Uttar Pradesh

StateCommission

CC/362/2019

Sanjay Kumar Rai - Complainant(s)

Versus

Sushil Ansal Chairman/M.D. Ansal Properties and Infracture Ltd - Opp.Party(s)

V.S. Bisaria

17 Mar 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/362/2019
( Date of Filing : 03 Dec 2019 )
 
1. Sanjay Kumar Rai
S/O Shri Eqbal Rai R/O House No. C-3343 Rajajji PUram Lucknow 226017
...........Complainant(s)
Versus
1. Sushil Ansal Chairman/M.D. Ansal Properties and Infracture Ltd
Ansal Bhawan 16 Kasturba Gandhi Marg New Delhi 110001
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 HON'BLE MR. Rajendra Singh JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 17 Mar 2021
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, 0प्र0, लखनऊ।                                                                                                                                                      

                                                                  सुरक्षित

परिवाद सं0-३६२/२०१९

संजय कुमार राय पुत्र श्री इकबाल राय, निवासी मकान नं0-सी-३३४३, राजाजीपुरम, लखनऊ-२२६०१७.                          .............                  परिवादी।

बनाम

१. सुशील अंसल चेयरमेन/मैनेजिंग डायरेक्‍टर अंसल प्रौपर्टीज एण्‍ड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लि0, अंसल भवन, १६-कस्‍तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्‍ली -११०००१.

२. अंसल प्रौपर्टीज एण्‍ड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लि0 स्‍थानीय आफिस अनाया ऐस्‍टेट, शॉप नं0-४१०, शॉपिंग स्‍क्‍वेयर २, सैक्‍टर-डी, सुशान्‍त गोल्‍फ सिटी, लखनऊ द्वारा प्रौपर्टी इंचार्ज।

                                                                .............            विपक्षीगण ।

समक्ष:-

१-  मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार।

२-  मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य।

३-  मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

परिवादी की ओर से उपस्थित  : श्री वी0एस0 बिसारिया विद्वान अधिक्‍ता के सहयोगी श्री 

                         संजय जायसवाल विद्वान अधिवक्‍ता।  

विपक्षीगण की ओर से उपस्थित   : श्री मानवेन्‍द्र प्रताप सिंह विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक :- २०-०४-२०२१.

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

प्रस्‍तुत परिवाद संजय कुमार राय परिवादी द्वारा सर्व श्री सुशील अंसल चेयरमेन/मैनेजिंग डायरेक्‍टर अंसल प्रौपर्टीज एण्‍ड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लि0 एवं अंसल प्रौपर्टीज एण्‍ड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लि0 के विरूद्धइस आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत किया गया है। उपरोक्‍त परिवाद के माध्‍यम से परिवादी द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख यह निवेदन किया गया कि परिवादी विपक्षी द्वारा प्रस्‍तावित प्‍लाट सं0-३८०३-0-०४/०१४७ जो सुशान्‍त गोल्‍फ सिटी, सुलतानपुर रोड, जिला लखनऊ में विद्यमान है, का वास्‍तविक हस्‍तान्‍तरण सुनिश्चित किया जावे। साथ ही साथ इस आयोग द्वारा विपक्षी को आदेशित किया जावे कि यदि विपक्षी उपरोक्‍त प्‍लाट देने में असमर्थ हो तब उस स्थिति में परिवादी को उपरोक्‍त स्‍कीम

(सुशान्‍त गोल्‍फ सिटी, लखनऊ) के अन्‍तर्गत आबंटित प्‍लाट की ही तरह अन्‍य प्‍लाट

 

 

 

 

 

-२-

पक्षकारों के मध्‍य हुए पुराने समझौते के अन्‍तर्गत ही प्रदान किया जावे तथा उसका वास्‍तविक हस्‍तान्‍तरण सुनिश्चित किया जावे एवं यदि यह भी सम्‍भव न हो तो उस स्थिति में परिवादी द्वारा विपक्षी के पक्ष में हस्‍तान्‍तरित/जमा की हुई समस्‍त धनराशि को १८ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ जमा की गई दिनांक से वापस किए जाने वाली दिनांक तक प्रदान की जावे। साथ परिवादी को क्षतिपूर्ति एवं कॉस्‍ट भी प्रदान की जावे।

