़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या (3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-97/2010
रामचन्दर यादव पुत्र श्री राम नारायन यादव निवासी ग्राम अदमापुर पोस्ट बैहारी जिला फैजाबाद ....................परिवादी
बनाम
1- दि न्यू इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लि0 फैजाबाद द्वारा शाखा प्रबन्धक।
2- सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया शाखा दिलासीगंज फैजाबाद द्वारा शाखा प्रबन्धक।
3- डा0 राम शब्द पशु चिकित्साधिकारी मया बाजार फैजाबाद ................... विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 15.10.2015
निर्णय
उद्घोषित द्वारा: श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध मृतक भैंस की बीमित धनराशि तथा क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु योजित किया है।
संक्षेप में परिवादी का केस इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी सं0-2 बैंक से ऋण लेकर भैंस क्रय किया तथा उक्त भैंसों का पशु चिकित्सा प्रमाण-पत्र विपक्षी सं0-3 पशु चिकित्साधिकारी द्वारा जारी कराया जिसमें से एक काली मुर्रा भैंस
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मु0 16,000=00 में दि0 28.05.07 को चैधरी राम अचल वर्मा जनता मवेशी बाजार विजहा अलनाभारी फैजाबाद से क्रय किया। विपक्षी सं0-3 द्वारा भैंस का एनीमल हेल्थ प्रमाण-पत्र दि0 06.08.07 को जारी किया गया। उसी तिथि पर विपक्षी सं0-1 बीमा के अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा भैंस का बीमा किया गया जिसमें विपक्षी सं0-1 व 3 ने भैंस का एयर टैग सं0-यू0 1082100/07-28988 कागजात में अंकित किया, जिसका कवर नोट व बीमा पालिसी विपक्षी सं0-1 द्वारा विपक्षी सं0-2 को भेजा गया। विपक्षी सं0-1 ने बीमित भैंस का कोई कवर नोट व बीमा पालिसी परिवादी को नहीं भेजा। दुर्भाग्यवश परिवादी की बीमित भैंस दि0 03.05.09 को मर गयी, जिसका पंचनामा प्रधान मोहम्मदपुर कस्बा क्षेत्र पंचायत मया बाजार फैजाबाद द्वारा करके उसी दिन मृत बीमित भैंस विपक्षी सं0-3 द्वारा करके उसी दिन मृतक बीमित भैंस विपक्षी सं0-3 द्वारा पोस्टमार्टम करके मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी किया गया। परिवादी ने विपक्षी सं0-2 व 3 के माध्यम से मृत बीमित भैंस का मृत भैंस दावा समस्त कागजात लगाकर दि0 01.06.09 को विपक्षी सं0-1 को प्रेषित किया गया तथा उसकी द्वितीय प्रति परिवादी को भी भेजी गयी जिसमें भी विपक्षी सं0-3 ने मृत दावा आवेदन में एयर टैग नं0-यू0 1082100/07-28988 ही अंकित किया और विपक्षी सं0-1 को अग्रसारित कर दिया। विपक्षी सं0-1 ने कवर नोट व बीमा पालिसी विपक्षी सं0-2 को ही प्रेषित किया है। परिवादी को भैंस की मृत्यु के पूर्व किसी बीमा कागज की जानकारी नहीं थी और न ही अंकित टैग नम्बर की भिन्नता ही की जानकारी रही है।
विपक्षी सं0-1 ने अपने जवाब में कहा है कि परिवादी की दो भैंसों का बीमा दि0 16.05.07 को किया था जिनके टैग नं0 क्रमशः व्प्ब् 200प्थर््क्ध्48351 व व्प्ब् 200प्थर््क्ध्48301 थे। परिवादी द्वारा वर्णित टैग नं0-यू0 1082100/07-28988 न तो विपक्षी सं0-1 द्वारा जारी किया गया है और न ही उससे सम्बन्धित भैंस का बीमा किया गया है। टैग नं0-यू01082100/07-28988 की भैंस का बीमा अपने द्वारा न किये जाने के कारण विपक्षी सं0-1 ने बीमा दावा का भुगतान नहीं किया। परिवादी को बीमे के कागजात उपलब्ध कराये गये थे तथा परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से बीमे के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त किया था और उसे विपक्षी सं0-1 ने बीमा व टैग नं0.व्प्ब् 200प्थर््क्ध्48351 व व्प्ब् 200प्थर््क्ध्48301 की जानकारी भी दिया था।
