(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-840/2010
Prem Shankar Saini S/O Devnandan Prasad
Versus
Tata Motors Limited & other
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अम्बरीश कौशल श्रीवास्तव, विद्धान
अधिवक्ता
प्रत्यर्थी सं0 1 की ओर से उपस्थित:- श्री राजेश चड्ढा, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी सं0 2 की ओर से उपस्थित:- श्री एम0एच0 खान, विद्धान
अधिवक्ता
दिनांक :06.11.2024
माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद संख्या-320/2007 प्रेमशंकर सैनी बनाम टाटा मोटर्स लि0 व अन्य में विद्वान जिला आयोग, गोरखपुर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 24.04.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर सभी पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि पक्षकारों के मध्य जो विवाद है, वह सिविल न्यायालय द्वारा सुनवाई करने योग्य है क्योंकि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा निश्चायक निष्कर्ष नहीं दिया जा सकता। उल्लेखनीय है कि जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सेवा निवृत्त जनपद न्यायाधीश श्रेणी के अधिकारी होते हैं, इसलिए वाहन क्रय करने के संबंध में ऋण प्राप्त करने, ऋण की अदायगी से संबंधित विवाद समुचित रूप से निस्तारण सुगमता के साथ जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा किया जा सकता है। अत: यह आदेश पूर्णता विधि-विरूद्ध है कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा इस प्रकृति के विवाद का निस्तारण नहीं किया जा सकता। अत: निर्णय/आदेश अपास्त होने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद सं0-320/2007 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 24.04.2010 अपास्त जाता है तथा प्रकरण सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद सं0-320/2007 को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए इस विवाद को उपभोक्ता विवाद मानते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण तीन माह के अंदर करना सुनिश्चित करें।
पक्षकार दिनांक 19.12.2024 को जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष उपस्थित हों।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2