Rajasthan

Nagaur

65/2013

Smt.Sugni Devi - Complainant(s)

Versus

Tata AIG Life Ins.Com.Ltd. - Opp.Party(s)

Sh.Mahendra Kumar Vishnoi

25 Feb 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 65/2013
 
1. Smt.Sugni Devi
Paldi Kalla,Nagaur
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Brijlal Meena PRESIDENT
 HON'BLE MR. Balveer KhuKhudiya MEMBER
 HON'BLE MRS. Rajlaxmi Achrya MEMBER
 
For the Complainant:Sh.Mahendra Kumar Vishnoi, Advocate
For the Opp. Party: Sh.Narendra Saraswat, Advocate
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंचए नागौर

;1द्ध

परिवाद संण् 64ध्13

 

श्रीमती गीतादेवी पत्नी स्वर्गीय श्री सोहनलाल जाति वैष्णव निवासी ग्राम डाणीपुरा जिला नागौर                                                                                                                 .परिवादी     

बनाम

 

1ण्    टाटा एण्आइण्जीण् लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेडए जरिये शाखा कार्यालय प्रथम फ्लोर प्लाॅट नं0 13.15 ए एस सी रोड़ वैशाली नगर अजमेर

2ण्    टाटा एण्आइण्जीण् लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेडए जरिये मण्डल प्रबंधक मण्डल कार्यालय छठा मालाए पेनीस्यूअला टावर्सए पेनीस्युअला काॅर्पोरेट पार्कए गणपतराय कदम मार्गए लोवर पारेलए वेस्ट मुम्बई

3ण्    टाटा एण्आइण्जीण् लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेडए जरिये शाखा कार्यालय सुगनसिंह सर्किलए नागौर

                                               .अप्रार्थीगण

 

                                                                                                ;2द्ध

परिवाद संण् 65ध्13

 

श्रीमती सुगनी देवी पत्नी स्वर्गीय श्री परमाराम जाति जाट निवासी पालड़ी कलां पुलिस थाना डेगाना जिला नागौर                                                                                                               .परिवादी     

बनाम

 

1ण्    टाटा एण्आइण्जीण् लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेडए जरिये शाखा कार्यालय प्रथम फ्लोर प्लाॅट नं0 13.15 ए एस सी रोड़ वैशाली नगर अजमेर

2ण्    टाटा एण्आइण्जीण् लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेडए जरिये मण्डल प्रबंधक मण्डल कार्यालय छठा मालाए पेनीस्यूअला टावर्सए पेनीस्युअला काॅर्पोरेट पार्कए गणपतराय कदम मार्गए लोवर पारेलए वेस्ट मुम्बई

3ण्    टाटा एण्आइण्जीण् लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेडए जरिये शाखा कार्यालय सुगनसिंह सर्किलए नागौर

                                               .अप्रार्थीगण

 

 

 

                                                                                                ;3द्ध

 

परिवाद संण् 66ध्13

 

श्री शिवदयाल पारीक पुत्र स्व0 श्री मांगीलाल आयु 46 वचर्ष जाति ब्राह्मण निवासी कल्याणपुरा पुलिस थाना थांवला जिला नागौर                                                                                                               .परिवादी     

बनाम

 

1ण्    टाटा एण्आइण्जीण् लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेडए जरिये शाखा कार्यालय प्रथम फ्लोर प्लाॅट नं0 13.15 ए एस सी रोड़ वैशाली नगर अजमेर

2ण्    टाटा एण्आइण्जीण् लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेडए जरिये मण्डल प्रबंधक मण्डल कार्यालय छठा मालाए पेनीस्यूअला टावर्सए पेनीस्युअला काॅर्पोरेट पार्कए गणपतराय कदम मार्गए लोवर पारेलए वेस्ट मुम्बई

3ण्    टाटा एण्आइण्जीण् लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेडए जरिये शाखा कार्यालय सुगनसिंह सर्किलए नागौर

