Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/991/2009

Sone Shree - Complainant(s)

Versus

The New India Ins. Co. ltd. - Opp.Party(s)

22 Oct 2020

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/991/2009
( Date of Filing : 24 Sep 2009 )
 
1. Sone Shree
Lucknow
...........Complainant(s)
Versus
1. The New India Ins. Co. ltd.
Lucknow
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  ARVIND KUMAR PRESIDENT
  SMT SNEH TRIPATHI MEMBER
  Ashok Kumar Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 22 Oct 2020
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या-991/2009                                             उपस्थित:-श्री अरविन्‍द कुमार, अध्‍यक्ष।

          श्रीमती स्‍नेह त्रिपाठी, सदस्‍य।

                                                        श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्‍य।                                          

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-24/09/2009

परिवाद के निर्णय की तारीख:-22/10/2020

श्रीमती सोनेश्री आयु लगभग 35 साल पत्‍नी स्‍व0 रामखेलावन निवासिनी ग्राम-हेमनखेड़ामजरा हथौडा, थाना-कछौनातहसील-सण्‍डीलाजिला-हरदोई।

                                                 .........परिवादिनी

                           बनाम

1-दि न्‍यू इंडिया इन्‍श्‍योरेंस कं0 लि0  नवल किशोर रोड,  हजरतगंज लखनऊ।

2-श्रीमान् तहसीलदार तहसील सण्‍डीला, जिला हरदोई।

3-श्रीमान् जिलाधिकारी – हरदोई महोदयजनपद-हरदोई।

                                                           .........विपक्षीगण।                                                                                                                    

आदेश द्वारा-श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्‍य।

                           निर्णय

परिवादिनी ने प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षी संख्‍या-01 को आदेशित किये जाने कि उ0प्र0 शासन द्वारा जारी शासनादेश के तहत वांछित बीमा धनराशि 1,00,000/-रूपये,  विपक्षीगण से वाद व्‍यय 5,000/-रूपये,  दावे की क्षतिपूर्ति राशि पर 10% ब्‍याज की दर से आदेश तिथि से भुगतान की तिथि तक दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी के पति स्‍व0 रामखेलावन पुत्र स्‍व0 नन्‍हॅूं निवासी-ग्राम-हेमनखेड़ा,  मजरा हथौडा,  थाना-कछौना, तहसील-सण्‍डीला, जिला हरदोई उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम में विहित प्राविधानों के तहत विपक्षीगण के विधिक उपभोक्‍ता थे।

परिवादिनी के पति स्‍व0 रामखेलावन पुत्र स्‍व0 नन्‍हॅूं उपरोक्‍त की दिनॉंक-5/6 मार्च, 2006 को धारदार हथियार से हत्‍या कर दी गयी, जिससे उनकी तत्‍काल आकस्मिक मृत्‍यु हो गयी। परिवादिनी के पति स्‍व0 रामखेलावन पेशे से किसान थे। उ0प्र0 सरकार द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार उ0प्र0 के समस्‍त खातेदार/किसानों (जिनकी आयु 12 वर्ष से 70 वर्ष के बीच हो) का एक वर्ष यानी दिनॉंक-16/09/2005 से 15/09/2006 तक के लिये व्‍यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजनान्‍तर्गत विपक्षी संख्‍या-01 से बीमा किया गया और सरकार द्वारा बीमे के प्रीमियम की धनराशि अदा कर दी गयी थी। परिवादिनी ने अपने पति स्‍व0 रामखेलावन पुत्र स्‍व0 नन्‍हॅूं उपरोक्‍त की आकस्मिक मृत्‍यु होने पर बीमा धनराशि प्राप्‍त करने के लिये समस्‍त कानूनी औपचारिकताऍं पूर्ण करते हुए समय सीमा के अन्‍दर विपक्षीगण संख्‍या-02 व 03 के माध्‍यम से विपक्षी संख्‍या-01 को आवेदन प्रस्‍तुत किया। परन्‍तु आज तक विपक्षी संख्‍या-01 द्वारा परिवादिनी को बीमा धनराशि का भुगतान नहीं किया गया जो उनकी सेवाओं में घोर लापरवाही प्रदर्शित करता है। परिवादिनी बार बार विपक्षीगण के कार्यालय के चक्‍कर लगाये जाते रहे और विपक्षी द्वारा कोई न कोई बहाना बनाकर परिवादिनी को टाला जाता रहा है। दिनॉंक-26/01/2009 को परिवादिनी ने अपने दिये गये प्रार्थना पत्र के संबंध में लिखित सूचना प्राप्‍त करने हेतु लोकवाणी हरदोई में लिखित शिकायत प्रस्‍तुत की गयी, जिसके परिप्रेक्ष्‍य में आज तक कोई जानकारी या सूचना भी परिवादिनी को जन सूचना अधिकारी द्वारा नहीं दी गयी।

विपक्षी संख्‍या-01 ने अपना उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत करते हुए परिवाद के अधिकांश कथनों से इनकार किया तथा अतिरिक्‍त कथन किया कि परिवादिनी विपक्षी की उपभोक्‍ता नहीं है। परिवादिनी के बीच में कोई क्रय व विक्रय नहीं हुआ है,  इस कारण परिवाद सव्‍यय निरस्‍त किये जाने योग्‍य है। परिवादिनी का स्‍वयं यह कथन कि पति की मृत्‍यु हत्‍या से हुई है,  इस कारण मामला संदिग्‍ध है,  क्‍योंकि पी0एम0आर0 आदि रिकार्ड पर नहीं है ना ही पुलिस रिपोर्ट में है ना ही यह सिद्ध है कि मृत व्‍यक्ति कोई अपराधी था अथवा नहीं। प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षी को धमकाने हेतु ब्‍लैकमेल करने की नियत से लाया गया है,  इस कारण निरस्‍त होने योग्‍य है। विपक्षी संख्‍या-01 द्वारा अपने अस्‍वीकृत पत्र (Repudiation Letter)   में उल्‍लेख किया है कि मृतक किसान के पास असंक्रमणीय भूमि दर्ज पायी गयी जिसके अनुसार कृषक के पास जो भूमि है वह कृषि योग्‍य नहीं होकर किसी अन्‍य कार्य हेतु दी गयी है, जो पंजीकृत किसान में नहीं आती। ऐसी स्थिति में दावा भुगतान योग्‍य नहीं है।

विपक्षी संख्‍या-02 एवं 03 के विरूद्ध वाद की कार्यवाही एकपक्षीय चल रही है।

उभयपक्ष ने शपथ पर अपना साक्ष्‍य प्रस्‍तुत किया है।

विपक्षी संख्‍या-01 का कथन है कि परिवादिनी के बीच कोई क्रय-व्रिकय नहीं हुआ था,  इसलिये वह उपभोक्‍ता नहीं है उचित प्रतीत नहीं होता है क्‍योंकि किसान बीमा दुर्घटना योजना के अन्‍तर्गत सरकार द्वारा समस्‍त खातेदार/किसानों के लिये बीमा प्रीमियम/किश्‍त की सम्‍पूर्ण धनराशि एकमुश्‍त अदा कर दी गयी थी। परिवादिनी लाभार्थी है। अत: परिवादिनी निश्चित रूप से उपभोक्‍ता की श्रेणी में आती है।

किसान बीमा दुर्घटना योजना के अन्‍तर्गत दुर्घटना होना पर्याप्‍त आधार है किसान के दावे के लिये, और परिवादिनी के पति की मृत्‍यु दुर्घटना में हुई है।  इसके अतिरिक्‍त उपरोक्‍त योजना में भूमि के प्रकार का उल्‍लेख नहीं किया गया है, और सिर्फ भूमि को असंक्रमणित भूमि बताकर दावा खारिज करना न्‍यायोचित नहीं है। किसी भी प्रकार के भूमि धारक किसान को किसान बीमा दुर्घटना योजना के अन्‍तर्गत आच्‍छादित किया गया है, इसलिए विपक्षी संख्‍या01 द्वारा अस्‍वीकृत पत्र (Repudiation Letter)  में दर्शाया गया आधार बलहीन है और स्‍वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसी परिस्थिति में परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

                      आदेश

परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से विपक्षी संख्‍या-01 के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है, तथा विपक्षी संख्‍या-01 को निर्देश दिया जाता है कि वह किसान दुर्घटना बीमा योजना के अन्‍तर्गत बीमित धनराशि मुबलिग-1,00,000/-(एक लाख रूपया मात्र) 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ वाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 45 दिन के अन्‍दर अदा करेंगें। साथ ही साथ वाद व्‍यय के रूप में मुबलिग-5,000/- (पॉंच हजार रूपया मात्र) भी दा करेंगे। यदि आदेश का पालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है तो उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगेतय होगा।

 

(अशोक कुमार सिंह)     (स्‍नेह त्रिपाठी)             (अरविन्‍द कुमार)

     सदस्‍य              सदस्‍य                     अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                                लखनऊ।                                           

 

 

 

 

 
 
[ ARVIND KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[ SMT SNEH TRIPATHI]
MEMBER
 
 
[ Ashok Kumar Singh]
MEMBER
 

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