Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/25

M/s Silver Automobiles - Complainant(s)

Versus

Syed Eqbal - Opp.Party(s)

A K Mishra

12 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/25
( Date of Filing : 05 Jan 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M/s Silver Automobiles
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Syed Eqbal
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 12 Sep 2024
Final Order / Judgement

                                              (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-25/2012

(जिला आयोग, मऊ द्वारा परिवाद संख्‍या-77/2011 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 2.12.2011 के विरूद्ध)

                                    

सिल्‍वर आटोमोबाइल्‍स द्वारा मैनेजर/प्रोपराइटर आफिस पता भीटी, सदर जिला मऊ।

अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम

सैयद इकबाल पुत्र सैयद हसन, ग्राम जमालपुर, विक्‍कमपुर, पोस्‍ट मानिकपुर हड़हुआ, जिला मऊ।

       प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित         : श्री अनिल कुमार मिश्रा।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित          : श्री इसार हुसैन।

दिनांक:  12.09.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.          परिवाद संख्‍या-77/2011, सैयद इकबाल बनाम प्रबंधक सिल्‍वर आटोमोबाइल्‍स सेल्‍स सर्विस एण्‍ड स्‍पेयर पार्ट्स डीलर फार स्‍कार्ड ट्रैक्‍टर में विद्वान जिला आयोग, मऊ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 2.12.2011 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.         विद्वान जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए दो माह के अन्‍दर परिवादी को विक्रय किए गए ट्रैक्‍टर का इंजन बदलकर नया इंजन लगाने तथा पी.टी.ओ. साफ्ट की पुल्‍ली प्रदत्‍त करने तथा अंकन 30,000/-रू0 क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश दिया है। अनुपालन न करने पर ट्रैक्‍टर की कीमत अंकन 5,02,000/-रू0 वापस लौटाने का आदेश पारित किया है।

3.         परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी ने दिनांक 23.3.2011 को अंकन 5,02,000/-रू0 में एक ट्रैक्‍टर क्रय किया था। जून के प्रथम सप्‍ताह में जुताई का कार्य किया, इसी दौरान हाइड्रोलिक खराब हो गया, जिसके कारण हल में कंपन होने लगा तथा तेल की 6-7 लीटर डीजल प्रति घंटे की खपत होने लगी। विपक्षी को दिखाने पर विपक्षी द्वारा क्‍लच प्‍लेट बनवाया गया, परन्‍तु हाइड्रोलिक नहीं बनवाया गया, परन्‍तु इसके बावजूद तेल की खपत 6-7 लीटर होती रही, जबकि सामान्‍यत: एक घंटे में 3 से 3.5 लीटर डीजल की खपत होती है। दिनांक 13.6.2011 को पुन: सर्विसिंग कराई गई। विपक्षी द्वारा पम्‍प नाजुल व सील तोड़कर खोला गया फिर भी कमी दूर नहीं हुई। पुन: मरम्‍मत कराते समय इंजन खोला गया तब ज्ञात हुआ कि ट्रैक्‍टर पुराना है, इसलिए नया ट्रैक्‍टर देने का अनुरोध किया गया। विपक्षी द्वारा पी.टी.ओ. साफ्ट की पुल्‍ली भी नहीं दी गई, रसीद भी नहीं दी गई। इस ट्रैक्‍टर को क्रय करने के लिए ऋण लिया गया था, परन्‍तु ट्रैक्‍टर खराब होने के कारण उसकी अदायगी नहीं हो पा रही है। दिनांक 11.7.2011 को नोटिस देने पर दिनांक 22.7.2011 को ट्रैक्‍टर मंगवाया गया और पम्‍प निकालकर दूसरा पम्‍प लगा दिया गया, परन्‍तु फिर भी कमी दूर नहीं हुई, इसलिए उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