      संक्षेप में परिवाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि विपक्षी सं0-२ जो एक लिमिटेड कम्‍पनी है एवं जो रीयल स्‍टेट के कारोबार में संलिप्‍त है, द्वारा विभिन्‍न परियोजनाओं से सम्‍बन्धित आकर्षक विज्ञापन के द्वारा जनता को विभिन्‍न प्रकार के आवासीय एवं कॉमर्शियल प्‍लाट एवं निर्मित भवनों को बेचने का कार्य किया जाता है एवं उसी परिप्रेक्ष्‍य में विपक्षी द्वारा ‘ सुशान्‍त गोल्‍फ सिटी ’ जो सुल्‍तानपुर मार्ग जिला लखनऊ में स्‍थापित की गई है, का प्रचार-प्रसार किया गया। विज्ञापन में यह स्‍पष्‍टत: दर्शाया गया कि उपरोक्‍त स्‍थल पर आबंटित प्‍लाट का हस्‍तान्‍तरण सुनिश्चित की गई समयावधि में किया जावेगा जिससे आकर्षित होकर परिवादी द्वारा एक प्रार्थना पत्र अपने रहने के लिए एक प्‍लाट के सम्‍बन्‍ध में जिसका क्षेत्रफल १६२ वर्गमीटर था, का एक समझौता दिनांक ३१-१०-२०११ को विपक्षी द्वय के साथ सम्‍पन्‍न किया गया तथा उपरोक्‍त प्‍लाट के इकरारनामा के साथ अंकन ११,१५,९७२/- रू० दिनांक १९-१२-२०११ तक विपक्षी के एकाउण्‍ट में जमा कराया गया।

      यहॉं यह कहना समीचीन होगा कि उपरोक्‍त भूखण्‍ड का कुल मूल्‍य २२,३१,०००/- रू० बताया गया जो डेवलपमेण्‍ट लिंक्‍ड इन्‍स्‍टालमेण्‍ट प्‍लान के अन्‍तर्गत देय था तथा शेष आबंटन पत्र में वर्णित मांग के अनुसार देय था। उपरोक्‍त इकरानामे में यह स्‍पष्‍ट रूप से वर्णित था कि उपरोक्‍त भूखण्‍ड, बुकिंग की जाने वाली तिथि से २४ माह की अवधि में विपक्षी द्वय द्वारा परिवादी को हस्‍तान्‍तरित किया जावेगा। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने इस आयोग को यह बताया कि परिवादी को उपरोक्‍त इकरारनामे के समय विपक्षी द्वारा यह सूचित किया गया कि उपरोक्‍त भूखण्‍ड का सम्‍यक हस्‍तान्‍तरण व

 

 

 

 

 

-३-

अन्‍य आवश्‍यक कार्यवाहियॉं सम्‍बन्धित विभागों के द्वारा की गई हैं। अत्एव सम्‍बन्घित भूखण्‍ड परिवादी को २४ माह की अवधि में अवश्‍य प्रदान किया जावेगा। विपक्षी द्वारा यह भी सुनिश्चित किया गया कि उपरोक्‍त प्‍लाट का हस्‍तान्‍तरण करते समय समस्‍त आवश्‍यक सुविधाऐं (Aeminities) एवं आवश्‍यक आदेश सम्‍बन्धित विभागों से प्राप्‍त कर भूखण्‍ड का हस्‍तान्‍तरण वर्ष २०१३-२०१४ तक परिवादी को किया जावेगा।

      परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा अपने कथन में कहा गया कि दिनांक २०-०३-२०१३ को परिवादी द्वारा विपक्षी द्वारा मांगी गई धनराशि २,२३,१००/- रू० डब्‍ल्‍यू बी एम सड़क/मार्ग जो कि उपरोक्‍त भूखण्‍ड के सामने निर्माण हेतु जमा किया गया। तदोपरान्‍त पुन: दिनांक २६-१२-२०१३ को २,२३,१००/- रू० सीवर लाइनके निर्माण हेतु परिवादी द्वारा विपक्षी को प्रदान किया गया। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा बताया गया कि कुल १५,६१,७००/- रू० परिवादी द्वारा विपक्षी को दिनांक २६-१२-२०१३ तक प्रदान किया गया। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि परिवादी द्वारा आर्थित सहायता उपरोक्‍त धनराशि विपक्षी के यहॉं जमा करने के लिए एल0आई0सी0 हाउसिंग फाइनेंस लि0 से १८ प्रतिशत ब्‍याज देने पर प्राप्‍त की गई तथा उपरोक्‍त धनराशि विपक्षी के पास जमा कराई गई। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि विपक्षी द्वारा उपरोक्‍त भूखण्‍ड का हस्‍तान्‍तरण जब परिवादी के पक्ष में नहीं किया गया तब अनेकों अवसरों पर परिवादी द्वारा उपरोक्‍त भूखण्‍ड के हस्‍तान्‍तरण हेतु विपक्षी से सम्‍पर्क किया गया और हर बार विपक्षी द्वारा परिवादी को यही सूचना दी गई कि उपरोक्‍त भूखण्‍ड का कब्‍जा अभी भी विपक्षी कम्‍पनी के पास नहीं हस्‍तान्‍तरित हो पाया है तथा उक्‍त जमीन/भूखण्‍ड पर किसानों द्वारा अपना कृषि कार्य किया जा रहा है। इस सम्‍बन्‍ध में परिवादी द्वारा विपक्षी को अनेकों बार ई-मेल द्वारा सूचना प्रेषित की गई। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा अपने कथन के साथ यह भी बताया गया कि चूँकि विपक्षी द्वारा लगभग ०८ वर्षों तक उपरोक्‍त भूखण्‍ड का कब्‍जा परिवादी को नहीं दिया गया। अन्‍तत: परिवादी द्वारा दिनांक २८-०९-२०१९ को एक

 

 

 

 

 

-४-

नोटिस जारी की गई जिसमें यह कहा गया कि विपक्षी अपना स्‍पष्‍ट मत बतावे कि वह उपरोक्‍त भूखण्‍ड के बारे में क्‍या निर्णय कर रहा है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह कथन किया गया कि जिस तरह परिवादी से १५.०० लाख रू० से अधिक विपक्षी कम्‍पनी द्वारा जमा कराए गए उसी प्रकार से अनेकों लोगों से प्‍लाट हस्‍तान्‍तरित करने का वादा कर विपक्षी द्वारा लाखों/करोड़ों रू0 संकलित किए गए। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा अन्‍त में हमारे सम्‍मुख कहा गया कि विपक्षी का यह कृत्‍य घोर निन्‍दनीय है जिसकी वजह से परिवादी को मानसिक एवं शारीरिक व आर्थिक हानि हुई। वह किराए के मकान में रहने के लिए विवश हुआ जिसका उसके द्वारा किराया रूपये १५ हजार प्रतिमाह दिया गया। परिवादी द्वारा अन्‍त में इस आयोग के सम्‍मुख यह निवेदन किया गया कि उसे ४३,९६,०००/- रू० उसके द्वारा कुल अदा की गई धनराशि के बदले में दिलाए जावें व किराए के रूप में २२,३१,०००/- रू० की धनराशि विपक्षी से दिलाई जावे। क्षतिपूर्ति के रूप में १०,६५,०००/- रू०, हर्जाने के रूप में १०.०० लाख रू० एवं कास्‍ट के रूप में ०१.०० लाख रू० विपक्षी से दिलाए जावें।

      हमारे द्वारा अधिवक्‍ता द्वय को सुना गया एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों का अवलोकन किया गया।

      यह विवादित नहीं है कि परिवादी द्वारा विपक्षी कम्‍पनी को प्रस्‍तावित प्‍लाट के अन्‍तर्गत समझौते के अनुसार देय धनराशि का ५० प्रतिशत दिनांक १९-११-२०११ तक दिया जा चुका था। तदोपरान्‍त परिवादी डब्‍लू. बी. एम. सड़क/मार्ग के निर्माण हेतु एवं आबंटित प्‍लाट के सामने निर्मित होने वाली सीवर लाइन के मद में रूपये २,२३,१०० + २,२३,१०० कुल ४,४६,२००/- रू० जमा किया गया अर्थात् सम्‍पूर्ण देय धनराशि २२,३१,०००/- रू० के विपरीत दिसम्‍बर, २०१३ तक कुल रू० १५,६१,७००/- जमा किया गया।

      हमारे द्वारा यह पाया गया कि परिवादी एवं विपक्षी के मध्‍य हुए समझौते के अनुसार विपक्षी द्वारा परिवादी को आबंटित प्‍लाट का हस्‍तान्‍तरण २४ माह की अवधि में किया जाना था जो प्रस्‍तुत परिवाद के दाखिल होने की तिथि तक भी नहीं किया गया।

 

 

 

 

 

