राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील सं0- 575/2015
Shriram Transport Finance Company Ltd., First Floor M.R. Plaza, Pilibhit Road, Bareilly, through its Power of Attorney Holder Bipin Kumar Singh.
……….Appellant
Versus
Tahsin Ali, Son of Hamid Ali, Resident of Shahbad, House No. 1023, Near Kohara Peer, P.S. Prem Nagar, District Bareilly.
……….Respondent
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री मनु दीक्षित, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री कुमार सम्भव, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 25.11.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. निष्पादनवाद सं0- 50/2013 तहसीन अली बनाम श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कम्पनी में जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम, बरेली द्वारा पारित आदेश दि0 10.03.2015 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
2. हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री मनु दीक्षित तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री कुमार सम्भव को सुना। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया।
3. प्रश्नगत आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने अपीलार्थी/निर्णीत ऋणी फाइनेंस कम्पनी को आदेशित किया है कि प्रत्यर्थी/डिक्रीदार को अंकन 1,17,623/-रू0 का भुगतान करें। यह आदेश परिवाद सं0- 115/2010 तहसीन अली बनाम श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कं0लि0 में पारित आदेश दि0 05.06.2012 के अनुपालन में प्रस्तुत किए गए निष्पादनवाद में पारित किया गया है। यथार्थ में यह आदेश प्रत्यर्थी/डिक्रीदार के विरुद्ध निम्न रूप में पारित किया गया है:-
4. प्रत्यर्थी/डिक्रीदार प्रश्नगत ऋण के सम्बन्ध में अपीलार्थी/निर्णीत ऋणी को ऋण अनुबंध पत्र की शर्तों के अनुसार 30 दिन के अन्दर शेष धनराशि का भुगतान करें और अपीलार्थी/निर्णीत ऋणी को निर्देशित किया जाता है कि प्रत्यर्थी/डिक्रीदार द्वारा देय भुगतान करने पर अपीलार्थी/निर्णीत ऋणी प्रश्नगत ट्रक प्रत्यर्थी/डिक्रीदार को भुगतान करने के 15 दिन के अन्दर उसके प्रपत्र सहित सुपुर्द करे। यह आदेश दि0 05.06.2012 को पारित किया गया। आदेश के अवलोकन से जाहिर होता है कि दि0 10.07.2012 को प्रत्यर्थी/डिक्रीदार को बकाये राशि के सम्बन्ध में नोटिस अपीलार्थी/निर्णीत ऋणी को भेजी गई है। अपीलार्थी/निर्णीत ऋणी द्वारा 3,09,529/-रू0 वाजिब बताये गए और यह भी उल्लेख किया गया कि इस राशि को 15 दिन के अन्दर जमा करें, अन्यथा वाहन का विक्रय कर दिया जायेगा। बीमा कम्पनी 17 महीने तक इंतजार करती रही और 17 महीने बाद प्रश्नगत वाहन को विक्रय कर दिया। इसलिए चूँकि स्वयं प्रत्यर्थी/डिक्रीदार ने विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश का अनुपालन नहीं किया। 17 महीने तक बीमा कम्पनी इंतजार करती रही इसलिए इस वाहन को विक्रय करने के पश्चात प्रत्यर्थी/डिक्रीदार को निष्पादन आवेदन प्रस्तुत करने का कोई आधार नहीं है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा वाहन के मूल्य तथा विक्रय किए गए मूल्य के अन्तर की राशि को 30 दिन में अदा करने का आदेश विधि विरुद्ध है। विशेषत: यह आदेश परिवाद में पारित निर्णय के विरुद्ध है। तदनुसार अपील स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
5. अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा निष्पादनवाद में पारित प्रश्नगत आदेश निरस्त किया जाता है। चूँकि प्रत्यर्थी/डिक्रीदार ने परिवाद में पारित निर्णय एवं आदेश का स्वयं अनुपालन नहीं किया है। अत: कोई निष्पादन आवेदन संधारणीय नहीं है, क्योंकि प्रश्नगत वाहन विक्रय हो चुका है और प्रत्यर्थी/डिक्रीदार को कभी सुपुर्द नहीं किया जा सकता न ही अन्तर की राशि प्रत्यर्थी/डिक्रीदार को प्राप्त करायी जा सकती है, क्योंकि प्रत्यर्थी/डिक्रीदार स्वयं निर्णय में पारित आदेश का अनुपालन करने में विफल रहा है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
अपील में धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित इस निर्णय व आदेश के अनुसार अपीलार्थी को वापस की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0, कोर्ट नं0- 2