(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1413/2012
(जिला आयोग, बिजनौर द्वारा परिवाद संख्या-101/2011 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.5.2012 के विरूद्ध)
अशोक कुमार पुत्र स्व0 बसन्त लाल, निवासी ग्राम किनान उर्फ माढी चन्द्रसेन ब्लाक हल्दौर, जिला बिजनौर।
अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1. श्री सैय्यद असलम अली, सहायक अभियन्ता (लघु सिंचाई) जनपद बिजनौर।
2. अधिशासी अभियन्ता लघु सिंचाई जिला पंचायत कचहरी रोड, मुरादाबाद मण्डल मुरादामाद।
प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री प्रतीक सक्सेना।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 04.10.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-101/2011, अशोक कुमार बनाम सैय्यद असलम अली, सहायक अभियन्ता (लघु सिंचाई) तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, बिजनौर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.5.2012 के विरूद्ध स्वंय परिवादी की ओर से प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री प्रतीक सक्सेना को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से सूचना के बावजूद कोई उपस्थित नहीं है।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि स्वंय परिवादी ने बोरिंग में मोटर पंखा नहीं डलवाया, जबकि सबसमर्सिबल या मोटर पंखा डलवाने की जिम्मेदारी परिवादी की है और परिवादी ने यह दायित्व पूरा नहीं किया, इसलिए विपक्षीगण के विरूद्ध क्षतिपूर्ति का आदेश नहीं दिया जा सकता।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार कृषि भूमि में सितम्बर 2010 में बोरिंग कराई गई तथा दिनांक 19.3.2010 को अंकन 32,000/-रू0 जमा किए गए, परन्तु परिवादी के बार-बार कहने पर भी जाली पर कपड़ा नहीं लपेटा गया और होजिंग पाईप को ढाई फुट जमीन में धंसा दिया गया और कम्प्रेशर द्वारा 2 घण्टे सफाई कर दी गई। 7/8 फरवरी 2011 में जमीन में धंसे हुए होजिंग पर पाईप का टुकड़ा जोड़कर एवं मोटर पंखा डालकर जनरेटर इंजन से चालू किया गया था तब 16 घण्टे चलने के बाद होजिंग 5 फुट जमीन में धंस गया तथा दो बैण्ड टूटकर टुकड़े हो गए। दिनांक 15.2.2011 को ठेकेदार द्वारा मौके पर जाकर बोरिंग को देखा गया तो परिवादी से एक पाईप का टुकड़ा 9 इंच व दो साकिट 9 इंच व 50 कुन्टल बजरी मंगाई गई, जिसके पश्चात ठेकेदार द्वारा दिनांक 2.3.2011 को कम्प्रेशर से सफाई कराई गई, परन्तु होजिंग पुन: जमीन में धंस गया और बोरिंग लगातार 4 घण्टे तक रेत फेकता रहा। परिवादी द्वारा अंकन 1,26,545/-रू0 खर्च करने पर भी बोरिंग ठीक नहीं हुई।
4. विपक्षी सं0-2 का कथन है कि परिवादी ने दिनांक 31.3.2011 को सबमर्सिबल/मोटर पंखा बोरिंग में नहीं डलवाया। विभाग के जे.ई द्वारा जांच के दौरान अपने सामने बोरिंग चलवाकर देखा तो सही चल रहा था। परिवादी की शिकायत पर जे.ई को पुन: भेजा गया और शिकायत का निदान कराया गया।
5. विद्वान जिला आयोग ने विपक्षी सं0-2 के कथन को स्वीकार करते हुए परिवाद को खारिज कर दिया।
6. स्वंय लिखित कथन के अवलोकन से साबित होता है कि बोरिंग ने कभी भी सही काम नहीं किया। विपक्षी ने स्वीकार किया है कि परिवादी की शिकायत प्राप्त होने पर जूनियर इंजीनियर को मौके पर भेजा गया। पुन: स्वीकार किया गया कि परिवादी की शिकायत पर जे.ई. को पुन: दूसरी बार मौके पर भेजा गया और बोरिंग की कम्प्रेशर द्वारा सफाई कराई गई। विपक्षी का यह कथन की परिवादी ने मोटर पंखा डालकर सबमर्सिबल चालू नहीं किया। मोटर पंखा सबमर्सिबल बोरिंग के अन्दर डालना बोरिंग के संचालन के लिए आवश्यक शर्त है। बोरिंग चालू रखने की दो प्रक्रियाओं में से एक प्रक्रिया यह है कि सबमर्सिबल तथा मोटर पंखा बोरिंग के अन्दर डाल दिया जाए तथा दूसरा तरीका यह है कि बोरिंग होने के बाद मोटर स्थापित की जाए और मोटर को विद्युत कनेक्शन या जनरेटर इंजन से चलाया जाय। बोरिंग चलाने के लिए आवश्यक शर्त नहीं है कि मोटर पंखा या सबमर्सिबल बोरिंग के अन्दर डाला जाय, इसलिए विद्वान जिला आयोग ने परिवादी की त्रुटि बताकर तथ्यात्मक अवैधता अपने निर्णय में पारित की है, जो अपास्त होने और प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
7. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.05.2012 अपास्त किया जाता है तथा परिवाद इस आशय से स्वीकार किया जाता है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी की बोरिंग पूर्णत: दुरूस्त कराई जाए और उसे पानी निकालने के उपयोग में लाने के स्तर तक मरम्मत कराई जाए तथा परिवादी को परिवाद व्यय के रूप में अंकन 10,000/-रू0 तथा मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 50,000/-रू0 विपक्षीगण द्वारा एक माह के अन्दर अदा किए जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2