-५-

परिवादी एवं विपक्षी के मध्‍य हुए हस्‍तान्‍तरण समझौते के अनुसार परिवादी द्वारा डेवलपमेण्‍ट लिंक्‍ड इन्‍स्‍टालमेण्‍ट प्‍लान के अन्‍तर्गत देय आधी से ज्‍यादा धनराशि निश्चित तिथि से पूर्व प्रदान की जा चुकी है जो कि परिवादी के कथनानुसार उसके द्वारा  एल0आई0सी0 हाउसिंग फाइनेंस लि0 से प्राप्‍त की गई, जिस पर परिवादी को उपरोक्‍त फाइनेंस कम्‍पनी को १८ प्रतिशत की गणना से ब्‍याज देना पड़ा, जिससे यह सुस्‍पष्‍ट है कि विपक्षी द्वारा नितान्‍त मिथ्‍या एवं भ्रामक विज्ञापन दे कर मिथ्‍या गारण्‍टी करके अनुचित संविदा करने के उपरान्‍त परिवादी से अवैध तरीके से उसके द्वारा जमा की गई पूँजी प्राप्‍त की गई व साथ ही परिवादी को इस हद तक विवश किया गया कि वह एल0आई0सी0 हाउसिंग फाइनेंस लि0 से उक्‍त प्‍लाट को प्राप्‍त करने हेतु आवासीय ऋण  लेने हेतु बाध्‍य हआ। इसके अलावा परिवादी का यह कथन सुसंगत‍ प्रतीत होता है कि उपरोक्‍त समयावधि में अर्थात् माह अक्‍टूबर, २०११ से ले कर प्रस्‍तुत परिवाद दाखिल करने की अवधि अर्थात् दिसम्‍बर, २०१९ तक उसे किराए के आवास में रहना पड़ा जिस हेतु उसे हर माह १५,०००/- रू० किराए का भुगतान करना पड़ा।

      उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को विस्‍तृत रूप्‍ से सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक परिशीलन करने के उपरान्‍त हम यह पाते हैं कि विपक्षी कम्‍पनी द्वारा न सिर्फ परिवादी का शोषण किया गया वरन् विपक्षी कम्‍पनी द्वारा परिवादी के साथ कपटपूर्वक धोखादायक आचरण भी किया गया जिससे न सिर्फ परिवादी द्वारा जमा की गई समस्‍त पूँजी का हस्‍तान्‍तरण हुआ बल्कि उसे विवश होकर भारी ब्‍याज पर कर्ज भी लेना पड़ा। साथ ही साथ उसे लगभग ०९ वर्षतक किराए के मकान में रहने हेतु भी विवश होना पड़ा।

अत्एव प्रस्‍तुत परिवाद को निम्‍नलिखित आदेश के साथ‍ निस्‍तारित करते हुए आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है।

आदेश

      प्रस्‍तुत परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादी को उसके द्वारा कुल अदा की गई धनराशि १५,६१,७००/-

 

 

 

 

-६-

(पन्‍द्रह लाख इकसठ हजार सात सौ रूपये) रू० पर जमा की तिथि से वापस करने की तिथि तक १२ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज दो माह की अवधि में प्रदान करें तथा विपक्षीगण द्वारा परिवादी को मकान किराए के बदले कुल धनराशि १०.०० लाख रू० भी दो माह में ही प्रदान करें। इसके अलावा विपक्षीगण द्वारा हर्जाना के रूप में भी परिवादी को ०५.०० लाख रू० एवं परिवाद व्‍यय के रूप में कुल ५०,०००/- रू० उक्‍त अवधि में ही प्रदान करने होंगे।

      यहॉं यह कहना समीचीन होगा कि यदि विपक्षीगण द्वारा इस आदेश में उल्लिखित/वर्णित धनराशि निश्चित अवधि में परिवादी को प्रदान नहीं की जावेगी उस अवस्‍था में परिवादी को यह सुविधा होगी कि वह इस आयोग के सम्‍मुख निष्‍पादन वाद एक माह की अवधि में प्रस्‍तुत करे।  

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

 

       (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)          (गोवर्द्धन यादव)                (राजेन्‍द्र सिंह)    

                   अध्‍यक्ष                       सदस्‍य                    सदस्‍य                    

 

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

       (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)          (गोवर्द्धन यादव)                (राजेन्‍द्र सिंह)    

                   अध्‍यक्ष                       सदस्‍य                    सदस्‍य                    

प्रमोद कुमार,

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-१,

कोर्ट-१.

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
JUDICIAL MEMBER
 

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