Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

cc/27/2013

Subodh - Complainant(s)

Versus

Tata Sky - Opp.Party(s)

07 May 2016

ORDER


                                                                        जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

                                                                     अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
                                                                                          श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या    
                
    
                                                                               उपभोक्ता वाद संख्या-27/2013
सुबोध प्रहलादक पुत्र ब्रिज मोहन प्रहलादक निवासी-20 इण्डस्ट्रियल इस्टेट फजलगंज, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
                                                                                                        बनाम
1.    टाटा स्काई डी.टी.एच. सर्विसेज पंजीकृत कार्यालय बाम्बे डेयिंग ए0ओ0 बिल्डिंग पंदुरंग बुद्धकार मार्ग वर्ली मुम्बई द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर।
2.    टाटा स्काई सर्विस सेंटर अल्फा कम्युनीकेषन 111/50 अषोक नगर, कानपुर नगर।
                                                                               ...........विपक्षीगण
                                                                                                          परिवाद दाखिल होने की तिथिः 11.01.2013
                                                                                                          निर्णय की तिथिः 02.03.2017
                                                    डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
 ःःः                                                                              निर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी को निर्देषित किया जाये कि विपक्षीगण परिवादी को 5 मीटर अतिरिक्त केबल अथवा जितनी केबल आंतरिक कनेक्षन मूल डी.टी.एच. के लिए आवष्यक हो, परिवादी को उपलब्ध कराये अथवा विकल्प में प्रष्नगत डी.टी.एच. कनेक्षन कस्टमर आई0डी0 नं0-1000134513 को समाप्त कर दे और परिवादी द्वारा उपरोक्त विच्छेदनों से सम्बन्धित अदा की गयी धनराषि परिवादी को अदा करें, रू0 20000.00 मानसिक व षारीरिक क्षतिपूर्ति के लिए तथा परिवाद व्यय अदा करें।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी विपक्षी सं0-1 का जरिये कस्टमर आई0डी0 नं0-1000134513 का उपभोक्ता है। परिवादी विपक्षी सं0-1 द्वारा दी गयी डी.टी.एच. सेवाओं का उपभोग कर रहा है। विपक्षी सं0-2, विपक्षी सं0-1 का स्थाई प्रतिनिधि है। उपरोक्त आई0डी0 पर परिवादी द्वारा विपक्षी से 4 संयोजन लिये गये हैं, जिनमें से एक प्राईमरी संयोजन और 3 सेकेण्डरी संयोजन हैं। विपक्षी द्वारा उक्त संयोजन परिवादी को सेटअप बाक्स  पर दिये गये  थे और  समय-
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समय पर विपक्षी द्वारा उक्त सेटअप बाक्स को अपग्रेड किया गया है। कुछ समय बाद परिवादी द्वारा अपने मकान के अंदर वायरिंग करायी गयी, जिसके उपरान्त परिवादी को अतिरिक्त एच.डी.एम.आई. केबल की आवष्यकता पोर्ट को टेलीविजन से जोड़ने के लिए हुई। जिसके लिए विपक्षी के द्वारा मात्र 1.5 मीटर का केबल दिया गया, जो कि पर्याप्त नहीं था। विपक्षी सं0-2 के स्थानीय कर्मचारी/इंजीनियर के द्वारा परिवादी को राय दी गयी कि परिवादी चाहे तो मार्केट से केबल क्रय करके पोर्ट से टेलीविजन का कनेक्षन करवा सकता है। इस पर परिवादी द्वारा मार्केट से केबल मंगायी गयी। किन्तु उक्त केबल ओरिजनल न होने के कारण टेलीविजन में पिक्चर साफ नहीं आ रही थी। विपक्षी सं0-2 के इंजीनियर से संपर्क किया गया, जिनके द्वारा यह बताया गया कि जब तक ओरिजनल केबल नहीं होगी, तब तक पिक्चर साफ नहीं आयेगी। पुनः परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 से संपर्क किया गया, तो विपक्षी सं0-2 द्वारा यह स्वीकार किया गया कि ओरिजनल केबल मात्र उनके पास है और बिना ओरिजनल केवल के पिक्चर साफ दिखाई नहीं देगी। किन्तु बावजूद विधिक नोटिस विपक्षी सं0-2 द्वारा परिवादी को ओरिजनल केबल नहीं दी गयी और न ही तो परिवादी द्वारा डी.टी.एच. कनेक्षन के लिए जमा की गयी सम्बन्धित धनराषि वापस की गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवादी योजित करना पड़ा।
3.    विपक्षीगण की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि परिवादी एवं विपक्षीगण के मध्य अंषदान के आधार पर संविदा की गयी है। संविदा की षर्त के अनुसार यदि पक्षकारों के मध्य कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो उसके विनिष्चयन का अधिकार दिल्ली है। अतः इस फोरम को प्रस्तुत मामले के विनिष्चयन का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। विपक्षीगण के द्वारा उपभोक्ता  के द्वारा अनाधिकृत अथवा अनुचित प्रयोग करने पर, उक्त स्थान से दूसरे स्थान पर लगाने एवं लगे हुए स्थान से हटाने पर,उपान्तरण करने पर, फेर 
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...3...

