Uttar Pradesh

StateCommission

CC/19/2020

M/S Shubham Refrigeration - Complainant(s)

Versus

The Nainital Bank Ltd - Opp.Party(s)

Yogesh Chandra Bhatt, Amol Kumar, D.N. Shah, Sanjay Shukla

10 Jan 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/19/2020
( Date of Filing : 30 Jan 2020 )
 
1. M/S Shubham Refrigeration
Situated at 76 Ishwarpuri Sector 8 Nagar Lucknow Through its Proprietor Ramanand Yadav
...........Complainant(s)
Versus
1. The Nainital Bank Ltd
Situated at Bhatia Plaza Gomti nagar Lucknow Through its Senior Branch Manager
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 10 Jan 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

परिवाद संख्‍या-19/2020

(मौखिक)

1. मै0 शुभम रेफ्रीजरेशन, स्थित 76 ईश्‍वरपुरी सेक्‍टर-8, इन्दिरा नगर, लखनऊ, द्वारा प्रोप्राइटर रामानन्‍द यादव

2. रामानन्‍द यादव, उम्र लगभग 39 वर्ष, पुत्र अनोखेलाल यादव, निवासी- एल-4/154, विनय खण्‍ड गोमती नगर, लखनऊ

                                    ........................परिवादीगण

बनाम

1. दि नैनीताल बैंक लिमिटेड, स्थित भाटिया प्‍लाजा, गोमती नगर लखनऊ द्वारा सीनियर ब्रांच मैनेजर

2. दि नैनीताल बैंक लिमिटेड, रजिस्‍टर्ड आफिस स्थित जी0बी0 पन्‍त रोड, नैनीताल द्वारा डायरेक्‍टर

3. फ्यूचर जनरल इण्डिया इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड, सप्‍तम तल, नं0 705, रतन स्‍क्‍वायर, 20-ए, वी0एस0 मार्ग, लखनऊ, उत्‍तर प्रदेश 226001 लखनऊ, द्वारा ब्रांच मैनेजर

4. फ्यूचर जनरल इण्डिया इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड, कारपोरेट एण्‍ड रजिस्‍टर्ड आफिस स्थित छठा तल टावर 3 इण्डियाबुल्‍स फाइनेंस सेन्‍टर सेनापति बापत मार्ग, एल्फिनस्‍टोन रोड, मुम्‍बई-400013, द्वारा डायरेक्‍टर/मैनेजिंग डायरेक्‍टर

                                         ...................विपक्षीगण

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य। 

परिवादीगण की ओर से उपस्थित : श्री डी0एन0 साहा,  

                              विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी सं0 1 व 2 की ओर से उपस्थित : श्री देशदीपक बाजपेयी,  

                                    विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी सं0 3 व 4 की ओर से उपस्थित : श्री तरूण कुमार मिश्रा,  

                                    विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 10.01.2023

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवादीगण  द्वारा  विपक्षीगण  से  65,00,000/-रू0,  जिसमें   से

 

-2-

40,00,000/-रू0 ऋण धनराशि एवं 25,00,000/-रू0 अतिरिक्‍त स्‍टाक की हानि है, की वसूली तथा अन्‍य क्षतिपूर्ति एवं अनुतोष हेतु यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है।

