Uttar Pradesh

StateCommission

A/2002/3175

Unit Trust Of India - Complainant(s)

Versus

Tapas Kumar Sharma - Opp.Party(s)

Umesh Kumar Srivastava

13 Dec 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2002/3175
( Date of Filing : 19 Dec 2002 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Unit Trust Of India
New Delhi
...........Appellant(s)
Versus
1. Tapas Kumar Sharma
Kanpur Nagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 13 Dec 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

 (मौखिक) 

अपील सं0- 3175/2002

Unit Trust of India New Delhi, Through Unit Trust of India Gulab Bhawan (Rear Block) 2nd Floor, 6, Bahadurshah Zafar Marg, New Delhi-110001.

                                               …….Appellant

                       Versus

Tapas Kumar Sharma S/o Shri Mahesh Chandra Sharma, House No. 1108, "Y" Block, Kidwai Nagar, Kanpur Nagar, U.P.  

                                           ……….Respondent

समक्ष:-

   माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

   माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : श्री उमेश कुमार श्रीवास्‍तव,

                             विद्वान अधिवक्‍ता।                   

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित    : कोई नहीं।

                                                                 

दिनांक:- 13.12.2022

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

 

निर्णय

1.        परिवाद सं0- 271/2001 तपस कुमार शर्मा बनाम डिप्‍टी जनरल मैनेजर, यूनिट ट्रस्‍ट आफ इंडिया में जिला उपभोक्‍ता आयोग, कानपुर देहात द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 24.08.2002 के विरुद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है।

2.        विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिपक्‍वता राशि अंकन रू087068.52पैसे का समय पर उपभोक्‍ता को भुगतान न होने के कारण 12 प्रतिशत ब्‍याज अदा करने का आदेश दिया है, साथ ही 500/-रू0 वाद व्‍यय और 5,000/-रू0 क्षतिपूर्ति के रूप में अदा करने के लिए आदेशित किया है।

3.        इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग ने क्षतिपूर्ति की राशि तथा ब्‍याज अत्‍यधिक उच्‍च दर से अधि‍रोपित किया है। परिपक्‍वता अवधि पर पंजीकृत पोस्‍ट से एक चेक भेजा गया था जो प्रत्‍यर्थी/परिवादी को प्राप्‍त नहीं हुआ, परन्‍तु अपीलार्थी/विपक्षी का उत्‍तरदायित्‍व समाप्‍त हो गया, क्‍योंकि चेक प्राप्‍त होने की उपधारण की जायेगी।

4.        केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री उमेश कुमार श्रीवास्‍तव सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परिशीलन किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

5.        अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के प्रथम तर्क से ही जाहिर होता है कि परिपक्‍वता अवधि के एक साल पश्‍चात परिपक्‍व राशि का भुगतान किया गया है। उनका केवल यह तर्क है कि उनके द्वारा पंजीकृत डाक से एक चेक भेजा गया था जो प्रत्‍यर्थी/परिवादी को नहीं मिल पाया, इसमें उनका कोई दोष नहीं है। पंजीकृत डाक से चेक भेजने का कोई सुबूत पत्रावली पर मौजूद नहीं है। अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी परिपक्‍वता की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक परिपक्‍व राशि पर ब्‍याज प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है। यद्यपि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा 5,000/-रू0 क्षतिपूर्ति के रूप में अदा करने तथा 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज अदा करने का आदेश दिया गया है जो उचित प्रतीत नहीं होते हैं। प्रत्‍यर्थी/परिवादी की परिपक्‍व राशि पर 09 प्रतिशत की दर से ब्‍याज अदा करने तथा क्षतिपूर्ति के रूप में 2500/-रू0 अदा करने का आदेश दिया जाना उचित प्रतीत होता है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।   

                          आदेश

6.        अपील  आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी की परिपक्‍व राशि पर 09 प्रतिशत की दर ब्‍याज तथा क्षतिपूर्ति के रूप में 2500/-रू0 प्रत्‍यर्थी/परिवादी को देय होगी। शेष निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।   

          अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।   

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।        

 

   (विकास सक्‍सेना)                         (सुशील कुमार)

             सदस्‍य                                  सदस्‍य  

                                

शेर सिंह, आशु0,

कोर्ट नं0- 3

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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