Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/719/11

SAVITRI DEVI - Complainant(s)

Versus

SWARAJ MAZDA - Opp.Party(s)

AMITA SINGH

27 Apr 2016

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. CC/719/11
 
1. SAVITRI DEVI
MAHRAJPUR KANPUR NAGAR
...........Complainant(s)
Versus
1. SWARAJ MAZDA
GOMTI NAGAR LKW.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Sudha Yadav MEMBER
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 27 Apr 2016
Final Order / Judgement


                                                जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

                                                अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
                                                                      श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या    
                
    

उपभोक्ता वाद संख्या-719/2011
1.    श्रीमती साबित्री देवी पत्नी स्व0 मान सिंह यादव उम्र 40 वर्श
2.    आजाद यादव पुत्र स्व0 मान सिंह उम्र 20 वर्श
3.    कु0 समी पुत्री स्व0 मान सिंह उम्र 15 वर्श
4.    सुनील यादव पुत्र स्व0 मान सिंह उम्र 12 वर्श
5.    कु0 निधी यादव पुत्री स्व0 मान सिंह उम्र 7 वर्श
6.    विषाल यादव पुत्र स्व0 मान सिंह उम्र 6 वर्श
7.    रामदुलारे पुत्र स्व0 साहब सिंह उम्र 82 वर्श
8.    श्रीमती राम श्री पत्नी रामदुलारे उम्र 75 वर्श
समस्त निवासीगण ग्राम लक्षनियनपुरवा पोस्ट रूमा, थाना महाराजपुर कानपुर नगर।
                                  ................परिवादीगण
बनाम
1.    प्रबन्धक स्वराज्य माजदा कंपनी लि0 2/174 बी विजय खण्ड गोमती नगर, लखनऊ।
2.    प्रबन्धक, दि न्यू इण्डिया इष्ंयोरेन्स कंपनी लि0 डिवीजनल आफिस-2 एस0सी0ओ0 104-106 सेक्टर-34-ए चण्डीगढ़।
                           ...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 18.11.2011
निर्णय तिथिः 22.03.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादीगण की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादीगण को विपक्षीगण से ’’ड्राईवर आन व्हील’’ योजना के अंतर्गत रू0 5,00,000.00 मय ब्याज सहित दिलाया जाये। अन्य कोई उपषम जो फोरम की दृश्टि में उचित हो, विपक्षीगण से दिलाया जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादीगण का कथन यह है कि परिवादिनी सं0-1 के पति स्व0 मानसिंह यादव स्वराज्य माजदा गाड़ी नं0-यू0पी0-78 ए0टी0-8474 के चालक थे।  दिनांक 07.09.08  को उक्त 
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वाहन में मूंगफली लादकर झांसी से बनारस जा रहे थे। रास्ते में दहेली सुजानपुर चौकी अंतर्गत थाना चकेरी राश्ट्रीय मार्ग पर खड़ी गाड़ी ट्रक सं0-एच0आर0-33 डी-2845 जो कि रोड के मध्य खड़ी थी, उसमें जाकर टकरा गयी और घटना स्थल पर ही परिवादिनी के पति की मृत्यु हो गयी थी। परिवादिनी के पति ’’ड्राईवर आन व्हील’’ योजना के सदस्य थे, जिसके अंतर्गत परिवादिनी रू0 5,00,000.00 पाने की अधिकारिणी है। परिवादिनी ने एक्सीडेंट में मृत्यु हो जाने के बाद तुरन्त सारे कागजात विपक्षी सं0-2 को दिनांक 11.09.08 को स्वराज्य माजदा के डीलर महाजन ब्रदर्स कानपुर नगर के द्वारा भिजवा दिया था। परिवादिनी के पति की मृत्यु की प्राथमिकी दिनांक 07.09.08 को थाना चकेरी कानपुर में दर्ज करायी गयी और पोस्ट मार्टम मेडिकल कालेज कानपुर में दिनांक 07.09.08 को हुआ था। किन्तु विपक्षी सं0-2 ने सारी औपचारिकतायें पूरी करने के बावजूद भी परिवादिनी का आज तक क्लेम नहीं दिया। फलस्वरूप परिवादिनी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.    विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, यह कहा गया है कि परिवादिनी सं0-1 का पति ’’ड्राईवर आन व्हील’’ योजना का सदस्य नहीं था। परिवादीगण की ओर से विपक्षी सं0-2 को कागजात भेजने की किसी प्रकार की जानकारी विपक्षी सं0-1 को नहीं है। परिवाद में सभी बालिग परिवादीगण के हस्ताक्षर न होने के कारण परिवाद विधिक रूप से त्रुटिपूर्ण है। प्रष्नगत वाहन के ट्रक स्वामी को जिसमें कि मृतक मानसिंह को ट्रक चालक कहा गया है, को पक्षकार नहीं बनाया गया है। कथित ट्रक जिस पर मानसिंह को दुर्घटना वाले दिन चालक होना बताया गया है, ’’ड्राईवर आन व्हील’’ योजना की समयावधि में क्रय नहीं किया गया है। इस कारण चालक ’’ड्राईवर आन व्हील’’ योजना का लाभ पाने का अधिकारी नहीं है। ’’ड्राईवर आन व्हील’’ योजना का लाभ केवल स्वराज्य माजदा के नए वाहन जो कि दिनांक 01.08.06 से 31.07.07 की अवधि में क्रय किये गये हैं, के चालकों को ही दुर्घटना घटित होने पर प्राप्त होना था। जबकि कथित प्रष्नगत वाहन उक्त समयावधि में क्रय नहीं 
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किया गया है। इस कारण से भी परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है। परिवादीगण ने मिथ्या तथ्यों के आधारपर स्वयं के लाभ हेतु कूटरचित परिवाद प्रस्तुत किया है। अतः परिवाद सव्यय खारिज किया जाये।
3.    विपक्षी सं0-2 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र के प्रस्तर-1, 2, 3 व 4 में उल्लिखित तथ्यों से इंकार किया गया है और यह कहा गया है कि मेसर्स स्वराज्य माजदा ने एक सामान्य व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पॉलिसी नं0- 35020042050500000181 दिनांक 01.08.05 से 31.07.06 तक की अवधि के लिए लिया था। उक्त बीमा पॉलिसी विक्रीत बिल्कुल नये स्वराज्य माजदा के ड्राईवरों की मृत्यु के लिए दिनांक 01.08.05 से 31.07.06 तक की अवधि के लिए कवर थी, जिसमें दुर्घटना के उपरान्त ड्राईवर को रू0 5,00,000.00 दिया जाना अनुमन्य था। यह पॉलिसी नम्बर ड्राईवर के लिए 3 वर्श के लिए बीमा पॉलिसी लेने के पष्चात से कवर्ड थी। किन्तु परिवादी उक्त पॉलिसी के अंतर्गत कवर नहीं था। परिवादीगण द्वारा अभिकथित क्लेम से सम्बन्धित कोई भी प्रपत्र विपक्षी सं0-2 बीमा कंपनी को उपलब्ध नहीं कराये गये और न ही तो स्वराज्य माजदा के डीलर के द्वारा दिनांक 11.09.08 को या उसके पष्चात कभी अभिकथित क्लेम से सम्बन्धित प्रपत्र प्राप्त कराये गये। इस बात का उल्लेख करना समीचीन है कि कई बार मांग करने के बावजूद परिवादीगण की ओर से क्लेम से सम्बन्धित समस्त प्रपत्र एवं विवरण बीमा कंपनी को नहीं उपलब्ध कराये गये। इसलिए परिवादी को कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ। परिवादीगण कोई भी अनुतोश प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। परिवाद सव्यय खारिज किया जाये।
परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.    परिवादिनी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 16.11.11, 18.11.11 एवं 17.06.15 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज सं0-1 लगायत् 7 व सूची  कागज सं0-2 
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के साथ संलग्न कागज सं0-23/1 लगायत् 2/17 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन में धीरज पुरी प्रबन्धक का षपथपत्र दिनांकित 08.10.13 व 26.10.10 दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6.    विपक्षी सं0-2 ने अपने कथन के समर्थन में दिलीप कुमार प्रबन्धक का षपथपत्र दिनांकित 26.02.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-3/1 लगायत् 3/10 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
7.    फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों व परिवादी द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
    उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में प्रमुख विचारणीय बिन्दु यह है कि क्या परिवादिनी द्वारा विपक्षी सं0-2 बीमा कंपनी को वांछित प्रपत्र उपलब्ध नहीं कराये गये, यदि हां तो प्रभाव?
    उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में विपक्षी सं0-2 बीमा कंपनी के द्वारा परिवादीगण के इस कथन को स्वीकार किया गया है कि मेसर्स स्वराज्य माजदा द्वारा एक सामान्य व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पॉलिसी नं0- 35020042050500000181 दिनांक 01.08.05 से 31.07.06 तक की अवधि के लिए लिया था, जो कि स्वराज्य माजदा के नये विक्रय किये गये ट्रको पर वाहन चालाने के ड्राईवरों की मृत्यु हो जाती है, तो ड्राईवर को रू0 5,00,000.00 दिया जाना अनुमन्य था। यह बीमा पॉलिसी लेने के 3 वर्श के बाद तक की अवधि के लिए अनुमन्य थी। किन्तु परिवादीगण द्वारा अभिकथित क्लेम से सम्बन्धित प्रपत्र विपक्षी सं0-2 बीमा कंपनी को उपलब्ध नहीं कराये गये और न ही तो स्वराज्य माजदा के डीलर के द्वारा 
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दिनांक 11.09.08 को या उसके पष्चात कभी अभिकथित क्लेम से सम्बन्धित प्रपत्र प्राप्त कराये गये। जबकि कई बार उक्त प्रपत्रों की मांग विपक्षी सं0-2 द्वारा की गयी। विपक्षी सं0-2 द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र के अतिरिक्त उपरोक्त वर्णित अन्य अभिलेखीय साक्ष्यों के अतिरिक्त कागज सं0-3/8 पत्र द्वारा सहायक प्रबन्धक न्यू इण्डिया एष्योरेन्स कंपनी लि0 वाहक मि0 पी.सी. साहू मेसर्स स्वराज्य माजदा लि0 लखनऊ की छायाप्रतियां दिनांकित 13.02.09, 16.04.09 एवं 11.02.10 प्रस्तुत की गयी हैं, जिनसे विपक्षी सं0-2 का यह कथन सिद्ध होता है कि विपक्षी सं0-2 लगातार परिवादीगण का क्लेम निस्तारित करने के लिए वांछित प्रपत्र मांगता रहा है। किन्तु उसके डीलर द्वारा उक्त प्रपत्र उसे नहीं दिये गये और न ही स्वयं परिवादीगण के द्वारा उक्त प्रपत्र दिये गये। परिवादीगण की ओर से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिससे यह सिद्ध होता हो कि परिवादीगण के द्वारा विपक्षी सं0-2 बीमा कंपनी को उपरोक्त वांछित प्रपत्र भेजे गये। परिवादीगण के द्वारा अपने परिवाद पत्र में भी विपक्षी सं0-2 के द्वारा किये गये उपरोक्त कथन के विरूद्ध कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये गये हैं। फोरम विपक्षी सं0-2 के इस कथन से सहमत है कि यदि उसे क्लेम निस्तारित करने के लिए वांछित प्रपत्र प्राप्त नहीं होंगे तो क्लेम का निस्तारण किया जाना संभव नहीं है।
    उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादीगण का प्रस्तुत परिवाद इस आषय से स्वीकार किये जाने योग्य है कि परिवादीगण अलिवम्ब विपक्षी सं0-2 की ओर से उपरोक्त प्रपत्रों में वांछित विपक्षी सं0-2 को उपलब्ध कराये। विपक्षी सं0-2 वांछित प्रपत्रों को प्राप्त करने के एक माह के अंदर परिवादीगण का क्लेम निमयानुसार निस्तारित करे। विपक्षी सं0-1 द्वारा विपक्षी सं0-2 के द्वारा वांछित प्रपत्रों की सूचना परिवादीगण को नहीं दी गयी है। जिसकी वजह से परिवादीगण का क्लेम गुण-दोश के आधार पर विपक्षी सं0-2 द्वारा अब तक निस्तारित नहीं किया 
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जा सका है। फलस्वरूप परिवादिनी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा। परिवादिनी का प्रस्तुत परिवाद योजित करने में धन और समय नश्ट हुआ है। अतः विपक्षी सं0-1 प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादिनी को परिवाद व्यय रू0 5000.00 अदा करे। इस अनुतोश के लिए भी परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है।
ःःआदेषःःः
7.     परिवादीगण का प्रस्तुत परिवाद इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि विपक्षी सं0-1 प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादीगण को रू0 5000.00 परिवाद व्यय के रूप में अदा करे।
    निर्णय पारित करने के पष्चात अविलम्ब परिवादीगण विपक्षी सं0-1 के द्वारा अपने उपरोक्त प्रपत्र कागज सं0-3/8, 3/9, 3/10 में यथा उल्लिखित अविलम्ब उपलब्ध कराये। विपक्षी सं0-2 उपरोक्त वांछित प्रपत्र प्राप्त करने के 30 दिन के अंदर परिवादीगण का क्लेम निस्तारित करे अन्यथा स्थिति में विपक्षी सं0-2 पर विषेश हर्जा अधिरोपित किया जा सकता है।

       ( सुधा यादव )                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
           सदस्या                             अध्यक्ष
  जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश              जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश       
       फोरम कानपुर नगर                         फोरम कानपुर नगर।
            
    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


        ( सुधा यादव )                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
           सदस्या                             अध्यक्ष
  जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश              जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश       
       फोरम कानपुर नगर                         फोरम कानपुर नगर।

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Sudha Yadav]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER

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