                                               .अप्रार्थीगण

                                                                                                ;4द्ध

 

परिवाद संण् 67ध्13

;4द्ध

श्री शिवराज पुत्र श्री उम्मेदराम आयु 20 वर्ष जाति जाट निवासी ग्राम गवारड़ी तहसील मेड़ता सिटी जिला नागौर                                                                                                                .परिवादी     

बनाम

 

4ण्    टाटा एण्आइण्जीण् लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेडए जरिये शाखा कार्यालय प्रथम फ्लोर प्लाॅट नं0 13.15 ए एस सी रोड़ वैशाली नगर अजमेर

5ण्    टाटा एण्आइण्जीण् लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेडए जरिये मण्डल प्रबंधक मण्डल कार्यालय छठा मालाए पेनीस्यूअला टावर्सए पेनीस्युअला काॅर्पोरेट पार्कए गणपतराय कदम मार्गए लोवर पारेलए वेस्ट मुम्बई

6ण्    टाटा एण्आइण्जीण् लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेडए जरिये शाखा कार्यालय सुगनसिंह सर्किलए नागौर

                                               .अप्रार्थीगण

 

 

 

समक्षः

1ण् श्री बृजलाल मीणाए अध्यक्ष।

2ण् श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्यए सदस्या।

3ण् श्री बलवीर खुडखुडियाए सदस्य।

 

उपस्थितः

1ण्    महेन्द्रकुमार विश्नोईए श्री कालूराम सांखला अधिवक्ता वास्ते परिवादी

2ण्    श्री नरेन्द्र सारस्वतए अधिवक्ता वास्ते अप्रार्थीगण

 

    अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ए1986

 

                      आ  दे  श             दिनांक.25ण्2ण्2015

 

1ण्    परिवाद ;1द्ध के संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि अप्रार्थीगण अपने एजेन्ट के माध्यम से व्यक्तियों के जीवन बीमा का कार्य करती है। श्रीमती रेखा चैधरी अप्रार्थीगण के एजेंट ने परिवादीया के पति मृतक स्व0 श्री सोहनलाल से सम्पर्क कर बीमा प्लान राशि 5ए00ए000ध्. रूपए का बीमा दिनांक 24ण्2ण्2009 को किया जिसमें नोमिनि उसकी पत्नी परिवादीया गीतादेवी थी। परिवादी के पति की दिनांक 25ण्10ण्2010 को अचानक प्राकृतिक मृत्यु हो गई। जिस पर परिवादी ने अप्रार्थीगण के समक्ष उक्त पाॅलिसि यू. 000656577 के तहत क्लेम प्रस्तुत किया जो अप्रार्थीगण ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि मृतक की मृत्यु बीमारी के कारण हुई है जबकि परिवादी के पति को कोई बीमारी नहीं थी । क्लेम से बचने के लिए अप्रार्थीगण द्वारा बिना किसी युक्तियुक्त आधार के बिना परिवादी को सुनवाई का अवसर दिये क्लेम निरस्त किया जिससे क्लेम प्रस्तुत कर निवेदन किया कि परिवादी को पाॅलिसि राशिए मानसिक व शारीरिक क्षतिए परिवाद व्यय के कुल 615000 रूपये दिलाये जावें । परिवाद के समर्थन में परिवादी का शपथ पत्र व पाॅलिसि से संबंधित दस्तावेजात फोटो प्रतियां पेश की ।

2ण्    अप्रार्थीगण ने अपने जबाब में परिवाद के तथ्यों से इन्कार करते हुए मुख्य रूप से यह कथन किया कि पाॅलिसि धारक पाॅलिसि आवेदन से पूर्व से कपंइमजमे उमससपजने बीमारी से ग्रसित था । परिवादी को क्लेम प्रस्तुत करने का अधिकार नहीं है। पाॅलिसि धारक ने आवेदन करते समय गलत जानकारी देकर पाॅलिसि शर्तो का उल्लंघन किया है इसलिए क्लेम खारिज किये जाने योग्य होने से खारिज किया जावे ।

3ण्    इसी प्रकार परिवाद ;2द्धके संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि अप्रार्थीगण के एजेंट ने परिवादी के पति मृतक स्व0 श्री परमाराम से सम्पर्क कर बीमा प्लान राशि 3ए75ए000ध्. रूपए का बीमा दिनांक 31ण्7ण्2009 को किया जिसमें नोमिनि उसकी पत्नी परिवादीया सुगनी देवी थी। परिवादी के पति की दिनांक 14ण्5ण्2010 को अचानक हृदय गति रूक जाने से प्राकृतिक मृत्यु हो गई । जिस पर परिवादी ने अप्रार्थीगण के समक्ष उक्त पाॅलिसि यू.011840592 के तहत क्लेम प्रस्तुत किया जो अप्रार्थीगण ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि मृतक गरीबी रेखा के नीचे आता है इसलिए उसकी प्रीमियम भरने की आर्थिक स्थिति नही थी। क्लेम से बचने के लिए अप्रार्थीगण द्वारा बिना किसी युक्तियुक्त आधार के बिना परिवादी को सुनवाई का अवसर दिये क्लेम निरस्त किया जिससे क्लेम प्रस्तुत कर निवेदन किया कि परिवादी को पाॅलिसि राशिए मानसिक व शारीरिक क्षतिए परिवाद व्यय के कुल 490000 रूपये दिलाये जावें । परिवाद के समर्थन में परिवादी का शपथ पत्र व पाॅलिसि से संबंधित दस्तावेजात फोटो प्रतियां पेश की ।

4ण्    अप्रार्थीगण ने अपने जबाब में परिवाद के तथ्यों से इन्कार करते हुए मुख्य रूप से यह कथन किया कि पाॅलिसि धारक बीपीएल केटेगरी का था जिसकी पाॅलिसि प्रीमियम भरने की आर्थिक स्थिति ही नहीं थी। परिवादी को क्लेम प्रस्तुत करने का अधिकार नहीं है। पाॅलिसि धारक ने आवेदन करते समय गलत जानकारी देकर पाॅलिसि शर्तो का उल्लंघन किया है इसलिए क्लेम खारिज किये जाने योग्य से खारिज किया जावे ।

5ण्    परिवाद ;3द्धके संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि अप्रार्थीगण के एजेंट ने परिवादी के पिता मृतक स्व0 मांगीलाल से सम्पर्क कर बीमा प्लान राशि 3ए20ए000ध्. रूपए का बीमा दिनांक 15ण्7ण्2009 को किया जिसमें नोमिनि उसका पुत्र परिवादी शिवदयाल था। परिवादी के पिता की दिनांक 01ण्11ण्2009 को अचानक घर पर प्राकृतिक मृत्यु हो गई । जिस पर परिवादी ने अप्रार्थीगण के समक्ष उक्त पाॅलिसि यू. 077660224 के तहत क्लेम प्रस्तुत किया जो अप्रार्थीगण ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि मृतक की मृत्यु बीमारी के कारण हुई है जबकि परिवादी के पिता को कोई बीमारी नहीं थी। क्लेम से बचने के लिए अप्रार्थीगण द्वारा बिना किसी युक्तियुक्त आधार के बिना परिवादी को सुनवाई का अवसर दिये क्लेम निरस्त किया जिससे क्लेम प्रस्तुत कर निवेदन किया कि परिवादी को पाॅलिसि राशिए मानसिक व शारीरिक क्षतिए परिवाद व्यय के कुल 485000 रूपये दिलाये जावें । परिवाद के समर्थन में परिवादी का शपथ पत्र व पाॅलिसि से संबंधित दस्तावेजात फोटो प्रतियां पेश की ।

6ण्    अप्रार्थीगण ने अपने जबाब में परिवाद के तथ्यों से इन्कार करते हुए मुख्य रूप से यह कथन किया कि पाॅलिसि धारक पाॅलिसि आवेदन से पूर्व से भ्लचमतजमदेपवपद ब्ीतवदपब व्इेजतनबजपवद च्नसउवदंतल क्पेमंेम बीमारी से ग्रसित था । परिवादी को क्लेम प्रस्तुत करने का अधिकार नहीं है। पाॅलिसि धारक ने आवेदन करते समय गलत जानकारी देकर पाॅलिसि शर्तो का उल्लंघन किया है इसलिए क्लेम खारिज किये जाने योग्य से खारिज किया जावे ।

7ण्    परिवाद ;4द्धके संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि अप्रार्थीगण अपने एजेन्ट के माध्यम से व्यक्तियों के जीवन बीमा का कार्य करती है। श्री मोडाराम अप्रार्थीगण के एजेंट ने परिवादी के पिता मृतक स्व0 उम्मेदराम से सम्पर्क कर बीमा प्लान राशि 3ए00ए000ध्. रूपए का बीमा दिनांक 24ण्8ण्2009 को किया जिसमें नोमिनि उसका पुत्र परिवादी शिवाराज था। परिवादी के पिता की दिनांक 07ण्4ण्2010 को अचानक खेती का कार्य करते हुए प्राकृतिक मृत्यु हो गई । जिस पर परिवादी ने अप्रार्थीगण के समक्ष उक्त पाॅलिसि यू. 014285316 के तहत क्लेम प्रस्तुत किया जो अप्रार्थीगण ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि मृतक की मृत्यु बीमारी के कारण हुई है जबकि परिवादी के पिता को कोई बीमारी नहीं थी । क्लेम से बचने के लिए अप्रार्थीगण द्वारा बिना किसी युक्तियुक्त आधार के बिना परिवादी को सुनवाई का अवसर दिये क्लेम निरस्त किया जिससे क्लेम प्रस्तुत कर निवेदन किया कि परिवादी को पाॅलिसि राशिए मानसिक व शारीरिक क्षतिए परिवाद व्यय के कुल 465000 रूपये दिलाये जावें । परिवाद के समर्थन में परिवादी का शपथ पत्र व पाॅलिसि से संबंधित दस्तावेजात फोटो प्रतियां पेश की ।

8ण्    अप्रार्थीगण ने अपने जबाब में परिवाद के तथ्यों से इन्कार करते हुए मुख्य रूप से यह कथन किया कि पाॅलिसि धारक पाॅलिसि आवेदन से पूर्व से ब्मतमइतव टंेबनसंत ।बबपकमदज ंदक भ्लचमतजमदेपवद बीमारी से ग्रसित था । परिवादी को क्लेम प्रस्तुत करने का अधिकार नहीं है। पाॅलिसि धारक ने आवेदन करते समय गलत जानकारी देकर पाॅलिसि शर्तो का उल्लंघन किया है इसलिए क्लेम खारिज किये जाने योग्य से खारिज किया जावे ।

9ण्    बहस उभय पक्ष सुनी गई। प्रत्येक परिवाद की पत्रावली का गहनतापूर्वक अध्ययन एवं मनन किया गया। परिवादी के अधिवक्ता का बहस के दौरान प्रार्थनापत्र में उल्लेखित तथ्यों की पुनरावृति करते हुए तर्क रहा है कि अप्रार्थीगण ने बिना किसी युक्तियुक्त कारण के परिवादी को सुनवाई का अवसर दिये बिना परिवादी का क्लेम खारिज किया है जिससे परिवादी को क्षति हुई है तथा अप्रार्थीगण की सेवाओं में त्रुटि रही है इसलिए परिवादी को वांछित अनुतोष प्रदान किया जावे । इसके विपरीत अप्रार्थीगण का जबाब में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर तर्क रहा है कि परिवादी क्लेम प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है इसलिए परिवाद खारिज किया जावे ।

10ण्   उपरोक्त चारों पाॅलिसि धारकों के वारिसान की ओर से एक ही बीमा कम्पनी के विरूद्ध प्रस्तुत किये गये होने तथा चारों परिवाद के तथ्य समान होने से इन चारों परिवादों का इस आदेश के द्वारा एक साथ निस्तारण किया जा रहा है।

11ण्   उपरोक्त चारों परिवादों में यह तथ्य निर्विवाद है कि क्रमशः मृतक सोहनलालए परमारामए मांगीलाल व उम्ममेदराम ने अप्रार्थी कम्पनी से बीमा पाॅलिसि ली । इसमें पाॅलिसि लेने के पश्चात् उपरोक्त चारों बीमा पाॅलिसि धारकों की अलग अलग कारणों से मृत्यु कारित हुई । उपरोक्त परिवादीगण ने जो कि मृतक बीमा पाॅलिसि धारकों के वारिसान है ए ने बीमा कम्पनी के यहां क्लेम प्रस्तुत किये । बीमा कम्पनी ने सुगनी देवी वाले क्लेम के अलावा उपरोक्त तीनों बीमा पाॅलिसि धारकों के बीमा क्लेम इस आधार पर निरस्त कर दिये कि बीमा धारकों ने पाॅलिसि प्राप्त करते समय आवोदनपत्र में सही तथ्यों को छुपाया । उपरोक्त तीनों मृतक बीमा पाॅलिसि धारक बीमा लेने से पूर्व बीमारीयों से ग्रसित थे । बीमा पाॅलिसि की शर्तो के मुताबिक बीमा धारक को फार्म भरते समय अपनी बीमारी के संबंध बीमा कम्पनी को सही तथ्य प्रस्तुत करने चाहिए थे । सुगनी देवी वाले परिवाद में इस आधार पर बीमा क्लेम निरस्त किया कि बीमा धारक परमाराम ने बीमा फार्म भरते समय अपनी सही वित्तीय स्थिति को नहीं दर्शाया । उसकी इतनी आय नहीं थी कि सालाना व निर्धारित प्रीमियम राशि 15000 रूपये जमा करवा सके । अपितु वह बीपीएल परिवार का था।

12ण्   विद्वान अधिवक्ता बीमा कम्पनी की ओर से न्यायिक दृष्टांत 2012;3द्ध सीण्पीण्आरण् पेज 291;एनण्सीण्द्ध एलण्आइण्सीण् बनाम सुरेखाशंकर जाधवए 2012;1द्ध सीण्पीण्आरण् पेज 48 एनसीए लालचंद बनाम एलण्आइण्सीण्ए 2013;1द्धसीण्पीण्आरण् एनसी पुष्पा देवी एबाबूलाल पूनमिया बनाम एलण्आइण्सीण् प्रस्तुत की । उपरोक्त न्यायिक दृष्टांतों का ससम्मान अध्ययन व मनन किया । सार रूप में उपरोक्त सभी न्यायिक दृष्टांतों में माननीय राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद परितोष आयोग ने यह अवनिर्धारित किया कि यदि बीमा पाॅलिसि लेते समय महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाया जाता है तो बीमा धारक की मृत्यु या एक्सीडेंट जो भी परिस्थिति हो ए उसके वारिसान बीमा क्लेम प्राप्त नहीं कर सकते । हमारी राय में उक्त न्यायिक दृष्टांतों में यह सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है कि बीमा पाॅलिसियों की शर्तो के मुताबिक बीमाधारकों को बीमा लेते समय समस्त जानकारियों सही रूप से प्रस्तुत करनी चाहिए । किसी भी तथ्य को छुपाना बीमा पाॅलिसि की शर्तो के खिलाफ है।

