Rajasthan

Nagaur

CC/34/2015

Rameshwarlal Vishnoi - Complainant(s)

Versus

The New India Ass. Com Ltd. - Opp.Party(s)

Sh Satpal Sinwar

01 Dec 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/34/2015
 
1. Rameshwarlal Vishnoi
Vill- Alai
Nagaur
Rajasthan
...........Complainant(s)
Versus
1. The New India Ass. Com Ltd.
Nehru Palace, Ii floor, Tonk Road, Jaipur
Jaipur
Rajasthan
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Brijlal Meena PRESIDENT
 HON'BLE MR. Balveer KhuKhudiya MEMBER
 HON'BLE MRS. Rajlaxmi Achrya MEMBER
 
For the Complainant:Sh Satpal Sinwar, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, नागौर

 

परिवाद सं. 34/2015

 

रामेष्वरलाल पुत्र श्री सुखदेवराम, जाति-विष्नोई, निवासी ग्राम- अलाय, तहसील व जिला-नागौर (राज.)।                                                                                                                                                                                                                                -परिवादी    

 

बनाम

 

1.            दी न्यू इण्डिया इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, क्षेत्रीय कार्यालय जयपुर जरिये मुख्य क्षेत्रीय प्रबन्धक, नेहरू प्लेस, द्वितीय तल, टोंक रोड, जयपुर, राजस्थान।

2.            दी न्यू इण्डिया इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिये शाखा प्रबन्धक, शाखा कार्यालय, डीडवाना रोड नागौर, तहसील व जिला नागौर (राज.)।

 

                               

               

                                                                -अप्रार्थी

 

समक्षः

1. श्री बृजलाल मीणा, अध्यक्ष।

2. श्रीमती राजलक्ष्मी आचार्य, सदस्या।

3. श्री बलवीर खुडखुडिया, सदस्य।

 

उपस्थितः

1.            श्री एलआर ज्याणी, अधिवक्ता, वास्ते प्रार्थी।

2.            श्री कालूराम सांखला, अधिवक्ता वास्ते अप्रार्थीगण।

 

    अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ,1986

 

                          आ  दे  श                    दिनांक 01.12.2015

 

 

1.            परिवाद-पत्र के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने अपने वाहन त्श्र 21/ ळ। 7161 का बीमा अप्रार्थीगण से बीमित अवधि दिनांक 17.09.2011 से 16.09.2012 तक के लिए लिया हुआ था। बीमित अवधि में दिनांक 22.08.2012 को उक्त वाहन अन्य वाहन से टकराने से दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना की सूचना बीमा कम्पनी को दी गई। कम्पनी की ओर से मुआयना किया गया। क्लेम प्रस्तुत किया गया। सर्वेयर ने दिनांक 14.11.2012 को सर्वे रिपोर्ट तैयार की। क्षतिग्रस्त वाहन की साल्वेज कीमत एक लाख रूपये आंकी गई। अप्रार्थीगण ने साल्वेज कीमत चार लाख रूपये मानते हुए परिवादी के हक में वाहन छोडते हुए 7,67,000/- रूपये का भुगतान परिवादी को किया। सर्वेयर रिपोर्ट के मुताबिक क्षतिग्रस्त वाहन की साल्वेज कीमत एक लाख रूपये से कम थी, परन्तु मनमर्जी से बिना किसी आधार के परिवादी पर दबाव बनाते हुए साल्वेज की कीमत चार लाख रूपये काट ली जो कि गलत है। क्षतिग्रस्त वाहन में चालीस किलोग्राम ओवरलोड को आधार मानते हुए अवमानक हेतु राषि 3,89,500/- रूपये की कटौती करते हुए 7,67,000/- रूपये स्वीकृत किये। इस प्रकार से परिवादी को आंषिक भुगतान किया गया। जबकि वाहन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका है। अतः अप्रार्थीगण से षेश क्षति राषि 12,23,000/- रूपये मय हर्जा-खर्चा दिलाये जायें।

