Rajasthan

Churu

622/2011

nathuram - Complainant(s)

Versus

THE NEW INDIA INS. CO. - Opp.Party(s)

JAGDISH KASWA

13 Jan 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 622/2011
 
1. nathuram
VPO DEVASAR NOHAR HANUMANGARH
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Shiv Shankar PRESIDENT
  Subash Chandra MEMBER
  Nasim Bano MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

प्रार्थी की ओर से श्री जगदीश कस्वां अधिवक्ता उपस्थित।  अप्रार्थी की ओर से श्री महिमन जोशी व श्री अर्जुन सिंह अधिवक्ता उपस्थित। पक्षकारान की बहस सुनी गई। प्रार्थी अधिवक्ता ने अपनी बहस में परिवाद के तथ्यों को दौहराते हुए तर्क दिया कि इस मंच में प्रार्थी ने परिवाद में वर्णित वाहन के क्लेम हेतु एक परिवाद 371/2010 प्रस्तुत किया था। जिसमें माननीय मंच ने यह आदेश दिया था कि प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां फिटनेश व टेम्परेरी रजिस्ट्रेशन प्रस्तुत करने पर अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी के प्रकरण का 3 माह में निस्तारण करे। प्रार्थी ने मंच के आदेश की पालना में दस्तावेज अप्रार्थी बीमा कम्पनी को सौंप दिये उसके बावजूद भी अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रार्थी के प्रकरण का गुणावगुण व पर निस्तारण नहीं किया। अप्रार्थी बीमा कम्पनी बीमा कम्पनी का उक्त कृत्य सेवादोष की श्रेणी में आता है। इसलिए प्रार्थी अधिवक्ता ने परिवाद स्वीकार करने का तर्क दिया। अप्रार्थी बीमा कम्पनी अधिवक्ता प्रार्थी अधिवक्ता के तर्कों का विरोध करते हुए तर्क दिया कि प्रार्थी ने इस मंच के पूर्व आदेश दिनांक 28.12.2010 की पालना में आज तक वाहन के फिटनेश प्रमाण-पत्र की प्रति प्रस्तुत नहीं की। केवल मंच के आदेश व प्रार्थना-पत्र की प्रति प्रस्तुत की थी। फिटेनश के अभाव में प्रार्थी के प्रकरण का निस्तारण नहीं किया गया। प्रार्थी ने इस मंच के पूर्व आदेश की पालना आज तक नहीं की है। इसलिए परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।

           हमने उभय पक्षों के तर्कों पर मनन किया। पत्रावली का ध्यान पूर्वक अवलोकन किया गया। मंच का निष्कर्ष निम्न प्रकार है।

           वर्तमान प्रकरण में हमने इस मंच के पूर्व आदेश दिनांक 28.12.2010 का अवलोकन किया जिसमें मंच द्वारा जो आदेश दिया वह इस प्रकार है ‘‘ परिवादी तो यदि फिटनेस हो तो पेश कर सके। और विपक्षी भी सर्वेयर रिपोर्ट को देखकर मुनाफा आदेश दो माह में करे। टेम्पररी रजिस्टर पर तो क्लेम खारिज करना उचित नहीं लेकिन फिटनेस ना होने पर अलग बात है। विपक्षी दस मामले को तीन माह में तय कर देगा। यदि परिवादी इस आदेश से व्यथित होगा तो वह पुनः मंच के समक्ष परिवाद पेश करने का अधिकारी होगा। ‘‘ उक्त आदेश के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी ने आज तक अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां फिटनेस प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं किया। प्रार्थी अधिवक्ता ने बहस में यह तर्क दिया कि प्रार्थी का वाहन जिस प्रकार का है उस हेतु फिटनेस की आवश्यकता नहीं है। इसलिए अप्रार्थी बीमा कम्पनी को प्रार्थी के प्रकरण का गुणावगुण पर निस्तारण करने का आदेश करने का तर्क दिया। प्रार्थी ने अपने वाहन के फिटनेस की आवश्यकता ना हो के तथ्य का कथन अपने परिवाद व पूर्व परिवाद में नहीं किया। जिस कारण उक्त तथ्य के सम्बंध में पूर्व परिवाद व निर्णय में कोई उल्लेख नहीं हुआ। इसलिए प्रार्थी को अपने वाहन के फिटेनस की आवश्यकता न होने के तथ्य के स्पष्टीकरण हेतु मौका दिया जाना मंच की राय मंे उचित व न्यायोचित है।

           अतः अप्रार्थी बीमा कम्पनी को आदेश दिया जाता है कि वह प्रार्थी द्वारा अपने वाहन के क्लेम के सम्बंध में सभी दस्तावेज व फिटनेस के सम्बंध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने की दिनांक से 2 माह के अन्दर-अन्दर प्रार्थी के प्रकरण का गुणावगुण पर निस्तारण करेंगे। परिवाद उक्तानुसार निस्तारित किया जाता है।  प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी के निर्णय से असंतुष्ट हो तो मंच में पुनः परिवाद पेश करने हेतु स्वतन्त्र है। पत्रावली फैसला शुमार होकर दाखिल दफ्तर हो।

 

 
 
[HON'BLE MR. Shiv Shankar]
PRESIDENT
 
[ Subash Chandra]
MEMBER
 
[ Nasim Bano]
MEMBER

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