जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री रामचन्द्र बिषु पुत्र स्व.श्री षिवकरण बिसू, जाति- जाट, निवासी- ग्राम निम्बोला बिस्वा, तहसील- रियाबडी, जिला-नागौर(राजस्थान)
- प्रार्थी
बनाम
टाटा एआईजी लाइफ इंष्यारेंस कम्पनी लिमिटेड जरिए ष्षाखा प्रबन्षक, षाखा कार्यालय , दीपक इलेक्ट्रिकल्स के उपर,कचहरी रोड, अजमेर हाल पता सी-94, फार्चून हाईट, पांचवी मेंजिल, सुभाष मार्ग, जयपुर ।
- अप्रार्थी
परिवाद संख्या 245/2014
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री रमेष धाभाई, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री संजय मंत्री, अधिवक्ता अप्रार्थी
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 30.08.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसके पिता स्व. श्री षिवकरण बिषू ने अप्रार्थी बीमा कम्पनी से वर्ष 2008 में अपना मतदान पहचान पत्र, राषनकार्ड व फोटो आदि प्रस्तुत कर अपने जीवन काल में एक बीमा पाॅलिसी संख्या यू. 000661119 प्राप्त की । बीमा करते समय अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने यह अवगत कराया था कि वे 65 वर्ष तक की आयु के व्यक्तियों का उनके आगे के जीवनकाल का बीमा करते हंै । उसके पिता ने वर्ष 2008 से वर्ष 2012 तक का बीमा प्रीमियम भी अदा किया । वर्ष 2013 की बकाया प्रीमियम की राषि जब वह अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां जमा कराने गया तो उसे पाॅलिसी बन्द कर दिए जाने की सूचना दी गई । पाॅलिसी चालू करने के लिए उसने अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा बताए निर्देषानुसार वांछित दस्तावेजात भी जमा करा दिए। किन्तु बावजूद पत्राचार के भी बीमा पाॅलिसी चालू नहीं की गई । उसके पिता का दिनंाक 27.1.2014 को देहान्त हो गया । जिसकी सूचना अप्रार्थी बीमा कम्पनी को देते हुए बीमा क्लेम राषि रू. 9,00,000/-अदा किए जाने की निवेदन कियागया । किन्तु अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने पत्र दिनंाक 5.2.2014 के राषि रू. 75,010/- का चैक भिजवाया । जिसे प्रार्थी ने अप्रार्थी बीमा कम्पनी को वापस भेज दिया । प्रार्थी ने अप्रार्थी बीमा कम्पनी के उक्त कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत कर दर्षाया है कि प्रार्थी के पिता श्री षिवकरण बिषू ने टाटा एआईजी लाईफ इन्वेन्ट एष्योर फ्लेक्सी प्लान के अन्तर्गत बीमा पाॅलिसी लिए जाने हेतु दिनंाक 22.02.2008 को आवेदन किए जाने पर उक्त आवेदन पर विष्वास करते हुए बीमा पाॅलिसी संख्या यू. 000661119 दिनंाक 29.2.2008 को जारी की गई । सन्देह होने पर अप्रार्थी द्वारा कुमार एसोसिएट्स इंष्योरेंस इन्वेस्टीगेटर से जांच कराई गई और जांच में यह तथ्य सामने आया है कि वोटर लिस्ट के अनुसार बीमाधारक की जन्म तिथि 1945 है तथा बीमा प्राप्त करते समय उसकी आयु 76 वर्ष थी । जबकि उसने बीमा प्रस्ताव प्रपत्र में अपनी आयु 65 वर्ष दर्षाई है । इस प्रकार बीमाधारक की आयु निर्धारित आयु से अधिक पाए जाने पर बीमा पाॅलिसी निरस्त कर दी गई और इसकी सूचना जरिए पत्र दिनंाक 18.4.2012 के प्रार्थी को भेजी गई । प्रार्थी के निवेदन पर पुर्नविचार किया गया किन्तु पूर्व के निर्णय को यथावत रखते हुए इसकी सूचना दिनंाक 28.1.2013 को प्रेषित कर दी गई । चूंकि बीमाधारक ने अपनी आयु संबंधी सही तथ्य को छिपाकर बीमा पाॅलिसी प्राप्त की है , इसलिए एक चैक राषि रू. 75,010/- का दिनंाक 24.5.2012 को बीमाधारक को भेजा गया , जो उन्हें वापस प्राप्त हो गया । इस प्रकार उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी कारित नहीं की गई । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई । जवाब के समर्थन में श्री दीक्षांत षर्मा, अधिकृत अधिकारी का षपथपत्र पेष हुआ है ।
