Chhattisgarh

Bilaspur

CC/13/153

M/S. SANDEEP GARG - Complainant(s)

Versus

TATA MOTERS LTD.& OTHER - Opp.Party(s)

SHRI VIJAY RAO

30 Mar 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Bilaspur (C.G.)
Judgement
 
Complaint Case No. CC/13/153
 
1. M/S. SANDEEP GARG
AKATA NAGER
BILASPUR
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. TATA MOTERS LTD.& OTHER
841 SENAPATI BAPAT MARG ALPING STON ROAD MUMBAI
MUMBAI
MAHARASTRA
2. -
-
-
3. -
4. -
5. SHIVAM MOTORS PVT.LTM.
SIRGITTI INDUSTRIAL STATE
BILASPUR
CHHATTISGARH
6. TATA MOTORS FINANCE LTD.
POKRAN ROAD-2, THANE VEST,
MAHARASTRA
MAHARASTRA
7. TATA MOTORS FINANCE LTD.
SIRGITTI INDUSTRIAL STATE RAIPUR ROAD
BILASPUR
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK PRESIDENT
 HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA MEMBER
 
For the Complainant:
SHRI VIJAY RAO
 
For the Opp. Party:
NA 1 SHRI SACHIN RAJPUT
NA 2 SHRI ANSARI
NA 3 AND 4 SHRI VAIBHAV MISHRA
 
ORDER

// जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषण फोरम,बिलासपुर छ.ग.//

 

                                                                       प्रकरण क्रमांक cc/2013/153

                                                                       प्रस्‍तुति दिनांक 16/09/2013

मेसर्स संदीप गर्ग

द्वारा संदीप गर्ग पिता स्‍व0 सत्‍यनारायण गर्ग,

उम्र 36 साल, एकता नगर,

जिला बिलासपुर छ..                           ......आवेदक/परिवादी

                    विरूद्ध

  1. टाटा मोटर्स लिमिटेड,

कन्‍ज्‍यूमर असिस्‍टेंस सेंटर,

20 फलोर,1 इंडियन बुल्‍स सेंटर,

टॉवर नं.2, 841 सेनापति बापट मार्ग,

एल्पिंग स्‍टोन रोड,मुंबई (महाराष्‍ट्र)

 

2; शिवम मोटर्स, प्रा. लिमि.,

पी.बी. नं. 17 सेक्‍टर सी-4,

सिरगिट्टी इंडस्ट्रियल स्‍टेट,

रायपुर रोड बिलासपुर (छ.ग)

 

3; टाटा मोटर्स फाइनेंस लि‍मिटेड,

2 फ्लोर लोधा 1-थींक, ए विंग

पोकरन रोड -2 थाने वेस्‍ट, (महाराष्‍ट्र)

4. टाटा मोटर्स फाइनेंस लिमिटेड,

द्वारा शिवम मोटर्स प्रा.लिमि.,

पी.बी.नं. 17, सेक्‍टर सी-4,

सिरगिट्टी इंडस्ट्रियल स्‍टेट,

रायपुर रोड बिलासपुर छ..           .........अनावेदकगण/विरोधीपक्षकार

 

                         आदेश

          (आज दिनांक 30/03/2015 को पारित)

 

१. आवेदक संदीप गर्ग ने उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध वारंटी अवधि में   सेवा में कमी के आधार पर पेश किया है और अनावेदकगण से त्रुटि युक्‍त वाहन के बदले नया वाहन अथवा बदले में ब्‍याज एवं  क्षतिपूर्ति सहित वाहन की कीमत 5,95,020/-रू. दिलाए जाने का निवेदन किया है।

2. परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक दिनांक 27/06/2013 को अनावेदक क्रमांक 1 के सिस्‍टर कन्‍सर्न कंपनी अनावेदक क्रमांक 3 से 5,95,020/-रू. फाइनेंस करवाकर अनावेदक क्रमांक 2 की संस्‍था से अपने व्‍यवसायिक उद्देश्‍य के लिए एक टाटा पिकअप वेन क्रय किया । आगे कहा गया है कि वाहन क्रय करते समय आवेदक को यह बताया गया था कि वाहन का एवरेज 16-17 किलो मीटर प्रति लीटर रहेगा, किंतु क्रय दिनांक के पश्‍चात से ही उक्‍त वाहन में एवरेज एवं पिकअप संबंधी समस्‍या उत्‍पन्‍न होने लगी, जिससे परेशान होकर वाहन को एक सप्‍ताह में ही अनावेक क्रमांक 2 के संस्‍थान लेजाया गया, जहॉं उसे वाहन को कुछ दिन और चलाने पर एवरेज में सुधार हो जाने का आश्‍वासन दिया गया, किंतु आश्‍वासन के बाद भी वाहन के पिकअप और एवरेज की समस्‍या में कोई सुधार नहीं हुआ। अत: वाहन पुन: 31/07/2013 को अनावेदक क्रमांक 2 के संस्‍थान लेजाया गया, किंतु वहॉं दिनांक 09/08/2013 तक वाहन में कोई सुधार नहीं किया गया, बल्कि गाडी की समस्‍या से संबंधित जॉब कार्ड बनाकर दे दिया गया  और उसके पश्‍चात दिनांक 12/08/2013 को विरोधाभासी पत्र भेजकर उसे सूचित किया गया कि उसका वाहन दिनांक 09/08/2013 से ही बनकर तैयार है, तब आवेदक अनावेदक के इस नकारात्‍मक व्‍यवहार से पीडित होकर दिनांक 14/08/2013 को नोटिस भेजकर 15 दिन के अंदर समस्‍या का निराकरण करते हुए नया वाहन प्रदान करने का निवेदन किया गया, किंतु अनावेदकगण द्वारा समस्‍या का निराकरण नहीं किया  । अत: आवेदक अनावेदकगण की वारंटी अवधि में सेवा में कमी के आधार पर यह परिवाद पेश करना बताया है ।

3. अनावेदक क्रमांक 1 पृथक जवाब दावा पेश कर स्‍वयं को वाहन का विनिर्माण कंपनी, अनावेदक क्रमांक 2 को  अपना अधिकृत डीलर तथा अनावेदक क्रमांक 3 व 4 को अपने से संबंधित फाइनेंस कंपनी होना स्‍वीकार करते हुए परिवाद का विरोध इस आधार पर किया कि आवेदक प्रश्‍नाधीन वाहन अपने व्‍यवसायिक गतिविधि में प्रयोग करने के लिए क्रय किया था, फलस्‍वरूप वह प्रथमत: उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आता । आगे यह भी कहा गया है कि आवेदक उक्‍त वाहन फाइनेंस पर क्रय किया था,किंतु उसके द्वारा यह परिवाद बगैर फाइनेंसर की अनुमति के पेश किया गया है । अत: इस आधार पर भी उसकी स्थिति उपभोक्‍ता की न होने से परिवाद खारिज किए जाने योग्‍य है । आगे उसने अपनी कंपनी को अतर्राष्‍ट्रीय मान्‍यता प्राप्‍त ISOTS/16949 प्रमाणित होना बताते हुए कहा है कि उनके द्वारा निर्मित एवं आवेदक द्वारा खरीदा गया वाहन बाजार में एक अच्‍छा सुस्‍थापित उत्‍पाद है, जिसका उपयोग कई वर्षों से अनेक उपभोक्‍ताओं द्वारा किया जा रहा है तथा आवेदक द्वारा भी प्रश्‍नाधीन वाहन की दशा से संतुष्‍ट होकर डिलीवरी ली गई थी,  साथ ही उसके डीलर अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा भी वाहन की डिलीवरी इंस्‍पेक्‍शन उपरांत आवेदक  को प्रदान की गई थी और इस प्रकार उनके द्वारा कोई सेवा दोष कारित नहीं किया गया है ।

4. आगे अनावेदक क्रमांक 1 अपने जवाब में यह अभिकथित किया है कि कम पिकअप और कम एवरेज होना निर्माण त्रुटि की श्रेणी में नहीं आता,  साथ ही कम एवरेज कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे ड्राईविंग का तरीका, रोड एवं लोड कंडीशन, जबकि आवेदक अधिक माल परिवहन कर अधिक लाभ अर्जित करने के उद्देश्‍य से वाहन मेनुअल एवं सर्विस बुक के नियम व शर्तों के विपरीत प्रश्‍नाधीन वाहन की बॉडी में आवश्‍यक बदलाव कर उसे तीन फीट ऊंचा बनवाया था जिसके कारण वाहन में दी गई वारंटी स्‍वत: समाप्‍त हो गई है । आगे उसने प्रश्‍नाधीन वाहन के एवरेज को सही होना तथा आवेदक द्वारा केवल तंग करने एवं अनुचित क्षतिपूर्ति प्राप्‍त करने के आशय से यह परिवाद पेश करना बताते हुए उसे निरस्‍त कर क्षतिपूर्ति दिलाए जाने का निवेदन किया है ।

5. अनावेदक क्रमांक 2 पृथक जवाब पेश कर यह तो स्‍वीकार किया कि आवेदक उसके संस्‍थान में केवल प्रश्‍नाधीन वाहन की एवरेज की समस्‍या को लेकर आया था, किंतु विरोध इस आधार पर किया कि आवेदक वाहन की भार क्षमता बढाने के उद्देश्‍य से उसके डाला को तीन फीट की उंचाई तक बढा दिया था और इस प्रकार उसके द्वारा वारंटी शर्तों का उल्‍लंघन किया गया था । फलस्‍वरूप उसका वाहन वारंटी शर्तों के अधीन नहीं आता । यह भी कहा गया है कि आवेदक द्वारा प्रश्‍नाधीन वाहन का उपयोग वाणिज्यिक किए जाने के कारण उसकी स्थिति उपभोक्‍ता की नहीं है । उक्‍त आधार पर उसने आवेदक के परिवाद को निरस्‍त किए जाने का निवेदन किया ।

6. अनावेदक क्रमांक 3 व 4 संयुक्‍त जवाब पेश कर आवेदक को उनके पास से फाइनेंस पर प्रश्‍नाधीन वाहन क्रय करना तो स्‍वीकार किये, किंतु विरोध इस आधार पर किए कि उनके द्वारा आवेदक के साथ कोई सेवा में कमी नहीं की गई, आवेदक उन्‍हें अनावश्‍यक रूप से केवल किश्‍त की अदायगी से बचने के लिए परेशान करने के उदेश्‍य से पक्षकार बनाया है। अत: उन्‍होंने आवेदक के परिवाद को भारी हर्जे के साथ निरस्‍त किए जाने का निवेदन किये है ।

7. उभय पक्ष अधिवक्‍ता का तर्क सुन लिया गया है । प्रकरण का अवलोकन किया गया ।

8. देखना यह है कि क्‍या आवेदक, अनावेदकगण से वांछित अनुतोष प्राप्‍त करने का अधिकारी है 

                      सकारण निष्‍कर्ष

9.  आवेदक द्वारा दिनांक 27/06/2013 को अनावेदक क्रमांक 1 की सहभागी संस्‍था अनावेदक क्रमांक 3 से 5,95,020/रू. में फाईनेंस प्राप्‍त कर अनावेदक क्रमांक 2 के संस्‍थान से अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा निर्मित प्रश्‍नाधीन वाहन क्रय किए जाने का तथ्‍य मामले में विवादित नहीं है । यह भी विवादित नहीं है कि अनावेदक क्रमांक 2 , अनावेदक क्रमांक 1 का अधिकृत डीलर तथा अनावेदक क्रमांक 4 ऋण वसूलने वाली सहभागी कंपनी है ।

10. आवेदक का कथन है कि जब उसने अनावेदक क्रमांक 2 से प्रश्‍नाधीन वाहन क्रय किया तब उसे वाहन का एवरेज 16-17 किलोमीटर प्रति लीटर होना बताया गया था, किंतु वाहन क्रय करने के पश्‍चात से ही उसमें एवरेज एवं पिकअप की समस्‍या उत्‍पन्‍न हो गई, तब वाहन को एक सप्‍ताह के पश्‍चात ही अनावेदक क्रमांक 2 के संस्‍थान में ले जाया गया, जहॉं उसे कुछ दिन और चलाने पर एवरेज में सुधार हो जाने का आश्‍वासन दिया गया, किंतु वाहन में कोई सुधार नहीं हुआ, फलस्‍वरूप वाहन को पुन: दिनांक 31/07/2013 को अनावेदक क्रमांक 2 के संस्‍थान ले जाया गया था। आवेदक के इस कथन को समर्थन अनावेदक क्रमांक 1 के साथ, अनावेदक क्रमांक 2 के जवाब से भी मिलता है, किंतु अनावेदक क्रमांक 1 का कथन है कि प्रश्‍नगत वाहन में एवरेज संबंधी कोई समस्‍या नहीं थी, आवेदक द्वारा दिनांक 31/07/2013 को जब प्रश्‍नाधीन वाहन अनावेदक क्रमांक 2 के अधिक़ृत सर्विस सेंटर लाया गया था, तब उस समय आवेदक द्वारा एवरेज संबंधी कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी, जबकि अनावेदक क्रमांक 2 अपने जवाब में इस बात को स्‍वीकार किया है कि आवेदक द्वारा प्रश्‍नाधीन वाहन को केवल एवरेज में कमी होना बताकर उसके संस्‍थान लाया गया था ।

