Rajasthan

Jaipur-I

1384/2012

MANOJ KUMAR - Complainant(s)

Versus

SWAD ENTERPRISES - Opp.Party(s)

SANDEEP SAINI & OTHERS

09 Jun 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Execution Application No. 1384/2012
In
1384
 
1. MANOJ KUMAR
23, VIKAS NAGAR VISTAR, MURLIPURA, JAIPUR
...........Appellant(s)
Versus
1. SWAD ENTERPRISES
SARRAF HOUSE,ALL INDIA RADIO KE SAMNE,M.I. ROAD JAIPUR
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE R.K.Mathur PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Seema sharma MEMBER
 HON'BLE MR. O.P. Rajoriya MEMBER
 
For the Appellant:SANDEEP SAINI & OTHERS, Advocate
For the Respondent:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर

समक्ष:    श्री राकेश कुमार माथुर - अध्यक्ष
          श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य

परिवाद सॅंख्या: 1384/2012
मनोज कुमार पुत्र श्री बजरंग लाल, उम्र 30 वर्ष, जाति कुमावत, निवासी 23, विकास नगर विस्तार, मुरलीपुरा, जयपुरÛ
                                              परिवादी
               ं     बनाम

1.    स्वाद एन्टरप्राईजेज, पता - सर्राफ हाऊस, आॅल इण्डिया रेडियो के सामने, एम.आई.रोड़, जयपुर जरिए निदेशक/मुख्य प्रबंधक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी/ मैनेजर / अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता Û
2.    संकल्प रिक्रेशन प्रा0लि0, पता काॅर्पोरेट आॅफिस फोर्थ फ्लोर, संकल्प स्कव्यर, ड्राइव इन रोड़, गुरूकुल, अहमदाबाद 380052. जरिए चैयरमेन/ मुख्य प्रबंधक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी/ अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता Û
              विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री संदीप सैनी - परिवादी
                             परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 30.11.12

                       आदेश     दिनांक: 27.04.2015

परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 08.10.2012 को विपक्षी के यहां से दो लंच बाॅक्स व एक श्ठंपससमलश् ब्राण्ड की पानी की एक लीटर वाली बोतल क्रय कर पैक करवाई । विपक्षी द्वारा जारी बिल देखने पर पाया कि विपक्षी सॅंख्या 1 ने पानी की बोतल के 30/- रूपए तथा उस पर पन्द्रह प्रतिशत वैट के रूप में 4.50 रूपए अतिरिक्त जोड़ते हुए कुल 34.50 रूपए जोड़ रखे थे जबकि पानी की बोतल पर सभी कर हित अधिकतम विक्रय मूल्य 15/- रूपए अंकित था इस प्रकार विपक्षी ने परिवादी से 19/- रूपए 50 पैसे रूपए अधिक वसूल किए हैं । विपक्षी से शिकायत की तो विपक्षी ने कहा कि हम तो यहां आने वाले हर ग्राहक से इसी रेट से भुगतान लेते है और तुम्हें भी इसी रेट से भुगतान करना पड़ेगा । पानी की बोतल क्रय करने से इंकार किया तो विपक्षी ने बिल कट जाने के बाद सामान वापिस लेने से इंकार कर दिया इसलिए मजबूरन अधिक रेट पर पानी की बोतल क्रय करनी पड़ी । परिवादी का कथन है कि इस प्रकार विपक्षी अनुचित व्यापार प्रथा अपनाते हुए सेवादोष कारित किया है । ऐसी स्थिति में परिवादी ने अधिक वसूली गई राशि 19/- रूपए 50 पैसे 08.10.2012 से 24 प्रतिशत ब्याज सहित, शारीरिक व मानसिक वेदना के लिए 50,000/- रूपए, बतौर हर्जाना 25000/- रूपए , परिवाद व्यय एवं अधिवक्ता फीस के 6500/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षी की ओर से परिवाद का कोई जवाब पेश नहीं किया गया है ।
मंच द्वारा परिवादी अधिवक्ता की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया । 
परिवादी ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ-पत्र, पानी की बोतल खरीदने का बिल, प्रश्नगत बोतल की फोटोकाॅपी प्रस्तुत की है ।
परिवाद के कथन व प्रस्तुत साक्ष्य का विपक्षी की ओर से कोई खण्डन नहीं किया गया है । ऐसी स्थिति में परिवादी केे इस कथन पर अविश्वास किए जाने का कोई आधार नहीं है कि पानी की बोतल का अधिकतम विक्रय मूल्य 15/- रूपए होते हुए भी परिवादी से उसके लिए 34/- रूपए 50 पैसे अधिक वसूल कर लिए गए और इस प्रकार कुल 19/- रूपए 50 पैसे अधिक वसूल किए गए हैं । परिवादी यह प्रमाणित कर सका है कि उससे अधिकतम विक्रय मूल्य से 19/- रूपए 50 पैसे अधिक वसूल कर विपक्षी ने अनुचित व्यापार प्रथा अपनाई है और सेवादेाष कारित किया है जिससे परिवादी को आर्थिक हानि के साथ-साथ मानसिक संताप होना स्वभाविक हेै जिसके लिए वह मुआवजा प्राप्त करने का अधिकारी है।
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि  विपक्षीगण संयुक्त व पृथक-पृथक रूप से उत्तरदायी होते हुए आज से एक माह की अवधि मंे परिवादी को 19/- रूपए 50 पैसे अक्षरे उन्नीस रूपए पचास पैसे 08.10.2012 से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर सहित अदा करेेंगे । इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5,000/- रूपए अक्षरे पांच हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेंगे। आदेश की पालना आज से एक माह की अवधि में कर दी जावे अन्यथा परिवादी उक्त क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय की राशि पर भी आदेश दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज पाने का अधिकारी होगा । परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  
निर्णय आज दिनांक 27.04.2015 को लिखाकर सुनाया गया।

 

( ओ.पी.राजौरिया )                      (राकेश कुमार माथुर)    
     सदस्य                           अध्यक्ष 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE R.K.Mathur]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Seema sharma]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. O.P. Rajoriya]
MEMBER

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