परिवादीगण के अनुसार परिवादी संख्‍या-1 प्रोप्राइटरशिप फर्म है, जो इलैक्‍ट्रानिक गुड्स, एयर कण्‍डीशनर्स, रेफ्रीजरेटर्स, टेलीवीजन, मोबाइल सेट आदि बेचने का कार्य करती है। उक्‍त व्‍यवसाय के लिए विपक्षी संख्‍या-1 व 2 नैनीताल बैंक से ऋण लिया गया था तथा विपक्षी संख्‍या-3 व 4 बीमा कम्‍पनी है, जिनके द्वारा बीमा की सेवायें परिवादी को दी गयी थी। विपक्षी संख्‍या-1 व 2 बैंक बीमा की पालिसी क्रय करने में विशेष भूमिका अदा करता रहा और उसके माध्‍यम से ही परिवादी के व्‍यवसाय हेतु बीमा कराया गया। बैंक द्वारा विभिन्‍न बीमा कम्‍पनियों से परिवादी के व्‍यवसाय का बीमा कराया गया, जिसकी प्रीमियम की धनराशि परिवादी के एकाउण्‍ट से काट ली जाती थी। बैंक द्वारा परिवादी से बीमा कम्‍पनी के बारे में कोई भी राय अथवा विकल्‍प नहीं लिया गया। बैंक के ऊपर यह बाध्‍यकारी था कि वह परिवादी के स्‍टाक के लिए बीमा कराये। बैंक द्वारा दिनांक 23.01.2019 को पत्र जारी करके परिवादी को ऋण प्रदान किया गया, किन्‍तु दुर्भाग्‍य से दिनांक 06.11.2019 को एक आगजनी की दुर्घटना में परिवादी के स्‍टाक को क्षति हुई तथा उसे लगभग 65,00,000/-रू0 का नुकसान हुआ। इस दुर्घटना की सूचना तुरन्‍त विपक्षी संख्‍या-1 व 2 नैनीताल बैंक को प्रदान कर दी गयी तथा बैंक के सुझाव पर विपक्षी संख्‍या-3 व 4 बीमा कम्‍पनी को भी इसकी सूचना पत्र दिनांकित 08.11.2019 के माध्‍यम से दी गयी तथा पुलिस को इसकी सूचना दिनांक 19.11.2019 को प्रदान की गयी। बीमा कम्‍पनी द्वारा श्री अतुल कपूर नामक सर्वेयर को नियुक्‍त किया गया, जिन्‍होंने अपनी रिपोर्ट दी। परिवादी को बीमा कम्‍पनी द्वारा यह सूचना दी गयी कि बैंक द्वारा केवल परिवादी के भवन व परिसर का बीमा कराया गया था, किन्‍तु परिवादी के स्‍टाक का कोई बीमा बैंक द्वारा नहीं कराया गया, जबकि विपक्षी संख्‍या-1 व 2 बैंक ने कारपोरेट प्रबंधन के माध्‍यम से विपक्षी संख्‍या-3 व 4 से बीमा कराया था।

 

 

-3-

परिवादी के अनुसार विपक्षी संख्‍या-3 व 4 बीमा कम्‍पनी ने मनमाने तौर पर बीमा के क्‍लेम को अस्‍वीकार कर दिया। इसके अतिरिक्‍त बैंक का यह उत्‍तरदायित्‍व था कि वह अपने ऋण को सुरक्षित करने के लिए सम्‍पूर्ण बीमा कराता। इस आधार पर विपक्षीगण के विरूद्ध उपरोक्‍त अनुतोष की प्रार्थना करते हुए यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है।

विपक्षी संख्‍या-1 व 2 नैनीताल बैंक की ओर से वादोत्‍तर प्रस्‍तुत किया गया, जिसमें यह कथन किया गया कि परिवाद सही तथ्‍यों पर प्रस्‍तुत नहीं किया गया है तथा परिवादी स्‍वच्‍छ हाथों से न्‍यायालय के समक्ष नहीं आये हैं। परिवादी किसी भी क्षतिपूर्ति का अधिकार नहीं रखते हैं क्‍योंकि स्‍वयं परिवादी ने ही बीमा पालिसी नहीं ली थी, जबकि बीमा लेने का उत्‍तरदायित्‍व उन्‍हीं का था। परिवादी एक प्रोप्राइटरशिप फर्म है तथा उसके द्वारा 40,00,000/-रू0 की ओवरड्राफ्ट सुविधा बैंक से ली थी।

विपक्षी संख्‍या-1 व 2 के अनुसार बैंक का यह उत्‍तरदायित्‍व नहीं था कि वे प्रदान किये गये ऋण के सम्‍बन्‍ध में परिवादी के समस्‍त स्‍टाक का बीमा कराये। यह बीमा परिवादी द्वारा अपनी इच्‍छानुसार कराया जाना था। परिवादी बैंक ऋण के डिफाल्‍टर रहे हैं और इस ऋण से बचने के लिए यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है। परिवादी सही तथ्‍यों को न्‍यायालय से छिपाकर सहानुभूति प्राप्‍त करना चाहता है। विपक्षी बैंक का कोई उत्‍तरदायित्‍व परिवादी के स्‍टाक में हुई क्षति के सम्‍बन्‍ध में नहीं है। अत: परिवाद निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

विपक्षी संख्‍या-3 व 4 फ्यूचर जनरल इण्डिया इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड की ओर से वादोत्‍तर प्रस्‍तुत किया गया, जिसमें यह कहा गया कि बीमा कम्‍पनी के विरूद्ध कोई वाद का कारण उत्‍पन्‍न नहीं होता है तथा परिवाद पोषणीय नहीं है, बीमा कम्‍पनी परिवाद में मांगी गयी धनराशि‍ को देने का कोई उत्‍तरदायित्‍व नहीं रखती है तथा परिवादी द्वारा लिये गये तर्क आपत्तिपूर्ण है। सर्वेयर द्वारा दिनांक 01.12.2019 के स्‍थान पर दिनांक 28.11.2019 को सूचित किया गया था। परिवादी का यह कहना सही है कि बीमा पालिसी में केवल परिवादी का भवन एवं परिसर सम्मिलित  था  एवं

