(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष्ा आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-914/2015
श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ई-8, EPIP, RIICO इंडस्ट्रियल एरिया, सीतापुरा, जयपुर (राजस्थान) 302022 ब्रांच आफिस 16, चिनटल हाऊस, स्टेशन रोड, लखनऊ द्वारा मैनेजर।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
सईद अहमद पुत्र मो0 ताहिर, निवासी मकान नं0-567/2010, आनन्द नगर, बरहा रोड, आलमबाग, पोस्ट आलमबाग, जिला लखनऊ।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दिनेश कुमार,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री प्रकाश चंद्रा, विद्वान
अधिवक्ता।
दिनांक : 17.04.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-306/2013, सईद अहमद बनाम श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग, द्वितीय लखनऊ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07.07.2014 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री दिनेश कुमार तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री प्रकाश चंद्रा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्वान जिला आयोग ने प्रश्नगत परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया कि वह परिवादी को अंकन 1,33,000/-रू0 09 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करें तथा मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन
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20 हजार रूपये एवं परिवाद व्यय की मद में अंकन 05 हजार रूपये भी अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि बीमित वाहन की सुरक्षा नहीं बरती गई, इसलिए बीमा पालिसी की शर्त संख्या-5 के अनुसार बीमा क्लेम नकार दिया गया। विद्वान जिला आयोग ने अवैध रूप से क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है, इसलिए यह आदेश अपास्त होने योग्य है।
4. परिवाद पत्र के तथ्यों के अनुसार परिवादी द्वारा वाहन संख्या-यू.पी. 32 डी.एन. 2215 का बीमा कराया गया, जो दिनांक 08.04.2011 से दिनांक 07.04.2012 तक के लिए वैध था। बीमित अवधि के दौरान दिनांक 30.11.2011 की रात्रि 10-11 बजे यह वाहन थाना चिनहट लखनऊ में लूट लिया गया। ड्राइवर द्वारा वाहन में चाभी छोड़ दी गई थी और पेशाब करने वह चला गया था। इस प्रकार स्वंय परिवाद पत्र में वर्णित तथ्यों से जाहिर होता है कि ड्राइवर द्वारा चाभी वाहन में ही छोड़ दी गई और उसके इस लापरवाहपूर्ण कृत्य के कारण चोरों को वाहन ले जाने का अवसर प्राप्त हुआ, इसलिए चूंकि बीमाधारक या उसके एजेंट द्वारा लापरवाही बरती गई, इसलिए बीमित राशि में से 25 प्रतिशत की कटौती किए जाने के पश्चात ही बीमित राशि अदा करने का आदेश दिया जाना चाहिए था इसी प्रकार ब्याज 07 प्रतिशत की दर से दिया जाना उचित था न कि 09 प्रतिशत की दर से। तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07.07.2014 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी को बीमित राशि में से 25 प्रतिशत की कटोती के पश्चात शेष राशि 07 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्याज की दर से देय होगी। शेष निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
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उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय एवं आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2