Rajasthan

Nagaur

CC/120/2015

Manoj Soni - Complainant(s)

Versus

Symphony Limited - Opp.Party(s)

Sh SC Pareek

24 May 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/120/2015
 
1. Manoj Soni
Kayasth Mohalla,Nagaur
Nagaur
Rajasthan
...........Complainant(s)
Versus
1. Symphony Limited
Corporate office,Saumya bakeri circle,Navarangpura,Ahemadabad 380014
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Shri Ishwardas Jaipal PRESIDENT
 HON'BLE MR. Balveer KhuKhudiya MEMBER
 HON'BLE MRS. Rajlaxmi Achrya MEMBER
 
For the Complainant:Sh SC Pareek, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, नागौर

 

परिवाद सं. 120/2015

 

मनोज सोनी पुत्र श्री दामोदर सोनी, जाति-सोनी, निवासी-कायस्थ मौहल्ला, नागौर षहर, तहसील व जिला-नागौर (राज.)।                                                                                                                                                             -परिवादी

 

बनाम

 

1.            ैलउचीवदल स्पउपजमकए जरिये एम.डी./चैयरमेन ब्वतचवतंजम विपिबमए ैंनउलं ठांमतप ब्पतबसमए छंअंतंदहचनतंए ।ीउंकंइंक (ळनरतंज) 380014

2.            प्रोपराईटर/मालिक, सोनी इलेक्ट्रोनिक्स, किले की ढाल, नागौर (राज.)।

3.            श्री वासुदेव सोनी, अधिकृत सर्विस डीलर, सिम्फनी लिमिटेड, मुरली वॉच कम्पनी, नगरपालिका के सामने, कुचेरा, जिला नागौर।     

                                                         -अप्रार्थीगण

 

समक्षः

1.            श्री ईष्वर जयपाल, अध्यक्ष।

2.            श्रीमती राजलक्ष्मी आचार्य, सदस्या।

3.            श्री बलवीर खुडखुडिया, सदस्य।

 

उपस्थितः

1.            श्री षिवचन्द पारीक, अधिवक्ता, वास्ते प्रार्थी।

2.            अप्रार्थीगण की ओर से कोई नहीं।

 

    अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ,1986

 

                              निर्णय                   दिनांक 24.05.2016

 

 