बदल करने पर, छेड़खानी करने पर अथवा डी.टी.एच. प्रयोग के लिए प्रदत्त किये गये निर्देषों का पालन न करने के लिए यदि सेटअप बाक्स में कोई त्रुटि आती है, तो उसके लिए वारंटी प्रदान नहीं की जाती है। टाटा स्काई का सेटअप बाक्स इंस्टाल करने के लिए 1.5 मीटर एच.डी.एम.आई. का तार पर्याप्त होता है। इतना ही तार निर्माणी कंपनी एच.डी./एच.डी. पी.वी.आर. सेटअप बाक्स को टेलीविजन से संयोजित करने के लिए प्रदान करती है। सेटअप बाक्स पर टेलीविजन एक साथ रखे जाते हैं। परिवादी को उसके ई-मेल पर दिनांक 04.10.12 के पष्चात टेलीफोन के द्वारा स्पश्ट रूप से यह सूचित कर दिया गया था कि विपक्षीगण केवल 1.5 मीटर एच.डी.एम.आई. केबल ही प्रदान कर सकता है। क्योंकि उतना केबल ही निर्माणी कंपनी के द्वारा उपभोक्ता को सेटअप बाक्स टेलीविजन के साथ इंस्टाल करने के लिए प्रदान किया जाता है। परिवादी द्वारा 5 मीटर तार की मांग अपने आंतरिक वायरिंग प्रबन्धन के लिए मंगाया गया है, जिसके सम्बन्ध में स्टैण्डर्ड साईज एच.डी.एम.आई. केबल की सूचना पूर्ण विवरण के साथ परिवादी को दे दी गयी थी और यह भी सूचित कर दिया गया था कि लम्बे तार से सेटअप बाक्स से टेलीविजन की अधिक दूरी होने के कारण खराब पिक्चर आयेगी। परिवादी द्वारा आंतरिक वायरिंग के लिए विपक्षी कंपनी के अर्थात किसी अन्य तृतीय पक्ष से कार्य कराया गया है, जिससे एच.डी.एम.आई. केबल जो कि विपक्षी कंपनी के द्वारा प्रदत्त की गयी थी, से छेड़छाड़ की गयी है। इसका सम्बन्ध विपक्षी उत्तरदाता से नहीं जोड़ना चाहिए। विपक्षी सं0-1 एवं परिवादी के मध्य हुई संविदा के अनुसार अंषदान के पष्चात कोई अदायगी का प्राविधान नहीं है। बल्कि विपक्षी उत्तरदाता को उपलब्ध बैलेंस को जब्त करने का अधिकार है। संविदा के समाप्त होने पर उपभोक्ता को सम्बन्धित हार्डवेयर एवं अन्य उपभोग साधन विपक्षी को संविदा के अनुसार वापस करने होंगे। उक्त सम्पत्ति विपक्षी की होती है, जो कि विष्वास के आधार पर उपभोक्ता को प्रदान किया जाता है। जहां हार्डवेयर के साथ किसी प्रकार की टेपंरिंग अथवा क्षति कारित करने पर उत्तरदायित्व उपभोक्ता का होता है। विपक्षी कंपनी का उत्तर-दायित्व प्रष्नगत हार्डवेयर  को इंस्टाल करने का, हटाने, 
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मरम्मत और देखरेख करने का होता हैं प्रष्नगत हार्डवेयर बिना विपक्षी की सहमति के लगे हुए स्थान से हटाया नहीं जा सकता है। प्रष्नगत हार्डवेयर की क्षति होने पर विपक्षी क्षति पाने का अधिकारी है। प्रस्तुत मामले में परिवादी द्वारा विपक्षी के प्रष्नगत हार्डवेयर/संपत्ति में छेड़छाड़ करके संविदा की षर्तों का उल्लंघन किया गया है। परिवादी अथवा परिवादी के परिवार को कोई क्षति कारित नहीं हुई है। परिवादी को वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ है। अतः परिवाद खारिज किया जाये।
4.    परिवादी की ओर से जवाबुल जवाब प्रस्तुत करके, विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत जवाब दावा में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और स्वयं के द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों की पुनः पुश्टि की गयी है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 10.01.13 एवं 26.09.14 व 27.08.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगायत् 1/11 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6.    विपक्षीगण ने अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र  दिनांकित  18.09.11 व 25.03.15 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में एनेक्जर सं0-ए लगायत् डी दाखिल किया है।
निष्कर्श
7.    फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों व परिवादी की ओर से प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
8.    उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में प्रमुख विचारणीय बिन्दु यह है कि (1) क्या परिवादी द्वारा वारंटी टर्म एण्ड कंडीषन का उल्लंघन किया  गया है,