3. प्रार्थी पक्ष का तर्क रहा है कि बीमित की आयु बीमा पाॅलिसी लेते समय उसके मतदान पहचान पत्र, राषन कार्ड व फोटो आदि प्रमाण प्रस्तुत कर अप्रार्थी द्वारा उक्त प्रमाण पत्रों से सन्तुष्ट होकर प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी जारी की गई थी । वर्ष 2008 से 2012 तक भी अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रार्थी के पिता से नियमित रूप से प्रतिवर्ष प्रीमियम की राषि प्राप्त की जाती रही है। इसी क्रम में जब वर्ष 2013 में प्रीमियम राषि जमा करवाने हेतु बीमा कम्पनी में सम्पर्क किया गया तो उसे बताया गया कि बीमा पाॅलिसी बन्द कर दी गई है । आवष्यक औपचारिकताओं के पूरा करने के बावजूद भी बीमा कम्पनी द्वारा
5.2.2014 को जो चैक राषि रू. 75,010/- का भेजा गया उसे अस्वीकार कर बीमा कम्पनी को पुनः भिजवा दिया गया है, को देखते हुए यह स्पष्ट था कि तत्समय बीमित द्वारा सभी औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए बीमा पाॅलिसी चालू थी । बीमा कम्पनी ने मात्र यह कहते हुए कि बीमित की आयु का सही प्रमाण नही ंदेकर जो बीमा पाॅलिसी प्राप्त की गई है, वह गलत रूप से प्राप्त की गई है और ऐसा करते हुए जिस प्रकार बीमा कम्पानी ने बीमा पाॅलिसी बन्द की है , वह उनकी सेवा में दोष का परिचायक है । परिवाद स्वीकार की जानी चाहिए ।
4. अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने इन तर्को का खण्डन करते हुए तर्क प्रस्तुत किया है कि आयु के संबंध में सन्देह होने पर बीमा कम्पनी द्वारा जांच करवाए जाने पर बीमित की उम्र पाॅलिसी लेते समय 79 वर्ष व वोटर लिस्ट के अनुसार 88 वर्ष आई है । इस प्रकार उम्र में गहरा अन्तर सन्देह प्रकट करता है । बीमित ने उम्र के सहीं तथ्यों को छिपाते हुए पाॅलिसी प्राप्त की है । सही आधारों पर पाॅलिसी बन्द करते हुए राषि लौटाई गई है । विनिष्चय त्मअपेपवद च्मजपजपवद छवण् 634ध्15 ;छब्द्ध ैठप् स्पमि प्देनतंदबम ब्व स्जक टे त्ंजजंद स्ंस व्तकमत क्ंजमक 303.2015 पर अवलम्ब लिया है ।
5. हमने परस्पर तर्क सुने हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों के साथ साथ प्रस्तुत विनिष्चय में प्रतिपादित न्यायिक दृष्टान्त का भी आदरपूर्वक अवलोकन कर लिया है । तथ्यों की भिन्नता में यह नजीर उनके लिए सहायक नहीं है ।
6. यह स्वीकृत तथ्य है कि प्रार्थी के पिता द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी से वर्ष 2008 में बीमा करवाया गया था व बीमा कम्पनी द्वारा आवष्यक जांच पड़ताल कर पाॅलिसी जारी की गई । तत्समय बीमाधारक की उम्र उसके जन्म प्रमाण पत्र, बीमा प्रस्ताव प्रपत्र में की गई प्रविष्टि , वोटर आई डी कार्ड को आधार बनाया गया है । बीमाधारक द्वारा बीमा प्रस्ताव प्रपत्र. में अपनी जन्म तिथि 2.2.1943 दषाई गई है व जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम के अन्तर्गत सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र के अनुसार भी मृतक की उम्र 2.2.1943 बताई गई है । हालांकि वोटर आईडी कार्ड में उसके जन्म का वर्ष 1945 बताया गया है किन्तु इन सभी तथ्यों को देखकर इन पर प्रथम दृष्टया विष्वास करते हुए प्रार्थी के पिता को उक्त प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी जारी की गई है , ऐसा प्रकट होता है ।
7. यह भी स्वीकृत तथ्य है कि मृतक की उक्त पाॅलिसी में वर्ष 2008 से 2012 तक प्रीमियम की राषि जमा होती रही है व इस दौरान किसी प्रकार का कोई सन्देह सामने नहीं आया है । बीमा कम्पनी ने अपने स्तर पर जांच कर मृतक की उम्र बाबत् सन्देह का आधार कुमार ऐसोसिएट की रिपोर्ट को बताया है । जिसके अनुसार बीमित की उम्र वोटर लिस्ट के अनुसार 79 वर्ष बताई गई है व संलग्न विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र डेगाना की निर्वाचक नामावली 1988 भाग संख्या 144 के अनुसार क्रम संख्या 389 पर दर्ज प्रविष्टि में बीमित को षिवकरण पुत्र श्री सगराम लिंग स्त्री उम्र- 65 