Rajasthan

Jaipur-I

CC/166/2014

RAVI SAINI - Complainant(s)

Versus

SWAPAN LOK & OTHER - Opp.Party(s)

KAILASH SAINI

09 Jul 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/166/2014
 
1. RAVI SAINI
825-A, BARKAT NAGAR, TONK PHATAK JAIPUR
...........Complainant(s)
Versus
1. SWAPAN LOK & OTHER
295, INDRA MARKET JAIPUR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE R.K.Mathur PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Seema sharma MEMBER
 HON'BLE MR. O.P. Rajoriya MEMBER
 
For the Complainant:KAILASH SAINI , Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

ंजिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर

समक्ष:    श्री राकेश कुमार माथुर - अध्यक्ष
          श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
          श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य

परिवाद सॅंख्या: 166/2014
रवि सैनी पुत्र श्री रामरतन सैनी, निवासी 825-ए, बरकत नगर, टोंक फाटक, जयपुर
                                              परिवादी
               ं     बनाम

1.    स्वपन लोक 295, इन्द्रा बाजार, जयपुर जरिए स्वामी
2.    आदित्य इन्फोटेक जी-6, स्पेस सिनेमा, झोटवाड़ा रोड़, जयपुर जरिए प्रबंधक
3.    कार्बन मोबाईल्स, पंजीकृत कार्यालय डी-170, ओखला इण्डस्ट्रीयल एरिया, फेज-1, नई दिल्ली 110020 जरिए प्रबंध निदेशक
              विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री प्रकाश शर्मा - परिवादी
                             परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 17.01.14

                       आदेश     दिनांक: 16.03.2015

परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक  07.03.2013 को विपक्षी सॅंख्या 1 से 5500/- रूपए का एक कार्बन मोबाईल माॅडल ए-15 क्रय किया था जिस पर एक वर्ष की वांरटी का आश्वासन दिया गया था । मोबाईल क्रय करने के दो-तीन महीनों बाद हैंग होने लगा और जुलाई 2013 में चलते-चलते बंद हो गया इस पर विपक्षी सॅंख्या 2 के यहां दिखाया गया जिसकी जाॅब शीट दिनांक 08.07.2013 को बनाई गई । दिनांक 21.09.2013 को विपक्षी सॅंख्या 2 के यहाॅं मोबाईल लेने गया परन्तु वह चला नहीं इस पर पुन: 21.09.2013 को विपक्षी सॅंख्या 3 के यहां मोबाईल ठीक करने हेतु दे दिया परन्तु मोबाईल ठीक नहीं हुआ । परिवादी का कथन है कि विपक्षी सॅंख्या 2 ने विपक्षी सॅंख्या 1 के नाम डी.ओ. लेटर बनाकर दिया कि मोबाईल बदलकर दे दिया जाएगा परन्तु विपक्षी सॅंख्या 1 ने मोबाईल बदलने से इंकार कर दिया तथा इसके पश्चात विपक्षी सॅंख्या 2 के पास जाने पर उसने भी मोबाईल बदलने से इंकार कर दिया । दिनांक 06.12.2013 को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस देने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई । ऐसी स्थिति में परिवादी ने नया मोबाईल दिलवाने या उसकी कीमत 5500/- रूपए दिलवाए जाने, क्षतिपूर्ति स्वरूप 5000/- रूपए, शारीरिक कष्ट व मानसिक संता पके 51000/- रूपए, परिवाद व्यय एवं अधिवक्ता फीस के 11000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षीगण की ओर से परिवाद का कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है ।
मंच द्वारा परिवादी अधिवक्ता की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया । 
परिवादी ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ-पत्र, मोबाईल क्रय करने का बिल, जाॅबशीट दिनांक 08.07.2013 व 21.09.2013, लीगल नोटिस की प्रति पेश की है ।
परिवाद के कथन व प्रस्तुत साक्ष्य का विपक्षीगण की ओर से कोई खण्डन नहीं किया गया है ऐसी स्थिति में इन पर अविश्वास किए जाने का मंच के समक्ष कोई आधार नहीं है ।
प्रस्तुत साक्ष्य से, खण्डन के अभाव में, यह प्रमाणित है कि परिवादी ने जो मोबाईल सेट क्रय किया था वह वांरटी अवधि में खराब हो गया और उसे विपक्षी सॅंख्या 2 के यहां दो बार ठीक करने हेतु देने पर भी ठीक नहीं किया गया ना ही विपक्षीगण ने बदलकर दिया और इस प्रकार विपक्षीगण ने सेवादोष कारित किया है जिससे परिवादी को आर्थिक हानि के साथ-साथ मानसिक संताप कारित हुआ है जिसके लिए वह मुआवजा प्राप्त करने का अधिकारी है ।
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि  विपक्षीगण संयुक्त व पृथक-पृथक रूप से उत्तरदायी होते हुए आज से एक माह की अवधि मंे परिवादी के प्रश्नगत मोबाईल हैण्डसेट को नि: शुल्क उसकी सन्तुष्टि रिकाॅर्ड करते हुए ठीक करके लौटांएगे और यदि यह सम्भव नहीं हो तो उसी प्रकार का नया मोबाईल या उसकी कीमत 5500/- रूपए अक्षरे पाॅंच हजार पॅंाच सौ रूपए दिनांक 07.03.2013 से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज दर सहित अदा करेंगे। इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5,000/- रूपए अक्षरे पांच हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेेंगे। आदेश की पालना आज से एक माह की अवधि में कर दी जावे अन्यथा परिवादी उक्त क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय की राशि पर भी आदेश दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज पाने का अधिकारी होगा । परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  
निर्णय आज दिनांक 16.03.2015 को लिखाकर सुनाया गया।

 

( ओ.पी.राजौरिया )   (श्रीमती सीमा शर्मा)    (राकेश कुमार माथुर)    
     सदस्य              सदस्य          अध्यक्ष  

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE R.K.Mathur]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Seema sharma]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. O.P. Rajoriya]
MEMBER

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