जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम,रायगढ़(छ0ग0)
समक्षः सनमान सिंह, अध्यक्ष प्रकरण क्रमांक-109/2014
सुभाष पाण्डेय, सदस्य संस्थित दिनांक-06.08.2014
डाॅ.हेमलता सिंह, सदस्या
अजय प्रसाद आ0 श्री बुधन प्रसाद,
उम्र 36 वर्ष,
निवासी-वार्ड नं.9, कोकड़ीतराई किरोड़ीमल नगर
रायगढ़ (छ0ग0) ....... ......आवेदक/परिवादी
//वि रू द्ध//
1 टाटा मोटर्स लिमिटेड,
एम.एस.पी.सी.बी.यू.बाम्बे हाउस, 24 होमी मोदी
स्ट्रीट, फ्रन्ट, मुम्बई-400001
2. एम.एस.आशीष/अम्बर आटोमोबाईल्स,
मेन रोड, व्यापार विहार, बिलासपुर (छ0ग0) 495001
3. विकास यादव
निवासी-आजाद चैक किरोड़ीमल नगर
तात्कालिक(ब्रांच मैनेजर) एम.एस.अम्बर आटोमोबाईल्स
जिन्दल रोड, जानकी होटल के पास, गोरखा
रायगढ़(छ0ग0).... .... अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण
आवेदक/परिवादी सहित श्री तथागत श्रीवास्तव, अधिवक्ता।
अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 पूर्व से एकपक्षीय ।
अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा श्री महेन्द्र सिंह यादव, अधिवक्ता।
अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 स्वतः श्री विकास यादव उपस्थित।
(आ दे श)
(आज दिनांक 27/02/2015 को पारित)
सनमान सिंह, अध्यक्ष
1/ आवेदक/परिवादी ने अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के विरूद्ध 40,000/-रूपये की दर से 8 माह का आर्थिक क्षतिपूर्ति 3,20,000/-रूपये, 1,00,000/-रूपये आर्थिक एवं मानसिक क्षतिपूर्ति, 21,800/-रूपये बैंक ऋण किश्त 8 माह का 1,74,400/-रूपये, वाहन का आर.सी.बुक एवं समस्त संबंधित दस्तावेज, आर.टी.ओ. का जुर्माना राशि व बीमा राशि तथा वाद व्यय दिलाये जाने बाबत् धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत प्रस्तुत परिवाद का निवर्तन किया जा रहा है।
(2)
2/ आवेदक/परिवादी का परिवाद संक्षिप्त में इस प्रकार है कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 टाटा मोटर्स लिमिटेड का निर्माता है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 टाटा मोटर्स का अधिकृत डीलर है तथा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 का तत्कालीन मैनेजर है। आवेदक/परिवादी दिनांक 30.11.2012 को टाटा सूमो एम.यू.वी. क्रय करने हेतु 70,000/-रूपये अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 के पास जमा किया था। शेष राशि 6,10,000/-रूपये महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा से फायनेंस कराकर अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 को प्रदान किया था। आवेदक/परिवादी 6,80,000/-रूपये टाटा सूमो वाहन क्रय किया था। जिमसें वाहन की कीमत, रोड टैक्स, बीमा, हैण्डलिंग चार्ज, टी.पी/टी.आर. चार्ज भी अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को भुगतान किया गया था। आवेदक/परिवादी द्वारा वाहन का सम्पूर्ण राशि भुगतान कर दिया गया है। उसके बाद भी अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा आवेदक/परिवादी को वाहन का आर.सी.बुक(रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) प्रदान नहीं किया गया। आर.सी.बुक के बिना आवेदक/परिवादी वाहन का चालन नहीं कर पा रहा है। आवेदक/परिवादी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 से वाहन के आर.सी.बुक के संबंध में संपर्क किया तो बताया कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 रायगढ़ का ब्रांच बंद कर दिया है। आवेदक/परिवादी वाहन का आर.सी.बुक व अन्य दस्तावेज प्राप्त करने हेतु रायगढ़ से बिलासपुर का चक्कर काट रहा है। वाहन का मूल्य भुगतान करने के बाद भी अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा आवेदक/परिवादी को परेशान किया जा रहा है। दिनांक 01.12.2012 को जिंदल कंपनी में वाहन 40,000/-रूपये प्रतिमाह की दर से चालन हेतु करार किया गया, किन्तु वाहन का आर.सी.