11. इस प्रकार प्रश्‍नाधीन वाहन में एवरेज की समस्‍या के संबंध में स्‍वयं अनावेदक क्रमांक 1 व 2 के कथनों में समानता नहीं है, जहां अनावेदक क्रमांक 1 का कथन है कि जब आवेदक द्वारा दिनांक 31/07/2013 को वाहन अनावेदक क्रमांक 2 के सर्विस सेंटर लाया गया था, उसमें एवरेज संबंधी कोई समस्‍या नहीं थी,इस संबंध में उसने उस दिनांक के जॉब् कॉर्ड का भी हवाला दिया है तथा कहा है कि उसमें आवेदक द्वारा ऐसी कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी, किंतु उसके द्वारा दिनांक 31/07/2013 का कोई जॉब कॉर्ड दाखिल नहीं किया गया है और न ही अनावेदक क्रमांक 2 का ऐसा कथन है, बल्कि उसने स्‍वीकार कियाहै कि आवेदक प्रश्‍नाधीन वाहन में केवल एवरेज की समस्‍या को लेकर उसके सर्विस सेंटर आया था, उसके द्वारा भी दिनांक 31/07/2013 का कोई जॉब कॉर्ड मामले में पेश करने का प्रयास नहीं किया गया है ।

12. फलस्‍वरूप यह तथ्‍य स्‍पष्‍ट होता है कि आवेदक के प्रश्‍नाधीन वाहन में प्रारंभ से ही एवरेज की समस्‍या रहीं, जिसके निदान के संबंधमें अनावेदक क्रमांक 1 व 2 द्वारा अपने जवाब में कुछ नहीं कहा गया है । उनका ऐसा भी कथन नहीं है कि इस संबंध में आवेदक के शिकायत करने पर उनके द्वारा वाहन में आवश्‍यक सुधार कर दिया गया था, बल्कि उन्‍होंने आवेदक की शिकायत के संबंध में परस्‍पर विरोधी कथन किये है।

13. अनावेदक क्रमांक 1 व 2 का अपने जवाब में ऐसा भी कथन नहीं है कि उन्‍होंने आवेदक को वाहन विक्रय के समय एवरेज के संबंध में कोई आश्‍वासन नहीं दिया था, इस संबंध में उन्‍होंने अपने जवाब में आवेदक के इस कथन का भी खंडन नहीं किया है जिसका कहना है कि उसे वाहन खरीदने के समय उसका एवरेज 16-17 किलोमीटर प्रतिलीटर बताया गया था । इस संबंध में अनावेदकगण का मात्र कथन इतना है कि वाहन का एवरेज कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे ड्राईविंग का तरीका, रोड एवं लोड कंडीशन आदि, जबकि स्‍वयं अनावेदकगण की ओर से आवेदक को दिये गये जॉब कॉर्ड दिनांक 09/08/2013 के अवलोकन से यह स्‍पष्‍ट होता है कि उनके द्वारा जॉच में वाहन की अनलोड अवस्‍था में एवरेज 13-8 किलोमीटर प्रतिलीटर तथा लोड अवस्‍था में 8-7 किलोमीटर प्रतिलीटर पाया गया था, जो कि उनके द्वारा आवेदक को दिये गये आश्‍वासन के अनुरूप नहीं माना जा सकता ।

14. अनावेदक क्रमांक 1 व 2 का अपने जवाब में यह अभिकथन है कि आवेदक अधिक लाभ अर्जित करने के उद्देश्‍य से वाहन मेनुअल व सर्विस बुक के नियम व शर्तों के विपरीत वाहन की बॉडी को चौतरफा तीन फीट उंचा बनवाया था, जिसके कारण आवेदक को वाहन पर दी गई वारंटी स्‍वत: समाप्‍त हो  गई थी, किंतु इस संबंध में अनावेदकगण की ओर से ऐसा कोई साक्ष्‍य अथवा प्रमाण पेश नहीं किया गया है, जिससे कि दर्शित हो कि आवेदक द्वारा प्रश्‍नाधीन वाहन की बॉडी को वाहन मेनुअल व सर्विस बुक के नियम व शर्तों के विपरीत ऊंचा बनवाया गया था, फलस्‍वरूप वह वारंटी का लाभ पाने का हकदार नहीं रहा ।

15. अनावेदक क्रमांक 1 व 2 की ओर से मामले में यह भी आपत्ति ली गई है कि आवेदक अपने व्‍यवसायिक प्रयोजन हेतु प्रश्‍नाधीन वाहन क्रय किया था, फलस्‍वरूप उसकी स्थिति उपभोक्‍ता की नहीं होने के कारण उसका परिवाद पोषणीय नहीं, अनावेदकगण की इस आपत्ति के संबंध में यहॉं पर माननीय नेशनल कमीशन द्वारा जिंदल ड्रिलिंग एण्‍ड इंडस्‍ट्रीज विरूद्ध इंडोकान इंजीनियर्स प्रा.लि. वाले मामले में दिनांक 08 अगस्‍त 2005 को पारित आदेश का हवाला देते हुए यही कहा जाना उचित प्रतीत होता है कि वारंटी अवधि में प्रयोजन महत्‍वहीन होता है, अत: इस संबंध में भी अनावेदकगण मामले में कोई लाभ उठा पाने के अधिकारी नहीं पाए जाते। इसी प्रकार जहॉं तक अनावेदकगण की इस आपत्ति का संबंध है कि आवेदक प्रश्‍नाधीन वाहन को लोन पर प्राप्‍त किया था और बगैर फाईनेंसर की अनुमति उसके द्वारा यह परिवाद पेश कर दिया गया है, फलस्‍वरूप भी उसका परिवाद पोषणीय नहीं, यह कहा जाना उचित प्रतीत होता है कि प्रश्‍नगत मामले में फाईनेंसर और कोई नहीं बल्कि स्‍वयं अनावेदक क्रमांक 1 का ही सहभागी कंपनी है, अत: उसके द्वारा आवेदक को अनुमति दिए जाने का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता, फलस्‍वरूप आवेदक द्वारा उसे मामले में पक्षकार बनाते हुए परिवाद प्रस्‍तुत करना अनुचित नहीं ठहराया जा सकता ।

16. उपरोक्‍त विवेचन के प्रकाश में हम इस निष्‍कर्ष पर पहुंचते हैं, कि अनावेदक क्रमांक 1 व 2 द्वारा एवरेज के संबंध में झुठा आश्‍वासन देकर आवेदक को प्रश्‍नाधीन वाहन बिक्री किया गया और इस संबंध में वारंटी अवधि में आवेदक की शिकायत को ध्‍यान न देकर सेवा में कमी की गई, अत: हम आवेदक के पक्ष में अनावेदक क्रमांक 1 व 2 के विरूद्ध निम्‍न आदेश पारित करते है :-

. अनावेदक क्रमांक 1 व 2 आवेदक को आदेश दिनांक से एक माह के भीतर प्रश्‍नाधीन वाहन को वापस लेकर उसे नया वाहन प्रदान करेंगे । 

. अनावेदक क्रमांक 1 व 2 आवेदक को क्षतिपूर्ति के रूप में 50,000/- रू.(पचास हजार रू.) की राशि भी अदा करेंगे।

. अनावेदक क्रमांक 1 व 2 आवेदक को वादव्‍यय के रूप में 2,000/- रू.(दो हजार रू.) की राशि भी अदा करेंगे।

; अनावेदक क्रमांक 3 व 4 अपना-अपना वादव्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे ।

आदेश पारित   

                                                  (अशोक कुमार पाठक)                                                  (प्रमोद वर्मा)

                                                            अध्‍यक्ष                                                                सदस्‍य

 

 

 
 
[HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.