1.            यह परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 संक्षिप्ततः इन सुसंगत तथ्यों के साथ प्रस्तुत किया गया कि परिवादी ने अप्रार्थी संख्या 2 से, अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा निर्मित एक सिम्फनी कूलर मॉडल डाइट (सीरियल नम्बर 0716114512645) जरिये बिल संख्या 7608, दिनांक 05.05.2014 को 8,800/- रूपये देकर खरीद किया। इस दौरान उसे कूलर का गारंटी कार्ड भी उपलब्ध करवाया गया तथा अप्रार्थी संख्या 2 ने उसे अवगत कराया कि वर्तमान में सिम्फनी ब्रान्ड के कूलर बेहतरीन सर्विस देने वाले हैं तथा कम्पनी ने भी उक्त उत्पाद पर 12 महिने की वारंटी भी प्रदान की है। लेकिन खरीद के एक माह के अंदर ही उक्त कूलर में खराबी षुरू हो गई। दिनांक 29.05.2014 को उक्त कूलर की मोटर खराब हो गई, जिससे कूलर का पंखा चलना बंद हो गया। इस पर परिवादी ने अप्रार्थी संख्या 2 को षिकायत की तो उसने केवल मात्र औपचारिकता निभाते हुए कूलर का निरीक्षण किया तथा कस्टमर केयर के नम्बर देकर वहां षिकायत करने की सलाह दी। इस पर परिवादी ने अप्रार्थी संख्या 3 कस्टमर केयर पर षिकायत की तो दिनांक 05.06.2014 को अप्रार्थी संख्या 3 से एक आदमी आया तथा कूलर को चैक कर बताया कि कूलर की मोटर पूर्णतया जल गई है। उसने अप्रार्थी संख्या 3 से फोन पर बात कर मोटर जलने के बारे में बताया तो अप्रार्थी संख्या 3 ने वापस परिवादी को बताया कि कूलर की मोटर वर्तमान में उपलब्ध नहीं है, जिसे बदलने में 5-7 रोज का समय लगेगा। दिनांक 18.06.2014 को अप्रार्थी संख्या 3 का अधिकृत व्यक्ति परिवादी के संस्थान पर नई मोटर लेकर पहुंचा तथा मोटर रिप्लेस करने के लिए कूलर को खोला, तब बोला कि मोटर के सीरियल नम्बर नहीं मिल रहे हैं और कूलर की पेपर सिल भी टूटी हुई है। यह कहकर उसने मोटर चेंज नहीं की। जबकि दिनांक 05.06.2014 को ही अप्रार्थी संख्या 3 के अधिकृत व्यक्ति ने कूलर को खोलकर चैक किया था उस वक्त तो उसने ऐसा कुछ नहीं कहा और बाद में 18.06.2014 को यह बात कहकर मोटर नहीं बदली। अप्रार्थी संख्या 3 के उक्त व्यक्ति के ऐसा कहने से उसे गहरा मानसिक आघात लगा। इस दौरान परिवादी ने अप्रार्थी संख्या 3 से बात की तो उसने भी मोटर बदलने से इंकार कर दिया तथा कहा कि यदि मोटर चेंज करवाते हो तो नई मोटर की कीमत व मैकेनिक का चार्ज आपको अदा करना पडेगा। परिवादी ने इस सम्बन्ध में जब अप्रार्थी संख्या 2 से बात की तो उसने परिवादी को लज्जित करते हुए कहा कि अप्रार्थी संख्या 3 सही कह रहा है। तब परिवादी ने दिनांक 26.06.2014 को अपने अधिवक्ता के माध्यम से अप्रार्थीगण को नोटिस भी प्रेशित किया। अप्रार्थी संख्या 2 व 3 ने तो नोटिस का जवाब ही नहीं दिया मगर अप्रार्थी संख्या 1 ने नोटिस का जवाब दिया तथा कहा कि षिकायत देखने कम्पनी का अधिकृत व्यक्ति आयेगा मगर एक वर्श गुजरने के बाद भी कोई व्यक्ति नहीं आया। इस तरह अप्रार्थीगण ने परिवादी के विनिर्माण दोश से ग्रस्त कूलर के उप्पाद को दुरूस्त किया और न ही रिप्लेस किया। अप्रार्थीगण का उक्त कृत्य सेवा में कमी एवं अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस की परिभाशा में आता है। अतः परिवादी को विनिर्माण दोश युक्त कूलर को बदलकर उसी मॉडल का नया कूलर दिलाया जाये या कूलर को पूर्णतया दुरूस्त कर नई वारंटी प्रदान करें अथवा विकल्प के रूप कूलर की कीमत 8,800/- रूपये 12 प्रतिषत वार्शिक ब्याज के साथ दिलायी जावे। इसके अलावा वाद में अंकितानुसार अन्य अनुतोश दिलाये जावे।

 

2.            अप्रार्थी संख्या 1 की ओर से अपना जवाब जरिये डाक इस आषय का भिजवाया कि उनकी कम्पनी द्वारा निर्मित कूलर में किसी प्रकार की कोई विनिर्माण सम्बन्धी त्रुटि नहीं रही है बल्कि परिवादी ने वास्तविक तथ्यों को छिपाते हुए आधारहीन तथ्यों का परिवाद पेष किया है। यह भी बताया गया है कि जब परिवादी रिपेयर हेतु कूलर लाया तो उसमें कम्पनी द्वारा फिट की गई ओरिजनल मोटर नहीं थी तथा मोटर की सील टूटी हुई थी। यह भी बताया गया है कि कूलर का लम्बे समय तक प्रयोग होने के कारण एवं वारंटी अवधि समाप्त होने की स्थिति में कूलर बदला नहीं जा सकता बल्कि परिवादी ने अप्रार्थी पक्ष को परेषान करने के आषय से परिवाद पेष किया है, जो खारिज किया जावे।

 

