Rajasthan

Ajmer

CC/16/2013

RUPARAM - Complainant(s)

Versus

TATA AIG LIFE INS - Opp.Party(s)

ADV ANL SHARMA

22 Nov 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/16/2013
 
1. RUPARAM
PALI
...........Complainant(s)
Versus
1. TATA AIG LIFE INS
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 22 Nov 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,     उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्री रूपाराम निवासी- 162/चैपाल खरचिया,तहसील-जैतारण, जिला-पाली
  
                                               -         प्रार्थी
                            बनाम

1.मैनेजर, टाटा ए.आई.जी लाईफ इंष्योंरेस कम्पनी लिमिटेड,कचहरी रोड,
अजमेर । 
2. मैनेजर, टाटा ए.आई.जी लाईफ इंष्योंरेस कम्पनी लिमिटेड,, रजिस्अर्ड एण्ड कोर्पोरेट आफिस, डेलपीर बी विंग, सैकेण्ड फलोर आॅरचर्ड एवेन्यूर, हीरानंदानी, बिजनेस पार्क, पोवई, मुम्बई- 400076

                                               -       अप्रार्थीगण 
                 परिवाद संख्या 16 /2013  
                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य
                           उपस्थिति
                  1.श्री अनिल षर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री अनिल गौड़, अधिवक्ता अप्रार्थीगण 
                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 09.12.2016
 
1.       प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसके पुत्र द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी से समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए  ली गई बीमा पाॅलिसी संख्या  181757078 तादादी राषि रू. 2,41,000/-के पेटे  उसके पुत्र का दिनांक 27.5.2011 को निधन हो जाने के उपरान्त पेष किए गए बीमा क्लेम को अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनांक  17.5.2012  के  इस आधार पर निरस्त कर दिया कि बीमाधारक  षराब सेवन का आदी था और उसने इस तथ्य को बीमा पाॅलिसी प्राप्त करते हुए छिपाया था । जबकि उसके पुत्र की साधारण  बीमारी होने पर मृत्यु हुई थी ।  प्रार्थी ने दिनांक 26.2.2012 को नोटिस भेजते हुए उसके क्लेम पर पुनः विचार कर क्लेम राषि दिलाए जाने की प्रार्थना की किन्तु अप्रार्थी बीमा कम्पनी  ने राषि अदा नहीं कर सेवा में कमी कारित की है । प्रार्थी ने परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । 
2.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए  प्रारम्भिक आपत्तियों में  परिवाद को झूठा , गलत व दुर्भावनापूर्ण बताते हुए कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग करने तथा मंच से अनुचित लाभ प्राप्त करने हेतु प्रस्तुत किया जाना बताया है । षिकायत को तथ्यों व कानून के आधार पर चलने योग्य नहीं होने के कारण खारिज होने योग्य बताया तथा मंच के समक्ष प्रार्थी  का स्वच्छ हाथों से नहीं आना बताते हुए  परिवाद को निराधार, दुर्भावनापूर्वक व वास्तविकता की कमी के कारण  खारिज होने योग्य बताया है ।  अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा पाॅलिसी संबंधी किसी भी प्रकार की सेवा में ंकमी नहीं किया जाना  बताया । परिवाद में वादकरण का अभाव होना तथा मात्र अनुमानों एवं कल्पनाओं के आधार पर  प्रस्तुत करना बताया । आगे मदवार जवाब में दर्षाया है कि बीमाधारक ने प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी  को स्वेच्छापूर्वक, ष्षर्तो के अधीन प्राप्त करना बताया तथा प्रीमियम राषि रू. 49,985/- समएष्योेेेेेर्ड राषि रू 2,41,000/-  के पेटे  5 साल की टर्म के लिए  बीमा करवाना स्वीकार किया । बीमित द्वारा ली गई पाॅलिसी की समस्त षर्तो को सही मानते हुए उन्हें स्वीकार कर प्रस्ताव पत्र भरा जाकर उक्त पाॅलिसी प्राप्त की गई है । उसके द्वारा बीमा प्रस्ताव पत्र में प्रष्न संख्या 4 (ए) के स्टेप 7  में नकारात्मक उत्तर दिया गया था । बीमित  द्वारा स्वेच्छा से भरी गई उक्त सूचनाओं के आधार पर उक्त पाॅलिसी दिनंाक 16.1.2011 को जारी की गई है । दिनंाक 29.7.2013 को बीमित का डेथ क्लेम प्राप्त होना स्वीकार किया तथा  क्लेम बीमा पाॅलिसी लिए जाने के 3 माह 11 दिनों में प्रस्तुत किए जाने पर किए गए अनुसंधान के दौरान यह जानकारी प्राप्त हुई कि मृतक पाॅलिसी प्राप्त करने की तिथि से 10 वर्ष पूर्व से  षराब पीने का आदी था एवं इस संबंध में वह इलाज भी प्राप्त कर रहा था । इन हालात में ऐसे आधारों को ध्यान में रख कर ही अप्रार्थी द्वारा  प्रार्थी का क्लेम खारिज किया गया है । प्रार्थी द्वारा उक्त पाॅलिसी प्राप्त करते समय यह तथ्य छिपाया गया था । अन्त में इन्हीं आधारों को ध्यान में रखते हुए  प्रार्थी का क्लेम सही आधारों पर खारिज किया जाना बताया । जवाब के समर्थन में श्री राहुल धानोतिया, प्रबन्धक(विधि) का ष्षपथपत्र पेष किया है ।  
2.         प्रार्थी पक्ष का प्रमुख तर्क रहा है कि बीमित द्वारा उसके जीवन काल में पाॅलिसी प्राप्त की गई थी । प्रार्थी उसका नामिनी  रहा है तथा बीमा करवाते  समय अप्रार्थी द्वारा सभी औपचारिकताएं पूर्ण की गई थीं  व संतुष्ट होने पर ही उक्त बीमा किया जाकर उक्त पाॅलिसी जारी की गई थी । बीमा पाॅलिसी की एवज में  प्रीमियम राषि भी अप्रार्थी द्वारा प्राप्त की गई थी । बीमा पाॅलिसी प्राप्त करते समय न तो  किसी कथन को छिपाया गया और ना ही तत्समय मृतक किसी बीमारी से ग्रसित  था और न उसने कभी मादक पदार्थों का सेवर किया और ना ही वह ष्षराब आदि का सेवन करता था ।   बीमा कम्पनी ने प्रस्तुत क्लेम को  को घोषणा पत्र में  ष्षराब का सेवन  करने के तथ्य को छिपाने के कारण जो क्लेम खारिज किया है , वह बिना किसी तथ्य,आधार व सबूत के खारिज किया है । परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए । समर्थन में विनिष्चय ।चचमंस छवण् 1201ध्2004 ;त्ंर ैजंजम ब्वउउद्ध  ैउज ैनेीपसं क्मअप टे स्प्ब् व्तकमत क्ंजमक  13ण्1ण्2008     पर अवलम्ब लिया है ।   
4.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने पाॅलिसी जारी किया जाना स्वीकारा किया है किन्तु इसके लिए जाने से पूर्व भरे गए प्रस्ताव पत्र में गलत तथ्य एवं बयानों के आधार पर परिवाद प्रस्तुत किया जाने को खारिज किया जाने का उचित आधार बताया । विनिष्चय ;2009द्ध 8 ैैब् 316 ैंजूंदज ज्ञनंत ैींदकीन टे छमू प्दकपं प्देनतंदबम ब्व स्जक  - ।प्त्  1971 ;।ण्च्ण् भ्पही ब्वनतजद्ध स्प्ब्  टे ब्ींदकतं टंेेउं    पर अवलम्ब लिया है ।     
