जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर
समक्ष: श्री महेन्द्र कुमार अग्रवाल - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 353/2012
नरेन्द्र कुमार पीपलीवाल पुत्र स्व. श्री लालचंद पीपलीवाल, आयु 27, निवासी मकान नं. 3497, रैगरों का मौहल्ला, रैगरों की कोठी, धाटगोट, जयपुर Û
परिवादी
ं बनाम
दी ऐशियन सेल एण्ड सर्विसेज, 301, फस्र्ट फ्लोर, आनन्द चैम्बर, रायसर प्लाजा के पास, इन्द्रा बाजार, जयपुर जरिए प्रोपराईटर Û
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री अमित सिकरिया - परिवादी
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 16.03.12
आदेश दिनांक: 07.01.2015
यह परिवाद नरेन्द्र कुमार ने दी ऐशियन सेल एण्ड सर्विसेज के प्रोपराईटर विरूद्ध अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पेश किया है । परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 12.07.2011 को विपक्षी से एक मोबाईल फोन स्पाइस मोबाईल कम्पनी का माॅडल नंबर 270 क्रय किया था जिसका ई एम आई नं. 8400060751 है । मोबाईल पर एक वर्ष की गांरटी दी गई थी । परिवादी का कथन है कि मोबाईल खरीद करने के तीन माह बाद ही खराब हो गया और उसने काम करना बंद कर दिया । दिनांक 21.09.2011 को विपक्षी को मोबाईल ठीक करने के लिए दिया गया जिसके लिए 920/- रूपए सर्विस चार्ज लिया जाना जोबसीट में निर्धारित किया तथा 3 दिन बाद फोन ले जाने का कहा गया परन्तु जब भी परिवदी मोबाईल फोन हेतु सम्पर्क करता उसे बहाना बनाकर टाल दिया जाता जिससे उसे मानसिक पीड़ा हुई व उसका समय बर्बाद हुआ। दिनांक 11.11.2011 को परिवादी मोबाईल लेने गया तब भी मोबाईल नहीं दिया गया जिससे व्यथित होकर परिवादी ने दिनांक 14.11.2011 को एक विधिक नोटिस अधिवक्ता के जरिए दिया परन्तु उसका कोई जवाब नहीं दिया गया । परिवादी ने मोबाईल ठीक करके नहीं दिया उसके लिए 50,000/- रूपए व परिवाद व्यय 5000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया गया है ।
विपक्षी की ओर से परिवाद का कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है ।
मंच द्वारा परिवादी अधिवक्ता की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
परिवादी के अधिवक्ता की ओर से बहस की गई है कि उन्होंने दिनांक 12.07.2011 को विपक्षी से एक मोबाईल फोन स्पाइस मोबाईल कम्पनी का माॅडल नंबर 270 क्रय किया था जिसका ई एम आई नं. 8400060751 है । मोबाईल पर एक वर्ष की गांरटी दी गई थी । उक्त मोबाईल खरीद करने के तीन माह बाद ही खराब हो गया और उसने काम करना बंद कर दिया । दिनांक 21.09.2011 को विपक्षी को मोबाईल ठीक करने के लिए दिया गया जिसके लिए 920/- रूपए सर्विस चार्ज लिया जाना जोबसीट में निर्धारित किया तथा 3 दिन बाद फोन ले जाने का कहा गया परन्तु जब भी परिवदी मोबाईल फोन हेतु सम्पर्क करता उसे बहाना बनाकर टाल दिया जाता जिससे उसे मानसिक पीड़ा हुई व उसका समय बर्बाद हुआ। दिनांक 11.11.2011 को परिवादी मोबाईल लेने गया तब भी मोबाईल नहीं दिया गया । परिवादी ने दिनांक 14.11.2011 को एक विधिक नोटिस अधिवक्ता के जरिए विपक्षी को दिलवाया परन्तु उसका भी कोई जवाब नहीं दिया ना ही मोबाईल लौटाया।
परिवादी ने विपक्षी द्वारा दिया गया बिल दिनांक 12.07.2011, सर्विस जाॅबसीट दिनांक 21.09.2011 , अधिवक्ता के नोटिस की काॅपी पेश की है ।
विपक्षी की ओर से परिवाद के कथन व प्रस्तुत साक्ष्य का कोई खण्डन नहीं किया गया है ऐसी स्थिति में इन पर अविश्वास किए जाने का कोई आधार मंच के समक्ष उपलब्ध नहीं है।
इस प्रकार परिवादी के सशपथ कथन व प्रस्तुत साक्ष्य से खण्डन के अभाव में यह प्रमाणित है कि परिवादी द्वारा दिनांक 12.07.2011 को एक मोबाईल हैण्डसेट विपक्षी कम्पनी का 6200/- रूपए में खरीद किया गया था जिसमें खरीदने के 3 माह पश्चात खराबी आ गई और विपक्षी ने मोबाईल हैण्डसेट को ना तो ठीक करके दिया ना ही बदला ना ही उसकी कीमत अदा की है। इस प्रकार से विपक्षीगण का यह कृत्य अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस के अन्तर्गत आता है परिणामस्वरूप यह परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है ।
आदेश
अत: परिवादी का यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है और विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि वह परिवादी के मोबाईल को एक माह की अवधि में ठीक करके वापिस लौटाएगा अन्यथा उसे मोबाईल की कीमत 6200/- रूपए अक्षरे छ: हजार दो सौ रूपए परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करेगा । इसके अलावा विपक्षी परिवादी को कारित मानसिक संताप व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5000/- रूपए अक्षरे पाॅच हजार पाॅंच सौ रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेगा। परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।
निर्णय आज दिनांक 07.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (महेन्द्र कुमार अग्रवाल)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष