Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/563/13

TRIDENT AUTO - Complainant(s)

Versus

TATA AIG MOTORS - Opp.Party(s)

SP SACHAN

24 Mar 2017

ORDER

 
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
 
   अध्यासीनः   डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
 
               
 
उपभोक्ता वाद संख्या-563/2013
मेसर्स त्रिडेन्ट आटो कम्पोनेन्ट्स प्रा0लि0 बी/16-17, साइट नं0-5 उद्योग कुंज पनकी कानपुर-01, (यू0पी0) द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर श्री षिषिर पोड्र पुत्र श्री आई0के0 पोड्र निवासी-7/20 पार्वती बंगला रोड, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
1. जनरल मैनेजर टाटा ए.आई.जी. जनरल इंष्योरेन्स कंपनी लि0 पंजीकृत कार्यालय पेनिंसुला कार्पोरेट पार्ट पीरमल टावर 9 फ्लोर गनपत राव कदम मार्ग लोअर परेल मुम्बई-400013
2. ब्रांच मैनेजर टाटा ए.आई.जी. जनरल इंष्योरेन्स कंपनी लि0 96/5 द्वितीय तल चुन्नीगंज कानपुर-208001
                           ...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 30.10.2013
निर्णय तिथिः 15.06.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.   परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षीगण से रू0 7,51,180.00 जो कि प्रष्नगत वाहन की मरम्मत के लिए परिवादी द्वारा अदा किया गया है, मय 18 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से तायूम वसूली दिलाया जाये, परिवादी के मानसिक एवं षारीरिक क्षति के लिए रू0 10,00,000.00 दिलाया जाये, परिवादी के प्रति विपक्षीगण द्वारा कारित की गयी धोखाधड़ी एवं छल के कारण कारित हुई क्षति प्रतिदिन रू0 2000.00 के हिसाब से 26 दिन के लिए परिवादी को किराये पर लिये गये वाहन के सम्बन्ध में दिलाया जाये तथा रू0 5500.00 परिवाद व्यय तथा रू0 1500.00 विधिक नोटिस के लिए दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी वाहन ।न्क्प् । 6 2ण्7 ज्क्प् ै  रजिस्ट्रेषन  नं0-न्च्.78 ब्ड.1701 
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इंजन नं0-ब्डळ002500 चेचिस नं0-ॅ।र्न्ब्ठल्ळ8ब्छव् 23021 का मालिक है। उक्त वाहन विपक्षीगण से आटो सिक्योर प्राइवेट कार पैकेज पॉलिसी के अंतर्गत बीमित है। बीमा दिनांक 27.09.13 की मध्य रात्रि तक वैध था। दिनांक 31.05.13 को अचानक प्रष्नगत वाहन रास्ते में जाम हो गया और रूक गया। जिसकी सूचना तुरन्त ऑडी वर्कषाप को दी गयी। तदोपरान्त उपरोक्त कार खींचकर लखनऊ ले जाई गयी, जहां पर लखनऊ वर्कषाप के कर्मचारियों द्वारा परिवादी को सूचित किया गया कि बरसात के कारण वाहन का इंजन जाम हो गया और क्षतिग्रस्त हो गया। कर्मचारियों द्वारा वाहन विपक्षीगण से बीमित होने की बात वर्कषाप के कर्मचारियों से बतायी गयी। विपक्षीगण के सर्वेयर के द्वारा घटना के 26 दिन के बाद परिवादी को रिपोर्ट दी गयी कि परिवादी का क्लेम प्रष्नगत वाहन के जाम होने से इंजन के क्षतिग्रस्त होने के कारण अदेय कर दिया गया है। उसके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि एयर क्लीनर में पानी भरा हुआ था। पॉलिसी की षर्त धारा-1 के अनुसार वाहन में आई उपरोक्त कमी को पॉलिसी कवर से बाहर बताया गया है। परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 के कानपुर कार्यालय में षिकायत करने पर विपक्षी सं0-2 के कानपुर कार्यालय अजीत कुमार जो कि टाटा ए.आई.जी. के द्वारा यह उत्तर दिया गया कि, ’’वाहन के इंजन में पानी चला गया, जिससे इंजन हाईड्रोस्टैटिक के कारण लॉक हो गया, जो कि पॉलिसी कवर के अंतर्गत नहीं आता है। कृपया अवगत कराना है कि इस प्रकार की क्षति अलग से प्रीमियम अदा करने पर कवर की जाती है।’’ जो कि प्रस्तुत मामले में परिवादी द्वारा नहीं अदा किया गया। परिवादी का उपरोक्त प्राविधान विपक्षी द्वारा पूर्व में नहीं अवगत कराया गया। परिवादी द्वारा विपक्षीगण के अन्य कर्मचारी मिस्टर लूईस जे0 लोबो से संपर्क करने पर भी परिवादी को कोई राहत नहीं दी गयी। वास्तव में परिवादी का प्रष्नगत वाहन उपरोक्त बीमा पॉलिसी से पूर्णतयः कवर आता है और विपक्षीगण, प्रष्नगत वाहन की मरम्मत में आये हुए व्यय के लिए बाध्य है। अंत-तो-गत्वा प्रष्नगत वाहन की निर्माणी कंपनी स्थित कार्यालय लखनऊ मेसर्स फोर व्हील आटो प्रा0 लि0 के द्वारा  