5.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए हंै एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों के साथ साथ प्रस्तुत विनिष्चयों में प्रतिपादित न्यायिक दृष्टान्तों का भी अवलोकन कर लिया है । 
6.           इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि मृतक बीमित द्वारा प्रष्नगत पाॅलिसी  बीमाधन रू. 2,41,000/-  की दिनंाक 16.2.2011 को प्रीमियम राषि रू.49,985/-अदा करते हुए प्राप्त की गई थी । इस बिन्दु पर भी  विवाद नहीं है कि उक्त पाॅलिसी प्राप्त करते समय मृतक बीमित द्वारा अपने स्वास्थ्य के संबंध में घोषणा पत्र के प्रष्न संख्या 4(अ)स्टेप-7  के संबंध में उसने षराब पीने इत्यादि के बारे में नकारात्मक उत्तर दिया है । 
7.     बीमाधारक की मृत्यु दिनंाक 27.5.2011 को होना भी विवादित नहीं है । उक्त  बीमाधारक द्वारा दिनांक 16.2.2011 को प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी प्राप्त किए जाने के बाद  उसकी दिनांक 27.5.2011 को अल्प अवधि में मृत्यु हुई है, यह तथ्य भी विवादित नही ंहै । इस बिन्दु पर भी कोई विवाद नहीं है कि अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रार्थी का बीमा क्लेम उनके पत्र दिनंाक 17.5.2012 के द्वारा खारिज किया गया है जिसमें यह कारण दर्षाया गया है कि बीमित ने बीमा प्रस्ताव पत्र भरते समय  प्रष्न संख्या 4 में एल्कोहल को कन्जूम करने बाबत नकारात्मक उत्तर दिया गया है । इस बिन्दु पर भी कोई विवाद नहीं  है कि मृतक बीमित श्री पाष्र्वनाथ  जैन अस्पताल एण्ड रिसर्च सेन्टर , ब्यावर में  सर्वप्रथम दिनंाक 23.5.2011 को भर्ती हुआ ।  जहां पर उसकी दिनंाक 27.5.2011 को मृत्यु हो गई और उक्त चिकत्सा के दौरान इन्डोर टिकिट में उसकी  पास्ट हिस्ट्री  व पूर्व बीमारी के बारे में एल्कोहल के सेवन कने बाबत् उल्लेख किया गया है । 
8.    इस प्रकार हमारी राय में मृतक बीमित द्वारा प्रष्नगत पाॅलिसी लिए जाने के समय प्रस्ताव प्रपत्र भरते समय इस बात को दर्षित करने का कोई साक्ष्य नहीं है कि इससे पूर्व बीमित ने एल्कोहल के सेवन के संदर्भ में किसी प्रकार का कोई इलाज लिया हो अथवा ऐसे इलाज के लिए वह पूर्व में अस्पताल में भर्ती रहा हो । हमारी राय में उक्त अस्पताल के इन्डोर  टिकिट में पास्ट हिस्ट्री  में उक्त तथ्य को च्तपउंतल च्पमबम व् ि म्अपकमदबम  के रूप में तब तक मान्यता  नहीं दी जा सकती जब तक की ऐसी हिस्ट्री को रिकार्ड करने वाले चिकित्सक को या तो प्रस्तुत  किया जाता  अथवा उसका किसी प्रकार का कोई षपथपत्र प्रस्तुत किया गया होता । स्वीकृत रूप से उक्त पास्ट हिस्ट्री को उल्लेखित करने वाला चिकित्सक भी प्रस्तुत नहीं हुआ है और ना ही संबंधित चिकित्सक का कोई षपथपत्र प्रस्तुत हुआ है ।  अतः मात्र पास्ट हिस्ट्री को  बिना किसी पुख्ता आधार के   कन्क्लूजिव  पू्रुफ की मान्यता नहीं दी जा सकती । क्योंकि हस्तगत प्रकरण में  बीमित के इससे पूर्व किसी अन्य अस्पताल में अथवा संस्थान में उक्त एल्कोहल बाबत् भर्ती होने अथवा इलाज लिए जाने की कोई साक्ष्य सामने नहीं आई है । अतः यह नहीं माना जा सकता कि तत्समय बीमित ने किसी प्रकार का कोई तथ्य छिपाते हुए  बीमा प्रस्ताव प्रपत्र भरा हो ।  हम इस संदर्भ में प्रार्थी की ओर से उक्त प्रस्तुत विनिष्चय में प्रतिपादित सिद्वान्त पर सहमति व्यक्त करते हंै। जो विनिष्चय अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से प्रस्तुत हुए हैं, वे तथ्यों की भिन्नता  होने के कारण उनके लिए सहायक नहीं है । 
9.    कुल मिलाकर जिस प्रकार अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने बीमित की पास्ट हिस्ट्री  को आधार मानते हुए तथ्यों को छिपाए जाने का प्रतिवाद लेकर क्लेम खारिज किया है, वह उचित नहीं है तथा उनकी सेवा में कमी का परिचायक है । मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि 
                          :ः- आदेष:ः- 
            (1)    प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से  बीमा पाॅलिसी संख्या        पेटे बीमा क्लेम राषि रू. 2,41,000/-  क्लेम  खारिज करने की दिनंाक से तदायगी 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।    
            (2)       प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से ं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी  प्राप्त करने का  अधिकारी होगा ।               
            (3)    क्रम संख्या 1 लगायत  2   में वर्णित राषि अप्रार्थी     प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 09.12.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.