विपक्षी सं0-2 ने अपने जवाब में कहा कि परिवादी ने प्रधानमंत्री रोजगार
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योजना के अन्तर्गत डेरी उद्योग चलाने हेतु वित्तीय सहायता प्राप्त करने हेतु आवेदन किया तथा टास्क फोर्स सहायता प्राप्त करने हेतु आवेदन किया तथा टास्क फोर्स कमेटी द्वारा परिवादी का नाम मिनी डेरी चलाने हेतु एक लाख रूपये की संस्तुति करते हुए महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र, फैजाबाद ने विपक्षी सं0-2 बैंक परिवादी का प्रोजेक्ट नियमानुसार विचारोपरान्त् स्वीकृत करने के लिए अग्रसत किया। विपक्षी सं0-2 बैंक ने परिवादी के मिनी डेरी प्रोजेक्ट पर विचार करते हुए नियमानुसार मु0 87,500=00 का ऋण स्वीकृत कर दिया जिस सम्बन्ध में ऋण मंजूरी की शर्तो के अनुसार परिवादी ने दि0 16.03.07 को उक्त ऋण के सम्बन्ध में सिक्योरिटी के कागजात पर हस्ताक्षर करके निष्पादित किया है तथा परिवादी के पिता श्री राम नरायन यादव पुत्र श्री राम दत्त यादव निवासी ग्राम अदमापुर पोस्ट बैहारी जिला फैजाबाद में उक्त ऋण की शर्तो के अनुसार ऋण 9 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर पर स्वीकृत किया गया था तथा उसकी अदायगी ब्याज सहित साठ मासिक किश्तों में करनी थी। विपक्षी सं0-1 ने विपक्षी बैंक को कोई कवर नोट व बीमा पालिसी नहीं प्रेषित किया है। विपक्षी सं0-1 ने दि0 30.08.09 को एक पत्र विपक्षी बैंक को भेजा है जिसमें यह कहा गया है कि प्रपत्र भरकर/भरवाकर शीघ्र प्रेषित करें जिससे दावा निपटान की अग्रिम कार्यवाही की जा सके। उक्त पत्र के अनुपालन में विपक्षी बैंक ने उसी दिन दि0 03.09.09 को परिवादी राम चन्दर पुत्र राम नरायण का दावा फार्म पूर्ण करके विपक्षी सं0-1 दि न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, रिकाबगंज फैजाबाद को जरिये परिवादी राम चन्दर वापस कर दिया गया था। परिवादी की भैंस के इयर टैग नम्बर की भिन्नता की जानकारी उत्तरदाता बैंक को नहीं है। यदि भिन्नता है तो इसकी जिम्मेदारी परिवादी और विपक्षी सं0-1 की है।
विपक्षी सं0-3 ने अपने जवाब में कहा कि परिवादी द्वारा उत्तरदाता को रामअचल वर्मा जनता मवेशी बाजार बिजडा अलनाभारी फैजाबाद द्वारा क्रय रसीद दि0 28.05.07 व साथ में क्रय की गयी भैंस का परीक्षण कराया था उस समय परीक्षण के उपरान्त् भैंस का स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र जारी किया गया था और उसी समय भैंस के कान में टैग नं0-28988 लगाया गया था। परिवादी द्वारा दि0 03.05.09 को सूचित किया गया था उसकी एक भैंस की अचानक बीमारी के कारण मृत्यु हो गयी है जिसका शव परीक्षण कराना नितान्त आवश्यक है जिसके आधार पर उत्तरदाता मृतक भैंस का शव परीक्षण ग्राम अदमापुर में जाकर किया था तथा मृतक भैंस के कान में लगा हुआ टैग नं0-28988 परिवादी को कान के साथ सुरक्षित रखने के लिए दिया था।
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मैं परिवाद में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया तथा परिवादी का लिखित बहस का अवलोकन किया। परिवादी ने विपक्षी सं0-2 से लोन लेकर काली मुर्रा भैंस मु0 16,000=00 में लिया था। परिवादी की भैंस दि0 03.05.09 को मर गयी। परिवादी की भैंस का बीमा विपक्षी सं0-1 के यहाॅं था। इस परिवाद में केवल विवाद इतना है कि परिवादी अपने मृतक भैंस का टैग नं0-यू01082100/07-28988 बताया है। इस टैग की पुष्टि विपक्षी सं0-3 डा0 राम शब्द ने भी किया है तथा विपक्षी सं0-2 सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया ने किया है। केवल विपक्षी सं0-1 दि न्यू इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी टैग को गलत बताया है। परिवादी ने कागज सं0-1/9 विपक्षी सं0-1 द्वारा