4.         विपक्षी का कथन है कि दिनांक 23.3.2011 को ट्रैक्‍टर चलाकर दिखाया था और परिवादी संतु‍ष्‍ट हुआ था। ट्रैक्‍टर का संचालन ड्राइवर द्वारा नहीं किया गया, अपितु परिवादी के लड़के द्वारा किया गया है, जिसे ट्रैक्‍टर चलाने का अनुभव नहीं है। ट्रैक्‍टर में लगे पम्‍प की शिकायत पर इंजीनियर द्वारा पम्‍प को सही पाया गया, इसके बावजूद नया पम्‍प लगा दिया गया तथा ट्रैक्‍टर ले जाते समय परिवादी पीटीओ साफ्ट की पुल्‍ली भी साथ ले गया, जो उसने गाड़ी में नहीं लगाई और ट्रैक्‍टर का संचालन गलत तरीके से किया और विपक्षी के विरूद्ध अवैध रूप से यह परिवाद प्रस्‍तुत किया है।

5.         पक्षकारों की साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात विद्वान जिला आयोग द्वारा उपरोक्‍त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया।

6.         अपील के ज्ञापन तथा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों का सार यह है कि ट्रैक्‍टर निर्माता कंपनी को पक्षकार नहीं बनाया गया है। ट्रैक्‍टर में निर्माण संबंधी त्रुटि नहीं है, इसलिए ट्रैक्‍टर बदलने का आदेश नहीं दिया जा सकता। ट्रैक्‍टर में जो कमी थी, उनको दुरूस्‍त कर दिया गया था। विद्वान जिला आयोग ने अत्‍यधिक उच्‍च दर से क्षतिपूर्ति की राशि निर्धारित की है।

7.         उभय पक्ष के अभिवचनों के अवलोकन, विद्वान अधिवक्‍तागण की बहस सुनने तथा निर्णय के अवलोकन के पश्‍चात इस अपील के विनिश्‍चय के लिए विनिश्‍चायक बिन्‍दु यह उत्‍पन्‍न होता है कि क्‍या ट्रैक्‍टर निर्माता कंपनी आवश्‍यक पक्षकार है ?

8.         विद्वान जिला आयोग ने प्रथम आदेश का पालन न करने पर आदेश के द्वितीय भाग के अनुसार ट्रैक्‍टर की कीमत लौटाने का आदेश पारित किया है, परन्‍तु ट्रैक्‍टर की कीमत विपक्षी के पास नहीं रहती, डीलर को केवल कमीशन मिलता है, इसलिए ट्रैक्‍टर की कीमत वापस प्राप्‍त करने के लिए ट्रैक्‍टर निर्माता कंपनी को पक्षकार बनाना आवश्‍यक था। अत: ट्रैक्‍टर में निर्माण संबंधी त्रुटि का निष्‍कर्ष देना या ट्रैक्‍टर की कीमत वापस लौटाने के लिए ट्रैक्‍टर निर्माता कंपनी के पक्षकार के अभाव में पारित किया गया आदेश विधि विरूद्ध है। ट्रैक्‍टर की कीमत वापस लौटाने का आदेश ट्रैक्‍टर डीलर के विरूद्ध प्रभावी नहीं रह सकता, अत: यह आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है। ट्रैक्‍टर विक्रय करने वाला डीलर, केवल वारण्‍टी अवधि के दौरान नि:शुल्‍क ट्रैक्‍टर की मरम्‍मत करने के लिए उत्‍तरदायी है। अत: ट्रैक्‍टर की मरम्‍मत करने के संबंध में जो आदेश पारित किया गया है, वह विधिसम्‍मत है, इस आदेश में हस्‍तक्षेप अपेक्षित नहीं है, परन्‍तु अंकन 30,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश मनमाने तौर पर पारित किया गया है। अत: क्षतिपूर्ति का आदेश भी अपास्‍त होने और प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

9.         प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 02.12.2011 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि आदेश का द्वितीय भाग, अर्थात् ट्रैक्‍टर की कीमत वापस लौटाने का आदेश अपास्‍त किया जाता है इसी प्रकार क्षतिपूर्ति अंकन 30,000/-रू0 अदा करने का आदेश भी समाप्‍त किया जाता है। शेष निर्णय/आदेश यथावत् रहेगा।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

           आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                         (सुशील कुमार)

सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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