बुक नहीं होने के कारण आवेदक/परिवादी का वह करार भंग कर दिया गया। दिनांक 01.01.2013 को कंपनी ने आवेदक/परिवादी का वाहन संचालन से बाहर कर दिया। आवेदक/परिवादी वाहन क्रय करने के पश्चात् लगातार वाहन का बीमा करा रहा है। आवेदक/परिवादी महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा फायनेंस कंपनी से ऋण प्राप्त कर वाहन क्रय किया है। जिसकी मासिक किश्त 21,800/-रूपये है। उक्त राशि भी आवेदक/परिवादी वाहन की आर.सी.बुक प्राप्त किये बिना वाहन चालन किये बिना भुगतान कर रहा है। आवेदक/परिवादी अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण से कई बार वाहन के कागजात प्रदान किये जाने के संबंध में निवेदन किया। उसके बाद भी अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा आर.सी.बुक व अन्य दस्तावेज प्रदान न करने पर अपने अधिवक्ता के माध्यम से विधिक सूचना पत्र प्रेषित किया। जिसका जवाब नहीं दिया गया, इसलिए उपरोक्त अनुतोष दिलाये जाने बाबत् यह परिवाद प्रस्तुत किया है।
3/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 पूर्व से एकपक्षीय है।
4/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 एवं 3 की ओर से पृथक-पृथक जवाब प्रस्तुत किया है।
5/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 की ओर से जवाब में बताया है कि आवेदक/परिवादी द्वारा वाहन के सम्पूर्ण मूल्य का भुगतान नहीं किया है। आवेदक/परिवादी वाहन रोड टैक्स, पंजीयन के संबंध में कोई भी राशि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 को भुगतान नहीं किया है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 का रायगढ़ शाखा बंद हो गया है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 कई बार आवेदक/परिवादी को मूल रसीद प्रस्तुत करने तथा सम्पूर्ण राशि भुगतान करने कहा गया, किन्तु आवेदक/परिवादी न तो भुगतान की मूल रसीद प्रस्तुत किया और न ही सम्पूर्ण राशि भुगतान किया गया। जिसके फलस्वरूप विवाद की स्थिति
(3)
निर्मित हुई है। आवेदक/परिवादी द्वारा भुगतान की मूल रसीद प्रस्तुत की जाती है तो अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 समस्त प्रक्रियाओं का पालन करने को तत्पर है। आवेदक/परिवादी द्वारा सम्पूर्ण राशि भुगतान न करने के कारण ही वाहन का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। जिसके लिए आवेदक/परिवादी स्वयं उत्तरदायी है। आवेदक/परिवादी को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा परेशान नहीं किया जा रहा है। आवेदक/परिवादी का परिवाद निरस्त किया जावे।
6/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 की ओर से जवाब में बताया गया है कि आवेदक/परिवादी दिनांक 30.11.2012 को टाटा सूमो एम.यू.वी. क्रय करने हेतु 70,000/-रूपये जमा किया था। जिसकी प्रोविजनल रसीद पर अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 का हस्ताक्षर है। वाहन का शेष राशि 6,10,000/-रूपये महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा से फायनेंस कराकर वाहन क्रय किया है। वाहन का रोड टैक्स, बीमा, हैण्डलिंग चार्ज, टी.पी/टी.आर. चार्ज, भी अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को भुगतान किया जा चुका है। आवेदक/परिवादी आर.सी.बुक के लिए उसके पास आता रहा है। जिसके संबंध में उसने अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 को सूचित किया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा वाहन का आर.सी.बुक(रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) दिया जाना था, इसलिए मैं अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 को सूचित करता रहा हू। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 का रायगढ़ शाखा बंद हो गया है। आवेदक/परिवादी द्वारा प्रेषित नोटिस उसे प्राप्त हुआ था। जिसे आगे की कार्यवाही के लिए अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के पास भेज दिया था। आवेदक/परिवादी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 से कोई भी अनुतोष पानें का अधिकारी नहीं है।
