Uttar Pradesh

StateCommission

A/59/2020

Rajnarayan Yadav - Complainant(s)

Versus

Tata Motors Finance Solutions Ltd - Opp.Party(s)

Paras Nath Tiwari

07 Dec 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/59/2020
( Date of Filing : 21 Jan 2020 )
(Arisen out of Order Dated 07/12/2019 in Case No. C/17/2018 of District Azamgarh)
 
1. Rajnarayan Yadav
S/O Shri Ramadhar Yadav Gram Puradhanni Post Ambari Distt. Azamgarh (U.P.) Mob. No. 9453756590
...........Appellant(s)
Versus
1. Tata Motors Finance Solutions Ltd
To Nearest Branch /Dealar Office Sinhel Motors (Kedarpuram ) Harraki Chumngi Azamgarh U.P. 276001
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 07 Dec 2022
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या :59/2020

 

राज नरायन यादव पुत्र श्री राम अधार यादव ग्राम पूराधन्‍नी पोस्‍ट अम्‍बारी जिला आजमगढ़़, उ0प्र0।

अपीलार्थी/परिवादी

बनाम्

टाटा मोटर्स फाइनेंस सोल्‍यूशन जरिये निकट ब्रांच/ डीलर आफिस सिंहल मोटर्स, केदारपुरम, हर्रा की चुंगी, आजमगढ़, उ0प्र0।

                              प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

 समक्ष  :-

     1-मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार,       अध्‍यक्ष।

 

     उपस्थिति :

     अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित-   कोई नहीं।

     प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित-      कोई नहीं।

 

दिनांक : 07-12-2022

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित निर्णय

     प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला आयोग आजमगढ़ द्वारा परिवाद संख्‍या-17/2018 राज नरायन यादव बनाम टाटा मोटर्स फाइनेंस सोल्‍यूशन लिमिटेड में पारित निर्णय और आदेश दिनां‍क 07-12-2019, जिसके द्वारा परिवादी का परिवाद निरस्‍त किया गया है,  के विरूद्ध उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी है।

     अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी द्वारा अपने वाहन टाटा मैजिक के लिए विपक्षी से अक्‍टूबर, 2012 में 1,95,000/-रू0 का फाइनेंस कराया गया था, जिसके अन्‍तर्गत फाइनेंस चार्ज

 

-2-

50,603/-रू0 तथा बीमा धनराशि 29,000/-रू0 के साथ कान्‍ट्रेक्‍ट एमाउण्‍ट रू0 2,74,603/- सितम्‍बर, 2015 तक 35 किश्‍तों में अदा करना था। उक्‍त वाहन का बीमा विपक्षी द्वारा समय-समय पर कराया जाना था परन्‍तु विपक्षी द्वारा मात्र एक वर्ष का बीमा कराने के बाद बीमें का रिन्‍यूवल नहीं कराया गया तथा बीमा की धनराशि रू0 29,000/- में से मात्र 10,716/-रू0 का एक वर्ष का बीमा प्रीमियम दिया गया। इस संबंध में विपक्षी से कई बार सम्‍पर्क किया गया परन्‍तु विपक्षी द्वारा कोई रसीद उपलब्‍ध नहीं करायी गयी। परिवादी पर मात्र 42,400/-रू0 शेष रह गया है। विपक्षी द्वारा बीमा न कराने से वह अपनी गाड़ी का उपयोग नहीं कर पा रहा है। विपक्षी द्वारा दिनांक 21-12-2017 को गाड़ी अपने कब्‍जे में ले ली गयी। जो कि विपक्षी के स्‍तर से सेवा में कमी है। अत: विवश होकर परिवादी द्वारा जिला आयोग के समक्ष परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है।

     विपक्षी की ओर से जिला आयोग के समक्ष कोई उपस्थित नहीं हुआ। विद्धान जिला आयोग द्वारा परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से की गयी है।

     परिवादी द्वारा परिवाद पत्र के समर्थन में केवल टाटा मोटर्स द्वारा जारी किया गया पत्र व स्‍टेटमेंट एकाउन्‍ट प्रस्‍तुत किया गया है। परिवादी व टाटा मोटर्स के मध्‍य क्‍या एग्रीमेंट हुआ था उस एग्रीमेंट को परिवादी ने प्रस्‍तुत नहीं किया है। इस कारण जिला आयोग/न्‍यायालय इस बिन्‍दु पर पहुँचने में असमर्थ है। अत: जिला आयोग द्वारा परिवादी का परिवाद खारिज कर दिया गया है।

 

-3-

     अपील की  सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता अनुपस्थित। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता अनुपस्थित।

     मेरे द्वारा पत्रावली का अवलोकन करने के पश्‍चात अपील को गुणदोष के आधार पर निर्णीत किया जा रहा है।

     पत्रावली के परिशीलन से यह ज्ञात होता है कि परिवाद संख्‍या-17/2018 जिला आयोग के समक्ष दिनांक 24-01-2018 को योजित की गयी थी। दौरान परिवाद लम्‍बन परिवादी द्वारा प्रार्थना पत्र 10-ग वाहन वापस दिलाये जाने हेतु प्रस्‍तुत किया गया, जिसे जिला आयोग द्वारा दिनांक 06-12-2018 को निरस्‍त कर दिया गया जिसके विरूद्ध मा0 राज्‍य आयोग के समक्ष पुनरीक्षण संख्‍या-22/2019 प्रस्‍तुत की गयी जिसे मा0 राज्‍य आयोग दिनांक आदेश दिनांक 02-05-2019 के द्वारा निरस्‍त कर दिया गया है।  

     अत: समस्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए विद्धान जिला आयोग पारित निर्णय एवं आदेश में किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की कोई आवश्‍यकता प्रतीत नहीं होती है तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त किये जाने

योग्‍य है।

आदेश

     अपील निरस्‍त की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07-12-2019 की पुष्टि की जाती है।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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