13ण्   अप्रार्थीगण की ओर से मृतक परमाराम के अलावा उपरोक्त बीमा धारकों को डाइबीटिज व हाइपरटेंशन की बीमारी बताई गई है। अपने कथनों के समर्थन में उन्होंने डाॅण् एसण्सीण् स्वामी का पर्चा प्रस्तुत किया है तथा पर्चे में मांगीलाल की बीमारी के संबंध में यह बताया है कि साल डेढ साल से उसके यहां उपचाररत था। इसके अलावा अन्य पेपर भी इसके साथ संलग्न है जिनमें यह लिखा हुआ है कि शिवदयाल पारीक के द्वारा यह बताया गया कि डाॅण् एसण्सीण् स्वामी को उसके पिताजी को दिखाते थे परंतु जब उनकी तबीयत खराब हुई और उनको डाॅक्टर के पास ले जाने लगे तो रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई । ऐसी सूरत में जब डाॅ0 एसण्सीण् स्वामी का कोई शपथपत्र प्रस्तुत नहीं किया हैए न ही मृतक के उपचार से सम्बन्धित कोई दस्तावेजात डिस्चार्ज टिकट या अन्य उपचार की कोई पर्चियां आदि प्रस्तुत हुई है जिससे कि अप्रार्थीगण के तर्क को बल मिलता कि वस्तुतः मृतक मांगीलाल डाइबीटिज व हाइपरटेंशन बीमारी से ग्रस्त था व इसी कारण उसकी मृत्यु हुई । यहां इस बात का उल्लेख करना सुसंगत व आवश्यक होगा कि जो अन्य बीमा धारक उम्मेदाराम को अप्रार्थीगण की ओर से श्री कृष्णा हाॅस्पीटल एण्ड रिसर्च सेन्टर के डाॅ0 कौशलकुमार यादव के प्रमाणपत्र की फोटो प्रति व चिकित्सा अधिकारी प्रभारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गवारड़ी की पेश कर जाहिर किया गया है कि उक्त उम्मेदाराम मृतक दो वर्षो से अन्य बीमारी से ग्रसित था लेकिन न तो प्रमाण पत्र को प्रदर्शित करवाया गया है और प्रमाण पत्र जारी करने वाले चिकित्सक को साक्ष्य में मंच के समक्ष परीक्षित करवाया गया है । केवल प्रमाणपत्र की फोटो प्रति प्रस्तुत कर देने मात्र देने से यह सिद्ध नहीं माना जा सकता कि उक्त उम्मेदाराम बीमा लेने से पूर्व से किसी बीमारी से ग्रसित था और उसने किसी महत्वपूर्ण तथ्य को छुपाया हो । इससे अप्रार्थीगण को कोई मदद नहीं मिल सकती। इसी प्रकार सोहनलाल वाले मामले में भी अप्रार्थीगण ने यह साबित नहीं किया है कि बीमाधारक मृतक बीमा लेने से पूर्व किसी बीमारी से ग्रसित था।

14ण्   हमारी राय में अप्राथर््ीागण की ओर से उपरोक्त तथाकथित बीमारियों के संबंध में संपुष्ट साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की है । जो उपरोक्त साक्ष्य प्रस्तुत की है वह विश्वसनीय नहीं है। इस प्रकार से अप्रार्थीगण ने बीमा धारकों के उत्तराधिकारियों के द्वारा जो विवादित क्लेम प्रस्तुत किये ए उनको गलत आधार पर निरस्त किया है जो पूर्णतया सेवा दोष है।

15ण्   इसके अलावा सुगनी देवी के मामले में अप्रार्थीगण के तर्क निराधार व हास्यास्पद है क्योंकि सुगनी देवी के पति परमाराम ने बीमा पाॅलिसि लेते समय अपनी जायदाद का पूर्ण विवरण दिया और करीब चार लाख रूपये वार्षिक आय बताई । इसके अलावा यह परमाराम का उत्तरदायित्व था कि वह किस प्रकार से अप्रार्थीगण को प्रीमियम की राशि अदा करे । बीपीएल का कोई प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया है । परंतु तर्क के लिए यह मान भी लिया जावे कि परमाराम बीपीएल केटेगरी का था तो भी इससे उसके बीमा क्लेम पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता क्योंकि अप्रार्थी बीमा कम्पनी की बीमा पाॅलिसि में बीपीएल के संबंध में कोई शर्त नहीं है।

16ण्   इस प्रकार से उपरोक्त चारों परिवादीगण के परिवादपत्र स्वीकार किये जाने योग्य है जो निम्न प्रकार से स्वीकार किये जाते हैंरू.                  

 

 

                                                                                आदेश

 

                ;1द्ध परिवादी गीता देवी का परिवाद विरूद्ध अप्रार्थीगण स्वीकार कर आदेश दिया     जाता है कि परिवादीनि गीता देवी अप्रार्थीगण से मृतक सोहनलाल की पाॅलिसि     के परिपक्व होने पर दी जाने वाली राशि 5ए00ए000 रूपये व इस पर परिवाद    प्रस्तुति की दिनांक 18ण्2ण्2013 से ता. अदायगी 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज    की राशि प्राप्त करने की अधिकारी है जो राशि अप्रार्थीगण परिवादीनि को     अविलम्ब अदा करे।

 

                ;2द्ध अप्रार्थीगण परिवादीनि गीतादेवी को परिवाद व्यय के 2500 रूपये तुरंत अदा     करेंगे।

                                                                                ....

 

                ;1द्ध परिवादी सुगनी देवी का परिवाद विरूद्ध अप्रार्थीगण स्वीकार कर आदेश   दिया जाता है कि परिवादीनि सुगनी देवी अप्रार्थीगण से मृतक परमाराम की      पाॅलिसि के परिपक्व होने पर दी जाने वाली राशि 3ए75ए000 रूपये व इस पर    परिवाद प्रस्तुति की दिनांक 18ण्2ण्2013 से ता. अदायगी 9 प्रतिशत वार्षिक दर     से ब्याज की राशि प्राप्त करने की अधिकारी है जो राशि अप्रार्थीगण परिवादीनि       को अविलम्ब अदा करे।

                ;2द्ध अप्रार्थीगण परिवादीनि गीतादेवी को परिवाद व्यय के 2500 रूपये तुरंत अदा     करेंगे।

                                                                                .....

 

                ;1द्ध परिवादी शिवदयाल का परिवाद विरूद्ध अप्रार्थीगण स्वीकार कर आदेश   दिया जाता है कि परिवादी शिवदयाल अप्रार्थीगण से मृतक मांगीलाल की पाॅलिसि के परिपक्व होने पर दी जाने वाली राशि 3ए20ए000 रूपये व इस पर    परिवाद प्रस्तुति की दिनांक 18ण्2ण्2013 से ता. अदायगी 9 प्रतिशत वार्षिक दर     से ब्याज की राशि प्राप्त करने की अधिकारी है जो राशि अप्रार्थीगण परिवादीनि       को अविलम्ब अदा करे।

                ;2द्ध अप्रार्थीगण परिवादीनि गीतादेवी को परिवाद व्यय के 2500 रूपये तुरंत अदा     करेंगे।

                                                                                .......

 

                ;1द्ध परिवादी शिवराज का परिवाद विरूद्ध अप्रार्थीगण स्वीकार कर आदेश दिया      जाता है कि परिवादी शिवराज अप्रार्थीगण से मृतक उम्मेदाराम की पाॅलिसि के    परिपक्व होने पर दी जाने वाली राशि 3ए00ए000 रूपये व इस पर परिवाद      प्रस्तुति की दिनांक 18ण्2ण्2013 से ता. अदायगी 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज    की राशि प्राप्त करने की अधिकारी है जो राशि अप्रार्थीगण परिवादीनि को     अविलम्ब अदा करे।

                ;2द्ध अप्रार्थीगण परिवादीनि गीतादेवी को परिवाद व्यय के 2500 रूपये तुरंत अदा     करेंगे।

 

 

                 

                आदेश आज दिनांक 25ण्2ण्2015 को लिखाया जाकर खुले न्यायालय में सुनाया     गया।

 

 

 

।बलवीर खुडखुडिया।    ।बृजलाल मीणा।   ।श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य।

सदस्य                 अध्यक्ष            सदस्या

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Brijlal Meena]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Balveer KhuKhudiya]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Rajlaxmi Achrya]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.