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यदि हां, तो प्रभाव? (2) क्या परिवादी द्वारा याचित 5 मीटर एच.डी.एम.आई. केबल ओरिजनल केबल देने के लिए विपक्षी बाध्य है, यदि हां तो प्रभाव?
9.    उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में विपक्षीगण की ओर से यह कथन किये गये हैं कि परिवादी द्वारा किसी थर्ड पार्टी को बुलाकर प्रष्नगत सेटअप बाक्स को प्रष्नगत टेलीविजन से संयोजन करने वाले टेलीविजन एच.डी.एम.आई. केबल जो कि मूलतः विपक्षी सं0-1 के द्वारा प्रदान किया गया था, में छेड़छाड़ की गयी है। जबकि वारंटी षर्तों के साथ यदि उपभोक्ता किसी अन्य थर्ड पार्टी के माध्यम से प्रष्नगत संयोजन में किसी प्रकार से छेड़छाड़ करवाता है, तो उसके पष्चात यदि कोई समस्या हार्डवेयर में उत्पन्न होती है, तो उसका उत्तरदायित्व विपक्षी का नहीं होता है। इस सम्बन्ध में पत्रावली के परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में यह स्वीकार किया गया है कि उसके द्वारा अपने घर के अंदर नई वायरिंग करवायी गयी और नयी वायरिंग करवाने के कारण उसे सेटअप बाक्स और टेलीविजन अलग-अलग इतनी दूरी पर रखा गया, जितना विपक्षी कंपनी के द्वारा सेटअप बाक्स प्रथम बार प्रदान करते समय दिया गया एच.डी.एम.आई. केबल 1.5 मीटर कम पड़ गया और इसके लिए उसने मार्केट से एच.डी.एम.आई. केबल क्रय किया, जो कि ओरिजनल नहीं था। जिसके लगाने के पष्चात टेलीविजन में पिक्चर की गुणवत्ता खराब हो गयी। विपक्षी की ओर से इस सम्बन्ध में प्रस्तुत वारंटी षर्त सं0-16 व 17 में उपरोक्त स्थिति में वारंटी षर्तो का उल्लंघन माना गया हो और ऐसी दषा में विपक्षी कंपनी का उत्तरदायित्व नहीं माना गया है। 
    उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में प्रस्तुत प्रथम विचारणीय बिन्दु विपक्षी के पक्ष में तथा परिवादी के विरूद्ध निर्णीत किया जाता है।
    उपरोक्त द्वितीय विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में परिवादी की ओंर से यह कथन किया गया है कि परिवादी को अपने सेटअप बाक्स को टेलीविजन से इंस्टाल करने के लिए 5 मीटर अतिरिक्त एच. डी. एम. आई. 
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केबल की आवष्यकता है, जिसे विपक्षी कंपनी के द्वारा देने से मना कर दिया गया। उक्त ओरिजनल केबल मार्केट में उपलब्ध नहीं है, इसलिए विपक्षी कंपनी उक्त केबल परिवादी को देने के लिए बाध्य है। इस सम्बन्ध में विपक्षी कंपनी की ओर से यह कथन किया गया है कि सेटअप बाक्स को टेलीविजन से संयोजित करने के लिए मात्र 1.5 मीटर एच.डी.एम.आई. केबल की आवष्यकता होती है। क्योंकि उपरोक्त दोनों ही हार्डवेयर इतनी ही दूरी पर रखे जाते हैं। निर्माता कंपनी 1.5 मीटर से अधिक एच.डी.एम.आई. केबल किसी संयंत्र के साथ प्रदान नहीं करती हैं
    उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में परिवादी द्वारा जो कथन किये गये हैं, उनको सिद्ध करने के लिए परिवादी की ओर से कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है और न ही तो अपने परिवाद पत्र में कथन किया गया है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों से यह सिद्ध नहीं होता है कि विपक्षी सं0-2 अथवा विपक्षी सं0-1 परिवादी/उपभोक्ता द्वारा याचित अतिरिक्त एच.डी.एम.आई. केबल केबल देने के लिए बाध्य हैं। उपरोक्त कारणों से प्रस्तुत विचारणीय बिन्दु परिवादी के विरूद्ध तथा विपक्षी के पक्ष में निर्णीत किया जाता है।
    उपरोक्तानुसार उपरोक्त दोनों विचारणीय बिन्दु में दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःआदेषःःः
7.     परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध खारिज किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।

        ( सुधा यादव )                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
           सदस्या                             अध्यक्ष
  जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश              जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश       
       फोरम कानपुर नगर                         फोरम कानपुर नगर।
            
 

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