जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या-1189/2019 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-30.11.2020
परिवाद के निर्णय की तारीख:-25.11.2022
Rajiv Ratna, Resident of Flat No. 301, Block B-3, Eldeco Elegance Apartment, Vibhuti Khard, Gomti Nagar, Lucknow-226010.
..............Complainant.
versus
1. Rvanetr Innovations Pvt. Ltd. 209, Gran Exito, Above Axis Bank, BT Kawade Road, Ghorpadi Pune, Maharasthra, 411001 through Manager.
2. Amazon India, Reged, Office-26/1, Brigade Gateway-8th Floor, Dr. Jaj Kumar Road, M alleshwaram (West) Bangalure, Karnataka-560055 through Director.
3. Fitbit India Pvt/ Ltd. Office add 35, Ist Floor, Shiva acrade, Acharya Niketan, Mayur Vihar, Phase-1 Mayur Vihar, New Delhi0110091 through Director. ............Opposite Parties.
परिवादी के अधिवक्ता का नाम:-श्री मनोज मोहन एवं श्री संजय कुमार कुन्तल।
विपक्षी के अधिवक्ता का नाम:-कोई नहीं।
आदेश द्वारा-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
निर्णय
1. परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण से 9,500.00 रूपये मय 18 प्रतिशत ब्याज एवं मानसिक क्षति 50,000.00 रूपये तथा वाद व्यय 5,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार है कि परिवादी ने ASIN Product Name B01kh2PUGY Fitbit Flex 2 Wireless Activity Tracker and Sleep Wristband एमॉजान से 9,500.00 रूपये में दिनॉक 08.07.2019 को अपनी पुत्री के लिये क्रय किया था। परन्तु जब परिवादी ने उक्त डिवाइस का पैकेट खोला तो वह खराब निकला, जिस कारण से परिवादी की पुत्री ने विपक्षीगणों को उक्त डिवाइस के खराब होने की जानकारी दी, जिसके संबंध में विपक्षीगणों द्वारा परिवादी की पुत्री को दिनॉंक 24.07.2019 को एक ईमेल भेजा गया।
3. दिनॉंक 18.08.2019 को विपक्षी संख्या 03 द्वारा परिवादी की पुत्री को एक ईमेल भेजा गया जिसमें उन्होंने उक्त डिवाइस का सीरियल नम्बर व फोटोग्राम भेजने को कहा, जिसे परिवादी की पुत्री द्वारा विपक्षीगणों को भेज दिया गया, किन्तु दिनॉंक 21.08.2019 तक कोई कार्यवाही न करने के बाद परिवादी की पुत्री ने दिनॉंक 22.08.2019 को एक ईमेल विपक्षीगण को भेजा कि वह उक्त खराब डिवाइस को बदल दे अथवा उसका पूरा पैसा वापस कर दें, किन्तु विपक्षीगणों द्वारा परिवाद प्रस्तुत करने तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी और न ही कोई जवाब दिया गया।
4. विपक्षीगणों के उपरोक्त कृत्यों से व्यथित होकर परिवादी ने विपक्षीगणों को अपने अधिवक्ता के माध्यम से एक विधिक नोटिस भेजा, जिसका संज्ञान विपक्षीगणों द्वारा नहीं लिया गया, जिसके कारण परिवादी को परिवाद प्रस्तुत करने की आवश्यकता उत्पन्न हुई।
5. परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया, अत: दिनॉंक 04.07.2022 को एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी। किन्तु परिवाद के बहस या निर्णय की दिनॉंक तक विपक्षीगणों द्वारा एकपक्षीय आदेश को निरस्त करने का न तो कोई प्रार्थना पत्र दिया गया और न ही वह उपस्थित आये।
6. परिवादी ने अपने साक्ष्य के समर्थन में शपथ पत्र दाखिल किया है, तथा विपक्षीगण को भेजे गये ईमेल की प्रतियॉं तथा बिल, फोटोग्राफ की प्रतियॉं आदि दाखिल किया है।
7. परिवादी का कथानक है कि उसने विपक्षीगण के यहॉं से अपनी पुत्री के लिये 9,500.00 रूपये में डिवाइस क्रय किया था , परन्तु उसका इस्तेमाल नहीं किया गया, क्योंकि वह खराब थी। इस सन्दर्भ में परिवादी ने विपक्षीगण को ईमेल भेजा, परन्तु परिवादी द्वारा ईमेल भेजे जाने के बाद भी विपक्षीगण ने कोई कार्यवाही नहीं की। परिवादी ने अपने कथनों की पुष्टि शपथ पत्र में करते हुए कहा कि उक्त डिवाइस 9,500.00 रूपये में क्रय की गयी थी। पत्रावली पर कोई ऐसा साक्ष्य दाखिल नहीं है जिससे परिवादी के कथनों पर अविश्वास किया जा सके। उपरोक्त समस्त कृत्यों से विदित होता है कि विपक्षीगण ने परिवादी को दी जाने वाली सेवा में कमी किया है। अत: परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है, तथा विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को डिवाइस की कीमत मुबलिग 9,500.00 (नौ हजार पॉंच सौ रूपया मात्र) मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक, निर्णय के 45 दिन के अन्दर संयुक्त रूप से तथा एकल रूप से अदा करेंगे। परिवादी को हुए मानसिक, आर्थिक एवं शारीरिक क्षति के लिये मुबलिग-5000.00(पॉंच हजार रूपया मात्र) तथा वाद व्यय के लिये मुबलिग 10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेगें। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण राशि पर 12 प्रतिशत व्याज भुगतेय होगा।
परिवादी को निर्देशित किया जाता है कि यदि पुराना डिवाइस परिवादी के पास है, तो धनराशि प्राप्त करते समय उक्त डिवाइस विपक्षीगण को प्रदान करेंगें।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक:-25.11.2022