BRIJESH KUMAR filed a consumer case on 03 Dec 2019 against TATA MOTERS in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/125/2008 and the judgment uploaded on 24 Dec 2019.
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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 125 सन् 2008
प्रस्तुति दिनांक 18.06.2008
निर्णय दिनांक 03.12.2019
बृजेश कुमार दूबे पुत्र श्री राधेश्याम दूबे ग्राम व पोस्ट- जाफरपुर, तप्पा- हरिबंशपुर, परगना- निजामाबाद, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।
..........................................................................................परिवादी।
बनाम
1. टाटा मोटर्स कम्पनी सिविल लाइन्स रोडवेज, के बगल में इलाहाबाद बजरिये प्रबन्धक नीरज त्रिपाठी।
2. टाटा मोटर्स कम्पनी हरबंशपुर शाखा आजमगढ़ बजरिये शाखा प्रबन्धक।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा राम चन्द्र यादव “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने विपक्षी ने दिनांक 23.10.2001 को वाहन संख्या यू.पी.50 एफ/1213 चेचिस नम्बर 418005 इस अनुबन्ध पर खरीदा था कि वाहन की धनराशि जमा होने पर तुरन्त ही भुगतान देय नहीं होगा। रसीद कम्पनी द्वारा प्रदान की जाने की शर्तें रखी। कम्पनी को यह बात मालूम थी कि देय अवशेष नहीं है की रसीद तुरन्त याची को अदा न करने की दशा में उसे 3,300/- रुपये प्रतिमाह की क्षति होगी। याची द्वारा वाहन का मूल्य दिनांक 04.01.2005 को पूर्णरूप से विपक्षी को अदा कर दिया गया है और तब से लगातार विपक्षी से याची नोड्यूज सर्टिफिकेट देने के लिए कह रहा है। क्योंकि याची वाहन को व्यक्तिगत रूप में प्रयोग करना चाहता था। परन्तु देय धनराशि की वजह से उस पर सार्वजनिक टैक्स लगाया जाता है। वाहन को सार्वजनिक वाहन के रूप में चलाने से दिनांक 04.01.2005 से आज तक 122100/- रुपये से अधिक की धनराशि कर के रूप में अदा करना पड़ा जो विपक्षी के आचरण से कम-से-कम 20,000/- रुपये की शारीरिक व मानसिक क्षति हुई। अतः निवेदन है कि दिनांक 04.01.2005 से 3300/- रुपये प्रतिमाङ के हिसाब से नोड्यूज (देय शेष नहीं) रसीद देने तक क्षतिपूर्ति पारित करने तथा 20,000/- रुपये शारीरिक व मानसिक क्षति के लिए दिलवाया जाए।
P.T.O.
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परिवादी द्वारा परिवाद पत्र समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में कागज संख्या 7/1 पंजीकरण सर्टिफिकेट, कागज संख्या 7/2 धनराशि जमा करने की रसीद, 7/3 व 7/4 धनराशि जमा करने की रसीद, कागज संख्या 7/5 टाटा मोटर्स को 13,000/- रुपये, 7/6 उसी कम्पनी को 10,000/- रुपये जमा करने 7/7 12,000/- रुपये जमा करने, 7/8 11,000/- रुपये जमा करने, 7/9 50,000/- रुपये जमा करने 7/10 11,000/- रुपये जमा करने की रसीद, कागज संख्या 18/1 ता 18/13 धनराशि जमा करने की रसीद प्रस्तुत किया है।
विपक्षीगण की ओर से कोई भी जवाबदावा प्रस्तुत नहीं किया गया है। उभय पक्षों की अनुपस्थिति में पत्रावली का निरीक्षण किया। यद्यपि परिवादी ने कुछ किश्तें जमा करने की रसीदें प्रस्तुत किया है, लेकिन वाहन का वास्तविक मूल्य क्या था। इसके विषय में कोई भी प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया है। परिवादी ने पैरा 01 में अनुबन्ध का जिक्र किया है, लेकिन वह एग्रीमेन्ट भी पत्रावली में परिवादी द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में इस निष्कर्ष पर पहुंचना सम्भव नहीं हो पा रहा है कि वाहन का वास्तविक मूल्य कितना था और क्रेता व विक्रेता के मध्य अनुबन्ध क्या था और अनुबन्ध की शर्तें क्या थीं तथा परिवादी ने वाहन का सम्पूर्ण मूल्य अदा कर दिया है कि नहीं, का निर्णय कर पाना असम्भव है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद अस्वीकार किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 03.12.2019
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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