जारी पालिसी की छायाप्रति दाखिल किया है, जिसमें व्प्ब् 200प्थर््क्ध्48351 व व्प्ब् 200प्थर््क्ध्48301 अंकित ह,ै जिसके आखिरी नम्बर को टैग नम्बर बताया है। टैग नम्बर मिलान न होने के कारण विपक्षी बीमा कम्पनी ने परिवादी को मृतक भैंस की बीमित धनराशि का भुगतान नहीं किया है। परिवादी ने लोन से भैंस लिया और यह लोन विपक्षी सं0-2 से लिया। परिवादी ने जब भैंस खरीदा तो उसके स्वस्थ होने का चिकित्सीय प्रमाण-पत्र विपक्षी सं0-3 डा0 राम शब्द पशु चिकित्साधिकारी ने दिया। स्वस्थता प्रमाण-पत्र के साथ टैग कान पर लगाया और यह टैग विपक्षी सं0-2 के समक्ष लगाया। विपक्षी सं0-2 व 3 परिवादी के मृतक भैंस का टैग नं0 एक ही मानते हैं। इस प्रकार ऋण देने वाला बैंक तथा भैंस का स्वस्थता प्रमाण-पत्र व टैग लगाने वाला डाक्टर परिवादी के टैग की पुष्टि करता है इसलिए विपक्षी सं0-1 का यह कथन कि परिवादी के भैंस का टैग नं0 गलत है यह सही नहीं माना जायेगा। विपक्षी सं0-2 व 3 जो प्रमाण-पत्र टैग का देते हैं वही टैग नं0 विपक्षी सं0-1 को दिया जाता है और भैंस का बीमा करते वक्त वही टैग नं0 बीमा पालिसी में लिखा जाता है। इस प्रकार विपक्षी सं0-1 का यह कथन कि परिवादी का टैग नं0 गलत निराधार है। अपने जवाबदावे में दो टैग नं0 लिखा है। वह इस प्रकार है व्प्ब् 200प्थर््क्ध्48351 व व्प्ब् 200प्थर््क्ध्48301। उक्त टैग नं0 में कौन सा मृतक भैंस का टैग नं0 है, स्पष्ट नहीं किया है। इस प्रकार परिवादी के मृतक भैंस के टैग नं0-यू01082100/07-28988 की पुष्टि भैंस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट तथा विपक्षी सं0-2 व 3 के जवाबदावे से होती है। विपक्षी सं0-1 के कथन की पुष्टि नहीं होती है। विपक्षी ने जो टैग नं0 बीमा पालिसी में व्प्ब् 200प्थर््क्ध्48351 व व्प्ब् 200प्थर््क्ध्48301 बीमा अवधि 16.05.07 से 15.05.2010 के मध्य रात्रि तक लिखा
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है, जबकि बीमा दि0 06.08.2007 को हुआ है। इस प्रकार विपक्षी सं0-1 का यह कथन गलत है। इस प्रकार परिवादी के साक्ष्य की विपक्षी सं0-2 व 3 के जवाबदावे व पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पुष्टि होता है। सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने गुड़गाॅंव ग्रामीण बैंक बनाम श्रीमती खजानी तथा अन्य 2013 (119) आर0डी0 23 सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यदि मृतक पशु के टैग नं0 पोस्टमार्टम से मिलते हैं और बीमा है तो परिवादी बीमित धनराशि पाने का अधिकारी होगा। परिवादी ने मु0 16,000=00 बीमित धनराशि की माॅंग किया है। इस प्रकार परिवादी बीमित धनराशि मु0 16,000=00 व वाद व्यय पाने का अधिकारी है। परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध अंशतः स्वीकार तथा अंशतः खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध अंशतः स्वीकार तथा अंशतः खारिज किया जाता है। परिवादी का परिवाद विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी सं0-2 व 3 के विरूद्ध खारिज किया जाता है। परिवादी विपक्षी सं0-1 से बीमित धनराशि मु0 16,000=00 तथा परिवाद योजित करने की तिथि से तारोज वसूली 12 प्रतिशत साधारण ब्याज पाने का अधिकारी है। इसके अतिरिक्त वाद व्यय मु0 2,000=00 तथा मानसिक क्षतिपूर्ति मु0 3,000=00 भी परिवादी विपक्षी सं0-1 से पाने का अधिकारी। विपक्षी सं0-1 परिवादी को उपरोक्त धनराशि निर्णय एवं आदेश की तिथि से एक माह के अन्दर अदा कर देवें।
( विष्णु उपाध्याय ) ( माया देवी शाक्य ) ( चन्द्र पाल )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 15.10.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) ( चन्द्र पाल )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष