जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
रतनलाल प्रजापत पुत्र श्री त्रिलोकचन्द प्रजापत, निवासी- मकान नं. 313/43, देहली गेट, लोंगिया मौहल्ला, बडवाली गली, गली नम्बर 4, अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
तराष ओवरसैस प्रा.लि.(होम षाॅप 18 ज्ण्टण्ध्ॅम्ठध्डव्ठप्स्म्) प्लाट नं. 5, सेक्टर 27, एस.एस.आर कोरपोरेट टावर के पास फरीदाबाद(हरियाणा)-12100031
- अप्रार्थी
परिवाद संख्या 24/2015
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री वेदराज गहलोत, अधिवक्ता, प्रार्थी
2. अप्रार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 06.05.2016
1. प्रार्थी ( जो इस परिवाद में आगे चलकर उपभोक्ता कहलाएगा) ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम , 1986 की धारा - 12 के अन्तर्गत अप्रार्थी के विरूद्व संक्षेप में इस आषय का पेष किया है कि उसने अप्रार्थी से आॅनलाईन दिनंाक 14.10.2014 को च्मदजं क्नंस ब्वतम ब्वसवतमक ज्ञमलइवंतक ॅीपजमसिमकार्ड वाला रू. 4999/- में क्रय किया, जो दिनंाक 22.10.2014 को उसे प्राप्त हुआ । दीपावली पर्व व अन्य कार्य में व्यस्त होने के कारण उसने दिनंाक 26.10.2014 को पैकिंग खोलकर प्रष्नगत् उत्पाद देखा तो उसे पता चला कि उत्पाद बिना सिमकार्ड वाला है । जिसकी उसने अप्रार्थी को दिनांक 26.10.14 व 31.10.14 को ष्षिकायत दर्ज करवाई । किन्तु अप्रार्थी ने कोई सुनवाई नहीं की । उपभोक्ता ने अप्रार्थी के इस कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुए और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी के विरूद्व दिनांक
26.02.2016 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
3. उपभोक्ता के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया है कि उसके द्वारा प्रष्नगत टेबलेट का आॅन लाईन आर्डर देने व दिनांक 22.10.20014 को उत्पाद प्राप्त होने के बाद दिनंाक 26.10.14 को देखने पर यह जानकारी हुई कि उक्त माॅडल बिना सिम कार्ड वाला प्राप्त हुआ है । जबकि सिम कार्ड वाला उत्पाद आर्डर किया गया था । इसकी षिकायत दिनंाक 26.10.2014 व 31.10.2014 को दर्ज करवाए जाने के बावजूद भी उक्त उत्पाद न तो बदला गया और ना ही इसका भुगतान प्राप्त हुआ है । अप्रार्थी का यह कृत्य सेवा में कमी व लापरवाही का परिचायक है । वह उक्त उत्पाद का भुगतान मय हर्जा खर्चा प्राप्त करने का अधिकारी है ।
4. यह स्वीकृत तथ्य सामने आया है कि उपभोक्ता द्वारा अप्रार्थी को दिनंाक 14.10..2014 को आर्डर प्रेषित किया गया एवं यह उत्पाद उसे दिनंाक 22.10.14 को प्राप्त हुआ । पत्रावली में उपलब्ध अप्रार्थी के उत्पाद की षर्तांे के अनुसार यदि उनका उत्पाद उपभोक्ता को त्रुटिपूर्ण अथवा क्षतिग्रस्त अवस्था में प्राप्त होता है,तो ऐसे उत्पाद का बदलने के लिए उत्पाद प्राप्ति के 48 घण्टों के अन्दर अन्दर षिकायत दर्ज करवाई जा सकती है । स्वीकृत रूप से उपभोक्ता द्वारा दिनांक 22.10.2014 को प्रष्नगत उत्पाद की डिलीवरी प्राप्त की गई हैं व दिनांक 26.10.2014 को उसके द्वारा पैकिंग खोलकर उत्पाद को देखा गया है । हालांकि उसका यह तर्क रहा है कि उसके द्वारा सिम कार्डवाला उत्पाद/टेबलेट आर्डर किया गया था, जबकि प्राप्त उत्पाद/टेबलेट बिना सिम कार्ड वाला था । ऐसी स्थिति को देखते हुए भी उसके लिए यह अपेक्षित था कि वह उक्त उत्पाद प्राप्ति के 48 घण्टे के अन्दर अन्दर इसकी षिकायत अप्रार्थी को करता । अतः उसका यह तर्क कतई मानने योग्य नहीं है कि उत्पाद ’’खराब’’ होने पर ही आर्डर के 48 घटों के अन्दर अन्दर बदला जा सकता था । यह भी तर्क स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है कि उत्पाद ’’खराब’’ नहीं था अपितु बिना सिमकार्ड वाला था । जो उत्पाद की षर्ते बताई गई है तथा जिन्हें उपभोक्ता ने भी स्वीकार किया है, के अन्तर्गत उसे ऐसे उत्पाद, उत्पाद प्राप्ति के 48 घण्टों के अन्दर अन्दर इस बाबत् अप्रार्थी को षिकायत दर्ज करानी चाहिए थी । किन्तु कि उसने स्वयं 4 दिन बाद ऐसी षिकायत दर्ज करवाई है । अतः वह नियत समय अवधि के पष्चात् षिकायत दर्ज करवाने के कारण अप्रार्थी को सेवा में कमी अथवा देाषी नहीं ठहरा सकता । परिवाद इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है ।
-ःः आदेष:ः-
5. उपभोक्ता का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार किया जाकर खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।
आदेष दिनांक 06.05.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष