Rajasthan

Churu

150/2012

ABHAY KUMAR - Complainant(s)

Versus

SWASTIK AND COMPANY - Opp.Party(s)

Dhanna Ram saini

26 Nov 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 150/2012
 
1. ABHAY KUMAR
S/O SOHAN LAL JATI TAK AGE 62 ADD BHARUDAN KE KUVE KE PASS PANI KI TANKI SARDHARSHAR
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Shiv Shankar PRESIDENT
  Subash Chandra MEMBER
  Nasim Bano MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, चूरू

प्रार्थी की ओर से श्री धन्नाराम सैनी अधिवक्ता उपस्थित। 

अप्रार्थी सं. 1 की ओर से कोई उपस्थित नही। अप्रार्थी सं.2 की ओर से महेश प्रताप सिंह, राजेन्द्र राजपुरोहित एडवोकेट उपस्थित। प्रार्थी अधिवक्ता ने अपनी बहस में परिवाद के तथ्यों को दौहराते हुए तर्क दिया कि प्रार्थी ने दिनांक 25.05.2011 को अप्रार्थी सं. 1 से अप्रार्थी सं. 2 द्वारा निर्मित रेफ्रिजरेटर माॅडल 101000617 क्रय किया था। उक्त रेफ्रिजरेटर में दिनांक 01.06.2011 को तकनिकी खराबी के कारण कुलींग सिस्टम खराब होने से काम करना बन्द कर दिया जिस पर प्रार्थी ने अप्रार्थी सं.1 से सम्पर्क किया तो उसके द्वारा रेफ्रिजरेटर को अप्रार्थी सं. 1 की दुकान पर लाने का कहा । प्रार्थी ने अप्रार्थी सं.1 के कहे अनुसार दिनांक 12.06.2011 को उक्त रेफ्रिजरेटर ले के गया जो अप्रार्थी सं.1 ने दिनांक 19.07.2011 को ठीक करके दिया व वारंटी अवधी मे होते हुए भी अप्रार्थी सं.1 ने भी गैस किट के चार्ज हेतु 2100/-रू नगद वसूल लिये। प्रार्थी ने अप्रार्थी सं. 1 को रेफ्रिजरेटर की वारंटी के सम्बंध मे निवेदन किया परन्तु अप्रार्थी सं. 1 ने उक्त राशि के अभाव मे उक्त रेफ्रिजरेटर देने से मना कर दिया जिस पर मजबूरीवश प्रार्थी को उक्त राशि अदा करनी पडी। प्रार्थी अधिवक्ता ने आगे तर्क दिया कि उक्त रेफ्रिजरेटर थोडे समय बाद फिर खराब हो गया। जिस पर प्रार्थी अप्रार्थी सं. 1 के पास पुनः गया परन्तु रेफ्रिजरेटर बार बार खराब होता रहा और रेफ्रिजरेटर दिनांक 01.08.2011 के बाद तीन बार अर्थात कुल पाॅच बार खराब हो चुका है। अप्रार्थी सं. 1 ने उक्त रेफ्रिजरेटर को बार बार ठीक किया जिसकी कोई रसीद प्रार्थी को नही दी । वर्तमान में भी रेफ्रिजरेटर पुनः खराब पडा है। आगे तर्क दिया कि प्रार्थी ने अप्रार्थी सं.1 से उक्त रेफ्रिजरेटर बार बार खराब होने से होने वाली असुविधा व परेशानी के लिए रेफ्रिजरेटर नया बदलकर देने का निवेदन किया परन्तु अप्रार्थीगण ने ना तो रेफ्रिजरेटर ठीक किया और ना ही नया बदलकर दिया। अप्रार्थीगण का उक्त कृत्य सेवा मे गम्भीर त्रुटि व अस्वच्छ व्यापारिक गतिविधी हे इसलिए प्रार्थी ने रेफ्रिजरेटर की कीमत 1200/-रू, गैस किट के 2100/-रू, स्टेपलाईजर के 1150/-रू कुल 15250रू मय ब्याज किराया भाडा, मानसिक प्रतिकर व परिवाद व्यय की मांग की है।

