Uttar Pradesh

StateCommission

A/598/2018

Bharti Singh Rathaur - Complainant(s)

Versus

Tata Motors Finance Co.Ltd - Opp.Party(s)

Self

08 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2525/2015
( Date of Filing : 07 Dec 2015 )
(Arisen out of Order Dated 30/09/2015 in Case No. C/18/2007 of District Rae Bareli)
 
1. Tata Motors Ltd
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. BHarti Singh
Rae Bareli
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/597/2018
( Date of Filing : 03 Apr 2018 )
(Arisen out of Order Dated 26/02/2018 in Case No. C/90/2012 of District Rae Bareli)
 
1. Bharti Singh Rathaur
Rae Bareli
...........Appellant(s)
Versus
1. Sanghi Broters Pvt Ltd
Rae Bareli
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/598/2018
( Date of Filing : 03 Apr 2018 )
(Arisen out of Order Dated 26/02/2018 in Case No. C/127/2010 of District Rae Bareli)
 
1. Bharti Singh Rathaur
Rae Bareli
...........Appellant(s)
Versus
1. Tata Motors Finance Co.Ltd
Rae Bareli
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 08 Sep 2022
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

  1. अपील सं0 :- 2525/2015

(जिला उपभोक्‍ता आयोग रायबरेली द्वारा परिवाद सं0- 18/2007 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30/09/2015 के विरूद्ध)

टाटा मोटर्स लिमिटेड, हेविंग रेजिस्‍टर आफिस एट बाम्‍बे हाउस, 24 होमी मोदी स्‍ट्रीटए मुम्‍बई 400 001 इन्‍टीरेलिया ब्रांच आफिस एट देवा रोड़, चिनहट, लखनऊ एण्‍ड नासिक रोड़, पुणे, महराष्‍ट्र, द्वारा मैनेजर।

  1.                                                                            अपीलार्थी

बनाम

 

  1. भारती सिंह, पत्‍नी श्री संगम सिंह, निवासी ग्राम व पोस्‍ट थुलरई, तहसील डालमऊ, रायबरेली वर्तमान निवासी हाउस नं0 3178, मोहल्‍ला राणा नगरए (वर्तमान हाउस नं0 3231 मोहल्‍ला शांति नगर, नियर पुलिस लाइन, जिला रायबरेली)
  2. मोटर फेब सेल्‍स प्राइवेटलिमिटेडए फैजाबाद रोड, चिनहट, लखनऊ
  3. मोटर एण्‍ड जनरल सेल्‍स, 11, महात्‍मा गांधी मार्ग लखनऊ।
  4. संघी ब्रदर्स प्राइवेट लिमिटेड लसुडिया मोरी देवास नाका इन्‍दौरण्‍
  5. सफारी सेण्‍टर, सफारी आटोमूवर्स, ग्राम सरायंदामू, नियर कुचरिया लखनऊ-इलाहाबाद हाइवे, रायबरेली।

 

  •                                                                                      प्रत्‍यर्थीगण

                    

  1. अपील सं0 :- 597/2018

(जिला उपभोक्‍ता आयोग रायबरेली द्वारा परिवाद सं0- 90/2012 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 26/02/2018 के विरूद्ध)

भारती सिंह राठौर पत्‍नी श्री संगम सिंह राठौर निवासिनी ग्राम व पोस्‍ट थुलरई, परगना व तहसील डलमऊ, जिला रायबरेली उ0प्र0 229125

 

                                      .......अपीलार्थी

  •  

 

  1.  सांधी ब्रदर्स प्रा0लि0 लसूडि़या मोरीए आगरा मुम्‍बई रोड देवास नाका इन्‍दौर (म0प्र0)
  2.  सफारी आटो मूवर्स ग्राम/पोस्‍ट सरायंदामू निकट-कुचरिया, जिला रायबरेली द्वारा मोटर फैब सेल्‍स प्रा0लि0 सी0पी0-5 विक्रांत खण्‍ड, मेन फैजाबाद, रोड गोमती नगर लखनऊ-227101
  3.  मोटर फैब सेल्‍स प्रा0लि0 आदर्श नवीन हास्‍टल के सामने सरोजनी सदर,निकट मनिका टाकीज शहर व जिला रायबरेली द्वारा मोटर फैब सेल्‍स प्रा0लि0 सी0पी0-5 विक्रांत खण्‍ड, मेन फैजाबाद, रोड गोमती नगर लखनऊ-227101
  4.  मोटर फैब सेल्‍स प्रा0लि0 सी0पी0-5 विक्रांत खण्‍ड, मेन फैजाबाद, रोड गोमती नगर लखनऊ-227101
  5.  टाटा मोटर्स लि0 कमरा सं0 506 व 506 5 वां तल रतन रक्‍वायर बिल्डिंग निकट-चौधरी चरण सिंह सहकारिता भवन विधान सभा रोड, लखनऊ।
  6.  टाटा मोटर्स लि0 नासिक रोड, पूना, महराष्‍ट्र द्वारा प्रबंधक/स्‍वामी प्रबन्‍ध निदेशक

                                                ..........प्रत्‍यर्थीगण

  1. अपील सं0 :- 598/2018

(जिला उपभोक्‍ता आयोग रायबरेली द्वारा परिवाद सं0- 127/2010 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 26/02/2018 के विरूद्ध)

भारती सिंह राठौर पत्‍नी श्री संगम सिंह राठौर निवासिनी ग्राम व पोस्‍ट थुलरई, परगना व तहसील डलमऊ, जिला रायबरेली उ0प्र0 229125

  1.  
  2.  
  1.   टाटा मोटर्स फाइनेंस कं0लि0 तीन हाथ नाका, ज्ञान साधना कालेज, सर्विस रोड, थाणे(महराष्‍ट्र)-400604
  2.   टाटा मोटर्स लिमिटेड, नासिक रोड़ पुना (महराष्‍ट्र)
  3.   टाटा मोटर्स लि0 कमरा सं0 506 व 506ए 5 वां तल रतन रक्‍वायर बिल्डिंग निकट-चौधरी चरण सिंह सहकारिता भवन विधान सभा रोड, लखनऊ।
  4.   टाटा मोटर्स लिमिटेड ग्राम/पोस्‍ट सरायंदामू निकट-कुचरिया, जिला रायबरेली द्वारा टाटा मोटर्स लि0 कमरा नं0 506 व 506ए  5 वां तल रतन रक्‍वायर बिल्डिंग निकट-चौधरी चरण सिंह सहकारिता भवन विधान सभा रोड, लखनऊ।
  5.   मोटर फैब सेल्‍स प्रा0लि0 आदर्श नवीन हास्‍टल के सामने सरोजनी सदर,निकट मनिका टाकीज शहर व जिला रायबरेली द्वारा मोटर फैब सेल्‍स प्रा0लि0 सी0पी0-5 विक्रांत खण्‍ड, मेन फैजाबाद, रोड गोमती नगर लखनऊ-227101
  6.   मोटर फैब सेल्‍स प्रा0लि0 सी0पी0-5 विक्रांत खण्‍ड, मेन फैजाबाद, रोड गोमती नगर लखनऊ-227101
  7.   मोटर एण्‍ड जनरल सेल्‍स लि0 ग्राम/पोस्‍ट सरायंदामू, जिला-रायबरेली द्वारा मोटर एण्‍ड जनरल सेल्‍स लि0, 11, महात्‍मा गांधी मार्ग, लखनऊ
  8.   मोटर एण्‍ड जनरल सेल्‍स लि0, 11, महात्‍मा गांधी मार्ग, लखनऊ।
  9.   टाटा मोटर्स फाइनेंस लि0, विजोला काम्‍पलेक्‍स, प्रथम तल, बी0एन0 पूरब मार्ग चैम्‍बर, मुम्‍बई-400071

समक्ष

  1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य
  2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य

उपस्थिति:

अपीलार्थी टाटा मोटर्स की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:- श्री राजेश चड्ढा  

                                         विद्धान अधिवक्‍ता   

प्रत्‍यर्थी सं0 1 (भारती सिंह) की ओर से :-          श्री संगम सिंह

                                             (पति)

प्रत्‍यर्थी सं0 2 व 3 मोटर फैब्‍स की ओर से:-       श्री एम0एच0 खान

                                          विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी सं0 1 व 9 (टाटा फाइनेंस) की ओर से:-     श्री बृजेन्‍द चौधरी

                                         विद्वान अधिवक्‍ता

                                          (अपील सं0 598 में)

दिनांक:-14.09.2022

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.                  परिवाद सं0 18 सन 2007 श्रीमती भारती सिंह बनाम प्राइवेट लिमिटेड तथा अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.09.2015 के विरूद्ध अपील सं0 2525/2015 टाटा मोटर्स लिमिटेड द्वारा प्रस्‍तुत की गयी है। अपील सं0 597 भारती सिंह राठौर द्वारा प्रस्‍तुत की गयी है। अपील सं0 5(रतर 98/2018 उपभोक्‍ता परिवाद सं0 127/210 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है इस उपभोक्‍ता परिवाद का निस्‍तारण करते हुए परिवाद इस आधार पर खारिज कर दिया गया है कि परिवादिनी विपक्षीगण की उपभोक्‍ता नहीं है।
  2.           चूंकि तीनों अपीलों की विषय वस्‍तु एक ही है। अत: तीनों अपीलों का निस्‍तारण एक साथ किया जाता है।
  3.           चूंकि टाटा मोटर्स की अपील पूर्व से लम्बित है इसलिए देरी से प्रस्‍तुत की गयी दोनों अपीलों में देरी माफ की जाती है।     
  4.           परिवाद सं0 18 सन 2007 के तथ्‍यों के अनुसार परिवादिनी द्वारा अपने पति के साथ मिलकर एक ट्रक खरीदा गया, जिसकी 03 बार दुर्घटना हुई और सन 2005 तक यह ट्रक निष्‍प्रयोज्‍य हो चुका था, चलने योग्‍य नहीं रह गया था, जिसे कबाडियों के हाथ बेच दिया गया था। विपक्षी सं0 4 द्वारा नियुक्‍त अधिकारी परिवादिनी के घर पर आया और विपक्षी सं0 5 द्वारा नया मॉडल 2598 सीईएक्‍स यूरो-2, 10 टायर वाले ट्रक के निर्माण के बारे में बताया, जिस पर 40,000/- की छूट देना कहा तथा यह भी बताया कि 1,00,000/- रूपये जमा करने पर ट्रक पहुंच जायेगा और बाकी राशि का ऋण प्राप्‍त हो जायेगा, जिसकी कीमत 10,50,000/- रूपये है। इस ट्रक का पंजीकरण सं0 यूपी 33/टी 0646 है इस ट्रक की गारण्‍टी 12 माह की बतायी गयी थी और उत्‍पादन संबंधी त्रुटि होने पर तत्‍काल सही करने का आश्‍वासन दिया गया। माल लादान करने के बाद ट्रक चलाने पर ज्ञात हुआ कि ट्रक के पिछले दोनों धुरों में लगे आठो टायरों में घिसावट अधिक होती है तथा रिम, क्‍लच, प्रेशर टंकी एवं स्‍टेयरिंग में भी तकनीकी कमियां हैं मोबिल रिसता है। परिवादिनी के चालक ने विपक्षी सं0 5 के सर्विस सेण्‍टर पर गाड़ी दिखायी गयी, जहां पर केवल क्राउन व गेयर बाक्‍स का ऑयल बदला गया। पुन: 31.07.2006 को ट्रक खराब हो गया। 27,000/- रूपये लेकर ट्रक सही किया गया। इन दोनों ट्रक को इन्‍दौर भेजा गया। सर्विस इन्‍जीनियर द्वारा बताया गया कि ग्रीस न पहुंचने के कारण टायर घिसते रहे। इस ट्रक की बैटरी भी वारण्‍टी अवधि में खराब हो गयी। दिनांक 09.09.2006 को दूसरी बैटरी प्राप्‍त हुई। लखनऊ कार्यालय नोटिस भेजने पर बताया गया कि टाटा मोटर्स पूना को पत्र लिखा जायेगा। 26.10.2006 को भी वाहन का निरीक्षण किया गया। दिनांक 18.12.2006 को अंतिम बार नोटिस भेजा गया, परंतु ट्रक की कमी को दूर नहीं किया गया और न ही दूसरा ट्रक दिया गया इसलिए त्रुटिरहित नयी चेसिस बदलकर देने के लिए तथा बॉडी बनवाने मे हुआ व्‍यय अंकन 3,92,495/- रू0 ब्‍याज सहित प्राप्‍त करने के लिए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।
  5.           विपक्षीगण का कथन है प्रश्‍नगत ट्रक एक कॉमर्शियल वाहन है, जिसका एक परमिट है। परिवादिनी ट्रासपोर्टर है जो लाभ हेतु व्‍यवसाय करती है वे उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आती। उसके द्वारा पूर्व में भी ट्रक खरीदा गया है। यह भी कहा गया है कि माल किया हुआ ओवरलोडिंग तथा खराब ट्रकों के कारण टायर में घिसावट हुई है। निर्माण संबंधी कोई दोष नहीं है केवल इंदौर में सर्विस करायी गयी है। परिवादिनी द्वारा कभी भी निर्माण संबंधी त्रुटि नहीं बतायी गयी है।
  6.           दोनों पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया है कि परिवादिनी उपभोक्‍ता है तथा विपक्षीगण को आदेशित किया गया है कि वह परिवादी को ट्रक के त्रुटिग्रस्‍त इंजन व चेसिस के बदले दूसरा त्रुटिरहित इंजन व चेसिस 04 माह के अंदर उपलब्‍ध करायें और त्रुटिरहित चेसिस व इंजन विपक्षी सं0 5 से प्राप्‍त करने के अधिकारी होंगे। इस निर्णय व आदेश के पश्‍चात विपक्षी सं0 5 द्वारा अपील सं0 2525/2015 टाटा मोटर्स लिमिटेड द्वारा इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गयी है, कि प्रश्‍नगत वाहन में निर्माण संबंधी कोई त्रुटि नहीं है। परिवादिनी द्वारा व्‍यापारिक वाहन क्रय किया गया था, उनके द्वारा ट्रांसपोर्ट का बिजनेस किया जाता है और नेशनल परमिट प्राप्‍त किया हुआ है। दिनांक 27.04.2006 से 06.02.2007 तक 18,104 किमी तक वाहन को चलाया जा चुका था, जो 1850 किमी प्रति माह की दर से चलाया गया, इसलिए वाहन में कोई उत्‍पादन संबंधी दोष नहीं था यदि वाहन में निर्माण संबंधी दोष होता तो इस न्‍यूनतम अवधि के अंतर्गत 18,000 किमी से अधिक नहीं चलाया जाता। इसलिए जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा अवैध निर्णय पारित किया गया है, जो साक्ष्‍य की सही व्‍याख्‍या पर आधारित नहीं है।
  7.  अपील सं0 598/2018 यथार्थ में परिवाद सं0 127/2010 को खारिज करने के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है और यह अनुरोध किया है कि परिवादी को उपभोक्‍ता माना जाये और जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा दिया गया निष्‍कर्ष अपास्‍त किया जाये।           
  8.              अपील सं0 597/2018 को प्रस्‍तुत करते हुए अपीलार्थी भारती सिंह द्वारा परिवाद सं0 90 सन 2012 में पारित निर्णय एवं आदेश को अपास्‍त करने का अनुरोध किया गया। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा निष्‍कर्ष दिया गया है कि परिवादिनी उपभोक्‍ता नहीं है इसलिए परिवाद स्‍वीकार करने का कोई अधिकार नहीं है।
  9.             दोनों पक्षकारों के विद्धान को सुना तथा सभी पत्रावलियो का अवलोकन किया। अपीलार्थी भारती सिंह के पति श्री संगम सिंह को व्‍यक्तिगत रूप से सुना। टाटा मोटर्स की ओर श्री राजेश चडढा को सुना। मोटर फैब की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री एम0एच0 खान उपस्थित हैं। टाटा मोटर फाइनेंस की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री बृजेन्‍द्र चौधरी उपस्थित हैं।  
  10.               जिला उपभोक्‍ता मंच का यह निष्‍कर्ष है कि प्रश्‍नगत ट्रक क्रय करने से पूर्व परिवादिनी के पास एक अन्‍य ट्रक सं0 यूपी 33/ए 5180 मौजूद था। परिवादिनी का यह कथन है कि पहले ट्रक बेचने के बाद दूसरा ट्रक जीविकोपार्जन के लिए लिया गया, परंतु परिवादिनी की ओर से पेश दस्‍तावेज के आधार पर यह निष्‍कर्ष दिया गया कि ट्रक सं0 यू0पी0 33/ए 5180 का पंजीकरण 30.03.2016 को निरस्‍त किया गया, जबकि इस ट्रक के चलने योग्‍य न रहने की सूचना 29.09.2012 को दी गयी थी। प्रश्‍नगत ट्रक 27.04.2006 को क्रय किया गया है। अत: स्‍पष्‍ट है कि दिनांक 27.04.2006 को परिवादिनी के पास ट्रक सं0 यूपी 33/ए-5180 मौजूद था, जो परिवादिनी तथा उसके पति के नाम था। अत: स्‍पष्‍ट है कि एक के बाद एक 2 ट्रक परिवादिनी द्वारा क्रय किये गये और 2-2 ट्रक क्रय करना सब रोजगार के उद्देश्‍य से जीविकोपार्जन के लिए ट्रक क्रय करना नहीं कहा जा सकता, बल्कि 2 ट्रक क्रय करने का तात्‍पर्य यह है कि अधिक लाभ कमाने के उद्देश्‍य से व्‍यापार किया जा रहा है।
  11.               जिला उपभोक्‍ता मंच ने साक्ष्‍य के आधार पर यह भी निष्‍कर्ष दिया है कि प्रश्‍नगत ट्रक एक कामर्शियल ट्रक है, जिसका नेशनल परमिट जारी किया गया है। अत: स्‍पष्‍ट है कि परिवादिनी/अपीलकर्ता 597/598 के अपीलार्थी ट्रासपोर्टर हैं और ट्रक का उद्देश्‍य व्‍यापारिक कार्यों के लिए करती है।
  12.               परिवादिनी ने शपथ पत्र में उल्‍लेख किया है कि ट्रक का संचालन करने के लिए ड्राइवर रखा हुआ है इसलिए जब 2-2 ट्रक संचालित किये जाते हैं तब ड्राइवर रखना भी आवश्‍यक है और 2-2 ट्रकों के संचालन के लिए ड्राइवर रखते हुए व्‍यापार करना जीविकोपार्जन के लिए कार्य करना नहीं कहा जा सकता बल्कि व्‍यापार के लिए ट्रकों का क्रय करना, ड्राइवर रखना नेशनल परमिट प्राप्‍त कर संचालित करना विशुद्ध रूप से व्‍यापारिक गतिविधियां हैं और जिला उपभोक्‍ता मंच के समक्ष व्‍यापारिक गतिविधियों से संबंधित विवाद की सुनवाई करने का कोई अधिकार प्राप्‍त नहीं है।
  13.               उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2 (1) (डी) में स्‍पष्‍ट व्‍यवस्‍था है कि व्‍यापारिक उद्देश्‍य के लिए किये गये कार्य के कारण उत्‍पन्‍न हुए विवाद को उपभोक्‍ता विवाद नहीं माना जा सकता।
  14.               उपरोक्‍त विवेचना का निष्‍कर्ष यह है कि परिवाद सं0 18 सन 2007 में जिला उपभोक्‍ता मंच, रायबरेली ने जो निर्णय पारित किया है वे विधि विरूद्ध है क्‍योंकि प्रत्‍यर्थी सं0 1/परिवादिनी व्‍यापारिक गतिविधियों में संलिप्‍त है इसलिए उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आती। तदनुसार उपभोक्‍ता परिवाद संधारणीय न होने के कारण खारिज किया जाना चाहिए था। अत अपील सं0 2525/2015  स्‍वीकार होने योग्‍य है।
  15.               परिवाद सं0 127/2010 एवं 90/2012 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील खारिज होने योग्‍य है।

 

आदेश

          अपील सं0 2525/2015 स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद सं0 18/2007 में पारित निर्णय व आदेश दिनांक 30.09.2015 अपास्‍त किया जाता है एवं अपील सं0 597/2018 और 598/2018 खारिज की जाती है।

          इस निर्णय की प्रमाणित प्रति अपील सं0 597/2018 एवं अपील सं0 598/2018 में रखी जाये।

          उभय पक्ष अपीलीय वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(विकास सक्‍सेना)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

संदीप आशु0 कोर्ट 2

 

           

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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