जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बाराबंकी।
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि 13.10.2020
अंतिम सुनवाई की तिथि 20.02.2023
निर्णय उद्घोषित किये जाने के तिथि 15.03.2023
परिवाद संख्याः 112/2020
हंसराज पुत्र स्व0 बृजलाल निवासी ग्राम गहरेला पोस्ट-सआदतगंज तहसील सिरौली गौसपुर जिला-बाराबंकी।
द्वारा-श्री चन्द्रेश कुमार, अधिवक्ता
श्री विजय कुमार सिंह, अधिवक्ता
बनाम
1. दि न्यू इंन्डिया इंश्योरेन्स कं0 लि0 द्वारा शाखा प्रबन्धक, शाखा कार्यालय निकट जिला जज निवास देना बैंक के
ऊपर फैजाबाद लखनऊ रोड बाराबंकी जिला-बाराबंकी।
2. उ0 प्र0 सरकार द्वारा जिलाधिकारी महोदय, बाराबंकी।
3. उ0 प्र0 सरकार द्वारा तहसीलदार महोदय, तहसील सिरौली गौसपुर जिला-बाराबंकी।
द्वारा-श्री राजकुमार वर्मा, अधिवक्ता
समक्षः-
माननीय श्री संजय खरे, अध्यक्ष
माननीय डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी, सदस्य
उपस्थितः परिवादिनी की ओर से -श्री चन्द्रेश कुमार, अधिवक्ता
विपक्षी सं0-01 की ओर से-श्री राज कुमार वर्मा, अधिवक्ता
विपक्षी सं0-03 की ओर से-श्री सुनील कुमार मौर्य, अधिवक्ता
द्वारा-डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी, सदस्य
निर्णय
परिवादी ने यह परिवाद, विपक्षीगण के विरूद्व धारा-35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 प्रस्तुत कर बीमा कम्पनी से बीमाधन रू0 5,00,000/-मय 12 प्रतिशत ब्याज सहित तथा भागदौड़, शारीरिक, आर्थिक व मानसिक क्षति रू0 1,00,000/- दावा खर्चा रू0 25,000/-तथा अधिवक्ता फीस रू0 22,000/-दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया है।
परिवादी का परिवाद में अभिकथन है कि उसकी माता कैकेई पत्नी स्व0 बृजलाल निवासी ग्राम गहरेला तहसील सिरौली गौसपुर जिला-बाराबंकी के नाम कृषि भूमि गाटा सं0-353, 354 रकबा 0.260 हे0 स्थित ग्राम गहरेला परगना दरियाबाद तहसील सिरौली गौसपुर जिला-बाराबंकी सरकारी अभिलेखों में दर्ज है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के तहत परिवादी की माता कैकेई बीमित थी। परिवादी की माता कैकेई की मोटर वाहन दुर्घटना में दि0 27.08.2019 को थाना सफदरगंज जिला-बाराबंकी में मृत्यु हो गयी थी जिसकी सूचना जी0 डी0 संख्या-25 दिनांक 02.09.2019 में सफदरगंज थाना में दर्ज करायी गयी। शव का पंचायतनामा एवं पोस्टमार्टम कराया गया। परिवादी ने मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के अंतर्गत प्राप्त होने वाली बीमित धनराशि प्राप्त करने के लिये समस्त कागजात प्राप्त कर दावा फार्म भरकर सम्बन्धित कागजात जी0 डी0, पंचनामा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, खेतौनी, परिवार रजिस्टर नकल, बैंक पासबुक आदि संलग्न कर परिवादी स्वयं व अपने भाई राजकमल के नाम से हल्का लेखपाल को अंतिम कार्यवाही हेतु सुपुर्द किया। दावा फार्म दिनांक 19.11.2019 को जिलाधिकारी को प्रेषित कर दिया गया। काफी समय बीतने के उपरान्त परिवादी ने जन सूचना अधिकार अधिनियम में विपक्षी संख्या-01 तथा क्षेत्रीय कार्यालय के प्रस्तुत दावा के सम्बन्ध में बीमित धनराशि प्रदान न किये जाने के संबंध में सूचना माँगी। क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा परिवादी को अवगत कराया गया कि दावा निरस्त कर दिया गया है। परिवादी ने विपक्षी के यहाँ नियत समय के अंतर्गत दावा प्रस्तुत किया था, परन्तु उसे बीमा क्लेम का भुगतान नहीं किया गया। अतः परिवादी ने उक्त अनुतोष हेतु प्रस्तुत परिवाद योजित किया है। परिवाद के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया गया है।
परिवादी ने सूची से सामान्य दैनिकी विवरण, पंचनामा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट सात वर्क, परिवार रजिस्टर, खतौनी, सूचना अधिकार का उत्तर दिनांक 07.09.2020, पत्र दिनांक 12.03.2020, आधार कार्ड की छाया प्रति दाखिल किया है। परिवादी द्वारा दिनांक 16.08.2021 को जी. डी., बीमा कम्पनी का पत्र दिनांक 07.09.2020, खतौनी, विपक्षी को प्रेषित पत्र दिनांक 20.07.2020 मूल रूप में तथा पंचनामा व पोस्टमार्टम रिपोर्ट दाखिल किया गया।
विपक्षी संख्या-01 द्वारा वादोत्तर दाखिल करते हुये परिवाद से सम्बन्धित सभी तथ्यों से इन्कार किया है। मात्र यह स्वीकार किया है कि याची का दावा बीमा पाॅलिसी के शर्तो के अधीन दिनांक 09.09.2020 को नो क्लेम किया गया। परिवाद पत्र कानूनन पोषणीय नहीं है। मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के अन्तर्गत यह आवश्यक है कि किसी भी रोटी अर्जक/किसान/परिवार का मुखिया की दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर तत्काल राहत हेतु सरकार द्वारा यह योजना चलायी गई है जिसके तहत बीमा कम्पनी व सरकार का अनुबन्ध हुआ है। उक्त याचिका में मृतका कैकेई के लड़को हंसराज व राजकमल के द्वारा मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के अंतर्गत तैयार कराया गया था। मृतका स्वयं परिवार की मुखिया नहीं थी, अपने परिवार रजिस्टर की नकल में स्वयं हंसराज व राजकमल अपना भरण पोषण करने में सक्षम है जो किसी के ऊपर आश्रित नहीं है तथा सब शादीशुदा है। परिवार की आर्थिक हानि नहीं हुई है इसलिये बीमा कम्पनी द्वारा यह दावा नो क्लेम किया गया। प्रकरण में नियमानुसार इन्वेस्टीगेशन कराये जाने पर याची, मृतका कैकेई के परिवार का स्वयं मुखिया या रोटी अर्जक नहीं है। गलत तौर पर मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये गलत तथ्यों के आधार पर दावा तैयार कराकर दाखिल किया गया है जो निरस्त होने योग्य है। विपक्षी संख्या-01 द्वारा वादोत्तर के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया गया है।
विपक्षी संख्या-02 व 03 द्वारा जवाबदावा दाखिल नहीं किया गया है।
परिवादी ने अपनी लिखित बहस दाखिल की है।
विपक्षी संख्या-01 व 03 द्वारा लिखित बहस दाखिल की गई है।
उभय पक्षों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथा पत्रावली पर प्रस्तुत किये गये साक्ष्यों/अभिलेखों का गहन परिशीलन किया।
परिवाद पत्र के साथ प्रस्तुत अभिलेखों/शपथपत्र इत्यादि का परीक्षण किया गया जिससे यह स्पष्ट होता है कि परिवादी की माता श्रीमती कैकेई पत्नी स्व0 बृजलाल की दुर्घटना में मृत्यु दिनांक 27.08.2019 को हुई थी जिसका मूल दावा जिलाधिकारी, बाराबंकी के माध्यम से मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के अंतर्गत प्रबंधक न्यू इंडिया इंश्योरेन्स कम्पनी लि0 को प्रेषित किया गया था। अभिलेखों से यह भी स्पष्ट है कि बीमा प्रीमियम सरकार द्वारा अदा किया जाना था जिसकी लाभार्थी श्रीमती श्रीमती कैकेई देवी थी।
किन्तु उपरोक्त बीमा योजना का लाभ लेने हेतु मुख्य शर्त यह है कि मृतक परिवार का मुखिया/रोटी अर्जक होना चाहिये। प्रश्नगत प्रकरण में परिवार रजिस्टर एवं खतौनी फसली वर्ष 1424-1429 के अवलोकन से स्पष्ट है कि मृतका के पति श्री बृजलाल की मृत्यु के उपरान्त उनकी कृषि भूमि परिवादी हंसराज, उसके भाई राज कमल एवं माता श्रीमती कैकेई देवी के नाम दर्ज हुई। चूँकि परिवार की आय का स्रोत कृषि भूमि के अतिरिक्त अन्य कोई सम्पत्ति न तो परिवाद कथानक में दर्शित है और न ही अभिलेखों में। साथ ही यह भी उल्लेखनीय है कि परिवादी की माता श्रीमती कैकेई देवी की मृत्यु के उपरान्त उनकी आय का श्रोत कृषि भूमि भी उत्तराधिकार के रूप में परिवादी एवं उसके भाई को ही मिलनी है। जिससे परिवादी मृतका पर आश्रित होना सिद्व नहीं होते है। साथ ही परिवार रजिस्टर में अंकित जन्मतिथि के अनुसार यह भी सिद्व होता है कि परिवादी लगभग चालीस वर्ष का शादीशुदा और साक्षर व्यक्ति है। चूँकि परिवादी वयस्क एवं स्वयं आय के स्रोत वाला व्यक्ति है इसलिये मृतका श्रीमती कैकेई देवी को हंसराज के परिवार का मुखिया/रोटी अर्जक माना जाना सिद्व नहीं होता है। ऐसी दशा में परिवादी अपनी स्व0 माता कैकेई देवी का बीमा दावा प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है।
परिवादी का परिवाद कथानक दाखिल अभिलेखों से प्रमाणित नहीं होता है अतः परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवाद संख्या-112/2020 निरस्त किया जाता है।
(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी) (संजय खरे)
सदस्य अध्यक्ष
यह निर्णय आज दिनांक को आयोग के अध्यक्ष एंव सदस्य द्वारा खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी) (संजय खरे)
सदस्य अध्यक्ष
दिनांक 15.03.2023