     अप्रार्थी सं. 1 बावजूद तामिल मंच मे उपस्थित नही आने पर दिनांक 21.10.2013 को अप्रार्थी सं.1 के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गयी अप्रार्थी सं. 2 में जवाब पेश कर बताया कि प्राथी ने प्रशनगत रेफ्रिजरेटर के सम्बंध मे अप्रार्थी सं. 2 को कभी भी कोई शिकायत नही की गई इसलिए प्रार्थी को अप्रार्थी सं. 2 के विरूद्ध कोई वादकारण नही है यह भी बताया कि अप्रार्थी सं. 2 आज भी प्रार्थी की ओर से कोई शिकायत होने पर वारंटी कार्ड मे उल्लेखित नियमो एवं शर्तो के अनुरूप सेवा उपलब्ध करवाने को तत्पर है। प्रार्थी ने अप्रार्थी सं. 2 को मात्र उत्पादक की हैसियत से पक्षकार बनाया है जबकि परिवाद में वर्णित तथ्यो से स्पष्ट है कि अप्रार्थी सं. 2 का कोई सेवादोष नही है ना ही उत्पाद में कोई निर्माण संबंधी डिफेक्ट है उक्त आधार पर परिवाद खारिज करने की मांग की।

     प्रार्थी की ओर से परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ पत्र वैट इनवोईस, सर्विस बिल, वारंटी कार्ड की प्रति दस्तावेजी साक्ष्य के रूप मे प्रस्तुत किया है। अप्रार्थी सं. 2 की ओर से रजी.एम.अब्राहम का शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। पक्षकारान की बहस सुनी गई । पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। मंच का निष्र्कष निम्न प्रकार से हैः-

