राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील संख्या-1561/2024
मदन मोहन उपाध्याय, पुत्र स्व. बी.पी. उपाध्याय
बनाम
टाटा स्टील लि0 व 03 अन्य
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री सुरेन्द्र पाल सिंह,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 24.10.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री सुरेन्द्र पाल सिंह, उपस्थित हैं। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना।
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या-968/2009 मदन मोहन बनाम टाटा स्टील आदि में पारित आदेश दिनांक 28.08.2024 के विरूद्ध योजित की गयी है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवादी पक्ष की अनुपस्थिति के कारण परिवाद निरस्त किया गया।
हमारे विचार से प्रश्नगत आदेश दिनांक 28.08.2024 के द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने उपरोक्त परिवाद परिवादी पक्ष की अनुपस्थिति के कारण निरस्त किया है, अतएव न्याय हित में हम इस मत के हैं कि अपील 1000/-रू0 (एक हजार रूपए) हर्जे पर स्वीकार करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 28.08.2024 अपास्त किया जाए तथा प्रकरण को
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जिला उपभोक्ता आयोग को इस आग्रह/निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाए कि जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर तथा उभय पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण, यथासंभव 06 माह में करना सुनिश्चित करें।
आदेश
प्रस्तुत अपील 1000/-रू0 (एक हजार रूपए) हर्जे पर स्वीकार करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या-968/2009 मदन मोहन बनाम टाटा स्टील आदि में पारित आदेश दिनांक 28.08.2024 अपास्त किया जाता है तथा यह प्रकरण जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम, लखनऊ को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम, लखनऊ उपरोक्त परिवाद अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर तथा उभय पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए बिना परिवाद स्थगित करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण, यथासंभव 06 माह में करना सुनिश्चित करें।
अपीलार्थी द्वारा उपरोक्त हर्जे की धनराशि 1000/-रू0 (एक हजार रूपए) उपभोक्ता वेलफेयर फण्ड “Legal Aid Account” State Consumer Disputes Redressal Commission UP” के पक्ष में चार सप्ताह की अवधि में जमा की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
आशीष
कोर्ट नं0-1