3.            अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा प्रस्तुत जवाब परिवाद के सार संकलन के अनुसार परिवादी के अभिकथनों को अस्वीकार करते हुए कूलर की मोटर आदि खराब होने की षिकायत किया जाना स्वीकार किया तथा कहा कि षिकायत मिलते ही उसने अपने मैकेनिक से कूलर चैक करवाया। परिवादी द्वारा कस्टमर केयर को षिकायत करने पर अप्रार्थी संख्या 3 ने भी मैकेनिक को मौके पर भेजा। अप्रार्थी संख्या 2 ने परिवादी के कूलर की मोटर खराब होना व जल जाना स्वीकार किया तथा कूलर की मोटर उपलब्ध नहीं होने पर 5-7 दिन में बदलने का कथन स्वीकार किया। अप्रार्थी संख्या 2 का मुख्य रूप से कहना है कि दिनांक 18.06.2014 को अप्रार्थी संख्या 3 का अधिकृत व्यक्ति कूलर की जली मोटर को बदलने गया तो परिवादी ने मोटर बदलने नहीं दी तथा कहा कि उसे तो नया कूलर चाहिए। मैकेनिक द्वारा मोटर के सीरियल नम्बर नहीं मिलने जैसी कोई बात नहीं कही गई।  अप्रार्थी आज भी जली मोटर बदलकर नई लगाने को तैयार है। परिवादी का यह आरोप गलत है कि वे मोटर बदलना नहीं चाहते और यह कहना भी गलत है कि मैकेनिक द्वारा उसके मोटर की कीमत व मैकेनिक खर्च मांगा गया। परिवादी ने मात्र झूठा परिवाद पेष करने के उद्देष्य से दिनांक 24.06.2014 को एक नोटिस जरूर दिया। परिवादी जली मोटर के स्थान पर नई मोटर लगवाने को तैयार ही नहीं था और अप्रार्थीगण को परेषान करने के लिए यह परिवाद पेष किया। अतः परिवाद परिवादी मय खर्चा खारिज किया जावे।

 

4.            अप्रार्थी संख्या 3 की ओर से बावजूद तामिल कोई भी उपस्थित नहीं आया और न ही जवाब प्रस्तुत किया।

 

5.            पक्षकारान की ओर से अपने-अपने षपथ-पत्र एवं दस्तावेजात प्रस्तुत किये गये।

 

6.            बहस अंतिम योग्य अधिवक्ता पक्षकारान सुनी गई। अभिलेख का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।

 

7.            परिवादी द्वारा प्रस्तुत षपथ-पत्र एव ंक्रय बिल की प्रति से यह स्पश्ट है कि परिवादी ने अप्रार्थी संख्या 2 से एक सिम्फनी कूलर मॉडल डाइट (सीरियल नम्बर 0716114512645) जरिये बिल संख्या 7608, दिनांक 05.05.2014 को 8,800/- रूपये देकर खरीद किया। अप्रार्थी संख्या 1 इस कूलर के निर्माता है एवं अप्रार्थी संख्या 3, अप्रार्थी संख्या 1 का सेवा केन्द्र है। इस प्रकार परिवादी तीनों अप्रार्थीगण का उपभोक्ता होना पाया जाता है।

 