वर्ष बताया गया है तथा नीचे अंकित किया गया है कि प्रविष्टियों का क्रम इस प्रकार है- क्रम संख्या, मकान संख्या व मोहल्ला, मतदाता का नाम, संबंध पिता/पति/माता का नाम , स्त्री या पुरूष और 1.1.1988 को अनुमानित आयु । यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस नामावली में वर्ष 2011 को काटकर वर्ष 1988 किया गया है । इस कटिंग पर प्रमाण स्वरूप किसी के लघु हस्ताक्षर नहीं है व नीचे अनुमानित आयु बताई गई है । कहा जा सकता है कि ये प्रविष्टियां अपने आप में सन्देह प्रकट करती है क्योंकि सर्वप्रथम वर्ष 2011 को काटकर 1988 किया गया है, कटिंग पर किसी के लघु हस्ताक्षर नहीं है और इसी प्रकार षिवकरण को स्त्री बता कर उम्र 65 वर्ष बताई गई है । यदि वर्ष 1988 में मृतक की उम्र इस निर्वाचक सूची के अनुसार 65 वर्ष मानी जावे तो बीमा करवाते समय बीमित की उम्र 85 वर्ष होनी चाहिए । इस वोटर लिस्ट के संदर्भ में कुमार एसोसियट की रिपोर्ट में बीमित की उम्र के बारे में विचार करे तो इस वोटर लिस्ट के अनुसार बीमित की उम्र 79 वर्ष बताई गई है । समझ में नहीं आता है कि यह उम्र की गणना अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने किस प्रकार की है । यहीं नही ंअपने जवाब में भी बीमा कम्पनी ने वोटर लिस्ट के अनुसार बीमाधारक की जन्म तिथि 1945 जांच एजेन्सी द्वारा अपनी जांच के दौरान बताई है तथा बीमा प्राप्त करते हुए उसकी आयु 76 वर्ष बताई है । इस हिसाब से भी यदि वोटर आईडी कार्ड के अनुसार जन्म तिथि 1945 मानी जावे तो बीमा प्राप्त करते समय बीमित की उम्र 76 वर्ष नहीं हो सकती । गणना की जाए तो बीमाधारक की उम्र बीमा प्राप्त करते समय 63 वर्ष होती है । कहा जा सकता है कि इन तथ्यों की अनदेखी करते हुए जो जांच के दौरान स्थिति सामने आई है, को अप्रार्थी ने सहीं रूप से प्रस्तुत नहीं कर भ्रम की स्थिति पैदा करने की कोषिष की है । बीमित द्वारा जो बीमा पाॅलिसी लिए जाते समय जन्म तिथि का आधार राज्य सरकार के जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम के अन्तर्गत जारी प्रमाण पत्र को मानते हुए बीमा प्रस्ताव प्रपत्र में अपनी जन्म तिथि का अंकन किया है वह किसी भी दृष्टि में गलत नहीं हो सकता एवं बीमाधारक के स्तर पर किसी प्रकार का उम्र संबंधी तथ्य छिपाया गया हो अथवा उम्र गलत बताई गई हो, यह नहीं माना जा सकता । अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा जो उनके द्वारा करवाई गई च्जांच का आधार मानते हुए बीमा पाॅलिसी बन्द की गई है वह उपरोक्त विवेचन के प्रकाष में स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है । मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
8. (1) अप्रार्थी बीमा कम्पनी को यह आदेष दिया जाता है कि वह इस आदेष से दो माह के अन्दर बन्द हुई प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी संख्या यू-000661119 पेटे प्रार्थी से वर्ष 2013 सें बकाया बीमा प्रीमियम नियमानुसार प्राप्त करते हुए उक्त प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी को पूर्ण परिलाभों सहित, यदि कोई हो तो, पुर्नचलित करें ।
(2) प्रष्नगत बीमा के पुर्नचलित हो जाने की दषा में चूंकि बीमाधारक की मृत्यु दिनांक 27.1.2014 को हो जाने की स्थिति में प्रार्थी उक्त बीमा पाॅलिसी पेटे बीमा क्लेम राषि रू. 9,00,000/- ( अक्षरे रू. नौ लाख मात्र) बीमाधारक की मृत्यु दिनांक 27.1.2014 से तदायगी 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज सहित अप्रार्थी बीमा कम्पनी से प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से ं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/- भी प्राप्त करने के अधिकारी होगा ।
(4) क्रम संख्या 2 लगायत 3 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 30.08.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष