनी द्वारा जो धनराषि की मांग की है, वह बढ़ा-चढ़ाकर की गयी है। विपक्षी की ओर से कोई देरी नहीं की गयी। अतः परिवाद खारिज होने योग्य है।
परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. परिवादिनी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 08.05.06 एवं 26.06.07 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में बीमा पाॅलिसी की प्रति, अनुज्ञा पत्र की प्रति, कैषमेमो की प्रति, बिल की प्रति, कैषमेमो की प्रति, पत्र दिनांकित 15.07.05, 10.02.06 व 16.11.05 की प्रतियां तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में डी.के. कंथरा का षपथपत्र दिनांकित 30.11.09 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में रवीकांत अवस्थी की इनवेस्टीगेषन रिपोर्ट की प्रति, फार्म-54 की प्रति, मोटर सर्वे रिपोर्ट की प्रति, एसेसमेंट की प्रति एवं लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
7. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं परिवादी द्वारा दाखिल लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत परिवाद मा0 राज्य आयोग के द्वारा अपील सं0
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-1760/2008 दि न्यू इण्डिया इंष्योरेन्स कंपनी लि0 बनाम श्रीमती सीता नौलखा में पारित निर्णय/आदेष के द्वारा उभयपक्षों को सुनवाई एवं समुचित साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करने के उपरान्त गुण-दोश के आधार पर निस्तारित किये जाने हेतु निर्देषित किया गया है। मा0 राज्य आयोग द्वारा उपरोक्त निर्णय/आदेष मूल परिवाद सं0-375/06 श्रीमती सीता नौलखा बनाम दि न्यू इण्डिया इंष्योरेन्स कंपनी प्रा0लि0 में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेष दिनांकित 08.08.08 को निरस्त करते हुए पुनः सुनवाई का आदेष पारित किया गया।
मा0 राज्य आयोग द्वारा अपने उपरोक्त अपीलीय निर्णय के प्रश्ठ सं0-5 में स्पश्ट रूप से यह कहा गया है कि, ’’यह विवादास्पद बिन्दु है कि वाहन चालक एस0पी0 गुप्ता के पास दुर्घटना के समय वाहन को चलाने का एल0एम0वी0 नान ट्रांसपोर्ट लाइसेंस था एवं केवल ट्रांसपोर्ट ओनली चलाये जाने का लाइसेंस उसे दिया गया था। इस बिन्दु पर विस्तारपूर्वक विवेचना किया जाना न्याय के हित में आवष्यक है, क्योंकि बीमा की धनराषि अपीलकर्ता द्वारा तभी देय होगी, जब कि परिवादिनी/ प्रत्यर्थी यह असंदिग्ध रूप से सिद्ध कर दे कि वाहन चालक एस0पी0 गुप्ता के पास दुर्घटना के समय वाहन को चलाने का वैध लाइसेंस था।’’ अतः अद्योहस्ताक्षरी फोरम को मात्र उपरोक्त बिन्दु पर पत्रावली रिमाण्ड होने के पष्चात पक्षकारों की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य का सम्यक विष्लेशण किया जाना और तदोपरान्त निर्णय पारित किया जाना है।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से यह भी स्पश्ट होता है कि प्रस्तुत परिवाद मा0 राज्य आयोग के द्वारा रिमाण्ड किये जाने के पष्चात किसी भी पक्ष की ओर से कोई नया साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।
1. परिवादी की ओर से फोरम का ध्यान विधि निर्णय नेषनल इंष्योरेन्स कंपनी लि0 बनाम अन्नप्पा इरप्पा नेसारिया एवं अन्य 2008 ।ब्श्र 721 में प्रतिपादित विधिक सिद्धांत की ओर आकृश्ट किया गया है। जिसमें मा0
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उच्चतम न्यायालय द्वारा यह विधिक सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है कि, ’’उक्त मामले में चालके के पास हल्का वाहन चलाने का लाइसेंस था, किन्तु चालक घटना के समय जो वाहन चला रहा था। उक्त वाहन माल ढोने के लिए था। मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रष्नगत वाहन का भार 7500 किलोग्राम से कम होने के कारण उक्त मामले में विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा परिवादी का क्लेम खारिज करना गलत माना गया है।’’ मा0 उच्चतम न्यायालय का संपूर्ण सम्मान रखते हुए स्पश्ट करना है कि प्रस्तुत मामले में तथ्यों की भिन्नता के कारण उपरोक्त विधि निर्णय का लाभ परिवादी को प्राप्त नहीं होता है।
2. परिवादी की ओर से ही विधि निर्णय अषोक गंगाधर मराठा बनाम ओरियन्टल इंष्येारेन्स कंपनी लि0 2000 ।ब्श्र 319 में प्रतिपादित विधिक सिद्धांत की ओर फोरम का ध्यान आकृश्ट किया गया है। मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा उपरोक्त मामले में यह कहा गया है कि जिस मामले में विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा जारी बीमा षर्तों में चालक के पास विषिश्ट रूप से किसी ट्रांसपोर्ट वाहन के लिए टिप्पणीयुक्त लाइसेंस की बाध्यता न की गयी हो, ऐसे मामले में हल्का वाहन चलाने वाले चालक के द्वारा भारी वाहन चलाने के आधार पर परिवादी का क्लेम निरस्त नहीं किया जा सकता। मा0 उच्चतम न्यायालय का संपूर्ण सम्मान रखते हुए स्पश्ट करना है कि तथ्यों की भिन्नता के कारण उपरोक्त विधि निर्णय का लाभ भी परिवादी को प्राप्त नहीं होता है।
3. परिवादी की ओर से फोरम का ध्यान विधि निर्णय ’’ए0 संध्या सुधाकरन एवं अन्य बनाम ओरियन्ट इंष्येारेन्स कंपनी लि0 एवं अन्य 2015 ।ब्श्र 852 में प्रतिपादित विधिक सिद्धांत की ओर फोरम का ध्यान आकृश्ट किया गया है। मा0 उच्चन्यायालय कर्नाटक का संपूर्ण सम्मान रखते हुए स्पश्ट करना है कि तथ्यों की भिन्नता के कारण उपरोक्त विधि निर्णय में प्रतिपादित विधिक सिद्धांत का लाभ परिवादी को प्राप्त नहीं होता है।’’
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किन्तु मा0 राज्य आयोग द्वारा पारित उपरोक्त निर्णय/आदेष के सम्यक सिंहावलोकन से स्पश्ट होता है कि विपक्षी बीमा कंपनी का यह तर्क कि परिवादी के चालके के पास दुर्घटना के समय वाहन को चलाने का उचित लाइसेंस नहीं था, विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा, मा0 राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत किये गये हैं। विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा यह तर्क पूर्व में, जब परिवादी का मूल परिवाद निर्णीत किया गया, तब फोरम के समक्ष प्रस्तुत नहीं किये गये हैं। चूॅकि विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये ड्राईविंग लाइसेंस को गलत बताया गया है। इसलिए यह उत्तरदायित्व विपक्षी बीमा कंपनी का है कि वह प्रस्तुत परिवाद से सम्बन्धित पत्रावली के रिमाण्ड होने पर अपने उपरोक्त कथन को अपने साक्ष्यों से फोरम के समक्ष साबित करता। किन्तु विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा अपने उपरोक्त उत्तरदायित्व का पालन नहीं किया गया है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श से फोरम इस मत का है कि फोरम द्वारा पारित पूर्व निर्णय/आदेष दिनांकित 08.08.08 में पुर्नवलोकन करने के उपरान्त कोई हस्तक्षेप करने की आवष्यकता नहीं है। फोरम के तत्कालीन अध्यक्ष तथा दोनों सदस्यों द्वारा पारित निर्णय/आदेष में परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये ड्राईविंग लाइसेंस को सही माना गया है। विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा परिवादी की ओर से चालक के लाइसेंस को सही बताते हुए लाइसेंस की प्रति दाखिल की गयी है- जिसके खण्डन में विपक्षी द्वारा अवसर दिये जाने के बावजूद कोई विपरीत साक्ष्य दाखिल नहीं किया गया है।
ःःःआदेषःःः
8. मा0 राज्य आयोग द्वारा अपील सं0-1760/2008 में पारित निर्णय /आदेष के अनुपालनोपरान्त फोरम इस मत का है कि पूर्व में फोरम द्वारा पारित निर्णय/आदेष दिनांकित 08.08.08 में कोई हस्तक्षेप करने की
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आवष्यकता नहीं है। फोरम द्वारा पारित निर्णय/आदेष दिनांकित 08.08.08 की पुश्टि की जाती है। विपक्षी फोरम द्वारा पारित निर्णय/आदेष दिनांकित 08.08.08 का अनुपालन अंदर 30 दिन करे।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर। फोरम कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर। फोरम कानपुर नगर।