8.            ऐसा कोई अभिकथन या साक्ष्य अप्रार्थीगण की ओर से नहीं है कि कूलर की वारंटी अवधि एक वर्श नहीं हो। परिवादी द्वारा अपने परिवाद के समर्थन में स्वयं का षपथ-पत्र प्रस्तुत करने के साथ ही कूलर खरीदने का बिल प्रदर्ष 1, नोटिस प्रदर्ष 2, पोस्टल एवं प्राप्ति रसीदें प्रदर्ष 3 से 8, जवाब नोटिस प्रदर्ष 9 तथा वारंटी कार्ड प्रदर्ष 10 पेष किये गये हैं। अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा प्रस्तुत जवाब के समर्थन में कोई षपथ-पत्र पेष नहीं किया गया है तथापि इस अप्रार्थी द्वारा परिवादी को कूलर विक्रय होना तथा इस कूलर बाबत् एक वर्श की वारंटी अवधि होना स्वीकार किया है। परिवादी ने अपने परिवाद की मद संख्या 3 में यह बताया है कि अप्रार्थी संख्या 3 ने वारंटी अवधि में कूलर खराब होने के उपरांत भी मोटर रिप्लेस करने से इन्कार कर दिया तथा यह कहा कि मोटर चैंज करवाने पर नई मोटर की कीमत व मैकेनिक का चार्ज परिवादी को अदा करना पडेगा। जबकि यह स्वीकृत स्थिति है कि कूलर की मोटर में खराबी वारंटी अवधि के भीतर ही हुई थी। ऐसी स्थिति में अप्रार्थीगण का दायित्व था कि कूलर की खराब मोटर रिप्लेस कर उसके स्थान पर कम्पनी की नई मोटर लगाकर कूलर को सही रूप से चालू किया जाता लेकिन अप्रार्थीगण द्वारा ऐसा न कर सेवा दोश किया गया है। यद्यपि अप्रार्थी संख्या 2 की ओर से जवाब प्रस्तुत कर यह स्वीकार किया गया है कि कूलर की जली हुई मोटर को बदलकर नई मोटर लगाने को अप्रार्थी तैयार है लेकिन यह स्पश्ट है कि परिवाद प्रस्तुत करने से पूर्व अप्रार्थीगण द्वारा परिवादी के कूलर की खराब मोटर नहीं बदली गई, इसी कारण परिवादी ने अप्रार्थीगण को नोटिस भेजा तथा अंततः परिवाद पेष करना पडा।

 

9.            उपर्युक्त विवेचन को देखते हुए स्पश्ट है कि परिवादी का कूलर वारंटी अवधि में खराब होने पर भी अप्रार्थीगण द्वारा उसकी खराब मोटर के बदले नई मोटर न लगाकर तथा कूलर में रही अन्य किसी कमी को सही न कर सेवा दोश किया गया है। जिसके कारण ही परिवादी को परेषान होकर यह परिवाद पेष करना पडा। ऐसी स्थिति में परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद स्वीकार कर कूलर में खराब मोटर के बदले नई मोटर लगाने एवं कूलर में आ रही अन्य किसी कमी को सही करने बाबत् अप्रार्थीगण को आदेष दिया जाना न्यायोचित होगा, इसके साथ ही परिवादी को हुई मानसिक परेषानी हेतु हर्जा दिलाने के साथ ही परिवाद व्यय दिलाया जाना भी न्यायोचित होगा।

 

 

आदेश

 

10.          परिणामतः परिवादी मनोज सोनी द्वारा प्रस्तुत परिवाद अन्तर्गत धारा-12, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 विरूद्ध अप्रार्थीगण स्वीकार कर आदेष दिया जाता है कि अप्रार्थीगण, परिवादी को विक्रय किये गये कूलर की खराब मोटर बदलकर उसके स्थान पर इसी कम्पनी की नई मोटर लगाने के साथ ही कूलर में रही अन्य कमियों को भी सुधार कर कूलर को सही रूप से चालू करें। कूलर की वारंटी इसमें लगाई जाने वाली नई मोटर अथवा किसी अन्य नये पार्टस के लगाने जाने की दिनांक से प्रारम्भ होगी। यदि परिवादी का कूलर दुरूस्त होने योग्य नहीं हो तो परिवादी को उसके स्थान उसी मॉडल/कीमत का नया कूलर प्रदान करें। यह भी आदेष दिया जाता है कि अप्रार्थीगण, परिवादी को मानसिक संताप के 2,500/- एवं वाद परिव्यय निमित 1,000/- रूपये भी अदा करें। आदेष की पालना एक माह में की जावे।

 

11.          आदेष आज दिनांक 24.05.2016 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।

 

 

नोटः- आदेष की पालना नहीं किया जाना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 27 के तहत तीन वर्श तक के कारावास या 10,000/- रूपये तक के जुर्माने अथवा दोनों से दण्डनीय अपराध है।

 

 

 

 

।बलवीर खुडखुडिया।         ।ईष्वर जयपाल।     ।श्रीमती राजलक्ष्मी आचार्य।       

         सदस्य                     अध्यक्ष               सदस्या   

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Shri Ishwardas Jaipal]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Balveer KhuKhudiya]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Rajlaxmi Achrya]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.