Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/27

Maharaj Computer - Complainant(s)

Versus

Sushil Kumar - Opp.Party(s)

Tara Gupta

14 Nov 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/27
( Date of Filing : 06 Jan 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Maharaj Computer
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Sushil Kumar
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Mahesh Chand MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 14 Nov 2018
Final Order / Judgement

सुरक्षित

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या :27/2012

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, सहारनपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-112/2006 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 04-06-2010 के विरूद्ध)

मै0 महाराज कम्‍प्‍यूटर सर्विसेज द्वारा श्री पंकज प्रथम तल, जिला होटल, कम्‍पाउण्‍ड कोर्ड रोड, सहारनपुर।

                                                   ...अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम्

1- सुशील कुमार पुत्र कुंवरपाल सिंह, निवासी-2-बी/2216, शिवाजी नगर, तहसील दिल्‍ली रोड, सहारनपुर।

2- हेवेल्‍ट पैकर्ड इण्डिया सेल्‍स प्रा0लि0, ई0 एवं टीपी यूनिट 92 एवं 93 इण्‍डस्ट्रियल सुर्बब सैकिण्‍ड स्‍टेट, सशवन्‍पुर, बैंगलोर।.

                                                 ........प्रत्‍यर्थी/विपक्षीण

अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित-          सुश्री तारा गुप्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित-            श्री संजय वर्मा।

समक्ष  :-

  1. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता,              पीठासीन सदस्‍य।
  2. मा0 श्री महेश चन्‍द,                    सदस्‍य

दिनांक : 27-12-2018

मा0 श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित निर्णय

परिवाद संख्‍या-112/2006 सुशील कुमार बनाम् मै0 महाराज कम्‍प्‍यूटर सर्विसेज व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता फोरम, सहारनपुर द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय एवं आदेश दिनां‍क 04-06-2010 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्‍तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

इस प्रकरण में विवाद के संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी संख्‍या-1 से दिनांक 24-02-2005 को रू0 35,000/- अदा कर एक कॉम्‍पैक

 

2

परिसियों कम्‍प्‍यूटर खरीदा जिसके साथ 600 वाट का एक यू0पी0एस0 भी था। उक्‍त कम्‍प्‍यूटर उपयोग करने पर ठीक ढंग से नहीं चला जिसकी शिकायत परिवादी ने विपक्षी संख्‍या-1 से की। कम्‍प्‍यूटर के मानीटर में कलर परिवर्तन की कमी बार-बार बनी रही तथा मद बोर्ड खराब था। विपक्षी द्वारा उक्‍त कमियों को दूर किया गया लेकिन कुछ समय बार कम्‍प्‍यूटर पुन: खराब हो गया। परिवादी ने पुन: विपक्षी से शिकायत की जिस पर विपक्षी ने कोई ध्‍यान नहीं दिया। यह विपक्षी के स्‍तर पर सेवा में कमी है। इसलिए परिवादी ने क्षुब्‍ध होकर परिवाद संख्‍या112/06 जिला फोरम सहारनपुर के समक्ष योजित करते हुए निवेदन किया है कि उसे विपक्षीगण से खराब कम्‍प्‍यूटर के बदले दूसरा नया कम्‍प्‍यूटर दिलाया जाए या कम्‍प्‍यूटर की कीमत मय ब्‍याज दिलायी जाए। इसके साथ ही परिवादी को विपक्षीगण से आर्थिक क्षति, मानसिक कष्‍ट व वाद व्‍यय तथा अन्‍य अनुतोष भी दिलाया जाए।

विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया जिसमें कथन किया गया कि परिवादी को जो कम्‍प्‍यूटर बेचा गया था वह उसकी पूर्ण संतुष्टि पर दिया गया था और कम्‍प्‍यूटर पूरी तरह से काम कर रहा था। परिवादी द्वारा अपने कम्‍प्‍यूटर में देसी साफ्टवेयर डलवा लिया था जिससे कम्‍प्‍यूटर खराब हो गया विपक्षी को दिनांक 06-09-2005 को कम्‍प्‍यूटर में तकनीकी खराबी की सूचना दी गयी थी जिस पर विपक्षी संख्‍या-2 (कम्‍पनी) द्वारा अपना मैकेनिक भेजकर कम्‍प्‍यूटर को ठीक करा दिया गया था। उनकी ओर से कोई सेवा में कमी नहीं की गयी है।

विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया जिसमें कथन किया गया कि उसकी कम्‍पनी एक प्रतिष्ठित कम्‍पनी है और जो भी कम्‍प्‍यूटर ग्राहकों को बेचा जाता है और उसमें त्रुटियॉं उत्‍पन्‍न होने पर अधिकृत सर्विस सेंटर द्वारा उक्‍त त्रुटियों को तत्‍काल दूर कर दिया जाता है। परिवादी के कम्‍प्‍यूटर में यदि मोटर बोर्ड, मोडम और मोनिटर में कोई दिक्‍कत है तो कम्‍पनी उसे ठीक करने के लिए बाध्‍य है। उनकी ओर से सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है।‍

 

 

 

3

विद्धान जिला फोरम ने उभयपक्षों को विस्‍तारपूर्वक सुनकर और उनके द्धारा प्रस्‍तुत किये गये साक्ष्‍यों का परिशीलन करने के बाद निम्‍नलिखित आदेश पारित किया गया है :-

 ‘परिवादी का परिवाद पत्र विपक्षीगण के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथि से एक माह के अंदर परिवादी को कम्‍प्‍यूटर की कीमत रू0 35,000/- तथा इस पर परिवाद दाखिल करने की तिथि दिनांक 19-05-2006 से इस निर्णय की तिथि तक 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज, सेवा में कमी के मद में रू0 2,000/- एवं वाद व्‍यय के मद में रू0 1,000/- अदा करें। उपरोक्‍त्‍ अवधि में अदायगी न करने पर विपक्षीगण द्वारा परिवादी को रू0 37,000/- की राशि पर इस निर्णय की तिथि से अंतिम अदायगी की तिथि तक 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भी देय होगा।

