जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, नागौर
परिवाद सं. 49/2014
हनुमानसिंह पुत्र श्री लिखमसिंह, जाति-राजपुत, निवासी ग्राम- रोहिणा, तहसील-जायल, जिला-नागौर (राज)। -परिवादी
बनाम
1. एसवीके कृषि नेचर केयर एल.एल.पी. जरिये प्रबन्धक/मालिक के-105, मेगा सेंटर, मगरपट्टा, हदपसर, पुणे-28
-अप्रार्थीगण
समक्षः
1. श्री बृजलाल मीणा, अध्यक्ष।
2. श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य, सदस्या।
3. श्री बलवीर खुडखुडिया, सदस्य।
उपस्थितः
1. श्री शिवचन्द पारीक, अधिवक्ता, वास्ते प्रार्थी।
2. अप्रार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं।
अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ,1986
आ दे श दिनांक 07.05.2015
1. परिवाद पत्र क तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि प्रार्थी कृषि कार्य करता है, अप्रार्थी एसवीके कृषि नेचर केयर एल.एल.पी. के प्रबन्धक/मालिक हैं तथा कृषि कार्य में प्रयुक्त होने वाली व कृषि व्यवसाय में गुणवता उत्पन करने वाले उपकरणों का विनिर्माण, विपणन व विक्रय का कार्य सम्पूर्ण राजस्थान में अपने कर्मचारियों व अभिकर्ताओं के मार्फत करता है। उक्त प्रबन्धक ने समाचार पत्रों एवं अन्य प्रचारक साधनों के माध्यम से अपने उत्पाद का प्रचार व प्रसार किया। प्रार्थी ने विज्ञापनों से प्रभावित होकर वाटर कंडिशनर मशीन अप्रार्थी से क्रय की। परिवादी ने उक्त मशीन पेटे 50 प्रतिशत राशि 30,000/- रूपये एचडीएफसी बैंक, नागौर शाखा के जरिये नेफ्ट अप्रार्थी को भुगतान किया। अप्रार्थी ने उक्त मशीन प्रार्थी के खेत में लगा दी, बाकी रकम 27,000/- रूपये अप्रार्थी को अदा कर दिये। उक्त उत्पाद पर दो वर्ष की गारंटी थी। संतुष्ट नहीं होने पर वापिस लौटाकर राशि प्राप्त करने की भी शर्त थी।
2. उक्त मशीन पूर्व से ही निर्माण दोष से ग्रस्त थी। निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सर्विस नहीं दे रही थी अर्थात् उक्त मशीन पानी में से फ्लोराइड की मात्रा नहीं घटा रही थी, जिससे फसलों को कोई लाभ नहीं हो रहा था। कृषि अनुंसधान अधिकारी (रसायन) से प्रार्थी ने मिट्टी का परीक्षण प्रयोगशाला में करवाया। शिकायत पर अप्रार्थी ने प्रार्थी को दूसरी मशीन भेज कर खेत पर लगा दी, परन्तु दूसरी मशीन भी निर्माण दोष से ग्रस्त थी, क्योंकि संतोषप्रद सेवाएं नहीं दे रही थी। जब अप्रार्थी से इसकी शिकायत की गई तो अप्रार्थी ने कहा कि दोनों मशीनें भिजवा दो, क्रय मूल्य 57,000/- रूपये शीघ्र लौटा दिये जावेंगे। पार्सल से दोनों मशीनें भेज दी गई। अप्रार्थी ने परिवादी को दूरभाष से बताया कि दोनों मशीनें सुरक्षित प्राप्त हो गई है, जल्दी ही आपको चैक भिजवा देंगे।
3. बहस एकतरफा सुनी गई। क्योंकि अप्रार्थी की ओर से कोई बावजूद बाद तामिल कोई उपस्थित नहीं हुआ। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अध्ययन एवं मनन किया गया। प्रार्थी ने अपने परिवाद-पत्र में जिन उपरोक्त कथनों का वर्णन किया है, उसके समर्थन में शपथ-पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य प्रदर्श 1 लगायत 12 साक्ष्य प्रस्तुत किये हैं। इस पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है क्योंकि उपरोक्त साक्ष्य अखण्डनीय है। अतः परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है, स्वीकार निम्न प्रकार से किया जाता हैः-
आदेश
4. आदेश दिया जाता है कि अप्रार्थी, परिवादी को विवादित क्वालिटी की मशीन, जिसका वर्णन इनवोईस नम्बर एस.वी. -1213-87 में अंकित है एक माह के अन्दर उपलब्ध कराये अन्यथा परिवादी की ओर से उक्त मशीन के पेटे दी गई राशि 57000/- रूपये में से इनवोईस की शर्तों के मुताबिक 10 प्रतिशत राशि कम करके अदा करे। इसके अलावा परिवादी की ओर से उक्त मशीनों पर जो 2500/- रूपये भाडे वगैरहा में खर्च किये हैं, वह भी अप्राथीर्, प्रार्थी को अदा करे। इसके अलावा 3000/- रूपये परिवाद व्यय एवं 20,000/- रूपये शारीरिक व मानसिक संताप के पेटे राशि भी अदा करें।
आदेश आज दिनांक 07.05.2015 को लिखाया जाकर खुले न्यायालय में सुनाया गया।
।बलवीर खुडखुडिया। ।बृजलाल मीणा। ।श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य।
सदस्य अध्यक्ष सदस्या