Rajasthan

Kota

CC/244/2011

Harish Kumar gupta - Complainant(s)

Versus

T.V.C Sky Shop ltd. - Opp.Party(s)

Vijay Singhal

08 Sep 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)
परिवाद संख्या:- 244/11 

हरिश कुमार गुप्ता पुत्र बृजमोहन गुप्ता जाति महाजन, निवासी 1-ज-1, टीचर्स काॅलोनी, केशवपुरा, कोटा।             -परिवादी

                    बनाम

01.    टी0वी0सी0 स्काई शाॅप लि0, पंजीकृत कार्यालय टी.वी.एस.     हाउस, खाण्डवाला सेन्टर, दफ्तरी रोड, मलाड रोड (ईस्ट)     मुम्बई 400097
02.    टी0वी0सी0 नेटवर्क लि0, एम.आई.डी.सी. प्लाट नं. ए/3, मिल्टन     फैक्ट्री के सामने , मीरा गाॅव, मीरा रोड,  (ईस्ट)  मुम्बई 401104
03.    हनी होम, बी-1-301, महालक्ष्मी एनक्लेव, नया नोहरा, बारां     रोड,     कोटा राजस्थान 324001                -विपक्षीगण
समक्ष:-
भगवान दास     ः    अध्यक्ष    
हेमलता भार्गव    ः    सदस्य
    परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-

01.    श्री विजय सिंघल, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से। 
02.    अप्रार्थी सं. 1 व 2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं।  
03.    अप्रार्थी सं. 3 के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही।

            निर्णय             दिनांक 08.09.2015
     

    परिवादी ने विपक्षीगण का संक्षेप में यह सेवा दोष बताया है कि दूरभाष से प इववा का आर्डर देने पर उसकी डिलीवरी दिनांक 31.01.11 को नकद भुगतान कर, कोटा में दी गई, उसे उपयोग में लाने पर उसमें कई खराबियां सामने आई, जिसकी शिकायत करने पर कस्टमर सर्विस सेन्टर के निर्देशानुसार उसे दिनांक 11.03.11 को विपक्षी सं. 2 को कोरियर के जरिये भेजा गया, बार-बार शिकायत करने पर दिनांक 07.07.11 को उसे विपक्षीगण द्वारा स्पीड पोस्ट के जरिये परिवादी को भेजा गया, उसे खोलने पर उसमें लगाने हेतु बेट्री फूली हुई मिली, जिसकी तत्काल शिकायत करने पर कस्टमर केयर सेन्टर को निर्देशों के अनुसार पुनः जरिये कोरियर दिनांक 13.07.11 को विपक्षी सं. 1 को भेजा जो दिनांक 01.08.11 को वापस प्राप्त हुआ, लेकिन बेट्री व एडोप्टर लगाने पर बेट्री से फटाक जैसी आवाज आई, जिसमें छेद हो गया, एडोप्टर खराब हो गया, जिससे प्रकट होता है कि प इववा में निर्माण दोष है, इसकी शिकायत कस्टमर सर्विस सेन्टर पर की गई तथा उसकी राशि लौटाने हेतु कहा गया तब शिकायत दर्ज करने से ही इंकार कर दिया, इस प्रकार निर्माण-दोष से ग्रसित प इववा दी गई, जिसकी खराबी दूर नहीं की गई व उसे बदला भी नहीं गया उसकी राशि भी नहीं दी गई, जिस कारण परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ। 

    विपक्षी सं. 1 व 2 की ओर से उपस्थिति नहीं दी गई, डाक के जरिये जवाब भेज दिया गया। उसके पश्चात भी लगातार उपस्थिति नहीं दी गई। 

    विपक्षी सं. 3 की विधिवत नोटिस की तामील होने के उपरान्त भी उपस्थिति नही दी गई, जवाब भी नहीं दिय गया, इसलिये उसके विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही के आदेश दिये गये। 

    विपक्षी सं. 1 व 2 ने डाक से प्रस्तुत जवाब में स्पष्ट रूप से यह प्रकट किया है कि उनके उत्पाद में कोई दोष नहीं है, स्वयं परिवादी ने उसका उचित एवं सही तरह से उपयोग नहीं किया है बल्कि उसे मिस हैण्डल किया, जो शिकायत प्राप्त हुई उसका निवारण किया गया। सेवा दोष में भी कोई कमी नही की है, इसलिये परिवादी का परिवाद खारिज करने की प्रार्थना की है। 

    परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा डिलीवरी चालान, कोरियर रसीद आदि दस्तावेजात की प्रति प्रस्तुत की। 

     हमने परिवादी की ओर से एक पक्षीय बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया। 

    विचारणीय प्रश्न है कि क्या विपक्षीगण ने परिवादी को निर्माण-दोष से ग्रसित प इववा दिया एवं उसकी शिकायत का उचित एवं सही निराकरण नहीं करके सेवा में कमी की ?

    परिवादी की ओर से प इववा में निर्माण दोष  होने के बाबत् किसी विशेषज्ञ की कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गई, इसलिये हम पाते है कि इस तथ्य को सिद्ध करने में परिवादी विफल रहा है। 

    जहाॅ तक उसकी त्रुटि का निवारण नहीं करने का प्रश्न है, परिवादी की ओर से विपक्षीगण को त्रुटि को सही करने बाबत् प्रेषित किसी नोटिस की प्रति प्रस्तुत नहीं की गई है। डिलीवरी चालान में यह स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी कमी पाये जाने पर उसकी सूचना प्रोडक्ट प्राप्त होने के 7 दिन के अंदर उनकी वेबसाईड के जरिये दिया जाना अनिवार्य है जबकि परिवादी ने उसके अनुसार कार्यवाही करना, परिवाद में अंकित नहीं किया है। दिनांक 31.01.11 को डिलीवरी मिलने पर सर्वप्रथम दिनांक 25.02.11 को शिकायत करना बताया है, लेकिन उसका भी कोई दस्तावेजी-प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है। डिलीवरी चालान में यह भी उल्लेख है कि बेचा गया प्रोडक्ट वापिस नहीं लिया जायेगा तथा बदला भी नही जायेगा, इस प्रकार हम पाते है कि परिवादी यह सिद्ध करने में भी विफल रहा है कि विपक्षीगण से खरीदे गये प्रोडक्ट में डिलीवरी चालान के अनुसार त्रुटि की कोई शिकायत की गई हो तथा उनका उचित निवारण नहीं किया गया अर्थात् इस तथ्य को भी सिद्ध करने में भी विफल रहा है। इसलिये परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है। 

                  आदेश 

    परिवादी हरीश कुमार गुप्ता का परिवाद, विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। खर्चा परिवाद, पक्षकारान अपना-अपना वहन करेगें।      
       

         (हेमलता भार्गव)                                (भगवान दास)  
             सदस्य                                       अध्यक्ष
 
     निर्णय आज दिनंाक 08.09.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 
                                     
  सदस्य                                                  अध्यक्ष
           

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