परिवादी को यह आदेश दिया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथि से 15 दिन के अंदर विपक्षी संख्‍या-1 को उक्‍त्‍ कामपैक परिसियों कम्‍प्‍ूयटर वापस कर उसी रसीद प्राप्‍त करें।‘’

उपरोक्‍त आक्षेपित आदेश से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गयी है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता सुश्री तारा गुप्‍ता उपस्थित हुईं। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री संजयवर्मा उपस्थित हुए।

पीठ द्वारा उभयपक्षों के विद्धान अधिवक्‍ताओं के तर्कों को सुना गया तथा आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

यह अपील विलम्‍ब से योजित की गयी है और विलम्‍ब का दोष क्षमा करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया है और प्रार्थना पत्र के साथ शपथ पत्र भी प्रस्‍तुत किया गया है। विलम्‍ब का दोष क्षमा करने के लिए प्रत्‍यर्थी से आपत्ति भी मांगी गयी और प्रत्‍यर्थी ने विलम्‍ब का दोष क्षमा करने पर आपत्ति की है।

समस्‍त तथ्‍यों पर विचार करने के एवं उपरोक्‍त प्रार्थना पत्र में विलम्‍ब का दोष क्षमा करने हेतु जो कारण प्रदर्शित किये गये है वह पीठ की राय में विलम्‍ब

 

 

4

का दोष क्षमा करने हेतु पर्याप्‍त है। अत: विलम्‍ब का दोष क्षमा किये जाने योग्‍य है। अत: विलम्‍ब का दोष एतद् द्वारा क्षमा किया जाता है।

पत्रावली के अवलोकन से यह तथ्‍य निर्विवाद रूप से  स्‍पष्‍ट है कि प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1/परिवादी ने अपीलार्थी से एक कम्‍प्‍यूटर दिनांक 24-02-2005 को क्रय किया था जिसके साथ उसे एक यू0पी0एस0-600 वाद तथा 17 इंच साइज का  कलर मानीटर भी दिया गया था। अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने जिला फोरम के समक्ष अपने प्रतिवाद पत्र में यह स्‍वीकार किया है कि प्रश्‍नगत कम्‍प्‍यूटर में दिनांक 06-09-2005 को तकनीकी खराबी की सूचना दी गयी थी जिसे विपक्षी संख्‍या-2/कम्‍पनी के मैकेनिक द्वारा ठीक कर दिया गया था। इस स्‍वीकारोक्ति से यह प्रमाणित होता है कि प्रश्‍गनत कम्‍प्‍यूटर मं तकनीकी दोष था, जिससे प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मानसिक कष्‍ट हुआ और उसे प्रतिफल के बदले उपयुक्‍त कम्‍प्‍यूटर प्राप्‍त नहीं हुआ। कम्‍प्‍यूटर का जो दोष प्रथमदृष्‍टया अपीलार्थी द्वारा स्‍वीकार भी किया गया है और उसे उसका निराकरण करने का भी उसे द्वारा प्रयास किया गया है इसलिए उस तकनीकी दोष के संबंध में विशेषज्ञ रिपोर्ट की कोई आवश्‍यकता प्रतीत नहीं होती है। विद्धान जिला फोरम ने उन्‍हीं तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए प्रश्‍नगत आदेश पारित किया है।

सम्‍यक विचारोपरान्‍त यह पीठ इस मत की है कि अपीलार्थी/विपक्षी  प्रत्‍यर्थी/परिवादी को प्रश्‍नगत कम्‍प्‍यूटर के बदले उसी निर्माता कम्‍पनी का उसी श्रेणी का अथवा उसके समतुल्‍य कोई अन्‍य नया कम्‍प्‍यूटर उपलब्‍ध कराये। यदि वह नया कम्‍प्‍यूटर उपलब्‍ध कराने में असमर्थ है तो अपीलार्थी प्रत्‍यर्थी/परिवादी को भुगतान की गई समस्‍त धनराशि रू0 35,000/- तथा उस पर 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज का भुगतान करें। ब्‍याज की राशि परिवाद दायर करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक देय होगी। अत: प्रश्‍नगत आदेश तद्नुसार संशोधित होने योग्‍य है।

आदेश

अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। प्रश्‍नगत आदेश संशोधित किया जाता है। अपीलार्थी को निर्देशित किया जाता है कि वह प्रत्‍यर्थी/परिवादी को प्रश्‍नगत कम्‍प्‍यूटर के बदले उसी निर्माता कम्‍पनी का उसी श्रेणी का अथवा उसके

 

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समतुल्‍य कोई अन्‍य नया कम्‍प्‍यूटर उपलब्‍ध कराये। यदि वह नया कम्‍प्‍यूटर उपलब्‍ध कराने में असमर्थ है तो अपीलार्थी/विपक्षी प्रत्‍यर्थी/परिवादी को भुगतान की गई समस्‍त धनराशि रू0 35,000/- तथा उस पर 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज का भुगतान करें। ब्‍याज की राशि परिवाद दायर करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक देय होगी।

अपीलीय स्‍तर पर उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे। 

इस निर्णय एवं आदेश की प्रति उभयपक्षों को नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाए।

 

(राज कमल गुप्‍ता)                                   (महेश चन्‍द)

 पीठासीन सदस्‍य                                       सदस्‍य

कोर्ट नं0-3 प्रदीप मिश्रा, आशु0

 
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mahesh Chand]
MEMBER

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