 

-4-

स्‍टाक सम्मिलित नहीं था, इसलिए स्‍टाक में हुई क्षति के सम्‍बन्‍ध में बीमा कम्‍पनी कोई उत्‍तरदायित्‍व नहीं रखती है। बीमा कम्‍पनी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। अत: बीमा कम्‍पनी के विरूद्ध परिवाद निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

परिवादी की ओर से प्रस्‍तुत किये गये शपथ पत्र दिनांकित 20.01.2021 के संलग्‍नक-2 के अन्तिम पृष्‍ठ के अवलोकन से स्‍पष्‍ट होता है कि परिवादी के स्‍टाक इन ट्रेड का बीमा दिनांक 29.11.2019 को लिया गया है, जो दुर्घटना की तिथि पर स्‍टाक को आच्‍छादित नहीं करता है और इस प्रकार दुर्घटना की तिथि पर परिवादी का स्‍टाक बीमा से आच्‍छादित नहीं था। पूर्व की बीमा पालिसी जो संलग्‍नक-2 के रूप में लगायी गयी है इन सभी के अवलोकन से स्‍पष्‍ट होता है कि इसमें एजेन्‍ट नेम ''एन0बी0- लखनऊ'' लिखा है, जिससे स्‍पष्‍ट होता है कि एजेन्‍ट के रूप में ''नैनीताल बैंक-लखनऊ'' का नाम अंकित है। उक्‍त पालिसी के अवलोकन से स्‍पष्‍ट है कि वर्ष 2013 के उपरान्‍त लगातार नैनीताल बैंक द्वारा एजेन्‍ट के रूप में परिवादी के स्‍टाक इन ट्रेड का बीमा कराया गया था, किन्‍तु दुर्घटना वाले वर्ष में यह दुर्घटना के उपरान्‍त दिनांक 29.11.2019 को कराया गया। अत: इस सम्‍बन्‍ध में बैंक का उत्‍तरदायित्‍व है कि उसके द्वारा समय से बीमा नहीं कराया गया। अत: नैनीताल बैंक, जिसके द्वारा सेवा में त्रुटि की गयी, अत: बैंक बीमे के अभाव में परिवादी को हुई क्षति के लिए धनराशि परिवादी को देने का उत्‍तरदायित्‍व रखता है।

जहॉं तक परिवादी को दी जाने वाली धनराशि का प्रश्‍न है, परिवादी द्वारा स्‍टाक में होने वाली हानि 40,00,000/-रू0 दर्शाते हुए    25,00,000/-रू0 अतिरिक्‍त स्‍टाक की हानि का वर्णन परिवाद के प्रार्थना वाले अनुच्‍छेद में किया है, किन्‍तु यह अतिरिक्‍त धनराशि परिवादी द्वारा साबित नहीं की गयी है। स्‍वयं परिवादी द्वारा थानाध्‍यक्ष, थाना-गाजीपुर, लखनऊ को  लिखे  गये  पत्र  दिनांकित  08.11.2019,  जो  परिवाद  के  

 

-5-

संलग्‍नक-2 के रूप में अभिलेख पर उपलब्‍ध है, के अवलोकन से स्‍पष्‍ट होता है कि परिवादी ने 40,00,000/-रू0 के नुकसान की सूचना पुलिस को दी है। अत: परिवादी को 40,00,000/-रू0 की धनराशि विपक्षी संख्‍या-1 व 2 से दिलवाया जाना न्‍यायोचित प्रतीत होता है। तदनुसार प्रस्‍तुत परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

     प्रस्‍तुत परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्‍या-1 व 2 इस आदेश की तिथि से अन्‍दर दो माह 40,00,000/-रू0 (चालीस लाख रूपया मात्र) परिवादी के स्‍टाक इन ट्रेड की क्षति के रूप में परिवादी को प्रदान करेंगे अथवा ऋण में समायोजित करेंगे। उक्‍त अदायगी दो माह के भीतर न होने पर इस धनराशि पर विपक्षी संख्‍या-1 व 2 आदेश की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज प्रदान करेंगे।

     उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

      (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                (विकास सक्‍सेना)       

              अध्‍यक्ष                          सदस्‍य       

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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