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परिवादी के द्वारा मरम्मत से सम्बन्धित बिल रू0 7,51,000.00 पर जो कि छूट दी गयी थी। किन्तु विपक्षीगण द्वारा परिवादी को कोई राहत नहीं दी गयी। बावजूद विधिक नोटिस कोई राहत नहीं दी गयी।
3. विपक्षीगण की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित कतिपय तथ्यों का खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि विपक्षीगण के द्वारा सेवा में कोई कमी कारित नहीं की गयी है। विपक्षीगण के द्वारा आई.डी.आर.ए. के द्वारा लाइसेन्स धारक स्वतंत्र सर्वेयर मेसर्स सलाहुद्दीन एवं एसोसिएट के द्वारा दी गयी रिपोर्ट के आधार पर परिवादी का क्लेम रू0 1,42,058.00 मय रू0 13,278.00 डिप्रीसिएषन जो कि इंजन की फ्लसिंग से सम्बन्धित था-अदा किया जा चुका है। प्रष्नगत वाहन में क्षति इंजन में पानी चले जाने के कारण कारित हुई है। इंजन में मात्र पानी चले जाने से खराबी नहीं आ सकती है, जब तक कि उक्त इंजन में कोई तकनीकी त्रुटि न उत्पन्न हो जाये अथवा पानी के संपर्क पर रहने पर स्टार्ट न किया जाये। प्रष्नगत बीमा के अंतर्गत इंजन में पानी चले जाने अथवा इंजन से ल्यूब्रीकेन्टस आयल के रिसाव सम्बन्धी क्षति कवर नहीं होती है। आई.डी.आर.ए. के द्वारा अतिरिक्त किष्तें अदा करने के पष्चात प्रष्नगत प्रकार की क्षतियों को प्रष्नगत बीमा कवर में लिया जा सकता है। परिवादी द्वारा कोई अतिरिक्त किष्तें इंजन में पानी चले जाने से नहीं जमा की गयी हैं। अतः परिवादी का क्लेम पॉलिसी की धारा-1, 2 (ए) के अंतर्गत क्लेम अदेय किया गया। प्रस्तुत मामले में पॉलिसी की षर्त सं0-4 के अनुसार स्वयं परिवादी को भी अपने वाहन को सुरक्षित तथा क्षति से बचाने का उत्तरदायित्व बनता है। प्रस्तुत मामले में प्रष्नगत वाहन के चालक द्वारा वाहन उस समय स्टार्ट किया गया, जबकि इंजन में पानी जा चुका था। इससे स्पश्ट होता है कि परिवादी के द्वारा पॉलिसी की षर्त सं0-4 का पालन नहीं किया गया है। फलस्वरूप विपक्षीगण का उत्तरदायित्व मात्र फ्लस आउट करने व इंजन साफ करना का था, जिसके कारण विपक्षीगण द्वारा  परिवादी को  क्षतिपूर्ति की  अदायगी की जा  चुकी है।  इस प्रकार  
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विपक्षीगण की ओर से सेवा में कोई कमी कारित नहीं की गयी हैं परिवादी स्वच्छ हाथों से फोरम के समक्ष नहीं आया हैं परिवादी को प्रष्नगत क्षति की सूचना दिनांक 08.06.13 को घटना से 8 दिन बाद दी गयी है। जिससे पॉलिसी की षर्त सं0-1 का उल्लंघन होता है। इसके बावजूद परिवादी का क्लेम पंजीकरण करके अविलम्ब पॉलिसी की षर्तों के अनुसार अदा किया गया हैं। अतः परिवाद सव्यय खारिज किया जाये।
4. परिवादी की ओर जवाबुल जवाब प्रस्तुत करके, विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत जवाब दावा में उल्लिखित तथ्यों का खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि विपक्षीगण का यह कथन असत्य है कि विपक्षीगण के द्वारा परिवादी को रू0 1,42,058.00 मय रू0 13,278.00 डिप्रीसिएषन पॉलिसी के अंतर्गत अदा किया गया है। वास्तविकता यह है कि विपक्षीगण के द्वारा प्रष्नगत वाहन की क्षतिपूर्ति के रूप में परिवादी को कोई धनराषि अदा नहीं की गयी है और नही तो इस आषय का कोई साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 29.10.13 एवं 08.01.15 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज 1/1 लगायत् 1/10 व कागज सं0-3/1 लगायत् 3/13 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. विपक्षीगण ने अपने कथन के समर्थन में मोहम्मद अजहर वासी का षपथपत्र दिनांकित 13.10.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज 2/1 लगायत् 2/18 दाखिल किया है।
निष्कर्श
7. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं परिवादी द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
