Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/436/2013

Alok Jain - Complainant(s)

Versus

Tata AIG gen. ins. co. ltd. - Opp.Party(s)

18 Mar 2020

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/436/2013
( Date of Filing : 16 May 2013 )
 
1. Alok Jain
Lucknow
...........Complainant(s)
Versus
1. Tata AIG gen. ins. co. ltd.
Husainganj Lucknow
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  ARVIND KUMAR PRESIDENT
  SMT SNEH TRIPATHI MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Mar 2020
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम, लखनऊ

              परिवाद संख्‍या:-436/2013             

  उपस्थित:-श्री अरविन्‍द कुमार, अध्‍यक्ष।

                                               श्रीमती स्‍नेह त्रिपाठी, सदस्‍य।                                            

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-16/05/2013

परिवाद के निर्णय की तारीख:-18/03/2020

 

Mr. Alok Jain SM (IC54279X) P-3/3 Hudson Lines Dilkusha Lucknow Cantt, Lucknow-226002.

                                                                                                ....................Complainant.                                                

                       Versus

1-Tata AIG General Insurance Company Ltd. Ratan Square Tower, Vidhan Sabha Marg, Husainganj, Lucknow Through its Regional Manager.

2- Tata AIG General Insurance Company Ltd. Regd. Office, Peninsula Corporate Park,  Nicholas Tower, 9th Floor, Ganpatrao Kadam Marg,  Lower Parel, Mumbai-400013 Through its Managing Director.

                                             ....................Opp. Party.

आदेश द्वारा-श्री अरविन्‍द कुमार, अध्‍यक्ष।

                          निर्णय 

            परिवादी ने प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षीगण द्वारा अपनाई गयी अनुचित व्‍यापार प्रथा व सेवा में कमी की वजह से परिवादी व उसके परिवार को हुई मानसिक प्रताड़ना पर आर्थिक क्षति के लिये हर्जा 4,00,000.00 रूपये,  एवं वाद व्‍यय 10,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

     संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने अपने परिवार के इस्‍तेमाल के लिये एक हुण्‍डई I-10 कार है जिसका रजिस्‍ट्रेशन नम्‍बर HR 03K0691 है। परिवाद की कार विपक्षीगण की कम्‍पनी से वर्ष 2011 से 2012 तक के लिये बीमित थी,  जिसका पॉंलिसी नम्‍बर 015165336 था जोकि दिनॉंक-26 दिसम्‍बर, 2012 तक वैध थी। पॉलिसी की अवधि समाप्‍त होने से पूर्व विपक्षीगण के स्‍थानीय कार्यालय से पॉलिसी के रिनीवल के लिये परिवादी को फोन आया कि आपकी पॉलिसी की अवधि दिनॉंक-26/12/2012 को समाप्‍त हो रही है,  इसके पूर्व रिनुवल करा लें, ताकि आपको नो क्‍लेम बोनस व अन्‍य छूट प्राप्‍त हो सके,  आपकी पॉलिसी ऑन लाइन रिनुवल हो जायेगी। विपक्षीगण की फोन काल सुनकर परिवादी द्वारा पॉलिसी का प्रीमियम कालकर्ता से पूछा गया तो उसके द्वारा बताया गया कि आपको वर्ष 2012-13 के लिये कार बीमा राशि 6232.00 रूपये जम करना होगा, जिसे आप ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। विपक्षीगण की बातों को सुनकर परिवादी बीमा पॉलिसी लेने के लिये तैयार हो गया और अपने एच0डी0एफ0सी0 बैंक एकाउन्‍ट नम्‍बर-01191150038313 से पॉलिसी प्राप्‍त करने के लिये 6232.00 रूपये विपक्षीगण के खाते में ट्रांसफर कर दिये। तत्‍पश्‍चात विपक्षीगण द्वारा एक पुष्‍टीकरण पत्र जारी कर दिया गया कि आपको पॉलिसी की कापी जल्‍द ही भेज दी जायेगी। परिवादी द्वारा पॉलिसी का पैसा दिनॉंक 24/12/2012 को जमा करने के पश्‍चात और विपक्षीगण द्वारा कन्‍फरमेशल लेटर जारी करने के पश्‍चात पॉलिसी की कापी परिवादी को नहीं भेजी गयी। परिवादी को पॉलिसी का भुगतान किये हुए लगभग साढ़े तीन महीने का समय व्‍यतीत हो चुका है,  तथा परिवादी द्वारा विपक्षीगण के साथ मेल के जरिये और फोनकॅाल के जरिये काफी लिखा पढ़ी की जा चुकी है परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया अपनाते हुए परिवादी व उसके परिवार को अत्‍यधिक मानसिक प्रताड़ना और आर्थिक क्षति पहुँचायी गयी है।

     विपक्षीगण ने संयुक्‍त उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत करते हुए कथन किया कि परिवादी ने अपने कार की पॉलिसी दिनॉंक-24 दिसम्‍बर, 2012 के आस-पास नवीनीकरण के लिये ऑन लाइन आवेदन दिया तथा 6,232/-रूपये का भुगतान किया, परन्‍तु उसमें 82/-रूपये की कमी थी, इस‍के लिये विपक्षीगण ने दिनॉंक-11 जनवरी, 2013 को ई-मेल से 82/-रूपये जमा करने का अनुरोध किया, जिसे परिवादी ने 18 जनवरी, 2013 को जमा किया। परिवादी को पॉलिसी की पी0डी0एफ0 प्रति ई-मेल के जरिये भेजी गयी थी। परिवादी को 01 फरवरी, 2013 को पॉलिसी भेजी गयी थी। परिवादी ने 09 मार्च, 2013 को कॉल सेन्‍टर पर फोन किया, और परिवादी को शिकायत नम्‍बर-1505429 दिया गया। परिवादी को सही पॉलिसी 17 अप्रैल, 2013 को भेजी गयी। पॉलिसी में 2012-13 के स्‍थान पर पॉलिसी अवधि 2011-12 हो गयी थी, जो जानबूझकर नहीं की गयी थी। परिवादी का दावा स्‍वीकार होने योग्‍य नहीं है।

     उभयपक्षों ने शपथ पर अपना साक्ष्‍य दाखिल किया है।

     अभिलेख का अवलोकन किया, जिससे प्रतीत होता है कि परिवादी के वाहन बीमा का नवीनीकरण होना था, उसके लिये परिवादी ने ऑनलाइन आवेदन दिया था, तथा 6,232/-रूपये जमा किये थे। परन्‍तु उसमें 82/-रूपये की कमी थी, जिसे परिवादी को बताया गया और उन्‍होंने 82/-रूपये 18 जनवरी, 2013 को जमा किया। उक्‍त राशि जमा होने के तुरन्‍त बाद पॉलिसी निर्गत होनी थी, और 01 फरवरी, 2013 को पॉलिसी विपक्षीगण ने निर्गत भी किया, परन्‍तु उसमें पॉलिसी की अवधि 2012-13 के स्‍थान पर 2011-12 अंकित हो गया था। परिवादी ने इस संबंध में जब शिकायत किया तब 17 अप्रैल, 2013 को उसे सुधार कर पुन: भेजा गया। परिवादी का कथन यह है कि पॉलिसी विलम्‍ब से आने की वजह से उसने वाहन का उपयोग नयी पॉलिसी प्राप्‍त होने तक नहीं किया। विपक्षी ने इस तथ्‍य को स्‍वीकार भी किया है कि 2012-13 पॉलिसी में गलत अंकित हो गया था, और इसकी जानकारी मिलने पर उसने उस त्रुटि को दूर भी कर दिया है। परन्‍तु इसमें 18 जनवरी, 2013 से 17 अप्रैल, 2013 तक का विलम्‍ब भी हुआ है, जो विपक्षीगण द्वारा सेवा में कमी है, और इससे परिवादी को मानसिक कष्‍ट भी हुआ। ऐसी परिस्थिति में परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

                           आदेश

     परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देश दिया जाता है कि सेवा में कमी के लिये वे परिवादी को मानसिक, शारीरिक कष्‍ट एवं वाद व्‍यय के लिये मुबलिग-20,000/-(बीस हजार रूपया मात्र) 45 दिन के अन्‍दर अदा करेंगे। यदि आदेश का पालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है, तो उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण राशि पर 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतेय होगा।   

 

(स्‍नेह त्रिपाठी)                               (अरविन्‍द कुमार)

  सदस्‍य                                       अध्‍यक्ष

                              जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम,

                                            लखनऊ।                                         

 
 
[ ARVIND KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[ SMT SNEH TRIPATHI]
MEMBER
 

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