मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ
(जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग, द्वितीय, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या 54 सन 1997 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 11.11.1998 के विरूद्ध)
अपील 3156 सन 1998
डा0 एस0पी0 गुलाटी।
....अपीलार्थी/परिवादी
-बनाम-
1. मैनेजर मार्केटिंग सर्विस डिपार्टमेंट, टीवीएस सुजुकी लि0 पोस्ट बाक्स नं0 04, हारिटा हासुर 109, जिला धर्मापुरी, तमिलनाडु, भारत एवं अन्य ।
2. मै0 स्पीड मोटर कम्पनी 3, शाहनजफ रोड, हजरतगंज, लखनऊ द्वारा प्रोपराइटर।
. .........प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष:-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष ।
मा0 डा0 आभा, गुप्ता सदस्य ।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री संजीव बहादुर श्रीवास्तव ।
दिनांक:- 28.01.2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग, द्वितीय, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या 54 सन 1997 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 11.11.1998 के विरूद्ध योजित की गयी है, जिसके अन्तर्गत विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवादी के परिवाद को खारिज कर दिया गया है।
संक्षेप में, परिवादी/अपीलार्थी का कथन है कि दिनांक 16.06.1995 को उसने ने एक टी0वी0एस0 सुजकी मोटरसाइकिल क्रय की। विपक्षी कम्पनी द्वारा प्रचार किया गया था कि मोटरसाइकिल द्वारा किलोमीटर का अच्छा औसत देगी, परन्तु उसने केवल 32 किमी0 प्रतिलीटर का औसत दिया। परिवादी के अनुसार मोटरसाइकिल में निर्माण संबंधी दोष है। उसके द्वारा अनुरोध किया गया है कि उसे गाड़ी का मूल्य 36000.00 रू0 वापस कराया जाए तथा 15000.00 रू0 क्षतिपूर्ति के रूप में भी दिलाया जाए।
विपक्षी की ओर से उल्लिखित किया गया कि शिकायत प्राप्त होने पर मोटरसाइकिल की जांच की गयी तो उसका औसत 71.8 कि0मी0 था विपक्षी के अनुरोध पर कम्पनी ने ''साख'' बनाए रखने के लिए मोटरसाइकिल का टैंक भी बदल दिया गया । मोटरसाइकिल में कोई निर्माण संबंधी दोष नहीं है।
प्रस्तुत अपील विगत 24 वर्ष से लंबित है परन्तु बहस के समय अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।
हमने प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री संजीव बहादुर श्रीवास्तव के तर्को को विस्तार पूर्वक सुना तथा पत्रावली का सम्यक अवलोकन किया।
पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि शिकायतकर्ता द्वारा विवादित वाहन के औसत एवरेज के संबंध में किस-किस तारीख को शिकायत की, अवगत नहीं कराया इसके अतिरिक्त विपक्षी को भेजी गयी नोटिस की प्रति भी जिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत नही की गयी। परिवादी द्वारा अपने इंजीनियर की जांच रिपोर्ट दिनांकित 30.09.1996 प्रस्तुत की गयी है जिसमें जांच के समय एवरेज 71 कि0मी0 पाया गया। इस पर परिवादी के हस्ताक्षर भी हैं। परिवादी द्वारा शपथपत्र में भी इस संबंध में कुछ भी नहीं कहा है । विपक्षी के इंजीनियर द्वारा दिनांक 30.11.1996 में की गयी जांच में भी वाहन का औसत एवरेज 71.8 पाया गया है। विद्वान जिला आयोग ने अपने विवेच्य निर्णय एवं आदेश में यह उल्लिखित किया है कि परिवादी के आरोपों में सच्चाई प्रतीत नहीं होती है कि वाहन का एवरेज प्रारम्भ से ही 32 किमी0 प्रति लीटर था परिवादी द्वारा वाहन का एवरेज एवं निर्माण संबंधी दोष सिद्ध न कर पाने के कारण विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद को खारिज कर दिया ।
मेरे द्वारा समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए तथा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुनने के उपरांत यह पाया गया कि विद्वान जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय पूर्णत: विधिक एवं तथ्यों पर निर्धारित है जिसमें किसी हस्तक्षेप की कोई आवश्यकयता नहीं है और न ही ऐसा कोई तथ्य अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा उल्लिखित किया गया कि विद्वान जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय में किस प्रकार की अवैधानिकता है।
परिणामत: प्रस्तुत अपील निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (डा0 आभा गुप्ता)
अध्यक्ष सदस्य
सुबोल श्रीवास्तव
पी0ए0(कोर्ट नं0-1)