     उभय पक्षो के तर्को पर मनन किया गया। वर्तमान प्रकरण में अप्रार्थी सं. 1 द्वारा प्रार्थी को परिवाद मे वर्णित रेफ्रिजरेटर विक्रय किया जाता स्वीकृत तथ्य है। विवादक बिन्दु केवल यह है कि रेफ्रिजरेटर  में निर्माण सम्बंधी दोष विद्यमान है। प्रार्थी अधिवक्ता ने अपनी बहस में यह तर्क दिया कि रेफ्रिजरेटर में निर्माण संबंधी दोष है इसलिए प्रार्थी रेफ्रिजरेटर की राशि मय ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी है। बहस के समर्थन में प्रार्थी अधिवक्ता ने इस मंच का ध्यान प्रदर्श सी-1, सी-2 एवं सी-3 की ओर दिलाया। प्रदर्श सी.-1 अप्रार्थी सं. 1 द्वारा जारी वैट इनवोईस दिनांक 25.05.2011 का है। इसी प्रकार प्रदर्श सी-2 अप्रार्थी सं. 2 द्वारा जारी सर्विस बिल दिनांक 19.07.2011 का है जिसमें अप्रार्थी सं. 1 ने गैस चार्जिंग, न्यू फ्रिजर आदि के रूप में 2100/-रू वसूल किये हुए है । प्रार्थी अधिवक्ता ने उक्त दस्तावेजो के आधार पर तर्क दिया कि अप्रार्थी सं. 1 ने वारंटी अवधी के दौरान प्रार्थी से सर्विस के रूप में 2100/-रू प्राप्त कर लिए रेफ्रिजरेटर बार बार खराब होने से यह तथ्य साबित है कि रेफ्रिजरेटर में निर्माण सम्बंधी दोष है उक्त आधार पर परिवाद स्वीकार करने का तर्क दिया। चुंकि प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत अभिवचन व साक्ष्य अप्रार्थी सं. 1 की अनुपस्थिती के कारण अप्रार्थी सं. 1 विरूद्ध अखण्डनीय रही है। अप्रार्थी सं. 2 के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि प्रार्थी को अप्रार्थी सं. 2 के विरूद्ध कोई वादकारण नही क्योकि प्रार्थी ने अपने रेफ्रिजरेटर  के सम्बंध में कभी कोई शिकायत नही की और ना ही अप्रार्थी सं. 2 के विरूद्ध प्रार्थी ने अपने परिवाद में कोई कथन नही किये, ना ही प्रार्थी ने ऐसा कोई दस्तावेज पत्रावली पर प्रस्तुत किया। उक्त आधार पर अप्रार्थी सं. 2 की हद तक परिवाद खारिज करने का तर्क दिया। प्रार्थी अधिवक्ता ने अप्रार्थी सं. 1 द्वारा जारी सर्विस बिल दिनांक 19.07.2011 प्रदर्श-सी 2 के अतिरिक्त अन्य कोई बिल भी पत्रावली पर प्रस्तुत नही किया, ना ही कोई ऐसा दस्तावेज पेश किया जिससे यह साबित हो कि रेफ्रिजरेटर में निर्माण संबंधी दोष हो अप्रार्थी सं. 2 ने अपने जवाब में यह कथन किया है कि वह आज भी प्रार्थी वारंटी शर्तो के अनुसार सेवा देने को तैयार है। प्रार्थी को अप्रार्थी सं. 1 के द्वारा रेफ्रिजरेटर  विक्रय किया गया है ओर वारन्टी अवधी मे ही रेफ्रिजरेटर खराब होने पर प्रार्थी से 2100/-रू वसूल किये गये है मंच की राय मे अप्रार्थी सं. 1 का उक्त कृत्य स्पष्ट रूप से सेवादोष की परिभाषा में आता है । चुंकि प्रशनगत रेफ्रिजरेटर अप्रार्थी सं. 2 द्वारा निर्मित है यदि वारंटी अवधी मे उसमें कोई दोष होता है और उस तथ्य का पता निर्माता कम्पनी को पता चलता है तो उसका भी यह दायित्व है कि वह अपने स्तर पर ऐसे रेफ्रिजरेटर को ठीक करवावे। परन्तु अप्रार्थी सं. 2 ने भी केवल सेवाए देने के सम्बंध में कथन किया है परन्तु प्रकरण वर्ष 2012 से विचाराधीन है आज तक अप्रार्थी सं. 2 ने प्रार्थी के रेफ्रिजरेटर को ठीक करने हेतु कोई प्रयास नही किया इसलिए अप्रार्थी सं.2 भी अपने उत्तरदायित्वो से बच नही सकते। अप्रार्थीगण ने प्रार्थी को जो रेफ्रिजरेटर विक्रय किया है उसमें खराबी आयी है जो अप्रार्थी सं. 1 के द्वारा जारी सर्विस बिल से साबित हैं परन्तु अप्रार्थीगण ने आज तक प्रशनगत रेफ्रिजरेटर को स्थाई रूप से ठीक करने का प्रयास नही किया। प्रार्थी का रेफ्रिजरेटर आज भी वैट इनवोईस के हिसाब से वारन्टी अवधी मे है और वारन्टी अवधी में रेफ्रिजरेटर को ठीक न करना अप्रार्थीगण का सेवादोष है। इसलिए प्रार्थी का परिवाद अप्रार्थीण के विरूद्ध निम्न प्रकार से स्वीकार किये जाने योग्य है:-

     अतः प्रार्थी का परिवाद अंांिशक रूप से स्वीकार किया जाकर अप्रार्थीगण को आदेश दिया जाता है कि वह प्रार्थी के द्वारा अप्रार्थी सं.1 के सस्ंथान पर रेफ्रिजरेटर को पहुॅचाने पर उसे निशुल्क ठीक करेगें। अप्रार्थी सं. 1 को आदेश दिया जाता है कि वह प्रार्थी से वसूल की गयी राशि 2100/-रू वापिस अदा करेंगा। अप्रार्थी सं. 1 को यह भी आदेश दिया जाता है कि वह प्रार्थी को मानसिक क्षतिपूर्ति के 2000/-रू व 2000/-रू परिवाद व्यय के रूप में अदा करेगा। अप्रार्थीगण उक्त आदेश की पालना आदेश की दिनांक से 2 माह के अन्दर अन्दर करेंगे।

पत्रावली फैसला शुमार होकर दाखिल दफ्तर हो।

 

 
 
[HON'BLE MR. Shiv Shankar]
PRESIDENT
 
[ Subash Chandra]
MEMBER
 
[ Nasim Bano]
MEMBER

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