 

2.            अप्रार्थीगण का जवाब संक्षेप में निम्न प्रकार है। उनका मुख्य रूप से कहना है कि सर्वेयर की रिपोर्ट के अनुसार क्षति की गणना कर साल्वेज की कीमत घटाकर परिवादी को 7,67,000/- रूपये का भुगतान कर दिया। साल्वेज की कीमत कम की गई क्योंकि वाहन ओवरलोड था। सम्पूर्ण राषि 7,67,000/- रूपये का भुगतान परिवादी को कर दिया गया है। इस प्रकार परिवादी  ने भुगतान स्वीकार कर लिया है। अब कोई राषि षेश नहीं है अतः परिवाद-पत्र खारिज किया जाये।

 

3.            बहस उभयपक्षकारान सुनी गई। जहां तक साल्वेज राषि का प्रष्न है दोनों ही पक्ष अप्रार्थीगण द्वारा नियुक्त सर्वेयर श्री सुनील माथुर द्वारा तैयार की गई सर्वे रिपोर्ट प्रदर्ष 13 पर विष्वास करते हैं, इस सम्बन्ध में कोई भी आपति या खण्डन प्रस्तुत नहीं हुआ है। चूंकि सर्वेयर ने साल्वेज राषि 4,00,000/- रूपये निर्धारित की है परन्तु अप्रार्थीगण ने एक लाख रूपये साल्वेज राषि ही परिवादी को अदा की है।

           परन्तु मुख्य विवाद पक्षकारों के बीच दुर्घटना के वक्त वाहन में क्षमता से अधिक चालीस किलोग्राम वजन ओवरलोड मानते हुए 3,89,500/- रूपये की कटौती की गई है, उसे लेकर है।                     

          परन्तु हमारी राय में अप्रार्थीगण ने चालीस किलोग्राम वजन ओवरलोड मानते हुए जो विवादित राषि 3,89,500/- रूपये काटी है, वह सही नहीं है क्योंकि स्वयं अप्रार्थीगण के दस्तावेज प्रदर्ष 11 के मुताबिक इस राषि की कटौती नहीं की जा सकती कारण कि अप्रार्थी बीमा कम्पनी के डिविजनल मैनेजर ने अपनी नोटिंग में इस बात को स्वीकार किया है कि जो ओवरलोड वजन है वह 0.16 प्रतिषत है जो कि नगण्य है इससे दुर्घटना पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पडा है। यहां इस बात का भी उल्लेख करना सुसंगत एवं उचित होगा कि जो दुर्घटना कारित हुई है, वह परिवादी के वाहन में चालीस किलोग्राम जो ओवरलोड वजन बताया गया है उसके कारण नहीं हुई हैै। यह कारण हो भी नहीं सकता चूंकि उक्त वाहन दुर्घटनाग्रस्त अन्य वाहन के चालक की गफलत एवं लापरवाही से वाहन को चलाकर टक्कर मारने से हुआ है। इस प्रकार से अप्रार्थीगण ने विवादित ओवरलोड वजन के आधार पर बीमित राषि में से 3,89,500/- रूपये की कटौती की है वह सही नहीं है, विधि विरूद्व है न्यायोचित नहीं है। अतः इस हद तक प्रार्थी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है।

 

 

 

 

 

 

आदेश

 

4.            आदेष दिया जाता है कि अप्रार्थीगण, परिवादी को 3,89,500/- रूपये परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख से तारकम वसूली 9 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से समस्त रकम एक माह के अन्दर अदा करें।

 

                आदेश आज दिनांक 01.12.2015 को लिखाया जाकर खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

।बलवीर खुडखुडिया।    ।बृजलाल मीणा।   ।श्रीमती राजलक्ष्मी आचार्य।

     सदस्य               अध्यक्ष                 सदस्या

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Brijlal Meena]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Balveer KhuKhudiya]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Rajlaxmi Achrya]
MEMBER

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