7/ आवेदक/परिवादी की ओर से प्रस्तुत लिखित तर्क एवं दस्तावेजों का अवलोकन किया गया।
8/ आवेदक/परिवादी की ओर से आर्डर फार्म दिनांक 30.11.2012, वाहन की रसीद दिनांक 30.11.2012, बीमा पालिसी, मनी रिसिप्ट जिसमें अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 का हस्ताक्षर है दिनांक 30.11.2012, लोन जमा करने की दस्तावेज, जाब आर्डर दिनांक 01.12.2012, कपनी में लगी वाहन संबंधी दस्तावेज, अधिवक्ता नोटिस दिनांक 11.07.2014 एवं रसीद प्रस्तुत किया गया है।
9/ आवेदक/परिवादी की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक/परिवादी द्वारा क्रय किये गये वाहन का आर्डर फार्म जिसमें अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 का हस्ताक्षर है। अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा जारी वाहन रसीद, बीमा पालिसी जो दिनांक 01.01.2014 से 31.120.2014 तक बीमित है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 के पास वाहन क्रय करने हेतु 70,000/-रूपये जमा किया गया था। बैंक का स्टेटमंट आफ एकाउंट, वाहन कंपनी में लगाने का वर्क आर्डर, अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को प्रेषित अधिवक्ता नोटिस व रसीद प्र्रस्तुत किया है।
10/ आवेदक/परिवादी ने लिखित तर्क में बताया है अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 टाटा मोटर्स लिमिटेड का निर्माता है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 टाटा मोटर्स का अधिकृत डीलर है तथा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 का तत्कालीन मैनेजर है। आवेदक/परिवादी वाहन क्रय करने हेतु 70,000/-रूपये अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 के पास जमा किया था। शेष राशि 6,10,000/-रूपये महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा से फायनेंस किया
(4)
था। आवेदक/परिवादी 6,80,000/-रूपये में टाटा सूमो वाहन क्रय किया था। जिमसें वाहन की कीमत, रोड टैक्स, बीमा, हैण्डलिंग चार्ज, टी.पी/टी.आर. चार्ज अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को भुगतान किया गया था। आवेदक/परिवादी वाहन का सम्पूर्ण राशि भुगतान कर दिया गया है। आवेदक/परिवादी को वाहन का आर.सी.बुक प्रदान नहीं किया है। आर.सी.बुक के अभाव में वाहन का चालन नहीं कर पा रहा है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 रायगढ़ का ब्रांच बंद कर दिया है। आवेदक/परिवादी का यह भी तर्क है कि आवेदक/परिवादी वाहन का आर.सी.बुक व अन्य दस्तावेज प्राप्त करने हेतु रायगढ़ से बिलासपुर जाकर चक्कर काट रहा है। दिनांक 01.12.2012 को जिंदल कंपनी में वाहन 40,000/-रूपये प्रतिमाह की दर से चालन हेतु करार किया गया, किन्तु वाहन का आर.सी.बुक प्रदान न करने के कारण आवेदक/परिवादी का वह करार भंग कर दिया गया। दिनांक 01.01.2013 को कंपनी ने आवेदक/परिवादी का वाहन संचालन से बाहर कर दिया। आवेदक/परिवादी वाहन क्रय करने के पश्चात् लगातार वाहन का बीमा करा रहा है। आवेदक/परिवादी का यह भी तर्क है कि आवेदक/परिवादी महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा फायनेंस कंपनी से ऋण प्राप्त कर वाहन क्रय किया है। जिसकी मासिक किश्त 21,800/-रूपये है। अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा आर.सी.बुक व अन्य दस्तावेज प्रदान न करने पर अपने अधिवक्ता के माध्यम से विधिक सूचना पत्र प्रेषित किया था। इसलिए आवेदक/परिवादी को परिवाद में चाहे गये अनुतोष दिलायी जावे।
11/ अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है।
12/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 की ओर से तर्क में बताया है कि आवेदक/परिवादी द्वारा वाहन के सम्पूर्ण मूल्य का भुगतान नहीं किया है। आवेदक/परिवादी वाहन रोड टैक्स, पंजीयन के संबंध में कोई भी राशि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 को भुगतान नहीं किया है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 का रायगढ़ शाखा बंद हो गया है। कई बार आवेदक/परिवादी को मूल रसीद प्रस्तुत करने तथा सम्पूर्ण राशि भुगतान करने कहा गया सम्पूर्ण राशि भुगतान नहीं किया गया। जिसके फलस्वरूप विवाद की स्थिति निर्मित हुई है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 का यह भी तर्क है कि आवेदक/परिवादी भुगतान की मूल रसीद प्रस्तुत करता तो अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 समस्त प्रक्रियाओं का पालन करने को तत्पर है। आवेदक/परिवादी द्वारा सम्पूर्ण राशि भुगतान न करने के कारण ही वाहन का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। जिसके लिए आवेदक/परिवादी स्वयं उत्तरदायी है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 का यह भी तर्क है कि आवेदक/परिवादी को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा परेशान नहीं किया जा रहा है। आवेदक/परिवादी कोई भी अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है।
13/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 की ओर से तर्क में बताया है कि आवेदक/परिवादी टाटा सूमो एम.यू.वी. क्रय करने हेतु 70,000/-रूपये जमा किया था। शेष राशि 6,10,000/-रूपये महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा से फायनेंस कराकर वाहन क्रय किया है। वाहन का रोड टैक्स, बीमा, हैण्डलिंग चार्ज, टी.पी/टी.आर. चार्ज, भी अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को भुगतान किया जा चुका है। आवेदक/परिवादी आर.सी.बुक के लिए उसके पास आता रहा है। उसके द्वारा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 को सूचित किया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा वाहन का आर.सी.बुक दिया जाना था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 का यह
(5)
भी तर्क है कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 का रायगढ़ शाखा बंद हो गया है। आवेदक/परिवादी द्वारा प्रेषित नोटिस उसे प्राप्त हुआ था। जिसे आगे की कार्यवाही के लिए अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के पास भेज दिया था। आवेदक/परिवादी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 से कोई भी अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है।
14/ आवेदक/परिवादी दिनांक 30.11.2012 को टाटा सूमो एम.यू.वी. क्रय करने हेतु 70,000/-रूपये अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 के पास जमा किया था। शेष राशि 6,10,000/-रूपये महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा से फायनेंस कराकर अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 को प्रदान किया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 के अनुसार आवेदक/परिवादी द्वारा रोड टैक्स, बीमा, हैण्डलिंग चार्ज, टी.पी/टी.आर. चार्ज, भी भुगतान किया गया था। वाहन का सम्पूर्ण मूल्य व अन्य चार्जेस भुगतान करने के बाद भी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा पंजीयन प्रमाण व अन्य दस्तावेज आवेदक/परिवादी को न दिया जाना सेवा में कमी व व्यवसायिक दुराचरण के अन्तर्गत आता है। हम लोगा राय मेेंंं आवेदक/परिवादी अनावेदक /विरूद्ध पार्टी क्र.2 से वाहन संबंधित समस्त दस्तावेज व आर्थिक एवं मानसिक क्षतिपूर्ति पाने का अधिकरी है। अतः यह आदेश पारित किया जाता हैः-
अ. अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2, आवेदक/परिवादी को उसके द्वारा क्रय किये गये वाहन का पंजीयन प्रमाण पत्र तथा समस्त दस्तावेज एक महीने के भीतर देवेगा।
ब. अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2, आवेदक/परिवादी को आर्थिक एवं मानसिक क्षतिपूर्ति 25,000/-(पच्चीस हजार रूपये) तथा वाद व्यय 2,000/-(दो हजार रूपये) भी भुगतान करेगा।
(सनमान सिंह) (सुभाष पाण्डेय) (डा.हेमलता सिंह)
अध्यक्ष सदस्य सदस्या
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण
फोरम रायगढ़ (छ0ग0) फोरम रायगढ़ (छ0ग0) फोरम रायगढ़ (छ0ग0)