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उभयपक्षों की ओर से उपरोक्त प्रस्तर-5 व 6 में वर्णित षपथपत्रीय व अन्य अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। पक्षकारों की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्यों में से मामले को निर्णीत करने में सम्बन्धित साक्ष्यों का ही आगे उल्लेख किया जायेगा।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी का प्रष्नगत वाहन दिनांक 31.05.13 को बरसात के कारण वर्शा के पानी में फंस गया, जिसके कारण इंजन में पानी चला गया। परिवादी द्वारा प्रष्नगत वाहन के पानी में फंसे होने के दौरान वाहन को स्टार्ट किया गया, जिससे वाहन का इंजन जाम होकर क्षतिग्रस्त हो गया। परिवादी द्वारा रू0 7,51,180.00 का क्लेम किया गया। विपक्षीगण के द्वारा परिवादी का क्लेम इसी आधार पर अदेय कर दिया गया कि उक्त कारणों से यदि इंजन में कोई खराबी आती है, तो वह परिवादी द्वारा ली गयी पॉलिसी के अंतर्गत कवर नहीं होती है। इस प्रकार क्षति के लिए अलग से प्रीमियम अदा करने पर पॉलिसी में प्राविधान किया जाता है। परिवादी द्वारा उक्त कथन को स्वीकार किया गया है और विपक्षीगण पर यह आरोप लगाया गया है कि विपक्षीगण द्वारा उक्त प्राविधान परिवादी को नहीं बताया गया। इसलिए विपक्षीगण इसके लिए उत्तरदायी हैं। फोरम का यह मत है कि परिवादी द्वारा यह नहीं बताया गया कि विपक्षीगण अपने उपरोक्त प्राविधान को बताने के लिए किसी नियम अथवा अधिनियम के किस प्राविधान से परिवादी को उक्त सूचना देने के लिए बाध्य हैं। अतः फोरम परिवादी के उपरोक्त कथन से सहमत नहीं है। विपक्षीगण का यह कथन है कि परिवादी को प्रष्नगत वाहन में दिनांक 31.05.13 को आई हुई क्षति के भाग के लिए विपक्षीगण उत्तरदायी थे, उसके लिए रू0 1,42,058. मय 13278.00 डिप्रीसिएषन जो कि इंजन की फ्लसिंग से सम्बन्धित था- अदा किया जा चुका है। इस अदायगी के सम्बन्ध में परिवादी का कथन यह है कि विपक्षीगण के द्वारा उक्त धनराषि परिवादी को नहीं दी गयी है। विपक्षीगण की ओर से अपने सर्वेयर की रिपोर्ट कागज सं0-2/15 लगायत् 2/17 प्रस्तुत की गयी है। जिसके अवलेकन से विदित होता है कि विपक्षीगण के सर्वेयर द्वारा डिप्रीसिएषन की कीमत लगाकर कुल क्षतिपूर्ति 
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रू0 1,42,058.00 आंकलित की गयी है। किन्तु विपक्षीगण की ओर से उक्त अदायगी के सम्बन्ध में किये गये अपने कथन के समर्थन में कोई प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। 
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में फोरम इस मत का है कि विपक्षीगण के द्वारा परिवादी को उपरोक्त धनराषि की अदायगी न करके, सेवा में कमी कारित की गयी है।
अतः फोरम का यह मत है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद रू0 1,42,058.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से परिवादी द्वारा सर्विस सेंटर को अदा किये जाने की तारीख से तायूम वसूली तक विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय दिलाये जाने हेतु स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है। 
ःःःआदेषःःः
8. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को रू0 1,42,058.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, परिवादी द्वारा सर्विस सेंटर को धनराषि अदा किये जाने की तारीख से, तायूम वसूली अदा करें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करें।
 
   (पुरूशोत्तम सिंह)      ( सुधा यादव )         (डा0 आर0एन0 सिंह)
     वरि0सदस्य       सदस्या                   अध्यक्ष
 जिला उपभोक्ता विवाद    जिला उपभोक्ता विवाद        जिला उपभोक्ता विवाद       
     प्रतितोश फोरम          प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम
     कानपुर नगर।           कानपुर नगर                 कानपुर नगर।
 
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
 
  (पुरूशोत्तम सिंह)       ( सुधा यादव )         (डा0 आर0एन0 सिंह)
     वरि0सदस्य       सदस्या                   अध्यक्ष
 जिला उपभोक्ता विवाद    जिला उपभोक्ता विवाद        जिला उपभोक्ता विवाद       
     प्रतितोश फोरम          प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम
     कानपुर नगर।           कानपुर नगर                 कानपुर नगर।  
 

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