जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़ ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-196/2000
1- देव प्रसाद पुत्र घमसादीन
2- अछैबर नाथ पुत्र श्री देव प्रसाद
निवासीगण ग्राम परगना खंडासा त0 मिल्कीपुर जिला फैजाबाद ...........परिवादीगण
बनाम
1- न्यू इंडिया एश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड ब्रान्च आफिस 159 रिकाबगंज फैजाबाद द्वारा प्रबंधक शाखा महोदय फैजाबाद।
2- दि न्यू इंडिया एश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड द्वारा डिवीजनल मैनेजर डिवीजनल आफिस देवकाली फैजाबाद .............. विपक्षीगण
निर्णय दि0 15.03.2016
निर्णय
उद्घोषित द्वारा-श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
परिवादीगण ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध मु0 37,949.92 पैसा ब्याज सहित क्षति के रूप में दिलाये जाने हेतु योजित किया है।
संक्षेप में परिवादीगण का परिवाद इस प्रकार है कि परिवादीगण टाटा 407 वाहन सं0 यू0पी0 42 डी0 1552 के पंजीकृत सहस्वामी है तथा वाहन उपरोक्त का
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बीमा विपक्षीगण की कम्पनी में हुआ ह,ै जिसका पालिसी नं0-3142170100775 है। उक्त वाहन का बीमा दि0 03.12.99 को हुआ, जो दि0 02.12.2000 तक वैध है तथा वाहन का चालक रंगनाथ है, जिनके पास वाहन को चलाने के लिए वैध लाइसेन्स है। दि0 18.12.99 को परिवादीगण की गाड़ी जब वापस परिवादीगण के घर जा रही थी तो सुबह करीब 8 बजे एक ट्रक के द्वारा स्थान अमानीगंज से खंडासा मार्ग पर गंगा तेली के घर के पास लायक का पुरवा मौजा मोहली के पास टक्कर मारकर भाग गयी जिसका नं0 नोट नहीं हो सका। टक्कर लगने से वाहन टाटा 407, यू0पी0 42 डी0 1552 का अगला अंश क्षतिग्रस्त हो गया, जिसकी रिपोर्ट परिवादी द्वारा दि0 18.12.99 को स्थानीय थाना खंडासा फैजाबाद में की गयी और उत्तरदाता सं0-1 को गाड़ी उपरोक्त के क्षतिग्रस्त होने की सूचना परिवादी द्वारा दिया गया। वाहन उपरोक्त के क्षतिग्रस्त होने के बाद क्रेन द्वारा परिवादी ने वाहन को उसकी मरम्मत के लिए प्रयाग उद्योग लि0 फैजाबाद ले आया और प्रयाग उद्योग लिमिटेड फैजाबाद में वाहन को खड़ा करने के बाद परिवादी द्वारा उत्तरदातागण को दि0 21.12.99 को सूचित किया गया। उपरोक्त वाहन बिल्कुल नया था और प्रयाग उद्योग लिमिटेड से ही खरीदा गया था। इस कारण क्षतिग्रस्त वाहन की मरम्मत प्रयाग उद्योग लिमिटेड फैजाबाद में ही किया गया। उत्तरदाता सं0-1 द्वारा परिवादी के क्लेम के सम्बन्ध में दि0 28.04.2000 को सूचित किया गया कि मु0 39,698=00 मात्र ही स्वीकृत हुआ है। पुनः दि0 31.05.2000 को उत्तरदातागण द्वारा मु0 39,690=00 का चेक भेज दिया गया। शेष रकम देेने से विपक्षीगण ने इन्कार कर दिया।
विपक्षी ने अपने जवाब में कहा कि याचीगण का मु0 39,698=00 सर्वे कराने के उपरान्त् नुकसान पाया गया, जिसकी क्षतिपूर्ति याचीगण को उनकी पूर्ण सहमति के आधार पर भुगतान किया गया। याचीगण का उनकी पूर्ण सहमति के आधार पर मु0 39,690=00 का भुगतान दि0 31.05.2000 को कर दिया गया था। क्षतिपूर्ति दावा के सम्बन्ध में विपक्षीगण द्वारा किसी भी तरह की सेवा में कोई कमी नहीं थी। इस कारण याचीगण का यह कथन कि विपक्षी इन्श्योरेन्स कम्पनी द्वारा भुगतान के बाद जो कहा जा रहा है कि बाकी बचे भुगतान के लिए विपक्षी बीमा कम्पनी से क्षतिपूर्ति के लिए माॅंग करता रहा। सरासर मिथ्या व कपटपूर्ण कथन है। क्योंकि याचीगण द्वारा क्षतिपूर्ति का कुल व पूर्ण भुगतान प्राप्त कर लिया था।
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मैं पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य तथा विपक्षी के लिखित बहस का अवलोकन किया। परिवादीगण ने विपक्षीगण से वाहन मरम्मत का मु0 39,698=00 प्राप्त कर चुका है। परिवादी ने यह परिवाद प्रोटेस्ट के तहत नहीं योजित किया है। परिवादी का वाहन सं0-यू0पी0 42 डी0 1552 वाणिज्यिक वाहन है। वाणिज्यिक वाहन से सम्बन्धित कोई भी परिवाद उपभोक्ता संरक्षण के जिला न्यायालय को सुनने का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। परिवादीगण ने अपने परिवाद में वाहन के क्षतिग्रस्त के सम्बन्ध में कुल धनराशि 77,639=00 की माॅंग किया है, जबकि परिवादी मु0 39,698=00 प्राप्त कर चुका है। स्टेट कमीशन उ0प्र0 ने कमलेश तिवारी बनाम मैनेजर दि न्यू इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी प् (2000) सी0पी0जे0 403 में यह सिद्धान्त प्रतिपादित किया है कि जहाॅं पर आंशिक रूप से धनराशि परिवादी ने प्राप्त कर लिया है और प्रोटेस्ट नहीं किया है, तो वह परिवाद स्वीकार नहीं किया जायेगा। इस प्रकार परिवादी का यह परिवाद वाणिज्यिक ट्रक के सम्बन्ध में है। आंशिक रूप क्षतिग्रस्त ट्रक की धनराशि स्वीकार किया है। इस प्रकार परिवादीगण का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादीगण का परिवाद खारिज किया जाता है।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 15.03.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष